नई दिल्ली ,07 नवंबर । कतर की सरकारी विमान सेवा कंपनी कतर एयरवेज ने कहा है कि वह भारतीय सरकारी विमान सेवा कंपनी एयर इंडिया के प्रस्तावित विनिवेश में बोली नहीं लगाएगी। कतर एयरवेज के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अकबर अल बकर ने यहाँ इंडिगो के साथ कोड शेयर समझौते के बाद संवाददाताओं के सवालों के जवाब में कहा एयर इंडिया को खरीदने में हमारी कोई रुचि नहीं है।
उल्लेखनीय है कि सरकार ने करीब 60 करोड़ रुपये के कर्ज में डूबी एयर इंडिया के विनिवेश के लिए दूसरी बार प्रयास शुरू किया है। पहला प्रयास विफल होने के बाद मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में विनिवेश प्रक्रिया दुबारा शुरू करने के लिए नये सिरे से मंत्रियों के समूह का गठन किया है। नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने संकेत दिये हैं कि इस बार एयर इंडिया की शत-प्रतिशत हिस्सेदारी के लिए बोली आमंत्रित की जायेगी।
बकर ने कहा कि कतर एयरवेज एयर इंडिया को खरीदने की बजाय भारत में अपने नेटवर्क तथा उड़ानों की संख्या बढ़ाने की इच्छा रखती है। उन्होंने कहा कि अभी दोहा से 13 भारतीय शहरों के लिए प्रति सप्ताह उसकी 102 उड़ानें उपलब्ध हैं। इन शहरों में अहमदाबाद, अमृतसर, बेंगलुरु, चेन्नई, दिल्ली, गोवा, हैदराबाद, कोच्चि, कोलकाता, कोझिकोड, मुंबई, नागपुर और त्रिवेंद्रम् शामिल हैं। भारतीय अर्थव्यवस्था के 6.5 प्रतिशत की दर से बढऩे का पूर्वानुमान है। ऐसे में विमानन क्षेत्र के लिए ज्यादा अवसर पैदा होंगे तथा यात्रियों की संख्या बढ़ेगी।
कतर एयरवेज के सीईओ ने कहा हम भारत में अपने गंतव्यों और उड़ानों की संख्या बढ़ाने की कोशिश में हैं। इसके लिए हम भारतीय नियामकों से बातचीत कर रहे हैं। उन्होंने भारतीय को दुनिया के सबसे निषिद्ध विमानन क्षेत्रों में से एक बताते हुये कहा कि इसे और लचीला बनाने की जरूरत है। बकर ने कहा कि इससे अर्थव्यवस्था और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही रोजगार के अतिरिक्त अवसर भी पैदा होंगे।