नईदिल्ली,03 अक्टूबर । आज आरबीआई अपनी समीक्षा बैठक में ब्याज दरों में कटौती की घोषणा कर सकता है। साल 2019 में अब तक चार बार आरबीआई दरें कम कर चुका है। बैंकों को मिलने वाले कर्ज की दर कम होने से आम उपभोक्ताओं को बैंकों से मिलने वाले कर्ज की ब्याज दरों में कटौती करने की बैंकों के पास पूरी गुंजाइश रहती है। आम लोगों को सस्ती दरों पर लोन मिलने हर क्षेत्र में मांग निकलती है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में आर्थिक वृद्धि की रफ्तार के घटकर छह साल के निचले स्तर पर आने के बाद सरकार ने कई बड़े कदम उठाए है। केंद्र सरकार ने कॉरपोरेट टैक्स में भारी कटौती, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों पर सरचार्ज में कमी जैसे फैसले शामिल हैं। आरबीआई की छह सदस्यीय एमपीसी वित्त वर्ष 2019-20 की चौथी द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा तीन दिन की बैठक के बाद चार अक्टूबर को घोषित करेगी। दो अक्टूबर को महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर समिति की बैठक नहीं होगी।
गवर्नर पहले ही यह संकेत दे चुके हैं कि मुद्रास्फीति में नरमी को देखते हुए मौद्रिक नीति में नरमी की गुंजाइश बनी हुई है वहीं राजकोषीय संभावना सीमित है। केंद्रीय बैंक पहले ही इस साल रेपो रेट में चार बार में कुल मिलाकर 1.10 प्रतिशत की कटौती कर चुका है। अगस्त में हुई पिछली बैठक में एमपीसी में 0.35 प्रतिशत की कटौती की थी. उस कटौती के बाद रेपो दर 5.40 प्रतिशत पर आ गई।