व्यापार

08-Nov-2019 12:49:29 pm
Posted Date

जीएसटी को लेकर आज से लागू हुआ ये नया नियम, कारोबारियों पर पड़ेगा सीधा असर

नई दिल्ली ,08 नवंबर। मोदी सरकार ने इनकम टैक्स के बाद अब जीएसटी में डीआईएन यानी डॉक्युमेंट आइडेंटिफिकेशन नंबर को लागू कर दिया है। देश के बिजनेसमैन के हितों की सुरक्षा के लिए ये कदम उठाया गया है। सीबीआईसी  के आदेश के मुताबिक, डिन का इस्तेमाल उन जीएसटी मामलों में होगा, जिनकी इन्क्वायरी चल रही है और उनमें अरेस्ट और सर्च वारंट जारी हो चुका है। CBIT के मुताबिक, 8 नवंबर के बाद जो भी कागज जारी होगा उस पर डिन देना जरूरी है। 
अब ये होगा
वित्त मंत्रालय की पहल के बाद इसे शुरू किया जा रहा है। अब विभाग से जारी हर नोटिस पर कंप्यूटर जेनरेटेड डॉक्यूमेंट आइडेंटिफिकेशन नंबर (DIN) होगा। साथ ही, अब नए फैसले के तहत अब ये नंबर टैक्सपेयर्स को मिले वाले सभी डॉक्युमेंट पर भी जरूरी हो गया है। यह सिस्टम टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन में अधिक जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करेगी। 
क्या है डिन
टैक्स डिपार्टमेंट अब जो नोटिस जारी करता है उसमें DIN कंप्यूटर जेनरेटेड डॉक्यूमेंट आइडेंटिफिकेशन नंबर होता है। अगर किसी भी नोटिस पर ये नंबर नहीं है तो वो वैलिड नहीं है। 
बिना डिन मान्य नहीं होगा नोटिस
राजस्व सचिव डॉ. अजय भूषण पांडेय का कहना है कि इनडायरेक्ट टैक्स पर सरकार में सबसे पहले ष्ठढ्ढहृ का उपयोग किसी भी जांच प्रक्रिया के दौरान जारी समन, तलाशी के लिए अधिकृत करने, गिरफ्तारी पत्रक, जांच नोटिस और पत्रों के लिए किया जाएगा।
- अब से जीएसटी और सीमा शुल्क अथवा केन्द्रीय उत्पाद शुल्क विभाग में भी होगा। अगर कम्प्यूटर जनरेटेड डिन के बिना ही कोई पत्र-व्यवहार करता है तो वह अमान्य होगा। यह कानूनन गलत होगा अथवा ऐसा समझा जाएगा कि इसे कभी जारी ही नहीं किया गया है। 
- ष्ठढ्ढहृ के फैसले सभी तरह के पत्र-व्यवहार की समुचित ऑडिट जानकारियों को सही तरीके से डिजिटल डायरेक्टरी में स्टोर किया जा सकेगा।
- ष्ठढ्ढहृ वाले सभी निर्दिष्ट पत्र-व्यवहार का सत्यापन ऑनलाइन पोर्टल ष्ड्ढद्बष्स्रस्रद्व.द्दश1.द्बठ्ठ पर हो सकेगा। 5 नवम्बर, 2019 को जारी डिन संबंधी सर्कुलर के अनुसार अगर दिशा-निर्देशों के मुताबिक, नोटिस जारी नहीं होता है तो वो मान्य नहीं होगा।

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