बेमेतरा, 18 नवम्बर । जिले के तीन विधानसभा क्षेत्रों में 20 नवम्बर को मतदान है। जिला निर्वाचन अधिकारी ने मतदाताओं से बिना किसी डर-भय के निर्भीक होकर मतदान करने की अपील की है। यदि कोई व्यक्ति मतदाताओं को डराने-धमकाने का कार्य करता है। तो तुरंत इसकी सूचना निकटतम पुलिस थाना/चैकी में दें। मतदान के दिन को छुट्टी के रूप में नहीं लेना चाहिये। मतदान हमारा अधिकार ही नहीं बल्कि कर्तव्य भी है।
बेमेतरा, 18 नवम्बर । कलेक्टर महादेव कावरे ने बताया कि बेमेतरा राजस्व जिले के अंतर्गत जिले के तीन विधानसभा क्षेत्रों के लिए 729 पोलिंग बूथ बनाये गए है, इसमें तीन सहायक बूथ भी शामिल है। जिले में मतदाताओं की कुल संख्या 5 लाख 87 हजार 106 है। इनमें से 2 लाख 97 हजार 293 पुरूष एवं 2 लाख 89 हजार 813 महिला मतदाता शामिल है। जिले में दिव्यांग मतदाताओं की संख्या 3727 एवं थर्ड जेंडर 07 है। इनमें साजा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत एक लाख 45 हजार 824, बेमेतरा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 2 लाख 3 हजार 645 एवं नवागढ़ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 2 लाख 37 हजार 637 मतदाता शामिल है। इनमें साजा वि.स. क्षेत्र के अंतर्गत 73 हजार 717 पुरूष मतदाता एवं 72 हजार 107 महिला मतदाता है। बेमेतरा वि.स. क्षेत्र के अंतर्गत एक लाख 2 हजार 602 पुरूष मतदाता एवं एक लाख एक हजार 043 महिला मतदाता शामिल है। इसी तरह वि.स. नवागढ़ क्षेत्र के अंतर्गत एक लाख 20 हजार 974 पुरूष मतदाता एवं एक लाख 16 हजार 663 महिला मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। कलेक्टर ने बताया कि सर्विस वोटर्स की संख्या 130 है, वे इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलेट सिस्टम (ई.टी.पी.बी.एस.) के जरिए अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। जिले के शासकीय सेवकों को 2945 डाक मतपत्र जारी किए गए है। इनमें विधानसभा क्षेत्र साजा के अंतर्गत 1002, बेमेतरा 1041 एवं नवागढ़ 902, इनमें से आज रविवार तक 788 डाक मतपत्र जमा किया गया है। उन्होंने बताया कि साजा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 99 मतदान केन्द्र दुर्ग जिले के विकासखंड धमधा के अंतर्गत एवं बेमेतरा विधानसभा क्षेत्र के 22 मतदान केन्द्र दुर्ग जिले में शामिल है, मतदान उपरांत ई.व्ही.एम. मशीन बेमेतरा स्थित स्ट्रांग रूम में जमा की जायेगी।
0-विधानसभा निर्वाचन 2018
धमतरी, 18 नवंबर । विधानसभा निर्वाचन-2018 के तहत जिले के तीनों विधानसभा क्रमश: सिहावा, कुरूद और धमतरी के कुल पांच लाख 92 हजार 348 मतदान अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इनमें दिव्यांग मतदाताओं की संख्या 3445 है, जिसमें दृष्टिबाधित 380, श्रवणबाधित 560, अस्थिबाधित 2440 और 65 अन्य प्रकार के दिव्यांग सम्मिलित हैं। ज्ञात हो कि जिले में कुल 733 मतदान केन्द्र बनाए गए हैं। जिले में मतदान को सुचारू और शांतिपूर्ण सम्पन्न कराने के लिए 184 माइक्रो ऑब्जर्वर, मतदाता पर्ची वितरण के लिए 733 बी.एल.ओ, 94-94 जोनल और सेक्टर अधिकारी, 156 चिकित्सा अधिकारी, 730 पीठासीन अधिकारी, 50-50 मतगणना पर्यवेक्षक और सहायक नियुक्त किए गए हैं। साथ ही 13 व्यय प्रेक्षक भी नियुक्त किए गए हैं।
जगदलपुर, 18 नवंबर । यातायात विभाग द्वारा दो माह पूर्व एनएच एवं शहर सीमा से लगी सडक़ों पर दुर्घटना के लिहाज से संवेदनशील स्थलों को चिन्हांकन किया था। इन स्थानों पर सुरक्षा के लिहाज से सूचना फलक एवं ब्रेकर भी लगाए गए थे। इसके बावजूद भी सडक़ दुर्घटनाएं नहीं रूक पा रही हैं। वहीं एनएच में भी हादसों में लगातार बढोत्तरी दर्ज की जा रही है।
ज्ञात हो कि यातायात पुलिस ने एनएच विभाग के सहयोग से दो माह पूर्व ही कुम्हड़ाकोट, इंद्रावती नदी नया पुल के आगे, आसाना मोड़, गीदम रोड, वन विद्यालय के पास, बोधघाट रोड, अतिथि होटल के पास, बोधघाट तिराहा, एरोड्रम रोड, डीएच चौक व एनएमडीसी चौक को एक्सीडेंटल प्वांइट के रूप में चिन्हांकन किया गया था। इन स्थानों पर काफी संख्या में सडक़ दुर्घटनाएं घटित हुई हैं। जिला सडक़ सुरक्षा समिति की बैठक में भी दुर्घटना जन्य जोन का चिन्हांकन करने एवं हादसों पर रोकथाम करने का निर्णय लिया गया था। इसके बावजूद भी इन क्षेेत्रों में लगातार सडक़ दुर्घटनाएं हो रही हैं। इसके पीछे कारण यह बताया जा रहा है कि शहर के ट्रेफिक प्वाइंट में तो यातायात कर्मी तैनात रहते हैं लेकिन राजमार्ग पर मोबाईल वाहन की गश्त आवश्यकता अनुरूप नहीं की जाती है। ज्ञात हो कि बीते छह माह में बायपास सडक़ आड़ावाल-मारेंगा तथा एनएच 30 व एनएच 63 में 28 लोगों की सडक़ दुर्घटनाओं में मौत हुई हैं।
जगदलपुर, 18 नवंबर । संभाग के सभी जिलों में नक्सली आतंक इतना पसर गया है कि यहां के ठेकेदारों ने साफ-साफ बिना सुरक्षा के किसी भी निर्माण कार्य को करने में अपनी असमर्थता प्रदर्शित कर दी है, जिसके कारण निर्माण कार्य ठप हो गये हैं। बस्तर के सुकमा, दंतेवाड़ा और बीजापुर जिलों का यही हाल है।
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों चुनाव कार्य में लगे रहे सुरक्षा बलों की व्यवस्तता से क्षेत्र में चल रहे निर्माण कार्यों को सुरक्षा प्रदान नहीं की जा सकी और इन जिलों में हुए भारी मतदान से नक्सलियों ने इन निर्माण कार्यों को ही अपनी खीझ मिटाने निशाना बनाया। इसका उदाहरण अरनपुर, जगरगुड़ा मार्ग पर काम कर रहे ठेकेदार व उनके मजदूरों पर नक्सली धावा से सामने आया और अब ठेकेदारों ने यहां आगे काम करने से मना कर दिया है। इसी प्रकार दंतेवाड़ा जिले के नीलवाया में एक निर्माणाधीन सडक़ पर नक्सलियों के प्रहार से तीन जवानों सहित मीडियाकर्मी की भी मौत से कामकाज बंद हो गया है। क्षेत्र में इस प्रकार दर्जनों विकास की संवाहक सडक़ों का निर्माण बंद हो गया है।
अब जानकारी के अनुसार पुन: कार्य शुरू करने के लिए इन निर्माण कार्यों को सुरक्षा प्रदान करने की तैयारी की जा रही है और 20 नवंबर के बाद इनका निर्माण शुरू हो सकेगा।