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07-Aug-2019 12:15:43 pm
Posted Date

आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष का विकास अनुमान घटाया

0-आसान किया सस्ते कर्ज का रास्ता
मुंबई ,07 अगस्त । रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कमजोर घरेलू एवं वैश्विक माँग के मद्देनजर चालू वित्त वर्ष का विकास अनुमान सात प्रतिशत से घटाकर 6.9 प्रतिशत कर दिया है। केंद्रीय बैंक ने बुधवार को समाप्त चालू वित्त वर्ष की तीसरी द्विमासिक समीक्षा बैठक के बाद जारी बयान में कहा है कि जून में हुई पिछली बैठक में उसने वित्त वर्ष 2019-20 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की विकास दर सात प्रतिशत रहने का पूर्वानुमान व्यक्त किया था, लेकिन पिछले दो महीने में अर्थव्यवस्था के कई संकेतकों से घरेलू तथा वैश्विक माँग में कमजोरी के संकेत मिले हैं।
आरबीआई ने कहा वित्त वर्ष 2019-20 में वास्तविक जीडीपी की विकास दर सात प्रतिशत से घटाकर 6.9 प्रतिशत की जाती है। पहले छमाही (अप्रैल-सितंबर 2019) में विकास दर 5.8 से 6.6 प्रतिशत के बीच और दूसरी छमाही में 7.3 से 7.5 प्रतिशत के बीच रहने की उम्मीद है। बयान में कहा गया है कि विकास दर के अनुमान से बेहतर रहने की संभावना कम और कमतर रहने की संभावना ज्यादा है। 
केंद्रीय बैंक ने कई कारकों को आँकलन में शामिल करने के बाद विकास अनुमान घटाया है। उसने कहा है कि दूसरी तिमाही में माँग में वृद्धि की रफ्तार सुस्त रहेगी, हालाँकि लागत में कमी विकास के लिए शुभ संकेत है। इस साल नीतिगत ब्याज दरों में लगातार की गई कटौती से आर्थिक गतिविधियों को बल मिलने की उम्मीद है।
वहीं, रिजर्व बैंक ने मौजूदा वित्त वर्ष की तीसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति में रेपो रेट में कटौती का तोहफा दिया है। रेपो रेट 0.35त्न घटाकर 5.40त्न किया गया और रिवर्स रेपो रेट हुआ 5.15त्न हो गया है। यह लगातार चौथी बार है, जब आरबीआई ने रेपो रेट घटाया है। रेपो रेट अब तक 5.75 पर्सेंट था, जो सितंबर 2010 के बाद इसका सबसे निचला स्तर था। आरबीआई इस साल पहले ही रेपो रेट में तीन बार में 0.75 पर्सेंट की कटौती कर चुका था। आज कटौती का ऐलान होने के बाद यह 5.40 पर्सेंट पर आ गया है। ऐसा होने से कर्ज सस्ता होने का रास्ता आसान हो गया है। 

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