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16-Nov-2018 8:36:01 am
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बजट घरों की भरमार, फिर भी नहीं मिल रहे खरीदार

मुंबई ,16 नवंबर। करोड़ों के घर तो दूर की बात, अब लाखों वाले घरों की भी बिक्री नहीं हो पा रही है। एनारॉक प्रॉपर्टी कंसल्टेंट द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक, एमएमआर रीजन (मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन) में 2013 के बाद लॉन्च हुए 54 प्रतिशत घर 80 लाख रुपये से कम के बजट वाले हैं। बावजूद इसके 2 लाख घर अभी भी ग्राहकों के इंतजार में हैं। 2013 की तुलना में सितंबर, 2018 तक स्टॉक के घरों में 56 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। देश के 7 बड़े शहरों में कुल स्टॉक में से एमएमआर रीजन का हिस्सा 56 प्रतिशत है। साफ जाहिर है कि मार्केट में नकदी के संकट और खरीदारों के भाव गिरने का इंतजार बिल्डरों की धडक़न बढ़ा रहा है।
खरीदार खिसक रहे मुंबई के बाहर 
मुंबई में घरों के ऊंचे भाव के चलते खरीदार अब वेस्टर्न लाइन पर विरार-पालघर की ओर जबकि सेंट्रल लाइन पर कल्याण-बदलापुर-टिटवाला की ओर बढ़ रहे हैं। मध्यमवर्गीय परिवार मुंबई में घर खरीदने का सपना लगभग छोड़ चुके हैं। 2013 के बाद से इन इलाकों में 1.8 लाख नए घर लॉन्च किए जा चुके हैं। नए लॉन्च होने वाले तमाम प्रॉजेक्ट अब एमएमआर रीजन में ही आ रहे हैं। प्रस्तावित एयरपोर्ट और ट्रांस-हार्बर लिंक के चलते नवी मुंबई में नए लॉन्च में तेजी देखने को मिली है। नवी मुंबई में प्रॉपर्टी की कीमतों में भी इस दौरान बढ़ोतरी देखने को मिली है। 
हालांकि, बिक्री के लिहाज से देखें तो 2013 के अंत तक सेंट्रल इलाकों में 20,600 घरों का स्टॉक बीते सितंबर में बढक़र 34,400 हो गया जबकि वेस्टर्न इलाकों में यह समान अवधि में 32 प्रतिशत घट गया। 
लॉन्च कम करके तो हो भला 
2015 के पहले तक बिल्डरों ने लगातार नए प्रॉजेक्ट शुरू कर मार्केट में स्टॉक बढ़ा दिया, लेकिन ग्राहकों की उदासीनता देख 2015 के बाद से लॉन्च में भारी गिरावट देखने को मिली। जिसके फलस्वरूप स्टॉक कुछ हद तक कम हो सका।
बिल्डर पस्त! 
मुंबई में 3-5 करोड़ रुपये के घर बनाने वाले ज्यादातर बिल्डर केवल ग्राहकों के इंतजार में हैं। एक सूत्र ने बताया कि बिक्री कम होने की वजह से मोटी पगार पर रखे गए स्टाफ की छुट्टी कर कम पगार वालों को खोजा जा रहा है। बीएमसी के डिवेलपमेंट प्लान विभाग में पहले की तुलना में चहलकदमी भी कम हो गई है।

 

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