रायपुर- बीते 15 सालों में जो विधानसभा ने नहीं देखा, वह आज देखने को मिला. छत्तीसगढ़ विधानसभा ने ऐसी तस्वीर पहले कभी नहीं देखी थी. दरअसल मुख्यमंत्री डाॅ.रमन सिंह पहली बार अपने किसी मंत्री के कमरे में जा पहुंचे. हुआ कुछ यूं कि सेंट्रल हाॅल में मीडिया प्रतिनिधियों के साथ ग्रुप फोटो में शामिल होने के बाद विधानसभा परिसर स्थित अपने कमरे में लौट रहे थे, अचानक वे संसदीय कार्यमंत्री अजय चंद्राकर के कमरे में जा पहुंचे.संसदीय कार्यमंत्री के कमरे में मुख्यमंत्री के पहुंचने की खबर सुनकर करीब के कमरे में बैठे मंत्री बृजमोहन अग्रवाल और प्रेमप्रकाश पांडेय भी वहां पहुंच गए. कमरे में सिर्फ मुख्यमंत्री डाॅ.रमन सिंह और तीनों मंत्रियों के अलावा कोई और नहीं था. अधिकारियों के साथ-साथ सुरक्षा में लगे जवाब भी कमरे के बाहर ही खड़े रहे. मुख्यमंत्री आधा घंटे से ज्यादा समय तक अपने कद्दावर मंत्रियों के साथ रायशुमारी करते रहे. इस पल की सामने आई तस्वीरें बताती हैं कि इस बैठक के दौरान अट्टाहास का दौर भी चला, तो गंभीर राजनीतिक मुद्दों पर भी गहन चर्चा की गई. मंत्रीगणों से चर्चा के बाद बाहर निकले मुख्यमंत्री से पूछा कि तीन बार की सरकार में यह पहला मौका देखने को मिला, जब सत्र की कार्यवाही के दिनों में आप मंत्री लाॅबी की ओर आए. संसदीय कार्यमंत्री के कमरे में लंबे समय तक बैठे? इस सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने हंसते हुए कहा कि-चाय पीने की इच्छा हो रही थी. इसलिए संसदीय कार्यमंत्री के कमरे में आ गया.चाय पीने की इच्छा हो रही थी. इसलिए संसदीय कार्यमंत्री के कमरे में आ गया.मुख्यमंत्री का मंत्री लाॅबी स्थित संसदीय कार्यमंत्री अजय चंद्राकर के कमरे में आना भले ही यूं ही हो गया हो, लेकिन इस दौरान कई अहम मुद्दों पर भी चर्चा की खबर है. संसदीय कार्यमंत्री अजय चंद्राकर ने बातचीत में कहा कि-मुख्यमंत्री जी के साथ सामान्य चर्चा हुई है. उनके आने की खबर सुनकर बृजमोहन अग्रवाल और प्रेमप्रकाश पांडेय जी भी कमरे में आए. राजनीतिक मुद्दों पर भी चर्चा हुई. सदन में कांग्रेस ने अविश्वास प्रस्ताव लाया है, लिहाजा इसे लेकर भी हमारे बीच कुछ चर्चाएं हुई है.मुख्यमंत्री जी के साथ सामान्य चर्चा हुई है. उनके आने की खबर सुनकर बृजमोहन अग्रवाल और प्रेमप्रकाश पांडेय जी भी कमरे में आए. राजनीतिक मुद्दों पर भी चर्चा हुई. सदन में कांग्रेस ने अविश्वास प्रस्ताव लाया है, लिहाजा इसे लेकर भी हमारे बीच कुछ चर्चाएं हुई है.
बिलासपुर. हाईकोर्ट के नए चीफ जस्टिस अजय कुमार त्रिपाठी 7 जुलाई को राजभवन में शपथ लेंगे. राज्यपाल बलरामजी दास टंडन नए चीफ जस्टिस को उनके पद की शपथ दिलाएंगे. अजय कुमार त्रिपाठी अब चीफ जस्टिस टीबी राधाकृष्णन का स्थान लेंगे. सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने छत्तीसगढ़ का चीफ जस्टिस बनाने के लिए त्रिपाठी के नाम की अनुशंसा की थी.बता दें कि चीफ जस्टिस त्रिपाठी इससे पूर्व पटना हाई कोर्ट में न्यायाधीश रह चुके हैं. बोकारो इस्पात नगर से इनका गहरा नाता है. इन्होंने स्कूली शिक्षा संत जेवियर्स स्कूल बोकारो में ग्रहण की. यहां से प्लस टू स्तर की शिक्षा हासिल किए. इसके बाद उन्होंने दिल्ली के मशहूर श्रीराम कॉलेज से उच्च शिक्षा ग्रहण की. दिल्ली विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई पूरी किए.उन्होंने 1981 से हाई कोर्ट में प्रैक्टिस शुरू की. नौ अक्टूबर, 2006 से ही उन्होंने पटना हाई कोर्ट में जज के रूप में कार्य शुरू किया. वे 21 नवंबर, 2007 को हाई कोर्ट के नियमित जज बने. गोल्फ में उनकी गहरी रुचि है. वे अंतर राज्यस्तरीय गोल्फ टूर्नामेंट में भी हिस्सा ले चुके हैं.वे 2007 से 2009 तक पटना गोल्फ क्लब के अध्यक्ष रहे. इनके पिता पंडित हरि नारायण त्रिपाठी समाजसेवी हैं. इनके छोटे भाई विजय कुमार त्रिपाठी एवं अभय त्रिपाठी आईएएस अधिकारी हैं. इनके दादा पं. परमानंद त्रिपाठी मजदूर नेता एवं बिहार इंटक के अध्यक्ष थे.
कोरबा। कई लोगों को रेलवे फाटक बंद होने के बाद भी ट्रैक पार करने की इतनी जल्दबाजी होती है कि वो कुछ भी कर गुजरने को तैयार हो जाते हैं। बंद फाटक से ट्रैक पार करते हुए कई लोगों को अपनी जिंदगी से भी हाथ धोना पड़ा है। लेकिन हम यहां बताने जा रहे हैं कोरबा कुसमुंडा रेलवे फाटक पार कर रहे एक युवक के बारे में, जिसे देखकर लोगों की रुह तक कांप गई। दरअसल, मंगलवार को कोरबा कुसमुंडा रेलवे फाटक बंद होने के बावजूद एक युवक बाइक सहित पटरियां पार कर रहा था। युवक शॉर्टकट के चक्कर में फाटक के बजाए दूसरी जगह से बाइक निकलने की कोशिश कर रहा था। लेकिन उस शख्स को पटरी पार करना तब महंगा पड़ा जब उस ट्रैक में एकाएक छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस आ गई। ट्रेन को करीब आता देख युवक ने पटरी पर ही अपनी बाइक छोड़ दी और मौके से भाग निकला। युवक की किस्मत अच्छी थी की वो बच गया और मौके से भाग गया। ट्रेन के ड्राइवर ने जैसे ही देखा उसने तत्काल ट्रेन रोकी। वहीं ट्रेन की चपेट में आने से युवक की बाइक पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गयी है। हादसा आज सुबह करीब 11.00 बजे का है जब फाटक के बजाये कुसमुंडा पेट्रोल पम्प के पीछे से एक बाइक चालक पटरिया पार करने की कोशिश कर रहा था। वह शख्स कौन था यह तो पता नहीं चल सका है। लेकिन लोगो के मुताबिक वह नगरपालिका में पदस्थ लेखापाल है। घटना की सूचना लोको पायलट ने तत्काल कंट्रोल रूम को दिया जहां से आरपीएफ और दूसरे कर्मियों की टीम मौके के लिए रवाना हो गयी है। इस हादसे में युवक की जान बाल-बाल बच गया।
रायपुर। पीएटी-2018 प्रवेश परीक्षा में शामिल सभी छात्र-छात्राओं को इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय की ऑनलाइन काउंसिलिंग में 15 जुलाई के पूर्व पंजीयन कराना अनिवार्य है। पीएटी परीक्षा में शामिल अभ्यर्थी जिनका कोई भी रैंक हो ऑनलाइन पंजीयन करा सकते हैं। महाविद्यालयों में सीटों की उपलब्धता के आधार पर वे प्रवेश के पात्र होंगे। 15 जुलाई तक ऑनलाइन काउंसिलिंग के लिए पंजीयन न करने वाले अभ्यर्थी महाविद्यालयों में प्रवेश के पात्र नहीं होंगे अर्थात उक्त तिथि तक ऑनलाइन पंजीयन न करने वाले अभ्यर्थियों को महाविद्यालयों में दाखिला नहीं मिल सकेगा। ऑनलाइन काउंसिलिंग के प्रथम चरण के तहत 1 जुलाई से 15 जुलाई तक आवेदन फार्म भरने के लिए ऑनलाइन पंजीयन, फीस जमा कर दस्तावेज अपलोड किए जा सकेंगे। 18 जुलाई को सीट और महाविद्यालय का आबंटन किया जाएगा।
19 जुलाई से 21 जुलाई तक अभ्यर्थी आबंटित प्रोविजनल सीट को सुरक्षित करने हेतु ऑनलाइन फीस जमा कर सकेंगे। दस्तावेज परीक्षण के लिए अभ्यर्थियों को 19 जुलाई से 22 जुलाई के मध्य कृषि महाविद्यालय रायपुर में उपस्थित होना होगा और 19 जुलाई से 25 जुलाई के मध्य आबंटित महाविद्यालय में अपनी उपस्थिति दर्ज करानी होगी। महाविद्यालयों में रिक्त सीटों के लिए द्वितीय चरण की काउंसलिंग 27 जुलाई, तृतीय चरण की चरण की काउंसिलिंग 2 अगस्त और अंतिम चरण की काउंसिलिंग 8 अगस्त को होगी। निजी महाविद्यालयों में प्रबंधन कोटे की सीटों पर प्रवेश के लिए सीधे संबंधित निजी महाविद्यालय में संपर्क कर सकते हैं। प्रबंधन कोटे में प्रवेश 13 से 16 अगस्त के मध्य होगा।
रायपुर । मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव पर चुटकी ली है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता का विश्वास भाजपा के साथ है, 15 सालों में कांग्रेस जनता के विश्वास को डिगा पाने में नाकाम रही है। मुख्यमंत्री ने मानसून सत्र में कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी पर चुटकी लेते हुए कहा कि 15 साल हो गये हैं अविश्वास करते-करते…ये आखिरी मौका है, इस आखिरी सत्र में भी वो अविश्वास प्रस्ताव ले आयें, लेकिन मैं कहता हूं कि जनता का विश्वास उनके साथ है, 15 सालों में वो जनता का विश्वास डिगा पाने में नाकाम रहे हैं, हम 2018 में पूरी मजबूती के साथ अपनी सरकार बना रहे हैं, और अगले कार्यकाल में भी उनके अविश्वास प्रस्ताव का सामना करने के लिए तैयार हैं दरअसल कांग्रेस इस मौजूदा मानसून सत्र में अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रही है। कांग्रेस कल से विधानसभा सत्र के दौरान शुरुआती वक्त से ही सरकार पर हमला करने की तैयारी कर रही है। कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए 100 से ज्यादा बिंदु तेैयार किये हैं।
रायपुर– पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने कहा कि स्विस बैक में भारतीय खाताधारको का कालाधन 50 प्रतिशत राशि बढ़कर 7000 करोड़ पहुच गया है। सिद्ध करता है कि मोदी सरकार में कालाधन में अप्रत्याशित इजाफा हुआ है। निश्चित रूप से शर्मसार करने वाली बात है। आश्चर्य तो इस बात का है कि 43 बार स्वीजरलैण्ड समेत विदेश भ्रमण के बावजूद कालेधन की बढ़ोतरी की भनक प्रधानमंत्री या भाजपा सरकार को नही लगी।जोगी ने कहा कि वित्त मंत्री अरूण जेटली का कहना कि स्विस बैंक में भारतीय खाताधारकों की जमा सम्पूर्ण राशि कालाधन नही है। सुनकर आश्चर्य हुआ। जेटली को मालूम है कि कितना कालाधन काला है और कितना नही…अपने आप में कई प्रश्न पैदा करते हैं। जो राशि एक नम्बर की है उसे अपने देश में जमा करने क्या दिक्कत है।जोगी ने कहा है कि देश के बडे़-बडे़ उद्योगपति, व्यापारी और नम्बर दो की इन्कम वाले धनाडय राजनेताओं ने स्विस बैक में बहुत बड़ी मात्रा में कालाधन जमा किया है। अब तो चर्चा है कि स्विस बैक को स्विस बैक आफ इंडिया कहा जाये तो बेहतर होगा। जेटली को चाहिए कि स्विस बैंक में जमा जितनी रकम कालाधन की परिधी में नही है उन्हें सार्वजनिक किया जाए। उक्त राशि की घोषणा और आईटी रिटर्न भरने स्विस बैंक के भारतीय खाताधारको को सरकार के माध्यम से भारतीय बैंको में जमा करने का आदेश दिया जाए।जोगी ने बताया कि स्विस बैंक में कोई भी भारतीय रकम जमा करता है उसे कालाधन ही कहा जायेगा। क्योकि वह अघोषित होता है। खाताधारकों की यह प्रकिया देशद्रोह की श्रेणी में आता है। ऐसे अपराधी तत्वों के खिलाफ जीरों में अपराध दर्ज किया जाए। ऐसे गद्दारों के खिलाफ मुकदमा चलाकर कठोर दण्ड दिया जाए। केन्द्र की भाजपा सरकार कालाधन धारको के खिलाफ कार्यवाही करने में परहेज करती है। जबकि आम चर्चा है कि स्विस बैंक के कालाधन खाताधारको में सत्ताधारी भाजपा के प्रति आस्था रखने वाले रसूखदार, उद्योगपती और राजनेताओं का ही पैसा है।