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04-Dec-2019 2:01:17 pm
Posted Date

बीएसएनएल-एमटीएनएल के आधे कर्मचारी लेंगे वीआरएस

नईदिल्ली,04 दिसंबर । सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनियों भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) और महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) के विलय से पहले आधे कर्मचारियों ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) के लिए आवेदन किया है। संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बुधवार को लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान यह जानकारी दी। एक पूरक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने बताया कि बीएसएनएल में एक लाख 65 हजार और मुंबई तथा दिल्ली में सेवा देने वाली एमटीएनएल में 21 हजार कर्मचारी हैं। बीएसएनएल के राजस्व का 75 प्रतिशत और एमटीएनएल के राजस्व का 87 प्रतिशत कर्मचारियों के वेतन तथा भत्तों पर खर्च हो जाता है जबकि निजी दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनियों में यह अनुपात काफी कम है।
उन्होंने कहा कि इन दोनों कंपनियों के प्रस्तावित विलय से पहले दोनों कंपनियों के कर्मचारियों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का आकर्षक विकल्प दिया गया था। मंगलवार को इसके लिए आवेदन का अंतिम दिन था। करीब 92 हजार कर्मचारियों ने वीआरएस के लिए आवेदन किया है जो कुल कर्मचारी संख्या 1.86 लाख का लगभग आधा है। प्रसाद ने कहा कि दोनों कंपनियों के विलय से उन्हें पेशेवर और मुनाफा कमाने वाले उपक्रम के रूप में विकसित करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि विलय के बाद बीएसएनएल को 4जी स्पेक्ट्रम का आवंटन भी किया जायेगा। इसके लिए सरकार फैसला कर चुकी है। सरकारी दूरसंचार कंपनी को रणनीतिक रूप से जरूरी बताते हुए उन्होंने कहा कि स्वस्थ प्रतिस्पद्र्धा के लिए सार्वजनिक कंपनी का होना जरूरी है। आपदाओं के समय बीएसएनएल ही नि:शुल्क सेवा प्रदान करता है। इसके अलावा रक्षा प्रतिष्ठानों को दूरसंचार सेवा सार्वजनिक कंपनियों के माध्यम से ही उपलब्ध करायी जाती है।
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में संचार मंत्री ने कहा कि मोबइल टावरों के विकिरण से स्वास्थ्य को किसी प्रकार के नुकसान की पुष्टि अब तक नहीं हुई है। अंतरराष्ट्रीय गैर-आयनीकृत विकिरण संरक्षण आयोग द्वारा निर्धारित और विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा संस्तुत सीमा की तुलना में देश में विकिरण के मानक 10 गुणा कड़े रखे गये हैं। उन्होंने बताया कि सीमा से ज्यादा विकिरण के कारण मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनियों पर 20 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है जिसमें 12.5 करोड़ रुपये की वसूली हो चुकी है।

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