व्यापार

16-Sep-2019 12:41:12 pm
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अरामको पर ड्रोन हमले के बाद कच्चे तेल की कीमतों में 10 प्रशित उछाल, भारत पर भी पड़ेगा असर

नई दिल्ली ,16 सितंबर।  सऊदी अरब के ऑइल प्रोसेसिंग प्लांट्स पर शनिवार को ड्रोन से हुए हमलों के चलते इंटरनैशनल मार्केट में तेल के दाम 10 फीसदी बढ़ गए हैं। सोमवार के एशियाई बाजारों में शुरुआती कारोबार में कीमतों में तेजी देखी गई, जिसका असर पूरे विश्व पर पड़ सकता है। हमले की वजह से दुनिया के सबसे बड़े क्रूड उत्पादक की आपूर्ति करीब आधी हो गई और कच्चे तेल की कीमत ऊपर पहुंच गई हैं। एशियाई बाजार में शुरुआत में ब्रेंट क्रूड 11.77 फीसदी की तेजी के साथ 67. 31 डॉलर प्रति बैरल हो गया है। वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट 10.68 फीसदी चढक़र 60.71 डॉलर पहुंच गया।
अंतरार्ष्ट्रीय बाजार में एक शुकरुआती कारोबार में एक समय ब्रेंट क्रूड के दाम 20 पर्सेंट तक की तेजी देखी गई, जबकि वेस्ट टेक्सास के दाम 15 पर्सेंट तक की तेजी के साथ कारोबार करते देखे गए। कच्चे तेल के दाम बढऩे की वजह से पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोतरी हो सकती है।
पहले ही ऐसा माना जा रहा था कि कुछ समय के लिए कीमतों में उछाल आ सकता है लेकिन इससे इंडियन रिफाइनरी कंपनियों को क्रूड की सप्लाई में फिलहाल रुकावट आने के आसार नहीं हैं। अगर क्षतिग्रस्त प्रोसेसिंग फैसिलिटी में उत्पादन दोबारा शुरू होने में देरी हुई तो उन्हें क्रूड के लिए वैकल्पिक स्रोतों की तलाश करनी पड़ सकती है। ड्रोन हमलों से प्रभावित प्रोसेसिंग प्लांट्स में 57 लाख बैरल रोजाना क्रूड का उत्पादन ठप पड़ गया है, जो सऊदी अरब के कुल उत्पादन का लगभग आधा और ग्लोबल क्रूड सप्लाई के 6 पर्सेंट के बराबर है। इसके चलते भारत सहित दुनियाभर में सप्लाई घटने और प्राइस उछलने का रिस्क बढ़ गया है। पिछले वित्त वर्ष में भारत की जरूरत का लगभग 16त्न हिस्सा क्रूड सऊदी अरब से मंगाया था।
हिंदुस्तान पेट्रोलियम के चेयरमैन एम के सुराना ने ईटी से बातचीत में कहा, हमारे पास जो खबरें आ रही हैं, उनके मुताबिक सऊदी अरब ने यह नहीं कहा कि वह इस घटना के चलते कॉन्ट्रैक्ट का पालन नहीं कर पाएगा और आपूर्ति रोक देगा। वह क्लाइंट्स के साथ किए गए कॉक्ट्रैक्ट को पूरा करने के लिए अपने स्टॉक से ऑयल की सप्लाई करेगा। हमारी नजर इस बात पर होगी, उसके प्लांट्स में उत्पादन दोबारा शुरू होने में कितना वक्त लगता है। देश की दूसरी सबसे बड़ी ऑयल रिफाइनिंग और रिटेलिंग कंपनी इंडियन ऑयल की भी सऊदी अरब में बने हालात पर करीब से नजर रख रही है। उसके एक एग्जिक्युटिव ने कहा कि कंपनी भी अगले कुछ दिनों में सप्लाई की सिचुएशन के बाबत क्लैरिटी आने पर ही इस मामले में कोई कदम उठाएगी।
सऊदी अरब ने कहा है कि वह अपने क्लाइंट्स को सप्लाई देते रहने के लिए अपने पास मौजूद विशाल स्टॉक का इस्तेमाल करेगा। ऑइल इंडस्ट्री के एग्जिक्युटिव्स का कहना है कि सप्लाई में अचानक रुकावट आने के आसार नहीं हैं क्योंकि प्रड्यूसर्स, रिफाइनर्स और रिफाइनरी के लिए निकले जहाजों पर इतनी इनवेंटरी है कि उससे अगले कुछ हफ्तों की जरूरत आराम से पूरी हो जाएगी। हालांकि ऐनालिस्टों का कहना है कि क्रूड के दाम में कुछ समय के लिए उछाल जरूर आ सकती है। सुराना के मुताबिक सऊदी अरब के ऑयल प्रॉडक्शन में गिरावट के चलते ग्लोबल सप्लाई में बड़ा असंतुलन बनने के आसार नहीं हैं क्योंकि यह ऑयल मार्केट का अकेला सबसे बड़ा इनफ्लूएंसर नहीं रह गया है। अमेरिका और रूस जैसे दूसरे ऑइल प्रड्यूसर्स आसानी से उसकी जगह ले सकते हैं और ज्यादा क्रूड सप्लाई कर सकते हैं।

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