छत्तीसगढ़

16-Nov-2018 7:53:35 am
Posted Date

भाजपा 8 तो कांग्रेस 10 सीटों की उम्मीद लगाए बैठी है

जगदलपुर, 16 नवंबर । विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा एवं कांग्रेस अपने-अपने दावों के साथ इस खुशफहमी में उलझे हुऐ हैं कि, बस्तर में सर्वाधिक सीटें हासिल कर वे अपना दबदबा कायम रखेंगे। 
भाजपाई जहां विकास को पैमाना मानकर यह दावा करने से नहीं चूकते की भाजपा शासन में सस्ता चावल और समग्र बस्तर में सडक़, पेयजल, स्वास्थ्य, शिक्षा तथा राशन के अभूतपूर्व विकास से पार्टी ने बस्तर वासियों के दिलो दिमाग में अमिट पहचान बनाई है। इसीलिए मतदाता उन्हें ही अपना सिरमौर बनायेंगे और पार्टी को बस्तर में 4 के स्थान पर 8 सीटों पर विजय हासिल होगी। 
इधर कांग्रेसी अपनी पहले की 8 सीटों में 2 और सीटों की बढ़त को लेकर ताल ठोंक रहे हैं। बस्तर में बढ़े मतदान के प्रतिशत से कांगे्रसियों की बांछे खिली हुई हैं, कि बदलाव की पक्षधर आम जनता ने स्वस्फूर्त बेइंतहा मतदान कर कांग्रेस को सत्ता सौंपने का प्रदर्शन किया है। कांग्रेसियों का कथन है कि भाजपा राज में नोटबंदी, जीएसटी की हिटलरशही और घटिया विकास, विकास कार्यो में अथाह भ्रष्टाचार से जनसामान्य त्रस्त व उकता गया है और इसीलिए मतदाताओं ने स्वमेव एक कदम आगे बढक़र भाजपा को सत्ता से बाहर करने अपने मताधिकार का खुलकर प्रयोग किया है। पिछले चुनाव में 8 सीटों पर अपना झंडा गाडऩे वाले कांग्रेसी इस दफे 10 सीटें अपनी झोली में मानकर चल रहे हैं। 
भाजपा शासन काल में नक्सलवाद उन्मूलन की दिशा में किए गए सकारात्मक प्रयासों के बाद नक्सली इलाकों में बढ़ा हुआ मतदान का प्रतिशत भी यह प्रमाणित करता है कि, सरकार व पुलिस के बढ़ते दबाव से घबराये व बौखलाये नक्सलियों ने अपने बहिष्कार की रणनीतियों की तिलांजलि देकर, भाजपा का बेड़ागर्क करने में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ी है। बदला हुआ रूख अख्तियार करते हुए नक्सलियों ने ग्रामीणों को मतदान के लिए उकसाकर  मतदान केंद्रों तक पहुंचाया है। 

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