हैदराबाद । मनी लॉन्ड्रिंग एवं अन्य वित्तीय अनियमित्ताओं के आरोप में घिरे हैदराबाद में पूर्व केंद्रीय मंत्री और तेलुगु देशम पार्टी के सांसद वाईएस चौधरी के घर और दफ्तरों पर आयकर विभाग (आईटी) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों ने छापेमारी की.
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने सीबीआई पर अपने मंत्रियों को निशाना बनाने का आरोप लगाते हुए कुछ ही दिन पहले राज्य में सीबीआई के प्रवेश पर रोक लगा दी थी. इसके कुछ ही दिन बाद उनके निकट सहयोगी पर आईटी और ईडी का ये छापा पड़ा है.
टीडीपी सरकार ने 8 नवंबर को आदेश पारित किया था, जिसमें सीबीआई एवं अन्य केंद्रीय एजेंसियों को राज्य में काम करने के लिए दी गई जनरल कंसेंट को वापस लेने की बात कही गई थी.
वाईएस चौधरी से जुड़े एक नजदीकी सूत्र ने छापे की पुष्टि की है. बताया जा रहा है कि पूर्व के एक सीबीआई केस की जांच के लिए ईडी और आईटी के अधिकारियों ने सुजाना ग्रूप पर अचानाक छापा मारा.
बता दें कि चौधरी इससे पहले नरेंद्र मोदी कैबिनेट में मंत्री थे. टीडीपी के एनडीए से अलग होने तक उनके पास विज्ञान एवं तकनीकि मंत्रालय था. मार्च में टीडीपी आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा न मिलने पर एनडीए से अलग हो गई थी.
रिपोर्ट के अनुसार, ईडी को एक मेल मिला था, जिसमें शेल कंपनी के डायरेक्टर सुजाना कंपनी से बात कर रहे थे. ईडी सूत्रों ने बताया कि अधिकारियों ने बैंक लोन के कथित डायवर्जन मामले में लाभार्थी का पता लगाने के लिए छापेमारी की. छापे के दौरान चौधरी के ऑफिस के कई दस्तावेजों को बरामद किया गया है.
गौरतलब है कि कुछ ही दिन पहले चंद्रबाबू नायडू ने केंद्रीय जांच एजेंसी पर बीजेपी के राजनीतिक एजेंडे पर काम करने का आरोप लगाते हुए राज्य में बिना इजाजत उनकी एंट्री बैन लगा दी थी. उनके इस कदम को सराहते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तुरंत जनरल कंसेंट को वापस ले लिया था.