छत्तीसगढ़

प्रधान पाठकों के रिटायरमेंट के 24 घंटे में ही कलेक्टर धर्मेश साहू ने दिया पेंशन भुगतान प्रमाण पत्र
Posted Date : 02-Jun-2024 12:23:49 am

प्रधान पाठकों के रिटायरमेंट के 24 घंटे में ही कलेक्टर धर्मेश साहू ने दिया पेंशन भुगतान प्रमाण पत्र

सारंगढ़ बिलाईगढ़।  शिक्षक द्वारा जीवन भर दिए सेवा के सम्मान में कलेक्टर धर्मेश कुमार साहू ने कलेक्टर कार्यालय में जिले के 5 प्रधान पाठकों को 31 मई 2024 को सेवानिवृत्त के 24 घंटे के भीतर में ही पेंशन पेमेंट ऑर्डर (पीपीओ) प्रदान किया। जिले ने त्वरित कार्य प्रणाली में यह एक नई उपलब्धि है। पीपीओ में इन शासकीय सेवकों के जीआईएस, जेपीएफ, बीमा, पेंशन, पेंशन ग्रेजयूटी आदि शामिल है, जिनका 5 मई तक उनके बैंक खाता में राशि ऑनलाइन भुगतान होगा। जिन 5 प्रधान पाठकों को यह पीपीओ उनमें महिपाल साहू, प्राथमिक शाला धौरादरहा, अमर सिंह सिदार, प्राथमिक शाला पिक्रीपाली, राम लाल सिदार  प्राथमिक शाला राजपुर, राम सागर पटेल प्राथमिक शाला खपरापाली और प्रकाश कुमार साहू प्राथमिक शाला सांकरा शामिल है।इस अवसर पर डीईओ भगत, बीईओ नरेश चौहान, एबीईओ किशोर पटेल उपस्थित थे। कलेक्टर धर्मेश कुमार साहू एवं जिला शिक्षा अधिकारी एस एन भगत के मार्गदर्शन में और विकासखंड शिक्षा अधिकारी बरमकेला के नरेश चौहान के नेतृत्व में यह कार्य किया गया।
कलेक्टर के हाथों से पीपीओ प्राप्त करने वाले शिक्षक अत्यंत खुश नजर आए। साथ ही कलेक्टर एवं जिला शिक्षा अधिकारी और विकासखंड शिक्षा अधिकारी नरेश कुमार चौहान का प्रशंसा करते हुए कहा है कि इसी प्रकार की सभी कार्यालय को भी पहल करना चाहिए। बीईओ नरेश चौहान ने बताया कि इस कार्य को करने के लिए पूर्व से ही योजनाबद्ध तरीके से काम करना पड़ता है, जिसके लिए उन्होंने कार्यालय के प्रदीप पटेल, राजकिशोर पटेल एवं अन्य सभी स्टाफ को धन्यवाद दिया है। साथ ही आगे भी इसी तरह से काम करते रहने के लिए भी स्टाफ को प्रेरित किया है।
उल्लेखनीय है कि किसी भी शासकीय सेवक जिस दिन से सेवानिवृत्त होते हैं उसके बाद से ही पेंशन प्रकरण एवं अन्य स्वायत्तों के भुगतान प्राप्त करने हेतु संबंधित कार्यालय से कार्य नही होने पर अनावश्यक समय और बार बार कार्यालय आने से मानसिक रूप से भी परेशान हो जाते हैं।

 

भीषण गर्मी तक सुबह 7 से 9 बजे तक खुलेंगे आंगनबाड़ी केन्द्र
Posted Date : 02-Jun-2024 12:23:33 am

भीषण गर्मी तक सुबह 7 से 9 बजे तक खुलेंगे आंगनबाड़ी केन्द्र

सारंगढ़ बिलाईगढ़।  भीषण गर्मी और लू से नन्हें बच्चों और आंगनबाड़ी कर्मियों को राहत देते हुए महिला एवं बाल विकास विभाग ने आंगनबाड़ी केन्द्र के संचालन के समय में परिवर्तन किया है। इसके अनुसार अब छत्तीसगढ़ के सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों के संचालन की अवधि सुबह 7 बजे से 9 बजे तक दो घंटे करने के लिए अधिकारियों को पत्र लिखा गया है। गर्मी कम होने की स्थिति में 1 जुलाई तक पुनः सुबह 7 बजे से 11 बजे तक कार्य अवधि किया जाएगा और 1 जुलाई के बाद सुबह 9.30 से 3.30 बजे तक किया जाएगा। इस आशय का पत्र मंत्रालय महानदी भवन नवा रायपुर से जारी किया गया है।

 

डीएपी खाद के विकल्प मिक्स खाद 20:20:0:13 का उपयोग कर सकते हैं किसान
Posted Date : 02-Jun-2024 12:23:24 am

डीएपी खाद के विकल्प मिक्स खाद 20:20:0:13 का उपयोग कर सकते हैं किसान

सारंगढ़-बिलाईगढ़।  कलेक्टर धर्मेश कुमार साहू ने खरीफ सीजन की खेती के लिए कृषि, बीज निगम, सहकारिता और मार्कफेड की बैठक ली। बैठक में कृषि अधिकारी आशुतोष श्रीवास्तव ने बताया कि खेत में बुवाई के लिए किसान के खाद-बीज की व्यवस्था कृषि विभाग द्वारा समय पूर्व खाद बीज का भंडारण सभी सहकारी समितियों में करा दिया गया है। जहां से किसान अपनी आवश्यकता अनुसार ऋण पर खाद और बीज खरीद सकते हैं। किसान समय पूर्व खाद और बीज घरों में ले आते हैं, तो मानसून आते ही बुवाई कार्य प्रारंभ कर सकेंगे। सभी प्रकार के खाद जैसे यूरिया, डीएपी, पोटाश, सुपर फास्फेट, सभी कृषि साख समिति में उपलब्ध है, लेकिन डीएपी एक ऐसी खाद है, जो भारत में नहीं बनती है। इसके लिए अन्य देशों से आयात पर निर्भर रहना पड़ता है और आयात सामान्य से कम हुआ है। ऐसी स्थिति में इस खाद की सप्लाई नहीं हो रही है लेकिन डीएपी यदि किसानों को नहीं भी मिलता है तो किसान इसके विकल्प के रुप में संचालनालय अनुसंधान सेवायें इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर द्वारा बताए गए (अनुशंसित) मिक्स खाद 20:20:0:13 का उपयोग कर सकते हैं, जिसकी सप्लाई डीएमओ स्तर से की जानी है। सभी खाद समितियों में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। कलेक्टर साहू ने सभी समितियों को इस खाद के लिए डिमांड लेटर (मांग पत्र) जारी करने कहा है।
उर्वरक तथा जैव उर्वरकों से बनाया जा सकता है डी.ए.पी. का वैकल्पिक व्यवस्था
मृदा में फास्फोरस तत्व की उपलब्धता हेतु उर्वरक तथा जैव उर्वरकों का प्रयोग करके खाद (उर्वरक) डी.ए.पी. का वैकल्पिक व्यवस्था किया जा सकता है। विकल्प हेतु सिंगल सुपर फास्फेट उर्वरक (16 प्रतिशत फास्फोरस), एक बोरी डी.ए.पी. से मिलने वाले तत्वों की पूर्ति हेतु लगभग आधा बोरी यूरिया तथा तीन बोरी सिंगल सुपर फास्फेट का प्रयोग कर सकते हैं। मिश्रित उर्वरक (यथा इफको 12:32:16, ग्रोमोर 28:28:0 तथा अन्य फास्फोरस युक्त मिश्रित उर्वरक) और मृदा में उपस्थित स्फूर की उपलब्धता में वृद्धि करने हेतु स्फूर घुलनकारी जैव उर्वरकों (यथा पी.एस.वी.) का प्रयोग लाभकारी होगा।

 

समितियों में खाद बीज भंडारित है, किसान शीघ्र करें उठाव: कलेक्टर धर्मेश साहू
Posted Date : 02-Jun-2024 12:23:09 am

समितियों में खाद बीज भंडारित है, किसान शीघ्र करें उठाव: कलेक्टर धर्मेश साहू

सारंगढ़ बिलाईगढ़।  कलेक्टर धर्मेश कुमार साहू की अध्यक्षता में कृषि, सहकारिता, बीज निगम, मार्कफेड की संयुक्त बैठक आयोजित की गई। इस अवसर पर सहकारी समिति के प्रबंधक, जिले के कृषि विस्तार अधिकारी उपस्थित थे। बीज निगम के अधिकारी ने बताया कि जिले में 15 हजार 964 क्विंटल बीज उपलब्ध है। बैठक में कलेक्टर धर्मेश कुमार साहू ने कहा कि जिले के सभी समितियों में खाद बीज का भंडारण किया जा चुका है। सभी किसान खाद बीज का शीघ्र उठाव करें। साथ ही प्रबंधक और कृषि विस्तार अधिकारी गांवों में समिति से खाद बीज के उठाव के लिए मुनादी कराएं और इस कार्य को शीघ्र करने के लिए सभी किसानों को प्रेरित करें। बैठक में साहू ने कहा कि प्रबंधक और कृषि विस्तार अधिकारी अपने से संबंधित किसानों का एक व्हाटसअप ग्रुप भी बना सकते हैं और जरूरी कृषि से संबंधित खाद बीज एवं अन्य किसानों से जुड़े लाभ का संदेश भी ग्रुप में प्रसारित कर उनको जानकारी दे सकते हैं। साहू ने मार्कफेड अधिकारी मनोज यादव को कहा कि डिमांड के आधार पर खाद का भंडारण समितियों में कराएं। बैठक में कलेक्टर ने जिले के सभी समितियों से क्रमवार खाद बीज के भंडारण और वितरण के संबंध में जानकारी ली और जिन समितियों के भंडारण वितरण में कमी पायी उनसे जुड़े अधिकारियों और प्रबंधकों को शीघ्र कार्य करने कहा। कलेक्टर ने कहा कि खाद बीज के संबंध में कमी या शिकायत अपने नजदीकी समिति प्रबंधक कृषि विस्तार अधिकारी या जिला कृषि कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं। इस अवसर पर एसडीएम सारंगढ़, परियोजना निदेशक हरिशंकर चौहान, कृषि उप संचालक आशुतोष श्रीवास्तव, मार्कफेड अधिकारी मनोज यादव, सहकारिता सहायक आयुक्त व्यासनारायण साहू उपस्थित थे। बैठक में मृदा से फसल उत्पादन में बढ़ावा देने फसल परिवर्तन हेतु किसानों को प्रेरित करने, मृदा स्वास्थ्य परीक्षण, केवायसी अपडेट के संबंध में अधिकारियों को शीघ्र कार्य करने के निर्देश दिए।

 

इच्छुक पात्र किसान ले सकते हैं केसीसी का लाभ
Posted Date : 02-Jun-2024 12:22:47 am

इच्छुक पात्र किसान ले सकते हैं केसीसी का लाभ

  • केसीसी के आवेदनों पर पात्र को शीघ्र लाभ दिलाने कलेक्टर ने दिए निर्देश

सारंगढ़ बिलाईगढ़।  कलेक्टर धर्मेश कुमार साहू ने कृषि, सहकारिता, बीज निगम, मार्कफेड की संयुक्त बैठक ली। साहू ने जिले के सहकारी समिति के प्रबंधक और जिले के कृषि विस्तार अधिकारी को कहा कि किसान खरीफ फसल के लिए आवश्यक खाद बीज हेतु केसीसी का उपयोग कर सकते हैं। केसीसी के लिए यदि वे पात्र हैं तो आवश्यक दस्तावेज संबंधित के पास आवेदन प्रस्तुत करें। कलेक्टर ने सभी अधिकारियों और समिति प्रबंधक को कहा कि किसी भी पात्र किसान को केसीसी का लाभ मिलना चाहिए। उसके लिए आवेदन प्रस्तुत करते ही सभी शीघ्र कार्य कर उनको केसीसी का लाभ दिलाएं। जिले के ऐसे सभी इच्छुक किसान केसीसी का आवेदन संबंधित को प्रस्तुत कर उसका लाभ ले सकते हैं। बैठक में सहकारी समिति के प्रबंधक और कृषि विस्तार अधिकारी बड़ी संख्या में उपस्थित थे। इस अवसर पर एसडीएम सारंगढ़, परियोजना निदेशक हरिशंकर चौहान, कृषि उप संचालक आशुतोष श्रीवास्तव, मार्कफेड अधिकारी मनोज यादव, सहकारिता सहायक आयुक्त व्यासनारायण साहू उपस्थित थे।

 

किसान एचएमटी के विकल्प देवभोग चावल का उत्पादन कर बढ़ा सकते हैं आय
Posted Date : 02-Jun-2024 12:21:45 am

किसान एचएमटी के विकल्प देवभोग चावल का उत्पादन कर बढ़ा सकते हैं आय

  • सामान्य चावल का उपज 20-25 प्रति क्विंटल वहीं देवभोग चावल का उपज 55-60 प्रति क्विंटल

सारंगढ़ बिलाईगढ़।  कलेक्टर धर्मेश कुमार साहू ने कृषि, सहकारिता, बीज निगम, मार्कफेड की संयुक्त बैठक ली। बैठक में बीज निगम के अधिकारी ने कहा कि एचएमटी चावल के विकल्प के रूप में किसान देवभोग बीज का उपयोग कर सकते हैं। छत्तीसगढ़ देवभोग चावल की औसत उपज 55 से 60 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। छत्तीसगढ़ के कृषि वैज्ञानिक डॉ. संदीप भंडारकर ने बताया कि स्वर्णा चावल और जीराशंकर चावल को ब्रीड कर हमने छत्तीसगढ़ देवभोग चावल की किस्म बनायी है। इसकी विशेषता काफी सारी हैं। इसका जो दाना है वह माध्यम पतला दाना होता है। यह अधिकतम उत्पादन देने वाले किस्म में से है। छत्तीसगढ़ देवभोग चावल पकने के बाद की खुशबू दूसरे किस्मों से इसे अलग बनाती है। यही कारण है कि इसकी बाजार में डिमांड काफी ज्यादा है। छत्तीसगढ़ की जितनी प्रीमियम रेंज की चावल है उसका उत्पादन प्रति हेक्टेयर 20 से 25 क्विंटल ही है, लेकिन छत्तीसगढ़ देवभोग चावल की औसत उपज 55 से 60 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। वहीं मार्केट में इसकी डिमांड भी काफी अधिक होती है। इसको देखते हुए लगातार कृषि विश्वविद्यालय के साइंटिस्टों द्वारा ऐसे चावलों की किस्मों का आविष्कार किया जा रहा है, जो प्रीमियम रेंज के तो हों लेकिन उसकी प्रोडक्टिविटी भी ज्यादा हो. ताकि यहां के किसानों का फायदा भी मिल सके। वे एक्सपोर्ट भी कर सके। इसी कड़ी में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में स्वर्णा चावल और जीराशंकर चावल को ब्रीड कर छत्तीसगढ़ देवभोग चावल बनाया गया था।
भगवान श्रीराम और जगन्नाथ जी के भोग बनते हैं देवभोग चावल से
छत्तीसगढ़ के देवभोग चावल की तारीफ के लिए इतना काफी है भगवान श्रीराम के अयोध्या मंदिर के शुभारंभ पर इसी चावल से भोग के लिए चुना गया था और छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा देवभोग चावल को भेजा गया है। एक और जनश्रुति है कि भगवान जगन्नाथ के भोग के लिए भी देवभोग चावल का उपयोग किया जाता है।