नई दिल्ली ,15 सितंबर । एक तरफ जहां केंद्र सरकार बैंकिंग नियमों को ग्राहकों की सुविधानुसार आसान बना रही है। वहीं निजी क्षेत्र के बड़े बैंक आईसीआईसीआई ने अपने ग्राहकों को जोर का झटका दिया है। बैंक के जीरो बैलेंस खाताधारकों को 16 अक्टूबर से शाखा से हर कैश विदड्रॉल के लिए 100 रुपये से 125 रुपये का शुल्क देना होगा। अगर ग्राहक बैंक की शाखा में मशीन के जरिये पैसे जमा करते हैं तो इसके लिए भी उन्हें शुल्क अदा करना होगा। आईसीआईसीआई बैंक ने शुक्रवार रात अपने अकाउंट होल्डर्स को जारी एक नोटिस में कहा, हम अपने ग्राहकों को बैंकिंग ट्रांजैक्शंस डिजिटल मोड में करने के लिए उत्साहित करते हैं, जिससे डिजिटल इंडिया इनिशिएटिव को बढ़ावा मिले।
बता दें कि बैंक ने मोबाइल बैंकिंग या इंटरनेट बैंकिंग के जरिये होने वाले एनईएफटी, आरटीजीएस तथा यूपीआई ट्रांजैक्शंस पर लगने वाले तमाम तरह के शुल्क को खत्म कर दिया है।
आईसीआईसीआई बैंक की शाखाओं से 10,000 रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक के एनईएफटी ट्रांजैक्शन पर 2.25 रुपये से लेकर 24.75 रुपये (जीएसटी अतिरिक्त) का चार्ज देना पड़ता है। वहीं, शाखाओं से दो लाख रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक किए जाने वाले आरटीजीएस ट्रांजैक्शन के लिए 20 रुपये से लेकर 45 रुपये (जीएसटी अतिरिक्त) का चार्ज देना पड़ता है।
अकाउंट बंद करने की सलाह
बैंक ने अपने जीरो बैलेंस अकाउंट होल्डर्स से अनुरोध किया है कि वे अपने अकाउंट को या तो किसी अन्य बेसिक सेविंग्स अकाउंट में बदल लें या अकाउंट बंद कर दें।