राजधानी

24-Nov-2018 9:35:44 am
Posted Date

अधिक आय की उम्मीद : धान बेचने से बच रहे हैं किसान

रायपुर। 01 नवंबर से राज्य सरकार के द्वारा शुरू की गई धान खरीदी की रफ्तार इस बार काफी धीमी दिखाई दे रही है। किसान अपना धान बेचने से बच रहे हैं, इस पर राज्य शासन खामोश है। दूसरी ओर मौके का फायदा उठाते हुए कांग्रेस ने किसानों से धान बेचने की अपील की है। 
प्रदेश कांग्रेस प्रमुख भूपेश बघेल का ताजा ट्वीट इसी मुद्दे पर है। पीसीसी प्रमुख ने अपने ट्वीट में लखा है कि छत्तीसगढ़ के सभी किसान बिना किसी डर के अपना धान बेचें और दूसरी फसल की तैयारी में जुट जाएं। कांग्रेस पार्टी अपने वायदे के अनुसार सरकार बनते ही दस दिनों के अंदर किसानों का कर्जा माफ करेगी। दूसरी ओर किसान वर्ग किसी अज्ञात भय के चलते इस बार धान बेचने से बच रहे हैं। आलम यह है कि अधिकांश स्थानों पर धान खरीदी की रफ्तार काफी धीमी हो गई है। लेकिन धान खरीदी की धीमी रफ्तार पर राज्य शासन की ओर से भी कोई बयान नहीं आया है। राजनीति के जानकारों की माने तो इस समय आम जनता के साथ ही कृषक वर्ग भी चुनाव परिणाम को लेकर कयास लगा रहे हैं। कृषक वर्ग यह मानकर चल रहे हैं कि यदि कांग्रेस की सरकार बनती है तो उन्हें धान का समर्थन मूल्य और अधिक बोनस मिलेगा। दूसरी ओर एक वर्ग यह भी है जो चुनाव परिणाम के बाद अंतिम समय में अपना धान बेच देंगे। बहरहाल यह कहना गलत भी नहीं है कि कृषक वर्ग इस समय असमंजस की स्थिति में है कि वो धान बेचे या अधिक कीमत मिलने की उम्मीद करते हुए धान रोके रखें। इधर प्रदेश की सत्ता में चौथी पारी खेलने के लिए भाजपा के नेता तैयार हैं तो वहीं 15 साल से सत्ता से दूर कांग्रेस पुन: गद्दी पर काबिज होने को तैयार है। राजनीति के जानकारों की माने तो इस बार हुआ चुनाव काफी रोचक है। राजनीतिक पंडित भी मतदान के प्रतिशत और जनता के रूझान को समझ पाने में इस बार असफल साबित हो रहे हैं। कुल मिलाकर राजनीतिक दलों के साथ ही उनके प्रत्याशियों, आमजनों और कृषक वर्ग को भी अब बेसब्री से चुनाव परिणाम का इंतजार है। 

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