महासमुंद, 11 जनवरी । शहर के आस-पास के गांवों में किसान धान का नरई जला रहे हैं। कृषि विभाग द्वारा किसानों को जागरूक करने के बाद भी किसानों ने कई एकड़ में अवशेष जला चुके हैं और रबी फसल के लिए खेत तैयार कर रहे हैं। वहीं किसान खेतों के मेड़ में लगे पेड़ और पौधों व झुरमुट को काटने में जुटे हुए हैँ। शासन स्तर पर प्रतिबंध के बाद भी किसान नरई जला रहे हैं। गौरतलब है कि इससे खेतों को ही नहीं पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचता है। खेतों में नरई जलाने से खेतों के पोषक तत्व का भी नष्ट हो जाता है। नरई जलाने पर सजा का भी प्रावधान है। कृषि विशेषज्ञों ने भी नरई नहीं जलाने की सलाह देते हैं। किसान नरई जला देते हैं, तो पुशओं को चारा भी नहीं मिल पाता है। खेतों में धान के अवशेष जल जाने के बाद मवेशियों को भटकना पड़ता है, वहीं प्लास्टिक भी खा जाते हैं। पशुओं को चारा मिले इसी को देखते हुए शासन ने धान के अवशेष जलाने पर प्रतिबंध लगाया है।
मृदा का होता है नुकसान
कृषि वैज्ञानिक अरविंद कुमार नंदनवार ने बताया कि धान के अवशेष जलाने से मृदा को नुकसान पहुंचता है और इसके अलावा छोटे-छोटे कीट मर जाते हैं, जिसकी वजह से मृदा से पोषक तत्व भी खत्म हो जाता है।
वर्सन
किसानों को नरई नहीं जलाने के निर्देश दिए गए हैं। जागरूक भी किया गया है। जल्दबाजी में किसान काटे रहे हैं। - वीपी चौबे, उपसंचालक, कृषि
0-पतिहंता अधीक्षिका पत्नी जेल दाखिल
कोरबा, 11 जनवरी । शराब के नशे में पति द्वारा विवाद के दौरान पत्नी ने उसकी हत्या कर दी। आरोपित महिला को आवश्यक कार्यवाही उपरांत आज न्यायालय में पेश कर रिमांड पर जेल दाखिल करा दिया गया।
उल्लेखनीय है कि आरोपी वैजयंती कश्यप पोड़ी उपरोड़ा विकासखण्ड के ग्राम कोरबी-पाली स्थित छात्रावास व अधीक्षिका है। उसका विवाह दर्री थानांतर्गत लाटा बस्ती श्याम नगर निवासी संजू कश्यप से हुआ था। संजू आदतन शराबी था और आए दिन पत्नी के कार्य स्थल छात्रावास जाकर विवाद व मारपीट किया करता था। 8 जनवरी को संजू की मौत हो गई जिसे विवाद के दौरान धक्का लगने से गिरने के कारण चोट लगने और हाथ-पैर बांधकर कमरे में रखना बताया था। अंतिम संस्कार से पहले पुलिस ने पहले शव को जब्त कर पत्नी को हिरासत में लिया। आज पूछताछ में वैजयंती ने अपना गुनाह कबूल कर बताया कि 8 जनवरी की सुबह पति संजू कोरबी पहुंच गया था। शराब के नशे में वह लगातार विवाद कर रहा था जिससे आवेश में आकर तवे से 3-4 बार हल्का प्रहार कर पीटा । इसके बाद भी वह शांत नहीं हुआ और मारपीट करने लगा तब पास में पड़ी रस्सी को गले में लपेटकर खींच दिया। बेसुध होने पर कमरे में बंद कर हाथ-पैर बांध दिया और सास को विवाद की जानकारी दी। आरोपी का बयान दर्ज कर उसके विरूद्ध हत्या की धारा 302 एवं साक्ष्य छिपाने की 201 भादवि के तहत जुर्म दर्ज किया गया। दूसरी ओर पोस्टमार्टम बाद संजू के शव का अंतिम संस्कार उसके परिजनों द्वारा स्थानीय मुक्तिधाम में किया गया।
कोरबा, 11 जनवरी । राज्य विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरण दास महंत से राजधानी रायपुर में भारतीय मानिकपुरी पनिका समाज युवा मानिकपुरी विकास समिति के पदाधिकारियों व सदस्यों ने सौजन्य मुलाकात की। उन्हें पुष्प गुच्छ भेंट कर समाज द्वारा नववर्ष स्नेह मिलन समारोह व युवक-युवती परिचय सम्मेलन तथा सात्विक चौका आरती कार्यक्रम में शामिल होने का न्यौता दिया गया। 27-28 जनवरी को प्रस्तावित इस कार्यक्रम में उन्हें मुख्य अतिथि के तौर पर गरिमामयी उपस्थिति हेतु आग्रह किया गया। इस दौरान युवा समिति के अध्यक्ष गौतम दीवान, अतुल दास महंत, सुनील मानिकपुरी, गंभीर दास, विष्णु महंत, पवन दास, गोकुल दास, तेरस दीवान, संतोष दास उपस्थित थे।
रायपुर, 11 जनवरी । मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से आज यहां विधानसभा परिसर स्थित उनके कक्ष में छत्तीसगढ़ पंचायत नगरीय निकाय शिक्षक संघ के प्रतिनिधि मण्डल ने प्रांताध्यक्ष श्री संजय शर्मा के नेतृत्व में मुलाकात की। उन्होंने शिक्षा कर्मियों के वेतनभत्तों के नियमित भुगतान के लिए राज्य शासन के तृतीय अनुपूरक बजट में 1841 करोड़ रुपए का प्रावधान करने के लिए मुख्यमंत्री के प्रति आभार प्रकट किया। प्रतिनिधि मण्डल ने अपनी विभिन्न मांगों के संबंध में उन्हें ज्ञापन भी सौंपा। मुख्यमंत्री ने उनके ज्ञापन पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया। प्रतिनिधि मण्डल में संघ के सर्वश्री हरेंद्र सिंह, बसंत चतुर्वेदी, प्रवीण श्रीवास्तव, विनोद गुप्ता सहित अनेक पदाधिकारी और सदस्य शामिल थे।
रायपुर, 11 जनवरी । छत्तीसगढ़ सरकार ने केन्द्र से आग्रह किया है कि वह केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को राज्य में जांच के लिए अब कोई नया प्रकरण नहीं लेने के निर्देश जारी करे। प्रदेश सरकार के गृह विभाग की ओर से इस आशय का पत्र आज यहां मंत्रालय (महानदी भवन) से केन्द्रीय कार्मिक, जनशिकायत एवं पेंशन मामलों के मंत्रालय तथा केन्द्रीय गृह मंत्रालय को भेजा गया है। पत्र में केन्द्र सरकार को सूचित किया गया है कि छत्तीसगढ़ सरकार के गृह विभाग ने वर्ष 2001 में इस बारे में केन्द्र को दी गई सहमति वापस ले ली है, जिसके तहत केन्द्रीय गृह मंत्रालय द्वारा सीबीआई को छत्तीसगढ़ में प्रकरणों की जांच के लिए अधिकृत करने की अधिसूचना जारी की गई थी।