बेंगलुरु,16 अक्टूबर । वॉलमार्ट के मालिकाना हक वाली ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट फूड रिटेल सेगमेंट में उतर रही है। भारतीय उपभोक्ता किराने के सामान पर सालाना 500 अरब डॉलर खर्च करते हैं। फ्लिपकार्ट फार्मरमार्ट हाल ही में 1,845 करोड़ रुपये के इच्टिी कैपिटल के साथ रजिस्टर हुई है। वह देश में बनने वाले सामान बेचेगी। इसके माध्यम से पहले ऑनलाइन प्लैटफॉर्म पर बिक्री की जाएगी। कंपनी बाद में ऑफलाइन स्टोर भी खोल सकती है।
फ्लिपकार्ट ग्रुप के एफडीआई कल्याण कृष्णमूर्ति ने बताया, ‘सरकार की एफडीआई (फॉरन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट) पॉलिसी फूड रिटेल में घरेलू उत्पादित सामान पर 100 प्रतिशत विदेशी निवेश की इजाजत देती है। फ्लिपकार्ट इसके लिए सरकार से लाइसेंस पाने की कोशिश कर रही है। हमें सभी इंटरनल अप्रूवल मिल चुके हैं। फ्लिपकार्ट फार्मरमार्ट फूड रिटेल पर जोर देते हुए देश की ऐग्रिकल्चर और फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री को बढ़ावा देना चाहती है।
कृष्णमूर्ति ने बताया, हम लोकल ऐग्री ईकोसिस्टम और सप्लाई चेन में निवेश करना चाहते हैं। हम लाखों छोटे किसानों और फार्म प्रड्यूसर्स ऑर्गनाइजेशन्स के साथ मिलकर देश की फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में काम करेंगे। इससे किसानों की आय बढ़ाने और ग्राहकों तक किफायती और अच्छा सामान पहुंचाने में मदद मिलेगी।’
वॉलमार्ट भारत में उपभोक्ताओं को सीधे सामान नहीं बेचती है। वह देश में किराना दुकानों, होटलों और केटरिंग फर्मों के ऑर्गनाइज्ड होलसेलर या कैश-ऐंड-कैरी ऑपरेटर के तौर पर काम करती है। दुनिया की सबसे बड़ी रिटेलर ने देश के 670 अरब डॉलर के रिटेल मार्केट में उतरने के लिए 2017 में फ्लिपकार्ट को 16 अरब डॉलर में खरीदा था।