0-मंत्रालय ने जारी किया सर्कुलर
नई दिल्ली ,26 नवंबर । देश के मावन संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से जारी सर्कुलर में बताया गया है कि अब विद्यार्थियों को भारी-भरकम बस्ते से निजात मिलेगी। मंत्रालय का कहना है कि भारी स्कूली बस्ते के कारण बच्चों की सेहत पर पडने वाले नकारात्मक प्रभाव को देखते हुए स्कूली बैग का वजन तय कर दिया है। इससे जुड़ा सर्कुलर सभी राज्यों को भेज दिया है और उस पर अविलंव अमल करने के आदेश भी दिए हैं।
मंत्रालय द्वारा जारी सर्कुलर में बताया गया है कि कक्षा 1 से 2 तक के छात्रों के लिए स्कूल बैग का वजन 1.5 किलोग्राम तक होना चाहिए। वहीं तीसरी से पांचवींं कक्षा के स्टूडेंट्स के बस्ते का वजन 2-3 किलोग्राम होगा। 6वीं और 7वीं के छात्रों के बस्ते का वजन 4 केजी से ज्यादा नहीं होना चाहिए और 8वीं-9वीं छात्रों का बस्ता 4.5 किलोग्राम का होगा। वहीं 10वीं के छात्रों के बैग का वजन 5 किलोग्राम तय तय कर दिया गया है।
मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय के इस कदम से छात्रों के माता-पिता बेहद खुश हैं। उनके अनुसार भारी बस्ते के कारण बच्चों की पीठ अकड़ जारी है और वह पीठ व कंधों में दर्द की शिकायत भी करते हैं। डॉक्टरों की मानें तो भारी बस्ते के कारण बच्चों का शारीरिक विकास प्रभावित होता है। चिल्ड्रेंस स्कूल बैग एक्ट, 2006, के अनुसार स्कूल बैग का वजन छात्र के कुल वजन का 10 प्रतिशत या इससे कम होना चाहिए।