तापसी पन्नू बॉलिवुड की बोल्ड हीरोइन मानी जाती हैं। बेबी और पिंक जैसी फिल्मों में अपने शानदार अभिनय से दर्शकों के दिलों में जगह बनाने वाली तापसी सब्जेक्ट बेस्ड फिल्मों में काम करना पसंद करती हैं। तापसी पन्नू से उनके करियर पर एक बातचीत
महिलाओं की न का मतलब न होता है। सिनेमा के जरिए यह सशक्त संदेश देने वाली ऐक्ट्रेस तापसी पन्नू ने सब्जेक्ट बेस्ड फिल्मों से अपनी खास पहचान बनाई है। हर मुद्दे पर बेबाकी से राय रखने वाली तापसी पन्नू ने कहा कि उन्हें सब्जेक्ट बेस्ड फिल्में करने से आपत्ति नहीं है। आगे भी वह ऐसी फिल्में करती रहेंगी।
लोग क्या कहेंगे, नहीं सोचती
सॉफ्टवेयर इंजिनियर तापसी पन्नू ने कहा कि कॉलेज के दिनों में पॉकेटमनी के लिए मैं मॉडलिंग करती थी। ऐक्टर बनने के बारे में नहीं सोचा था लेकिन जब फिल्में करने का मौका मिला और मेरी फिल्मों ने अच्छा बिजनस किया तो मैंने ऐक्टिंग को अपना लिया। इंजिनियरिंग के बाद मेरी जॉब लग गई थी लेकिन मैं जॉब नहीं करना चाहती थी। मैं नए अनुभव लेना चाहती थी। महिलाओं को यह नहीं सोचना चाहिए कि चार लोग क्या कहेंगे। जरूरी है कि आप मन का काम करें और खुश रहें।
दिल के करीब है फिल्म मुल्क
फिल्म मुल्क की शूटिंग के वक्त मैंने लखनऊ में काफी वक्त बिताया था। यहां से काफी यादें जुड़ी हैं। यह फिल्म मेरे दिल के करीब है। जब मैंने यह फिल्म चुनी तो लोगों ने काफी सवाल उठाए लेकिन मुझे लगता था कि ऑडियंस इस फिल्म से कनेक्ट करेगी। मुझे खुशी हुई कि मेरा फैसला सही साबित हुआ और मेरे काम को तारीफें मिलीं। बीते दिनों यह फिल्म टीवी पर आई तो लोगों के इतने मेसेज आए कि लगा जैसे फिल्म फिर से रिलीज हुई है। एक प्रोजेक्ट के लिए आने वाले दिनों में यूपी में फिर से शूटिंग के लिए आ सकती हूं।
...ताकि मीटू का मिसयूज न हो
मीटू कैंपेन के बारे में तापसी ने कहा कि मैं खुश हूं कि इंडिया में इस पर बात हुई। हालांकि, हमें यह भी ध्यान देना चाहिए कि इसका मिसयूज न हो। हमें चीजों को पॉजिटिव अप्रोच के साथ देखना चाहिए । जहां पावर होती है, वहां उसके गलत इस्तेमाल का खतरा भी होता है। इसीलिए मैं कहती हूं कि मीटू की गंभीरता को समझना जरूरी है।
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