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नई दिल्ली,12 दिसंबर । प्रस्तावित विनिवेश प्रक्रिया के तहत मोदी सरकार सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया में अपनी 100 फीसदी हिस्सेदारी बेचने जा रही। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने गुरुवार को संसद में यह जानकारी दी।
राष्ट्रीय विमानन कंपनी 50 हजार करोड़ रुपये से अधिक के कर्ज तले दबी है और लंबे समय से घाटे में चल रही है। इसे पुनर्जीवित करने के लिए सरकार ने विनिवेश का फैसला किया है।
नागरिक विमानन मंत्री ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में कहा, नई सरकार के गठन के बाद, एयर इंडिया स्पेशफिक अल्टरनेटिव मेकैनिज्म (एआईएसएएम) का दोबारा गठन किया गया है और एयर इंडिया के रणनीतिक विनिवेश की प्रक्रिया को अप्रूव कर दिया गया है। एआईएसएएम ने 100 पर्सेंट हिस्सेदारी बिक्री को मंजूरी दी है।
एयर इंडिया को 2018-19 में कुल 8,556.35 का अनुमानित घाटा हुआ है। मंत्री ने कहा कि एविएशन सेक्टर में सुधार के लिए कई कदम उठाए गए हैं, जिसमें जेट एयरवेज के एयरक्राफ्ट का दूसरी कंपनियों को ट्रांसफर भी शामिल है। जेट एयरवेज ने अप्रैल में नकदी संकट की वजह से ऑपरेशन पूरी तरह बंद कर दिया था।
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