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नयी दिल्ली,24 नवंबर । सरकार दिवाला एवं ऋ णशोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) में संशोधन करने की योजना बना रही है। इसके तहत नीलामी में संपत्तियां खरीद रही कंपनियों को पूर्व प्रवर्तकों के वित्तीय अपराधों के मुकदमे से छूट दी जा सकती है। सूत्रों ने कहा कि यह कदम बोली लगाने वाली कंपनियों के लिये दिवाला एवं ऋणशोधन प्रक्रिया को आकर्षक बनायेगा। इससे दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता के तहत समाशोधन प्रक्रिया में निवेशकों का भरोसा भी बढ़ेगा। सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में आईबीसी 2016 के संशोधन का विधेयक पेश कर सकती है। सरकार ऐसे समय में यह योजना बना रही है जब आईबीसी के तहत नीलाम हो रही संपत्तियों के बोली लगाने वाली कई कंपनियों ने पूर्व प्रवर्तकों के खिलाफ चल रहे मामलों में फंसने को लेकर चिंताएं जाहिर की हैं। सूत्रों ने कहा कि आईबीसी के तहत समाशोधन प्रक्रिया से गुजर रहे अधिकांश मामलों में जांच जारी है। एक अधिकारी ने कहा, ‘‘हम एक ऐसी व्यवस्था पर काम कर रहे हैं जिसके तहत पूर्व प्रबंधन द्वारा उठाये गये कदमों के कारण कानूनी प्रक्रिया में फंसी कंपनी को खरीदने वालों को मुकदमे से छूट दी जा सकती है।’’ इस मामले में स्पष्ट निर्देश होने से भूषण पावर एंड स्टील जैसे मामलों का दोहराव नहीं होगा।
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