छत्तीसगढ़

23-December-2016 6:22:45 am
Posted Date

सांस्कृतिक भवन का निर्माण पूरा हो तो हर साल बचेंगे Rs.40 लाख

नगर निगम द्वारा बनाया जा रहा सामुदायिक भवन का निर्माण पूर्णता तक आकर फिर अधर में लटक गया। फंड के अभाव में काम बंद होने के बाद भवन की चमक और परिसर का सौंदर्य फीका पड़ रहा है। लगभग ढाई साल पहले जब निगम ने जब सामुदायिक भवन बनाना शुरू किया था तो इसका बजट लगभग तीन करोड़ रुपए था, अब कुल खर्च सात करोड़ रुपए बताकर चार करोड़ का फंड और मांगा जा रहा है। छोटे-मध्यम स्तर के सरकारी सांस्कृतिक कार्यक्रमों में टेंट का खर्च ही साल में लगभग 40 लाख रुपए होता है। अगर यह सामुदायिक भवन तैयार हो जाए तो निगम व प्रशासन का खर्च भी बच जाएगा। 

शहर में काफी अधिक संख्या में सरकारी कार्यक्रम होते हैं, जगह के अभाव में आयोजनों को खुले स्थान में किया जाता है, जहां टेंट व बैठक व्यवस्था में ही लाखों का खर्चा सामने आता है। चाहे फिर राज्योत्सव की बात हो या फिर रोजगार मेले की। हर वर्ष चक्रधर समारोह में ही टेंट लगाने में 7 से 10 लाख रुपए खर्च किए जाते हैं। इन खर्चों पर अंकुश सांस्कृतिक भवन के निर्माण से लगाया जा सकता था। बावजूद उसके शीघ्र निर्माण को लेकर कोई कवायद नहीं की जा सकी है। बताया जाता है कि दो करोड़ 80 लाख रुपए की मंजूरी मिली थी, जिसमें भवन के ढांचे को खड़ा कर दिया। अब साज सज्जा और बैठक व्यवस्था में 4 करोड़ रुपए तक खर्चा सामने आ रहा है, जिसे फंड की कमी के चलते रोक दिया गया है।

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