नयी दिल्ली ,01 दिसंबर । म्यूचुअल फंडों ने इस साल जुलाई-सितंबर तिमाही के दौरान ऋणपत्रों से पांच हजार करोड़ रुपये की निकासी की है। इस दौरान मुख्य रूप से तरल तथा ऋण जोखिम वाली सम्पत्तियों (अधिक जोखिम वाली ऋण प्रतिभूतियों) से भारी निकासी की गयी। इससे पहले अप्रैल-जून तिमाही में म्यूचुअल फंडों ने ऋणपत्रों में शुद्ध रूप से 19,700 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश किया था। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया के आंकड़ों में यह जानकारी मिली है। आंकड़ों के अनुसार, ऋणपत्रों से पूंजी निकासी के बाद भी आलोच्य तिमाही के दौरान म्यूचुअल फंडों का संपत्ति आधार एक लाख करोड़ रुपये से थोड़ा बढक़र 1.01 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। म्यूचुअल फंडों ने सितंबर तिमाही के दौरान तरल प्रतिभूतियों में लगाए गए कोष से 15,862 करोड़ रुपये तथा ऋण जोखिम वाली प्रतिभूतियों से 8,032 करोड़ रुपये निकाले। हालांकि इस दौरान म्यूचुअल फंडों ने कॉरपोरेट बांड में करीब 6,717 करोड़ रुपये तथा बैंकिंग एवं सार्वजनिक उपक्रम के ऋणपत्रों में 10,749 करोड़ रुपये लगाये। इस तरह उन्होंने ऋणपत्रों से 5,061 करोड़ रुपये की निकासी की। आलोच्य तिमाही के दौरान निवेशकों ने इक्विटी म्यूचुअल फंडों में 24 हजार करोड़ रुपये निवेश किये। यह जून तिमाही की तुलना में 35 प्रतिशत अधिक है। इस श्रेणी में निवेश बढऩे का मुख्य कारण एफपीआई अधिशेष को वापस लेना, कॉरपोरेट करों में कटौती होना तथा आने वाले समय में अन्य सुधारों की उम्मीद है।
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