पोर्ट ब्लेयर ,21 नवंबर । अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के घने जंगलों में एक अमेरिकी टूरिस्ट की वहां के आदिवासियों ने हत्या कर दी। निकोबार के सेंटिनेल द्वीप में घुसने की मनाही के बावजूद यह पर्यटक मछुआरों की मदद से वहां जा घुसा था। रिपोर्ट्स के मुताबिक आदिवासियों ने टूरिस्ट पर तीरों से हमला किया, जिससे उसकी मौत हो गई। बता दें कि अंडमान निकोबार के सुदूर सेंटिनल द्वीप पर आदिवासियों का यह बेहद विलुप्तप्राय समुदाय रहता है। इस समूह से मिलने की इजाजत किसी को नहीं है। पुलिस ने इस मामले में हत्या का मुकदमा दर्ज कर 7 लोगों को गिरफ्तार किया है।
मारे गए अमेरिकी नागरिक की पहचान जॉन ऐलन चाऊ के रूप में हुई है। अमेरिकी नागरिक का शव उत्तरी सेंटिनल आईलैंड से बरामद हुआ था। शव के बारे में स्थानीय मछुआरों ने पुलिस को सूचना दी थी। सेंटिनल द्वीप में रहने वाली जनजाति काफी खतरनाक मानी जाती है। चेन्नै स्थित अमेरिकी दूतावास की प्रवक्ता ने कहा, अंडमान निकोबार द्वीप पर अमेरिकी नागरिक के मारे जाने की खबर की जानकारी मिली है। उन्होंने कहा, हम इस मामले को लेकर स्थानीय अथॉरिटी के सम्पर्क में है। गोपनीयता का मामला होने की वजह से इससे ज्यादा जानकारी नहीं दी जा सकती है।
इस द्वीप पर सिर्फ नाव के जरिए पहुंचा जा सकता है। द्वीप में आज भी 60,000 साल पुराना इंसानी कबीला रहता है। उनका बाहरी दुनिया से कोई संपर्क नहीं है। वहां पहुंचने की कोशिश करने वालों पर कबीला हमला भी करता है। नॉर्थ सेंटिनल आइलैंड पर इस रहस्यमय आदिम जनजाति का आधुनिक युग या इस युग के किसी भी सदस्य से कुछ भी लेना-देना नहीं है। इस जनजाति के लोग ना तो किसी बाहरी व्यक्ति के साथ संपर्क रखते हैं और ना ही किसी को खुद से संपर्क रखने देते हैं।
सरकार ने लगाई है पाबंदी
ऐसी ही एक जनजाति है जारवा। यह देश के केंद्र शासित प्रदेश अंडमान में रहती है। जारवा जनजाति (छ्वड्डह्म्ड्ड2ड्ड ञ्जह्म्द्बड्ढद्ग) मानव सभ्यता की सबसे पुरानी जनजातियों में से एक है, जो हिंद महासागर के टापुओं पर पिछले 55,000 वर्षों से निवास कर रही है। दिलचस्प बात यह है कि इस जनजाति से आम लोगों के मिलने पर पाबंदी लगी हुई है।