रायपुर, 02 फरवरी । प्रदेश के मुख्य सचिव सुनील कुजूर ने आज ठाकुर प्यारेलाल रा'य पंचायत एवं ग्रामीण विकास संस्थान निमोरा में रा'य सरकार की महत्वपूर्ण योजना ‘‘नरवा, गरूवा, घुरवा और बारी’’ के क्रियान्वयन पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि यह योजना राज्य शासन की एक महत्वपूर्ण योजना है। विभिन्न विभागों के एकीकृत प्रयासों तथा वैज्ञानिक पद्धति से इसके लक्ष्य को सफलतापूर्वक अर्जित किया जा सकता है।
अपर मुख्य सचिव आर.पी.मंडल ने ‘‘नरवा, गरूवा, घुरवा व बारी’ को पाने के लिए सभी को निष्ठा और मेहनत से कार्य करने पर जोर दिया। मुख्यमंत्री के सलाहाकार प्रदीप शर्मा ने ‘‘नरवा, गरूवा, घुरवा व बारी’’ योजना की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ एक ऐसा रा'य हैं जिसमें प्राकृतिक रूप से नालों का जाल फैला हुआ है, हमें ऐसे नालों को बारहमासी रूप में जीवित करना है ताकि पानी रिचार्ज हो सके। गरूवा से न केवल दूध, बल्कि खेती में सहयोग भी प्राप्त होता है। घुरवा के माध्यम से कम लागत में खाद का उत्पादन होता है।
कार्यशाला में रायपुर जिले की आरंग जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत मंदिर हसौद के स्व-सहायता समूह ‘अन्नपूर्णा ग्राम संगठन’ की महिला सदस्यों को सम्मानित किया गया। इन समूह ने पेवर ब्लाक और इंटो का उत्पादन कर 6 माह में 5 लाख रूपए से 'यादा का लाभ कमाया है। स्व'छ भारत मिशन के संचालक अनिल शर्मा व सलाहकार डॉ. साईनी ने भी सहभागिता की। कार्यशाला में विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं ने भी मैदानी स्तर के अनुभवों को साझा किया। कार्यशाला में सचिव श्रीमति रीता सांडिल्य, उप-सचिव जितेन्द्र शुक्ला सहित जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
0 गांधी और अम्बेडकर दलित विमर्श पर विचार गोष्ठी संपन्न
रायपुर, 02 फरवरी । स्कूल शिक्षा एवं आदिवासी विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के 71 वीं पुण्यतिथि पर 31 जनवरी को जिला मुख्यालय अम्बिकापुर के जिला ग्रंथालय में आयोजित गांधी सुमिरन के अंतर्गत गांधी और अम्बेडकर दलित विमर्श विषय पर विचार गोष्ठी में शामिल हुए। उन्होंने महात्मा गांधी एवं बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर के छायाचित्र के समक्ष दीप-प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। डॉ. टेकाम ने विचार गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए कहा कि गांधी और अम्बेडकर के बताये मार्ग पर चलकर ही समाज में समरसता लायी जा सकती है। इससे देश को विकास के पथ पर आगे ले जाया जा सकता है। उनके विचार देश की दशा और दिशा बदलने का सामथ्र्य रखते है।
डॉ. टेकाम ने कहा कि गांधीजी अहिंसा के पुजारी थे और वे हमेशा बातचीत और संवाद के जरिये समस्याओं के समाधान करने के प्रबल समर्थक थे। बाबा साहब ने दलित वर्गों के लिए समान अवसर एवं अधिकार दिलाने के लिए संविधान में विशेष प्रावधान का समावेश किया। उन्होंने कहा कि जब भी हम समाज के बारे में सोचे तो एक मिनट के लिए आँखे बंद कर समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति को देखने की कोशिश करें और उनके भले के लिए कदम उठायें।
कार्यक्रम को महापौर डॉ. अजय तिर्की और मुख्य वक्ता एवं पत्रकार श्री आशुतोष कुमार ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर नगर निगम के उपसभापति शफी अहमद, रेहाना फाउण्डेशन के अध्यक्ष श्री दिनेश शर्मा सहित बड़ी संख्या में नगरवासी उपस्थित थे।
रायपुर, 02 फ रवरी । क्षेत्रीय सरस मेला का आयोजन सांईस कॉलेज मैदान में किया गया है। छत्तीसगढ़ शासन के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग और जिला पंचायत रायपुर के तत्वाधान में छत्तीसगढ़ सहित देश के 12 राज्यों के 166 महिला स्व सहायता समूहों द्वारा निर्मित सामग्रियां व कलाकृतियां क्षेत्रीय सरस मेला में प्रदर्शित व विक्रय के लिए रखी गई है। इन कलाकृतियों और उत्पादों को देखने और उन्हें खरीदने का सुनहरा अवसर राजधानीवासियों को मिल रहा है। मेले में प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोग आ रहे हैं। क्षेत्रीय सरस मेला में प्रतिदिन शाम 5 बजे से पारंपरिक स्थानीय कलाकारों एवं थियटर कलाकारों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे है। जिला दुर्ग की वैभवी महिला स्व-सहायता समूह द्वारा अरसनारा (पाटन) ने अगरबत्ती, पापड़, आम, नीबू आचार आदि उत्पादों का स्टाल लगाया गया है। इसी तरह, जय बूढ़ीमाई स्व-सहायता समूह रायगढ़ द्वारा बेलमेटल से निर्मित सूंदर और आकर्षक मूर्तिया, मंदिर, हस्तलीपि द्वारा निर्मित कलाकृतियों की प्रदर्शनी लगाई गई है। जय सेवा समूह भोपाल मध्यप्रदेश द्वारा आयुर्वेदिक उत्पादों का स्टाल लगाया गया है। जय गायत्री स्व-सहायता अमरी रायपुर द्वारा घर मे बनाई गई सुगन्धित अगरबत्ती धूप गुलाब जल,अगरबत्ती को प्रदर्शित किया गया है। राजधानी वासियों का मन मोह लिया है।
0-खनन क्षेत्र में श्रमिकों की सुविधाओं को ध्यान रख कर वाहनों के आने-जाने के लिए सडक़ निर्माण सुनिश्चित करे
रायपुर, 02 फ रवरी । कलेक्टर डॉ. बसवराजु एस. ने आज कलेक्टोरेट के सभाकक्ष में आयोजित खनिज विभाग की समीक्षा बैठक लेते हुए जिले में अवैध खनिज परिवहन, भार क्षमता से अधिक परिवहन और गौण खनिजों का अवैध भण्डारण करते पाये जाने पर सख्त कार्रवाई की जायेगी। इसके लिए पर्यावरण, राजस्व, खनिज एवं परिवहन विभाग के अधिकारियों की संयुक्त टीम बनाकर खनन क्षेत्र एवं खनिज परिवहन करने वाले वाहनों की नियमित रूप से जांच की जायेगी। खनन क्षेत्र में श्रमिकों की सुविधाओं ध्यान में रखने के साथ-साथ वाहनों के आने-जाने के लिए सडक़ निर्माण सुनिश्चित करे ताकि ग्रामीण जनों को किसी तरह असुविधाओं का समाना न करना पड़े। इसी तरह खनन क्षेत्र तथा जिन स्थानों पर खनिजों का भण्डारण किया जा रहा है वहां पर नियमित रूप से पानी का छिडक़ाव किया जाए। जिले में संचालित रेत खदानों का राज्य शासन के निर्देशानुसार पर्यावरण विभाग से स्वीकृत शर्तों के तहत खदान का संचालन कराये जाने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिये है। उन्होंने ने कहा कि जिले में स्वीकृत उत्खनिपट्टों में 6 मीटर से अधिक गहराई खदानों एवं पट्टेधारियों द्वारा खनिज उत्खनन में विस्फोटक के उपयोग किये जाने से आम विस्तार में होने वाली असुविधा एवं जन हानि की संभावना को दृष्टिगत रखकर किए जाने का निर्देश दिये। खनिज परिवहन में उपयोग होने वाले वाहनों का भार क्षमता के अनुसार खनिज परिवहन कराया जाये। भार क्षमता से अधिक परिवहन होने से सडक़ों की स्थित बद से बदत्तर हो जाता है। वन विभाग द्वारा भारत सरकार को भेजे जाने वाले त्रैमासिक पत्रक पर अवैध उत्खनन व परिवहन की जानकारी समयावधि में प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिये। इस अवसर पर उप संचालक खनिज सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
रायपुर,02 फरवरी । नान घोटाले की जांच के लिए गठित एसआईटी की टीम ने जांच कार्यवाही में तेजी लाते हुए आज ईओडब्लू एसपी एवं एसआईटी अफसर आईके ऐलेसेला के नेतृत्व में अवंति विहार स्थित नान मुख्यालय में दबिश दी। एसआईटी की टीम ने यहां कई पुराने दस्तावेजों को खंगाला। इस दौरान यहां कंप्यूटर सिस्टमों के कुछ पुराने हार्ड डिस्क को भी देखा।
ज्ञात हो कि राज्य सरकार ने नॉन घोटाले की दोबारा जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है। एसआईटी के गठन होने के बाद मामले की जांच भी शुरू कर दी है। जांच में आज तेजी लाते हुए एसआईटी की टीम ने नॉन मुख्यालय में जाकर वहां के पुराने रिकार्ड निकलवा कर उन्हें देखा।
करोड़ों के इस घोटाले में नॉन के एक आईएफएस अफसर की भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही है। एसआईटी इस अफसर की भूमिका को भी समझने का प्रयास कर रही है। वन मुख्यालय में बैठे एक बड़े आईएफएस अफसर को नान घोटाले का मास्टर माइंड माना जाता है। उस अफसर की पोस्टिंग के बाद ही नान में कमीशनखोरी का खेल चालू हुआ था। एसआइटी अगर नान की पुरानी कडिय़ों को जोडऩे में कामयाब हो गई तो उक्त आईएफएस अफसर भी पर भी गाज गिर सकती है। आईएफएस के अलावा एक आईएएस अफसर का नाम भी डायरी में है।
इस मामले में आईएएस डा. आलोक शुक्ला और अनिल टुटेजा पहले से अभियुक्त हैं। दोनों को मिलाकर ईओडब्लू ने 16 आरोपियों के खिलाफ चालान पेश कर चुकी है।