रायगढ़। कलेक्टर कार्तिकेया गोयल के निर्देशन एवं सीईओ जिला पंचायत जितेन्द्र यादव के मार्गदर्शन में जिले में आयोजित समर कैम्प के दौरान आज नगर निगम ऑडिटोरियम में छात्रों की बेहतर भविष्य निर्माण के लिए कैरियर मार्गदर्शन कैंप के तहत ‘उत्कर्ष-भविष्य की उड़ान’ का आयोजन किया गया।
कलेक्टर कार्तिकेया गोयल ने कहा कि कैरियर मार्गदर्शन कैंप का उद्देश्य विद्यार्थियों के कैरियर चुनाव को लेकर शंकाओ को दूर करना है ताकि वे अपना बेहतर कैरियर चुन सके। उन्होंने कहा कि यहां 9 वीं से 12वीं तक विद्यार्थी हैं, जिन्हें इस उम्र में विषय चयन को लेकर कन्फ्यूजन होती हैं। यही समय होता है कि वह अपना लक्ष्य निर्धारण करने के साथ ही एक दूसरा विकल्प तैयार रखें। आप जितना अधिक मेहनत और प्रयास करेंगे उतना ही अपने लक्ष्य के पास होंगे। किसी भी क्षेत्र में जाएं आप देश सेवा ही करेंगे। आज के दौर में सभी क्षेत्र में नौकरी को लेकर काम्पीटिशन है। इसलिए आप भले ही एवरेज स्टूडेंट हो लेकिन आपकी कोशिश एवरेज नहीं होनी चाहिए। इस उम्र में भटकाव की स्थिति बनती है लेकिन आपको कैरियर के प्रति समर्पित होकर आत्मनियंत्रण रखना आवश्यक है। अभी आप जितनी मेहनत करेंगे उतना ही आपका भविष्य सुखमय में होगा।
सिविल सर्विसेज के लिए प्रतिदिन पढ़ाई करना अति आवश्यक है। सभी के पास उतना ही दिमाग होता है, जितना आपके पास है, बस उन्हें आप कितना शार्प करते हैं यह आप पर निर्भर करता है, इसके लिए आपको रेडियो में न्यूज सुने, न्यूज पेपर के संपादकीय पढ़े, अच्छे आर्टिकल पढ़े एवं एनसीआरटी की बुक पढ़े। उन्होंने कहा कि अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित होकर मेहनत कर सफलता प्राप्त कर देश सेवा में योगदान दे।
सीईओ जिला पंचायत जितेन्द्र यादव ने कहा कि आप सपने तो बड़े देख रहे हैं लेकिन आप को अपने ज्ञान के आधार को मजबूत करना आवश्यक है। उन्होंने सिविल सर्विसेज की तैयारी के संबंध जानकारी देते हुए विद्यार्थियों को बताया कि इसमें अपने बेसिक को स्ट्रांग करें एवं लगातार प्रेक्टिस करें। उन्होंने कहा कि याद रखे किसी भी एग्जाम के लिए सिलेबस के आधार पर ही तैयारी की जाती है, इसके लिए आप पूर्व परीक्षाओं की प्रश्न पेपर की प्रैक्टिस भी कर सकते है। इसमें सफलता पाने के लिए आपकी लगन और मेहनत महत्वपूर्ण हैं।
ओपी जिंदल स्कूल पतरापाली के प्राचार्य आर.के.त्रिवेदी ने कहा कि अपना लक्ष्य बनाना इसलिए जरूरी है ताकि हम यह निर्धारित कर सकें कि हमें क्या करना है। उन्होंने कहा कि सक्सेस स्टोरी के साथ ही फेलियर स्टोरी भी पढऩा जरूरी है ताकि गलतियों से सीखे और बेहतर प्रयास कर सके। उन्होंने कहा कि लक्ष्य निर्धारण के साथ ही सेकेण्ड ऑप्शन भी रखें। प्राचार्य त्रिवेदी ने कहा कि सफलता की कोई परिभाषा नहीं होती। लक्ष्य प्राप्ति के दौरान छोटी-छोटी सफलताएं भी बड़ी मायने रखती है। आपके लक्ष्य के बीच में आपकी गरीबी कभी रोडा नहीं बन सकती है, बस आपको अपनी प्रतिभा दिखानी होगी। इस दौरान उन्होंने मेन्टल, फिजिकल एवं डिजीटल मूल्य के साथ ही विभिन्न कोर्स की जानकारी दी।
सी.ओ.28 सीजी बटालियन कर्नल हेमन्त कुमार झा ने सैन्य सेवा के संबंध में अफसर रैंक एवं जवान भर्ती की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सैन्य सेवा हेतु अफसर भर्ती हेतु एनडीए के माध्यम से साल में दो बार चयन प्रक्रिया आयोजित की जाती है। जिसके माध्यम से युवा सैन्य सेवा में सम्मिलित हो सकते है। मेडिकल कालेज से डॉ.त्रिभुवन साहू ने विद्यार्थियों को मार्गदर्शन देते हुए कहा कि इस सेवा में स्वप्रेरित होकर आये तो बेहतर होगा। इसके लिए नीट के माध्यम से प्रवेश ले सकते है। इसके लिए आपको कठिन परिश्रम एवं सतत् प्रयास करना आवश्यक होगा। उन्होंने कहा कि मोबाइल से ज्ञान अर्जित करने से बेहतर है आप पुस्तकों से ज्ञान अर्जित करें। इससे आपको अधिक से अधिक ज्ञान प्राप्त होगा। ईएनटी विशेषज्ञ मेडिकल कालेज डॉ.जया साहू ने कहा कि हर घर में सोचते है कि उनके परिवार में कोई डॉक्टर बने, लेकिन आप में इसके लिए सीखने का जुनून और लक्ष्य के प्रति हट होना जरूरी है। चिकित्सा सेवा के क्षेत्र में नीट के माध्यम से एमबीबीएस के अलावा और भी क्षेत्र मौजूद है, जहां चिकित्सा के क्षेत्र में अपनी सेवाएं दे सकते है। उन्होंने बीडीएस, बी फार्मा, बीपीटी, बीएएमएस, यूनानी, बीएससी नर्सिंग, माइक्रो बायलॉजी जैसे विभिन्न कोर्सों की जानकारी दी, जिसके माध्यम से विद्यार्थी चिकित्सा के क्षेत्र में अपना कैरियर चुन सके। ओपीजेयू तराईमाल के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ.दिप्ती शुक्ला ने इंजीनियरिंग क्षेत्र के संबंध में बताया कि कैरियर ऑप्शन बहुत है लेकिन हमारे लिए क्या सही है यह आवश्यक है। उन्होंने कहा कि कैरियर चुनाव के दो आधार होते है जिसमें एक टैलेन्ट दूसरा एजुकेशन बेस्ड होता है। उन्होंने विषय चयन हेतु सेल्फ अस्सिमेन्ट के अनुसार अपना लक्ष्य तैयार कर मेहनत करने की बात कही। इस दौरान लॉ कालेज के दिलीप मिश्रा ने कानूनी पाठ्यक्रम के संबंध में बताया कि इसमें भी भविष्य निर्माण हेतु अपार संभावनाएं है। जिसमें विभिन्न प्रकार के कोर्स मौजूद है। आप क्लेट के माध्यम से बेहतर यूनिवर्सिंटी में एडमिशन लेकर भविष्य बना सकते है। जिसके लिए आपको लगन, ईमानदारी के साथ कड़ी मेहनत करनी होगी। पालीटेक्निक कालेज के जे.के.गवेल ने पालीटेक्निक एवं आईटीआई के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि पालीटेक्निक, आईटीआई एवं इंजीनियरिंग के बीच की कड़ी है। रायगढ़ एक औद्योगिक क्षेत्र है, तो यहां इसकी अपार संभावनाएं है। कैम्पस सलेक्शन के माध्यम से हर साल सैकड़ों युवाओं को प्राईवेट सेक्टर में नौकरियां प्राप्त होती है। इसके लिए पीपीटी के माध्यम से प्रवेश ले सकते है। इस दौरान विद्यार्थियों एवं अभिभावकों ने कैरियर मार्गदर्शन से संबंधित प्रश्न पूछकर अपनी शंकाओं को दूर किया। मौके पर प्रावीण्य सूची में स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों में करूणा कैवर्त, बबीता पटेल एवं कृष भारद्वाज को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर शिक्षा विभाग से डीईओ बी.बाखला, डीएमसी नरेन्द्र चौधरी, एपीसी भुवनेश्वर पटेल, एपीसी भूपेन्द्र पटेल, एपीसी आलोक स्वर्णकार, बीईओ आर.जाटवर एवं बीआरसी मनोज अग्रवाल उपस्थित रहे।
रायगढ़। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार, जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अरविन्द कुमार सिन्हा एवं देवेन्द्र साहू मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट तथा अंकिता मुदलियार, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायगढ़ द्वारा आज 25 मई 2024 को जिला जेल रायगढ़ का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण में बंदियों को मिलने वाली सुविधाओं व सुरक्षाओं के बारे में जानकारी ली गई। साथ ही कैदियों को मिलने वाली भोजन व सुविधाओं के बारे में जानकारी लिया गया। जिला जेल से संबंधित इंफ्रास्ट्रक्चर, जेल की क्षमता, बंदियों के लिये विडियो कान्फ्रेन्सिग के माध्यम से मुलाकात करने एवं न्यायालय पेशी में उपस्थित होने के संबंध में समीक्षा ली गई। प्रधान जिला एवं न्यायाधीश द्वारा जेल अस्पताल का भी निरीक्षण किया गया और कैदियों को उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधा के बारे में, उनके खान-पान, प्राप्त होने वाले मूलभूत सुविधाओं की पूर्ति से संबंधित जानकारी ली गई। निरीक्षण के दौरान पीने का पानी, रहने व सोने की व्यवस्था, मनोरंजन की सुविधा आदि के संबंध में जानकारी लिया गया। वर्तमान में जिला जेल रायगढ़ में कुल 645 पुरूष बंदी और 60 महिला बंदी निरुद्ध हैं।
सहकारी समितियों से खाद-उन्नत बीज एवं ऋण की अग्रिम वितरण हेतु आवेदन प्रस्तुत कर ले सकते है लाभ
रायगढ़। खरीफ विपणन वर्ष 2024 हेतु रायगढ़ जिले के अंतर्गत समस्त 69 सहकारी समितियों में खाद-उन्नत बीज एवं ऋण की अग्रिम वितरण हेतु शासन द्वारा दिशा-निर्देश प्राप्त हुए है। रायगढ़ जिले के समस्त किसानों को जिले के अंतर्गत स्थित 69 सहकारी समितियों से खाद-उन्नत बीज एवं ऋण की अग्रिम वितरण हेतु आवेदन पत्र प्रस्तुत कर योजना का लाभ प्राप्त कर सकते है।
डिप्टी कलेक्टर वास्ते कलेक्टर रायगढ़ ने जिले के समस्त कृषकों को सूचित करते हुए बताया है कि माह मई 2024 के समस्त अवकाशों में भी जिले के अंतर्गत संचालित समस्त सेवा सहकारी संस्थाएं खाद-उन्नत बीज एवं ऋण प्रदाय किए जाने हेतु खुले रहेंगे। रायगढ़ जिला अंतर्गत समस्त किसान अपने नजदीकी सहकारी समितियों में जाकर परमिट/रसीद कटाकर खाद-उन्नत बीज तथा खेती हेतु असक्षम किसानों के लिए फसलीय ऋण प्राप्त करने हेतु आवेदन पत्र प्रस्तुत कर सकते है। जिससे जिले के किसानों को बुवाई के पूर्व/मानसून के पूर्व खाद-बीज एवं उन्नत बीज (यूरिया, डीएपी, एनपीके, सुपर-पोटास)तथा धन (फसलीय ऋण)की कमी न हो।
रायगढ़। कलेक्टर कार्तिकेया गोयल के निर्देशानुसार आगामी मानसून को ध्यान में रखते हुए विकासखंड पुसौर के ऐसे गाँव जो बाढ़ पीडि़त गाँव में आते है जिनमें सिंगपुरी, चंगोरी, परसापाली, बाराडोली, नवापारा (ब), खपरापाली, जिलाड़ी, सिलाड़ी, रायपाली, सूरजगढ़, कोकईमोहान शामिल है। उन गांवों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा काम्बेक्ट टीम का गठन किया जा चुका है। वहीं यहां साँप व जहरीले कीटो के काटने से बचाने हेतु उपचार के लिए एण्टी स्नेक, वीरम भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बी. के. चंद्रवंशी ने अपील की है कि सांप काटने व बुखार, उल्टी, दस्त जैसे लक्षण व पीडि़त होने पर वैद्य, झाड़ फूंक के पास न जाकर चिकित्सक के पास आकर उपचार करावें। इन स्थानों पर महामारी बीमारियों के बचाव व पीडि़त व्यक्तियों के लिये पर्याप्त मात्रा में दवाई उपलब्ध है साथ ही मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने उन गांवो में गर्भवती माताओ के प्रसव के लिये एक कमरा चिन्हांकन करके व्यवस्था हेतु निर्देशित किया गया है जिससे ऐसी स्थिति में गर्भवती माता का सही समय पर प्रसव कराया जा सकें और उन्हें स्वास्थ्य लाभ प्राप्त हो सकें।
सारंगढ़ बिलाईगढ़। कलेक्टर धर्मेश कुमार साहू ने खरीफ वर्ष 2024 हेतु कलेक्ट्रेट सभा कक्ष में किसानों से जुड़े प्रमुख विभाग कृषि, पशुधन, उद्यानिकी, मछलीपालन, सहकारिता सहित बीज निगम, अपेक्स बैंक, मार्कफेड, लीड बैंक एसबीआई के कार्यों की समीक्षा की। बैठक में दलहन, तिलहन, जैविक खेती, यूरिया, डीएपी, एनपीके आदि खाद के आवक, भंडारण और वितरण, मानक और अमानक बीज, केसीसी आदि के संबंध में कलेक्टर ने अधिकारियो से चर्चा की। कलेक्टर ने खाद के डबल लॉक सिस्टम (इस सिस्टम में केंद्र सरकार राज्य और जिले के खाद भंडार गृह में रखे भंडारित को देखकर और मांग के मद्देनजर अगला खाद खेप देता है) के बारे में भी जानकारी ली।
कलेक्टर धर्मेश साहू ने अपेक्स और सहकारिता अधिकारियों को सभी बैंकों से केसीसी सूची लेकर किसानों के ऋण वितरण की जांच करने कहा। बैठक में एसडीएम सारंगढ़ वासु जैन, परियोजना निदेशक पंचायत हरिशंकर चौहान, उप संचालक कृषि आशुतोष श्रीवास्तव, जिला विपणन (मार्कफेड) अधिकारी मनोज यादव, सहायक आयुक्त सहकारिता व्यासनारायण साहू, उप प्रबंधक अपेक्स बैंक, जे पी सिंह, प्रभारी अधिकारी पशुधन सुनील जोल्हेे, लीड बैंक एसबीआई के अधिकारी सुरेश दामके उपस्थित थे।
सारंगढ़-बिलाईगढ़। कलेक्टर धर्मेश कुमार साहू ने जिले के किसानों को संबोधित करते हुए कहा है कि खरीफ मौसम प्रारंभ हो चुका है। इसके साथ ही खेती का काम भी बढ़ने लगा है। जिले के किसान भी अपने खेतों में जुताई बुवाई का काम शुरू कर दिए हैं। अब तक के मौसम पूर्वानुमान अनुसार इस साल सामान्य वर्षा हो सकती है। ऐसे में किसान अगले पखवाड़े से बोनी में तेजी लाने लगेंगे।
खेत में बुवाई के लिए सबसे पहला काम किसान को खाद-बीज की व्यवस्था करना होता है। इस कार्य को सुगमता से कृषि विभाग द्वारा समय पूर्व खाद बीज का भंडारण सभी सहकारी समितियों में करा दिया गया है। जहां से किसान अपनी आवश्यकता अनुसार ऋण पर खाद और बीज प्राप्त कर सकते हैं। यदि हमारे किसान समय पूर्व अपने खाद और बीज की व्यवस्था कर लेते हैं, तो मानसून आते ही बुवाई कार्य प्रारंभ कर सकेंगे। कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार सभी प्रकार के खाद जैसे यूरिया, डीएपी, पोटाश, सुपर फास्फेट, सभी कृषि साख समिति में उपलब्ध है लेकिन डीएपी एक ऐसी खाद है, जो भारत में नहीं बनती है। इसके लिए अन्य देशों से आयात पर निर्भर रहना पड़ता है चूंकि इस वर्ष डीएपी खाद का आयात सामान्य से कम हुआ है। ऐसी स्थिति में इस खाद की सप्लाई नहीं हो रही है लेकिन डीएपी यदि किसानों को नहीं भी मिलता है तो किसान इसके विकल्प के रुप में संचालनालय अनुसंधान सेवायें इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर द्वारा बताए गए (अनुशंसित) रासायनिक खाद फास्फेट या 12:32.16 या 2020013 का उपयोग कर सकते हैं। सभी खाद पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। सुपर फास्फेट के उपयोग से फास्फोरस तत्व के साथ ही सल्फर और कैल्शियम पोषक तत्त्व भी प्राप्त होता है, जो फसल की बढ़वार में महत्वपूर्ण होता है। सारंगढ़ जिले को सभी सहकारी समितियों में अब तक कुल 11839 मैट्रिक टन खाद का भंडारण किया जा चुका है। इसी प्रकार बीज निगम बरमेकला से कुल 8070 क्विटल बीज भी समितियों को भेजा गया है जिसमें स्वर्णा, एमटीयू, 1001, एमटीयू 1153 किस्म का बीज उपलब्ध है।
धान के अलावा अन्य दलहनी तिलहनी फसलों जैसे अरहर, मूंग, उड़द, रागी, तिल, मूंगफली आदि बीजों की भी समय पूर्व व्यवस्था की जा रही है। किसान अपनी आवश्यकता अनुसार रासायनिक खाद बीज का अग्रिम उठाव कर लेवें ताकि समय पर बोनी का कार्य प्रारंभ कर सकें।
उर्वरक तथा जैव उर्वरकों से बनाया जा सकता है डी.ए.पी. का वैकल्पिक व्यवस्था
मृदा में फास्फोरस तत्व की उपलब्धता हेतु उर्वरक तथा जैव उर्वरकों का प्रयोग करके खाद (उर्वरक) डी.ए.पी. का वैकल्पिक व्यवस्था किया जा सकता है। विकल्प हेतु सिंगल सुपर फास्फेट उर्वरक (16 प्रतिशत फास्फोरस), एक बोरी डी.ए.पी. से मिलने वाले तत्वों की पूर्ति हेतु लगभग आधा बोरी यूरिया तथा तीन बोरी सिंगल सुपर फास्फेट का प्रयोग कर सकते हैं। मिश्रित उर्वरक (यथा इफको 12:32:16, ग्रोमोर 28:28:0 तथा अन्य फास्फोरस युक्त मिश्रित उर्वरक) और मृदा में उपस्थित स्फूर की उपलब्धता में वृद्धि करने हेतु स्फूर घुलनकारी जैव उर्वरकों (यथा पी.एस.वी.) का प्रयोग लाभकारी होगा।