व्यापार

14-Sep-2019 2:12:50 pm
Posted Date

प्याज में कीमतों में नरमी, त्योहारों पर नहीं सताएंगे बढ़े दाम

नई दिल्ली ,14 सितंबर । पिछले महीने कीमतों में दोगुनी बढ़ोतरी के बाद अब प्याज की थोक कीमतों में नरमी शुरू हो गई है और ट्रेडर्स का अनुमान है कि दाम फिर ऊपर का रुख नहीं करेंगे। महंगाई के बीच करीब 50 हजार टन का स्टॉक खोलने वाले नेशनल ऐग्रिकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडेरेशन (हृ्रस्नश्वष्ठ) भी अब बाजार में उतारे जाने वाले प्याज की मात्रा की समीक्षा कर रहा है।
हिंदू त्योहार मे प्याज की खपत कम ही होती है अब नवरात्रि में तो प्याज की मांग लगभग न के बराबर ही रहती है
देश की सबसे बड़ी मंडी आजादपुर में प्याज अगस्त के आखिरी हफ्ते में 35 रुपये किलो के औसत मूल्य तक जा पहुंचा था और 30 रुपये पर स्थिर हुआ था। बीते दस दिनों में थोक कीमतें हर ग्रेड में 3 से 5 रुपये प्रति किलोग्राम तक घटी हैं।
प्याज के दामों पर क्या कहते हैं एक्सपर्ट
अनियन ऐंड गार्लिक असोसिएशन के प्रेजिडेंट सुरेंद्र बुद्धिराजा ने बताया, ‘फिलहाल हायर ग्रेड में प्याज 25 रुपये तक आ गया है और सप्लाई में तंगी के रुझान नहीं दिख रहे। जहां बारिश खत्म होने से नासिक और दूसरे दक्षिणी राज्यों से सप्लाई घटने की आशंका खत्म हुई है, वहीं अगले एक हफ्ते में कर्नाटक से नई फसल आने की संभावना से कीमतों पर दबाव बना है।’ गुरुवार को आजादपुर में प्याज तीन ग्रेड में 15 से 25 रुपये पर ट्रेड कर रहा था, हालांकि रिटेल में यह 40 से ऊपर बना हुआ है।
हृ्रस्नश्वष्ठ के चेयरमैन बिजेंदर सिंह ने बताया कि कीमतें फिलहाल स्थिर हैं और मार्केट ट्रेंड को देखते हुए हम इसका आकलन कर रहे हैं कि नासिक स्थित स्टॉक से अब कितना माल बाजारों में उतारा जाए। उन्होंने बताया कि पीक कीमतों के बीच हृ्रस्नश्वष्ठ की ओर से बाजारों में सप्लाई बढऩे से ही कीमतों पर लगाम कसी है।
ट्रेडर्स का डर
पोटैटो ऐंड अनियन मर्चेंट असोसिएशन के जनरल सेक्रटरी राजेंद्र शर्मा के मुताबिक आजादपुर में रोजाना औसतन 1500 टन प्याज बिकता है। अगर सप्लाई इससे कम होती है तो कीमतें बढ़ेंगी और इससे ज्यादा माल आया तो घटेंगी। ्रक्करूष्ट सूत्रों के मुताबिक बीते दस दिनों में प्याज की औसत सप्लाई 1200 टन के आसपास रही है, लेकिन हृ्रस्नश्वष्ठ और लोकल स्टॉक के चलते सप्लाई की तंगी नहीं हुई है। अगर एक हफ्ते में नए इलाकों से प्याज आने लगता है और महाराष्ट्र के किसान भी खुलकर माल भेजने लगते हैं तो थोक कीमतों में कम से कम 5 रुपये की और कमी आएगी।
हालांकि कुछ ट्रेडर नासिक से होने वाली मेन सप्लाई को लेकर आशंकित हैं और उनका कहना है कि हालिया बारिश से हुए नुकसान का सही आकलन नहीं हो सका है। किसान भी मार्केट में डिमांड भांपकर ही माल निकाल रहे हैं, ऐसे में मौसम में थोड़ी सी भी गड़बड़ी कीमतें बढ़ा सकती है।

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