छत्तीसगढ़

19-Nov-2018 2:48:51 pm
Posted Date

बटेर पक्षी का धड़ल्ले से हो रहा शिकार

० रक्षा करने में वन विभाग हुआ नाकाम 
जगदलपुर, 19 नवंबर । शीतऋतु के आरंभ और धान कटाई के पश्चात गिरे हुए धान के खेतों में बीजों का सेवन लेने के लिए बड़ी मात्रा में छोटी चिडिय़ा के रूप में बटेर की संख्या बढ़ जाती है। इसके साथ ही इनके शिकार की शुरूआत भी हो जाती है। इनके शिकार की पर्यावरण की दृष्टि और इनके संरक्षण के लिए इनके शिकार पर प्रतिबंध भी लगाया गया है। लेकिन इस दिशा में कार्रवाई करने में वन विभाग नाकारा सिद्ध हुआ है। इसका परिणाम यह हुआ है कि आज बड़ी मात्रा में इन पक्षियों का शिकार हो रहा है। और ग्रामीण खेतों में जाल बिछाकर इन्हें पकड़ रहे हैं। उल्लेखनीय है कि वन अधिनियम के अंतर्गत बटेर का शिकार अपराध की श्रेणी में आता है और इनका शिकार किसी भी स्थिति में नहीं किया जा सकता है। लेकिन थोड़े लाभ के लिए इनका शिकार आज भी खुलेआम चल रहा है और क्षेत्र के हाठ-बाजारों में इनका क्रय-विक्रय बिना किसी प्रतिरोध के चल रहा है। आज भी इनकी खरीदी-बिक्री किसी भी हाठ-बाजारों में देखी जा सकती है। इस संबंध में वन विभाग की अवैध शिकार को रोकने की जो कार्रवाई की जाती है वह केवल सतही होती है। इससे बटेर के अवैध शिकारियों पर कोई लगाम नहीं लगती है।

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