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18-Nov-2018 11:43:54 am
Posted Date

68 फीसदी लोगों को प्राइवेट अस्पताल में मिला इलाज

0-आयुष्मान भारत
नई दिल्ली ,18 नवंबर । मोदी सरकार की बहुचर्चित आयुष्मान भारत हेल्थ इंश्योरेंस योजना को लेकर उत्साहजनक आंकड़े सामने आए हैं। इस योजना के तहत अबतक करीब 2.3 लाख लाभार्थियों में से करीब 68 फीसदी को प्राइवेट अस्पताल में इलाज मिला है। प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत सरकार के पैसे चलने वाली इस हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम को 23 सितंबर को लॉन्च किया गया था। नैशनल हेल्थ एजेंसी (एनएचए) के डेटा के मुताबिक अबतक इस स्कीम में 2 लाख 32 हजार 592 लोगों को अस्पताल में इलाज मिला है।
आंकड़ों के मुताबिक अधिकतर मुंह और चेहरे से जुड़ी सर्जरी, सामान्य सर्जरी, नेत्र रोग, स्त्री रोग की समस्याओं के लिए लोगों ने इसके तहत इलाज कराया है। इसमें सिर की चोटों के इलाज से जुड़ी सर्जरी का भी एक बड़ा हिस्सा है। इससे यह पता चलता है कि बीमा योजना के तहत ऐक्सिडेंट के मामलों के भी ज्यादा क्लेम सामने आए हैं। ये आंकड़े इस लिहाज से भी काफी अहम हैं क्योंकि शुरुआत में प्राइवेट अस्पतालों ने एनएचए द्वारा फिक्स किए गए लो प्राइस पैकेज को लेकर चिंता जताई थी। 
आंकड़े के मुताबिक अबतक 55482 अस्पतालों ने योजना के तहत पैनल में शामिल होने के लिए एनएचए को आवेदन भेजा है। इनमें से 15000 अस्पतालों को या तो पैनल में शामिल कर लिया गया है या उनकी अनुमति पाइपलाइन में है। इसमें से भी करीब 8000 अस्पताल प्राइवेट सेक्टर के हैं। आयुष्मान भारत के डेप्युटी चीफ एक्जिक्यूटिव दिनेश अरोड़ा का कहना है कि कॉस्टिंग की समस्या खासकर दिल्ली और अन्य मेट्रो शहरों में है जहां सर्विस और मानव संसाधन की कीमत अपेक्षाकृत अधिक है। 
उन्होंने कहा कि हरियाणा, यूपी, झारखंड और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों के टायर 2 और 3 शहरों से मिलने वाला रेस्पॉन्स शानदार है। बता दें कि आयुष्मान भारत के तहत सरकार स्वास्थ्य पर खर्च को सीमित कर अधिक से अधिक लोगों तक हेल्थकेयर सुविधाओं की पहुंच बनाना चाहती है। हालांकि देश में स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए लोगों को अपने पॉकेट की 60 फीसदी राशि खर्च पडऩी पड़ती है लेकिन इसके बावजूद बहुत लोग महंगी होने की वजह से तीसरे स्तर की मेडिकल केयर से वंचित रह जाते हैं। 
दिनेश अरोड़ा का कहना है कि हमारा लक्ष्य है कि रोजाना 6000 से 7000 मरीजों को तीसरे स्तर की मेडिकल केयर उपलब्ध कराई जाए। मोदीकेयर के नाम से भी फेमस प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत करीब 10 करोड़ 74 लाख वंचित परिवारों के 50 करोड़ लोगों को 5 लाख सालाना तक के कैशलेस हेल्थ केयर में लाने का लक्ष्य रखा गया है।

 

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