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29-Nov-2018 11:06:35 am
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30 को किसान मुक्ति मार्च में शामिल होंगे देश के हजारों किसान

0-ट्रैफिक पर पड़ सकता है असर
नई दिल्ली ,29 नवंबर । अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले देशभर के हजारों किसान गुरुवार को दिल्ली पहुंच रहे हैं। 30 नंवबर को ये किसान रामलीला मैदान से संसद तक मार्च करेंगे। सामाजिक कार्यकर्ता और नवगठित स्वराज इंडिया पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र यादव के नेतृत्व में रामलीला मैदान तक पैदल मार्च करेंगे। इसे किसान मुक्ति मार्च का नाम दिया गया है। हालांकि पुलिस ने अगुवाई कर रहे नेताओं के सामने पहले ही साफ कर दिया है कि जंतर-मंतर और बोट क्लब पर धरना-प्रदर्शनों की इजाजत नहीं है और संसद मार्ग पर भी सीमित संख्या में ही लोग इक_ा हो सकते हैं।
पड़ोसी राज्यों के किसान जहां निजी वाहनों से दिल्ली की बॉर्डर पर पहुंचेंगे, तो वहीं दूरदराज के राज्यों से बड़ी तादाद में किसान ट्रेनों से भी दिल्ली पहुंच रहे हैं। दिल्ली पुलिस सुरक्षा के साथ-साथ ट्रैफिक मैनेजमेंट के लिए भी व्यापक इंतजाम कर रही है। करीब 180 संगठनों ने इसके लिए दिल्ली में 1 लाख किसानों को जुटाने की योजना बनाई है। इन संगठनों ने इसी साल नासिक से मुंबई तक की लंबी किसान यात्रा को सफलतापूर्वक अंजाम दिया था। ऑल इंडिया किसान महासभा ने कहा कि उसने देश भर से 20,000 किसान संगठनों को दिल्ली बुलाया है, जिसमें से एक चौथाई महाराष्ट्र से हैं।
ट्रैफिक डाइवर्जन भी किया जा सकता है 
स्वराज इंडिया के उपाध्यक्ष अनुपम का कहना है कि बिजवासन से किसान मुक्ति यात्रा शुरू होकर लिंक रोड, एनएन-8, सरदार पटेल मार्ग, मदर टेरेसा क्रिसेंट, तालकटोरा और कनॉट प्लेस से होते हुए रात को रामलीला मैदान पहुंचेगी। इस यात्रा में 8 से 10 हजार के करीब किसानों के शामिल होने की संभावना है। हालांकि आयोजकों ने पुलिस को आश्वासन दिया है कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि ट्रैफिक पर ज्यादा असर ना पड़े, फिर भी ट्रैफिक पुलिस ने सुबह के वक्त साउथ दिल्ली में एनच-8 और बिजवासन बॉर्डर के आस-पास के रास्तों पर, दोपहर में सरदार पटेल मार्ग और उसके आस-पास के इलाकों में और शाम के वक्त कनॉट प्लेस और रामलीला मैदान के आस-पास ट्रैफिक डिस्टर्ब होने की संभावना जताई है। जरूरत पडऩे पर ट्रैफिक डाइवर्जन भी किया जा सकता है। 
एकमुश्त लोन माफ करे 
अनुपम ने बताया कि देशभर के किसानों की मुख्य रूप से दो मांगे हैं। एक तो केंद्र सरकार एकमुश्त लोन माफ करे और दूसरा फसल की लागत से 50 प्रतिशत अधिक मूल्य के हिसाब से एमएसपी तय किया जाए। किसानों की मांग है कि केंद्र सरकार संसद का विशेष सत्र बुलाकर उस बिल को पास करे, जिसका मसौदा खुद योगेंद्र यादव और उनके सहयोगियों ने किसानों की सहमति से तैयार किया है।

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