छत्तीसगढ़

19-Nov-2018 2:34:54 pm
Posted Date

समय सीमा में पूरा नहीं हो पाएगा रेल लाईन दोहरीकरण का काम

जगदलपुर, 19 नवंबर। ईस्ट-कोस्ट रेलवे के अंतर्गत केके रेल लाईन का दोहरीकरण के कार्य में और अधिक विलंब हो सकता है। इसे 2019 तक पूरा किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, लेकिन वर्तमान में चल रहा धीमा कार्य यह आशंका व्यक्त कर रहा है कि इस कार्य को करने में समय सीमा से और ऊपर समय लगेगा।
 जानकारी के अनुसार किरंदुल से लेकर कोरापुट तक इस रेल लाईन का दोहरीकरण का कार्य करीब 255 किमी का होना है और इस कार्य को गत् तीन वर्ष पूर्व शुरू किया गया था। लेकिन सर्वाधिक परेशानी जगदलपुर से किरदुंल तक के दोहरीकरण में आ रही है। 
उल्लेखनीय है कि किरदुंल से लेकर जगदलपुर तक आने वाली रेल लाईन का दोहरीकरण इसलिए धीमा हो गया है कि यह समूचा क्षेत्र किरदुंल रेल सेक्शन के अंतर्गत नक्सल प्रभावित क्षेत्र है और इस क्षेत्र में बिना सुरक्षा के कार्य करना संभव नहीं हो पा रहा है। इस दोहरीकरण के कार्य पर नक्सलियों की पहली दृष्टि है तथा वे जब चाहे तब कार्य को रोकने के लिए अपने प्रयास करते रहते हैं। जबकि जगदलपुर रेल सेक्शन के अंतर्गत सिलकझोड़ी से आमागुड़ा तक करीब 60 किमी का दोहरीकरण कार्य पूर्ण किया जा चुका है। इस संबंध में कमिश्रर रेल सेफ्टी ने मार्ग के दोहरीकरण का निरिक्षण कर अपनी रिपोर्ट रेलवे को सौंप दी है। इस दोहरीकरण के अंतर्गत बनी रेललाईन का इंटरलाकिंग का कार्य शीघ्र ही किया जायेगा जिससे अगले कुछ माह में इस रेल लाईन पर रेल चलने लगेेंगी। 

 

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