व्यापार

19-Sep-2019 3:32:26 pm
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एअर इंडिया प्रॉपर्टी बेचने के लिए 25 प्रतिशत की सेल लगाएगी!

नई दिल्ली ,19 सितंबर । कर्ज के बोझ से दबी सरकारी एयरलाइन एअर इंडिया खरीदारों को आकर्षित करने के लिए अपनी कुछ प्रॉपर्टीज के प्राइसेज 25 पर्सेंट तक घटा सकती है। इससे पहले एअर इंडिया ने प्लॉट, अपार्टमेंट्स और कमर्शल टावर सहित कई रियल एस्टेट ऐसेट्स को टेंडर के जरिए बेचने की कोशिश की थी, लेकिन उसे इसमें सफलता नहीं मिली।
एअर इंडिया ने लगभग दो वर्ष पहले 111 प्रॉपर्टीज को बेचने के लिए रखा था। इनसे उसे कुल 9,500 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद थी। हालांकि, अभी तक कंपनी 32 प्रॉपर्टीज को बेचकर लगभग 1,000 करोड़ रुपये ही जुटा सकी है। उसने कई प्रॉपर्टी को बार-बार बेचने की कोशिश की, लेकिन बेस प्राइस पर भी उनमें किसी खरीदार ने दिलचस्पी नहीं दिखाई थी। कंपनी ने हाल ही में मुंबई के पाली हिल्स में 2,000 वर्ग मीटर के एक प्लॉट की कीमत घटाई थी। इससे पहले इस प्लॉट को 200 करोड़ रुपये में बेचने की छह बार कोशिश की गई थी। केन्या के नैरोबी में एक बंगले का बेस प्राइस भी कम किया जाएगा।
एअर इंडिया के एक अधिकारी ने बताया, मंदी के कारण प्राइम प्रॉपर्टीज के लिए भी खरीदार नहीं मिल रहे। मुंबई की प्रॉपर्टी प्राइम लोकेशन पर है और प्राइस 25 पर्सेंट घटाने के बावजूद हमें बायर नहीं मिला है। इसी तरह अमृतसर में एक प्रॉपर्टी छठी कोशिश में बेची जा सकी है। हालांकि एअर इंडिया को विदेश में अपनी प्रॉपर्टी बेचने में सफलता मिली है। इसने तोक्यो, हॉन्गकांग, लंदन और मॉरीशस में प्रॉपर्टी बेची हैं। लंदन में एक ऑफिस स्पेस 45 करोड़ रुपये में बेचा गया है, जबकि तोक्यो और हॉन्गकॉन्ग में फ्लैट्स एक्सटर्नल अफेयर्स मिनिस्ट्री ने खरीदे हैं। एअरलाइन नैरोबी में बंगले की कीमत भी घटा सकती है क्योंकि इसे बेचा नहीं जा सका है।
कंपनी के विनिवेश पर चर्चा के लिए मंत्रियों के समूह की मीटिंग होनी है। एअर इंडिया की कुछ प्रीमियम प्रॉपर्टीज को सरकार भी खरीद सकती है। इनमें मुंबई के नरीमन पॉइंट की बिल्डिंग और दिल्ली में 30 एकड़ में बनी एअर इंडिया हाउसिंग सोसायटी शामिल हैं। इससे मिलने वाली रकम का इस्तेमाल कर्ज चुकाने में किया जाएगा।
अधिकारी ने बताया, दिल्ली के वसंत विहार में हाउसिंग कॉम्प्लेक्स को अर्बन डिवेलपमेंट मिनिस्ट्री को सौंपा गया है। इसी तरह सभी बड़ी ट्रांजैक्शंस सरकार के अंदर होंगी। हम बाद में कोई विवाद नहीं चाहते और इसी वजह से हमने बेस प्राइस अधिक रखा है जिससे बाजार से कम कम कीमत पर प्रॉपर्टीज बेचने के आरोपों से बचा जा सके। 2011-12 में सरकार ने एअर इंडिया के लिए एक टर्नअराउंड प्लान बनाया था। इसके तहत एयरलाइन को प्रत्येक वर्ष 500 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टीज बेचने के लिए कहा गया था। कंपनी को बेचने की प्रक्रिया शुरू होने से पहले इसकी अधिकतर प्रॉपर्टीज को बेचने की योजना है।

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