0- अभनपुर विधानसभा
रायपुर ,19 नवंबर । छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2018 के अंतर्गत अभनपुर विधानसभा क्षेत्र साहू बहुल है। यह एक संयोग रहा है कि कांग्रेस और भाजपा के प्रत्याशी दोनों ही साहू समाज से है। वर्तमान में धनेन्द्र साहू कांग्रेस के विधायक है। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वन्द्वी भाजपा के चंद्रशेखर साहू को 8 हजार 354 मतों से पराजित किया था। पिछले चुनाव में अभनपुर विधानसभा क्षेत्र में 1 लाख 45 हजार 557 मतदान हुआ था। साहू बहुल इलाके में दूसरे नंबर पर निषाद एवं अनुसूचित जाति के मतदाता है। भाजपा सरकार की ओर से क्षेत्र में उज्जवला गैस योजना, आवास योजना, शौचालय योजना, सडक़ निर्माण एवं जीर्णोद्धार, कन्या छात्राओं के लिए मुफ्त सरस्वती साइकिल योजना एवं महिलाओं के लिए सिलाई मशीन योजना का क्रियाव्रयन किया गया है। सरकार के कामकाज विशेषकर एक रुपए किलो चावल, कृषि बोनस, फसल बीमा योजना के क्रियान्वयन किए जाने की जनता अपेक्षा कर रही है। सरकार की राशन प्रणाली को लेकर गरीब परिवारों की सोच सकारात्मक है। भाजपा प्रत्याशी के विषय में आम जनता के बीच नकारात्मक छवि है। उन पर जनता से सहजरुप से नहीं मिल पाने का आरोप है। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी की स्थिति मजबूत बताई गई है। उनकी सक्रियता से जनता के बीच सकारात्मक छवि निर्मित हुई है। इस बार छजकां की उपस्थिति से जीत-हार का समीकरण बिगड़ सकता है। क्योंकि इससे भाजपा व कांग्रेस दोनों प्रत्याशी का नुकसान होगा। छजकां प्रत्याशी को 30 प्रतिशत वोट मिलने की संभावना है। पार्टीगत आधार पर कांग्रेस व भाजपा की स्थिति बराबरी पर है। भाजपा के अशोक बजाज और छजकां की ओर से अपने प्रत्याशी के पक्ष में चुनाव प्रचार किए जाने की सूचना है। अभनपुर विधानसभा के वर्तमान विधायक धनेन्द्र साहू से जनता का जुड़ाव अच्छा है। वहीं विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री डॉ. रमन ङ्क्षसह की छवि सकारात्मक और प्रभावशाली है। विधानसभा चुनाव को प्रभावित करने वाले बड़े गांवों में प्रमुख मानिकचौरी, केन्द्री, मोहन्दी, खोचहा आदि है। वर्तमान चुनाव में अवैध रेत उत्खनन, बेरोजगारी और प्रदूषण का मामला उठाया जा सकता है। छजकां प्रत्याशी की उपस्थिति से चुनावी टक्कर कांटे की हो गई है। वैसे भी वहां की जनता कभी कांग्रेस तो कभी भाजपा प्रत्याशी को जिताते है। लेकिन इस बार सशक्त और तीसरी पार्टी के रुप से उपस्थिति छजकां से चुनावी परिणाम प्रभावित होंगे। वैसे वर्तमान विधायक धनेन्द्र साहू की स्थिति अन्य प्रत्याशियों की तुलना में अधिक मजबूत है। भाजपा सरकार के बीच कांग्रेस विधायक धनेन्द्र साहू की सक्रियता और सीधे-सीधे जनता से जुड़ाव का लाभ मिल सकता है। किंतु सत्ता का लाभ भाजपा प्रत्याशी को मिलेगा। ऐसी स्थिति में चुनाव परिणाम पर कुछ अंतिम निर्णय लेना कठिन होगा। वैसे एंटीइकम्बेन्सी का लाभ भी कांग्रेस प्रत्याशी को मिलने की संभावना है।
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