छत्तीसगढ़

आदिवासियों को जोडऩे की फिराक में कांग्रेस
Posted Date : 12-Jul-2018 5:37:26 am

आदिवासियों को जोडऩे की फिराक में कांग्रेस

रायपुर। सर्व आदिवासी समाज 30 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारकर कांग्रेस का समीकरण न बिगाड़े, इसके लिए कांग्रेस ने रणनीति बनाई है। पार्टी के ऐसे आदिवासी नेताओं को रणनीति पर काम करने की जिम्मेदारी दी गई है, जिनकी सर्व आदिवासी समाज में भी दखल है। बैठक की सूचना को लेकर एक बार फिर पार्टी की लापरवाही नजर आई। कई नेताओं का कहना है कि उन्हें पहले सूचना नहीं दी गई थी, इस कारण वे बैठक में नहीं पहुंच पाए।
तीन दिनों के प्रवास पर आए कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और छत्तीसगढ़ प्रभारी अरुण उरांव ने दिल्ली लौटने से पहले बुधवार शाम को न्यू सर्किट हाउस में आदिवासी, अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग नेताओं की बैठक रखी थी, लेकिन सोमवार की तरह इस बार भी नेताओं को बैठक की पूर्व सूचना नहीं दी गई थी। बुधवार दोपहर को कुछ नेताओं को फोन किया गया, लेकिन वे अपने क्षेत्र या कहीं और दौरे पर थे। इस कारण आदिवासी कांग्रेस प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मनोज मंडावी, प्रदेश अध्यक्ष अमरजीत भगत, महासचिव कुंदन सिंह ठाकुर, अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. शिवकुमार डहरिया, प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष रामदयाल उइके समेत कई नेता बैठक में नहीं पहुंच पाए। पार्टी सूत्रों के अनुसार आदिवासी कांग्रेस प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष शिशुपाल सोरी समेत कुछ नेताओं के साथ उरांव ने बैठक की। इसमें यह तय हुआ कि सर्व आदिवासी समाज आरक्षित सीटों में अपने प्रत्याशी न उतारे, इसके लिए समाज के पदाधिकारियों और प्रमुख लोगों से चर्चा की जाएगी। पार्टी सूत्रों के अनुसार चर्चा की जिम्मेदारी सोरी समेत कुछ और नेताओं को दी गई है। उरांव ने कहा कि वे सर्व आदिवासी समाज से क्या बात हुई है, इसकी लगातार रिपोर्ट लेते रहेंगे। उन्होंने यह भी कहा है कि जरुरत पडऩे पर न केवल वे, बल्कि प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया और प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल भी सर्व आदिवासी समाज के चर्चा करेंगे। सर्व आदिवासी समाज से कैसे समझौता हो सकता है, यह दोनों के बीच शुरुआत चर्चा के बाद पार्टी आगे तय करेगी।
प्रत्येक विस क्षेत्र में समन्वयकों की नियुक्ति
कांग्रेस इस बार प्रदेश में सरकार बनाने के लिए पूरी ताकत झोंक रही है। बूथ पर अपनी स्थिति पता करने के लिए कांग्रेस ने पर्दे के पीछे दूत उतारे हैं जिनकी सूचना किसी को नहीं दी जा रही है। इन्हें विधानसभा समन्वयक कहा जा रहा है। इनका काम बूथ पर पार्टी की ताकत का पता लगाकर सही रिपोर्ट सौंपना है। कांग्रेस चुनाव जीतने के लिए कई उपाय आजमा रही है। विधानसभा प्रभारियों की जगह सभी 90 सीटों पर समन्वयक मैदान में उतारे गए हैं। इनका काम बूथों पर हार जीत के कारणों का पता लगाना है। जिस बूथ पर हारे हैं वहां जीत की कार्ययोजना बनाना है। प्रत्याशी चयन के लिए सुझाव देना है। अगर समन्वयक की रणनीति कारगर रही तो लोकसभा चुनाव तक यह पद पर बने रहेंगे।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल ने खुद एक-एक समन्वयक का टेस्ट लिया है। पार्टी के नेताओं के अनुसार सभी 90 विधानसभा क्षेत्रों के लिए समन्वयकों की नियुक्ति हो चुकी है, लेकिन प्रदेश कमेटी इनकी सूची जारी नहीं करेगी। समन्वयक सीधे मैदान में उतार दिए गए हैं। कांग्रेस में एक बड़ा बदलाव यह भी हुआ है कि अब प्रत्याशी चयन ऊपर से नहीं होगा। नीचे से दावेदारों के नाम आएंगे। इस प्रक्रिया में समन्वयकों की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। दावेदारों को ब्लॉक कांग्रेस कमेटी को अपना बायोडाटा और आवेदन देना है। समन्वयक ब्लॉक कमेटी को मिले आवेदनों पर दावेदारों का पैनल तैयार करेंगे। इसके बाद ब्लॉक कार्यकारिणी, जोन, सेक्टर व बूथ अध्यक्ष के साथ चर्चा करके समन्वयक एक नाम पर सहमति बनाने की कोशिश करेंगे। सहमति नहीं बनने की स्थिति में समन्वयक और ब्लॉक अध्यक्ष बंद कमरे में एक-एक पदाधिकारी से दावेदारों पर गोपनीय चर्चा करेंगे। इसके बाद समन्वयक ही लोकप्रियता के क्रम में दावेदारों की सूची बनाएंगे और उसे जिला व प्रदेश कमेटी को भेजेंगे। ब्लॉक, जोन, सेक्टर, बूथ कमेटी की हर तीन माह में बैठक लेनी है। जिले के पदाधिकारियों को जोन, ब्लॉक पदाधिकारियों को सेक्टर और जोन सेक्टर के पदाधिकारियों को मतदान केंद्र का प्रभारी बनाना। जहां बूथ, सेक्टर व जोन कमेटी का गठन नहीं हुआ, वहां कमेटी बनाना। हर अनुभाग से एक सियान, एक जवान, एक महिला की नियुक्ति कर बूथ कमेटी का गठन करना। हर मतदान केंद्र से 50 लोगों को शक्ति प्रोजेक्ट से जोडऩा। हर मतदान केंद्र में एक बीएलए, पोलिंग एजेंट व गणना एजेंट की नियुक्ति करके उन्हें प्रशिक्षित करना। मतदाता सूची में नाम जुड़वाना और मूत लोगों का नाम विलोपित कराना। सेक्टर स्तर के बूथ कार्यकर्ताओं और जोन स्तर के कार्यकर्ताओं का सम्मेलन कराना। हाट बाजारों में नुक्कड़ सभा कराना। पदयात्रा करके डोर-टू-डोर सपंर्क करना। प्रदेश स्तरीय नेताओं की सभा कराना।

हाई कोर्ट ने आईजी पवनदेव मामले में शासन को एक सप्ताह में जवाब देने का नोटिस दिया
Posted Date : 11-Jul-2018 5:14:22 pm

हाई कोर्ट ने आईजी पवनदेव मामले में शासन को एक सप्ताह में जवाब देने का नोटिस दिया

पुलिस आईजी पवनदेव के खिलाफ महिला कॉंस्टेबल द्वारा लगाई गई याचिका पर बुधवार को ​हाई कोर्ट बिलासपुर में सुनवाई हुई. कोर्ट ने मामले में शासन को एक सप्ताह में जवाब प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने कहा कि पीड़ित के आरोपों पर शासन स्पष्ट जवाब प्रस्तुत करे. हाई कोर्ट चीफ जस्टिस के डिवीजन बैंच में मामले की सुनवाई हुई.गौरतलब है कि आईजी पवनदेव गौतम पर बिलासपुर में पदस्थ रहते एक महिला कॉंस्टेबल से मोबाइलफोन पर अश्लील बात करने का आरोप है. महिला कॉंस्टेबल ने मामले की शिकायत की है. इसके साथ ही हाई कोर्ट में याचिका दायर कर शासन द्वारा आईजी पवनदेव को बचाने का आरोप लगाया है. इसी मामले में आज सुनवाई हुई.

कांग्रेस. टी-शर्ट को करीब 30 लाख युवाओं को बांटेगी
Posted Date : 11-Jul-2018 5:09:25 pm

कांग्रेस. टी-शर्ट को करीब 30 लाख युवाओं को बांटेगी

रायपुर । सोशल मीडिया में कांग्रेस का पापुलर कैंपेन “विकास की चिड़ियां उड़ गयी”…अब टी शर्ट के रूप में नजर आ रही है। कांग्रेस ने लाखों की संख्या में “विकास की चिड़ियां उड़ गयी” टी-शर्ट का आर्डर दिया है। इसका मकसद ना सिर्फ विकास की चिड़िया उड़ गयी श्लोगन के जरिये बीजेपी पर निशाना साधना, बल्कि टी-शर्ट देकर यूथ वोटर्स को रिझाना भी है। एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष आकाश शर्मा ने बताया है कि कांग्रेस यूथ वोटर तक पहुंच रही है, उसी कड़ी में जिला स्तर से लेकर ब्लाक स्तर तक प्रशिक्षण का दौर चल रहा है…और टी शर्ट को बांटा जा रहा है।जानकारी के मुताबिक चुनाव तक कांग्रेस करीब 30 लाख विकास की चिड़ियां उड़ गयी टी-शर्ट युवाओं को बांटेगी, जिसके लिए अलग-अलग चरणों में टी-शर्ट का आर्डर दिया जायेगा। पहले चरण में पिछले दिनों करीब 500 टी शर्ट श्लोगन लिखे बांटे गये थे।दरअसल कांग्रेस के इस टी-शर्ट को लेकर बेहतर रिस्पांस भी मिल रहा है, सफेद टी-शर्ट पर पीले और ब्लैक रंग से लिखे गये विकास की चिड़ियां उड़ गयी… काफी पसंद किया जा रहा है, इसलिए इस टी-शर्ट को कांग्रेस अपने कार्यकर्ताओं और वोटरों के बीच बंटवाने की कोशिश कर रही है।

पीएमजीएसवाई की सड़कों पर ट्रैक्टर के संचालन पर लगाया प्रतिबंध
Posted Date : 09-Jul-2018 4:48:11 pm

पीएमजीएसवाई की सड़कों पर ट्रैक्टर के संचालन पर लगाया प्रतिबंध

महासमुंद डबल केजव्हील ट्रैक्टर के उपयोग से प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की जिले की 59 सड़कें प्रभावित हुई है। अब जिला प्रशासन ने जिले के सभी पीएमजीएसवाई की सड़कों पर डबल केजव्हील के ट्रैक्टर के संचालन पर प्रतिबंध लगाते हुए पंचायत प्रतिनिधि और ब्लॉकों के अधिकारियों को कार्रवाई करने के लिए आदेश जारी कर दिया है।
पीएमजीएसवाई के कार्यपालन अभियंता व्हायपी साव ने बताया कि डबल केजव्हील ट्रैक्टर के उपयोग से प्रभावित हुई जिले की सड़कों की सूची तैयार की गई है जिसमें बसना, पिथौरा और सरायपाली की कुल 59 सड़कें शामिल हैं। बाद प्रशासन ने इसके उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाते हुए कार्रवाई करने एसडीएम, पटवारी और सरपंच-सचिव को निर्देश जारी किया है। पंचायतों से कहा गया है कि कोटवारों के माध्यम से डबल केजव्हील ट्रैक्टर का उपयोग न करने मुनादी कराएं और उपयोग करने वालों पर कार्रवाई करें। इसी तरह पटवारी और सचिवों को उपयोग करने वालों की सूची बनाने तथा उनके ट्रैक्टर की जब्ती कर थाने में कार्रवाई के लिए प्रस्तुत करने कहा है। शासन ने डबल केजव्हील निर्माण करने वाली फेब्रिकेटर्स एजेंसियों पर भी केजव्हील निर्माण पर रोक लगाने जिला प्रशासन ने आदेश जारी किया है जिसमें विक्रय करने पर दंडात्मक कार्रवाई भी शामिल है। ज्ञात हो कि शासन ने करोड़ों रुपए खर्च कर ग्रामीणों के आवागमन की सुविधा को ध्यान में रखते हुए सड़कों का निर्माण कराया है जिसमें केजव्हील ट्रैक्टर चलने से सड़कों की हालत खराब हो रही है।
00 केजव्हील के उपयोग से प्रभावित सड़कें :पीएमजीएसवाई विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक पिथौरा ब्लॉक में कुल 18 सड़कें इससे प्रभावित हुई है। जिसमें कोदोपाली, भुरकोनी से परसदा, नरसिंगपुर से जर्रा, उतेेकेल, पिरदा से ब्राम्हनपुरी, मुड़हीपार से परसापाली, एनएच 6 से कसहीबाहरा, कौहाकुड़ा से फुटगुना, ढाबाखार बिजेमाल से भजपुरी, बैतारी से जबलपुर, जंघोरा से चिखली से गिरना, जंघोरा से मोहंदा, सांकरा से झगरेनडीह, बारिकपाली, मुढ़ीपार से जम्हर, एनएच 06 से रेमड़ा, रेमड़ा से बामड़ाडीह, सोनासिल्ली से घोंच, बसना में एनएच 53 भूकेल से बरिहापाली, बरोली से केरामुड़ा, इंदरपुर, एनएच 06 से जामड़ी, एनएच 06 से जोगीपाली, एनएच 06 से सकरी, एनएच 06 से गौरटेक, पुरूषोत्तमपुर से डोंगरीपाली, 04 से छिर्राबाहरा, झालपाली, भंवरपुर बुटिपाली से चिपरीकोना, कर्राभौना, सिंघनपुर से बरडीह, परगला, परसकोल से बिछिया, मोहका से भदरपाली, बड़ेसाजापाली से हरदा, भौरादादर, कोलियारीडीह। सरायपाली में बिजातीपाली से तिलाईपाली, केंदुवा से पलसापाली, बिजातीपाली से तिलाईपाली, केंदुवा से मोहनमुड़ा, अमरकोट से चंडीभौना, बोंदा से गिरसा, भंवरपुर रोड से मोखापुटका, एनएच 6 से परसदा, एनएच 6 से हर्राटार, एनएच 6 से तोषगांव, सिरबोड़ा से सिरपुर, एनएच 6 से लखनपुर बटकी, बेलमुड़ी, कुटेला से अंतरझोला, छिंदपाली से लिमगांव, बालसी से प्रेतनडीह शामिल हैं।

कांकेर: माओवादियों द्वारा आईईडी ब्लास्ट,बीएसएफ के 2 जवान शहीद
Posted Date : 09-Jul-2018 4:46:34 pm

कांकेर: माओवादियों द्वारा आईईडी ब्लास्ट,बीएसएफ के 2 जवान शहीद

कांकेर। छोटे बेठिया थाना इलाके में माओवादियों ने आईईडी ब्लास्ट किया है, जिसमें आईडी ब्लास्ट की चपेट में 2 जवान आ गए. शहीद जवानों का नाम संतोष लक्ष्मण और नित्यन्दन नायक बताया गया है.गंभीर रुप से जख्मी दोनों जवान बाद में शहीद हो गये।  बस्तर आई जी विवेकानंद सिन्हा ने इसकी पुष्टि की है जवानों और माओवादियों के बीच फायरिंग भी हो रही है, जिसमें कई माओवादियों के मारे जाने का दावा किया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक दोपहर में पार्टियों सर्चिंग के लिए निकली थी उसी दौरान नक्सलियों ने आईईडी ब्लास्ट किया है।

जिसकी वजह से सुरक्षाबलों को हल्का नुकसान हुआ है। इसके बाद जबाव में जवानों ने फायरिंग से कई माओवादी को भारी नुकसान हुआ है। फायरिंग की वजह से कई माओवादियों के मारे जाने की सूचना आ रही है। शाम तक फायरिंग जारी थी। बस्तर आई जी विवेकानंद सिन्हा ने मुठभेड़ की पुष्टि की है.

रमन के पांच मंत्रियों की कट सकती है टिकट…!
Posted Date : 08-Jul-2018 12:20:54 pm

रमन के पांच मंत्रियों की कट सकती है टिकट…!

रायपुर। छत्तीसगढ़ के पांच मंत्रियों का इस बार भी विधानसभा पहुंचना मुश्किल होगा। संघ द्वारा अपने एक अनुषांगिक संगठन द्वारा कराए गए सर्वे में यह बात सामने आई है कि पुअर पारफार्मेंस के कारण इन मंत्रियों के विधानसभा इलाके में एंटी इंकाम्बेंसी का असर सामान्य से कहीं ज्यादा है। इसके अलावा सूबे के कम-से-कम 25 विधायक भी फिर से चुनाव निकालने की स्थिति में नहीं हैं। इन्हें बदले बगैर भाजपा के लिए चौथी बार सरकार बनाना संभव नहीं होगा। संघ ने अपनी गोपनीय रिपोर्ट पार्टी आलाकमान को भेज दी है। रिपोर्ट में यह बात अहम है कि लोगों की नाराजगी पार्टी या सरकार से नहीं, कुछ मंत्री और विधायकों से है।
रमन सरकार में बारह मंत्री हैं। बृजमोहन अग्रवाल, प्रेमप्रकाश पाण्डेय, अमर अग्रवाल, पुन्नूलाल मोहले, अजय चंद्राकर, राजेश मूणत, रामसेवक पैकरा, केदार कश्यप, दयालदास बघेल, भैयालाल रजवाड़े, महेश गागड़ा और रमशिला साहू। इनमें से बृजमोहन, अमर, मोहले, राजेश, केदार और दयालदास दूसरी पारी में भी मंत्री रहे। रमन सिंह की तीनों पारी में मंत्री रहने वालों में सिर्फ बृजमोहन, अमर, राजेश और केदार हैं। अजय चंद्राकर पहली पारी में मंत्री रहे लेकिन, 2008 का चुनाव हारने की वजह से दूसरी बार वे मंत्री नहीं बन पाए।
सर्वे में चार मंत्रियों की स्थिति मजबूत बताई गई है। इनमें बृजमोहन अग्रवाल, अमर अग्रवाल, अजय चंद्राकर और पुन्नूलाल मोहले शामिल हैं। सूत्रों का कहना है, रिपोर्ट में सिलसिलेवार बताया गया है कि फलां मंत्री की स्थिति इलाके में क्यों कमजोर और फलां की किसलिए मजबूत है। बृजमोहन अग्रवाल के बारे में लिखा है, उनका अपना जनाधार और प्रबंधन है। रायपुर दक्षिण में उनके मुकाबिल कांग्रेस के पास चेहरा भी नहीं है। अमर अग्रवाल के बारे में कहा गया है, बिलासपुर में उन्होंने वोट बैंक मजबूत कर लिया है और कांग्रेस के पास मुकम्मल चेहरा नहीं है, जो अमर को टक्कर दे सकें। अजय चंद्राकर ने विकास के सर्वाघिक काम करवाएं हैं तो पुन्नूलाल मोहले के बारे में लिखा है, इलाके में अच्छी पैठ होने के चलते उन्हें हराना मुश्किल है। बता दें, इससे पहिले 2013 के विधानसभा चुनाव में पांच सीनियर मंत्री चुनाव हार गए थे। इनमें गृह मंत्री ननकीराम कंवर, पंचायत मंत्री रामविचार नेताम, कृषि मंत्री चंद्रशेखर साहू, सिंचाई मंत्री हेमचंद यादव और महिला बाल विकास मंत्री लता उसेंडी शामिल थीं। पिछली बार बीजेपी ने 18 विधायकों के टिकिट काटी थी। लेकिन किसी मंत्री को ड्रॉप नहीं किया था। इस बार संकेत हैं, अमित शाह के मिशन 65 प्लस के लिए दो-तीन मंत्रियों को ड्रॉप किया जा सकता है। एंटी इंकाम्बेंसी का असर कम करने इस बार विधायकों में भी करीब दो दर्जन विधायकों के टिकिट काटे जाने का अंदेशा है। बीजेपी के एक बड़े नेता ने सर्वे के बारे में सीधे कुछ न कहते हुए बताया कि मुख्यमंत्री के विकास यात्रा के बाद स्थितियां काफी बदली है। भिलाई में आईआईटी के शिलान्यास और प्रधानमंत्री की सभा से आसपास के इलाके में पार्टी के पक्ष में माहौल बना है। विकास यात्रा से एंटी इंकाम्बेंसी जैसी बातें खतम हो गई हैं।