0 छत्तीसगढ़ विधानसभा में आयोजित प्रबोधन कार्यक्रम में वरिष्ठ विधायक पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने नवनिर्वाचित विधायकों का किया मार्गदर्शन
रायपुर, 10 फरवरी । प्रदेश के वरिष्ठ विधायक एवं पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहां की जनता द्वारा प्रदत्त अधिकारों का सदन के भीतर उनके हित में आप जितना प्रयोग करेंगे उतने सफल जनप्रतिनिधि के रूप में आप पहचाने जाएंगे। जहा लोकतंत्र मे जनता के अधिकारों एवं स्वतंत्रता की इजाजत सरकार का कर्तव्य होता है, वहीं चुने हुए सभी जनप्रतिनिधियों का दायित्व सरकार के कामकाज पर पैनी नजर रखना होता है। सरकार को बोध कराना कि सरकार के हाथ में शासन करने की शक्ति जनता की अमानत के रूप में है। यह बोध हम सरकार को तभी करा पाते हैं जब विधानसभा सत्र का आगाज हो हम विधानसभा की कार्यवाही में भाग लेते है। उन्होंने यह बात छत्तीसगढ़ विधानसभा में आयोजित प्रबोधन कार्यक्रम में आज के अंतिम सत्र में बतौर मुख्य अतिथि नवनिर्वाचित सदस्यों को संबोधित करते हुए कही। यहा उन्होंने ध्यानाकर्षण सूचना, स्थगन प्रस्ताव एवं लोक महत्व के विषय पर विधायकों का मार्गदर्शन किया। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत, मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम, विधानसभा सचिव चंद्रशेखर गंगराड़े उपस्थित थे।
मुख्य अतिथि की आसंदी से बृजमोहन ने नवनिर्वाचित विधायकों से कहा कि सदन में जितनी आपकी उपस्थिति होगी उतना ही ज्ञान बढ़ेगा और सीखने को मिलेगा। उन्होंने प्रश्नकाल शून्यकाल,याचिका, स्थगन प्रस्ताव आदि विषयों की व्यवहारिक जानकारी विधायकों को दी।
बृजमोहन ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव को एक अचूक ब्रह्मास्त्र बताते हुए कहा कि कोई भी सदस्य अध्यक्ष के पूर्व अनुज्ञा से अविलंब नहीं है लोक महत्व के विषय पर मंत्री का ध्यान आकर्षित करा सकता है।
याचिका का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि कोई जरूरी नहीं है कि आप क्षेत्र के विकास के लिए मंत्री और अफसरों के चक्कर काटे। विधानसभा का कोई भी सदस्य याचिका के माध्यम से सदन में अपनी मांग रख सकता है।संबंधित विभाग के विकास कार्यों से संबंधित याचिका को बजट में महत्व दिया जाता है।
बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि वे अपने 28 साल के संसदीय कार्य अनुभव के आधार पर यह कह सकते है कि सदन में अनिवार्य उपस्थिति और सक्रियता से ही क्षेत्र के बड़े-बड़े काम कराए जा सकते है। सभी विधायकों का प्रयास होना चाहिए कि सत्र के दौरान अनिवार्य रूप से उपस्थित रहे और चर्चाओं में भाग ले।
उन्होंने नए विधायको को विधानसभा की लाइब्रेरी का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करते हुए पुरानी कार्याहियों को पढ़े तथा सदन की कार्यवाहियों में भाग लेने के संबंध में विधानसभा सचिवालय के अफसरों से निसंकोच मार्गदर्शन लेकर आगे बढ़े। बृजमोहन ने कहा कि नवनिर्वाचित विधायक यह बात ध्यान में रखें कि जनता के प्रति उनकी जवाबदेही सबसे बड़ी है। उनके उनके द्वारा सदन में उठाई गई बातें रिकॉर्ड में रहती है। इन बातों की सत्य प्रतिलिपि प्राप्त कर उनका मीडिया के माध्यम से प्रचार किया जा सकता है। ऐसा किया जाना जनता व जनप्रतिनिधि दोनों के लिए बेहतर होगा।
0-अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गरूवा, घुरूवा के क्रियान्वयन के संबंध में संभाग स्तरीय कार्यशाला आयोजित
रायपुर, 10 फरवरी । पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव आर.पी.मण्डल ने कहा है कि गांवों में गौठानों के बनने से गौसंवर्धन और इससे जुड़ी आजीविका के विकास के साथ ही किसानों को मवेशियों द्वारा फसल चरनेे की समस्या से निजात मिलेगी और वो खरीफ के साथ-साथ आसानी से रबी की फसल भी ले सकेंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी की मंशानुरूप नरवा, गरूवा, घुरूवा और बाड़ी के संरक्षण और संवर्धन से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नया जीवन मिलेगा और बड़ी संख्या में ग्रामीणजनों को अपने ही गांव में रोजगार के अवसर मिल सकेंगे। मण्डल ने कहा कि ये कार्य तभी सफल होंगे जब इन कार्यो में अधिक से अधिक जनसहभागिता सुनिश्चित की जाए। मण्डल आज यहां जिला कलेक्टोरेट परिसर स्थित रेडक्रॉस सभाकक्ष में एनजीजीबी के तहत गौठान तथा घुरूवा का चिन्हांकन एवं निर्माण के संबंध में आयोजित संभाग स्तरीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। अपर मुख्य सचिव ने कार्यशाला में नरवा, गरूवा, घुरूवा और बाड़ी (एनजीजीबी) के उद्देश्यों पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि सभी जिलों में 15 प्रतिशत ग्राम पंचायतों में आगामी 28 फरवरी तक गौठान निर्माण के कार्य प्रारंभ हो जाए तथा प्रथम चरण का कार्य आगामी अप्रैल माह तक पूर्ण कर लिया जाए। मण्डल ने कहा कि गांव में गौधन का बेसलाईन सर्वे कर प्रति 100 गौधन के लिए एक एकड़ भूमि चिन्हांकित कर गौठान का निर्माण किया जाए। यदि किसी गांव में 300 गौधन है तो वहां तीन एकड़ में गौठान बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि गौधन के रख-रखाव के लिए पारम्परिक एवं प्रचलित व्यवस्था को ही बरकरार रखा जाए। गौठान को डे-केयर सेंटर के रूप में विकसित किया जाएगा। गौठान का निर्माण ग्राम बसावट के पास और गौधन व मवेशियों के आने-जाने वाले रास्ते और जल स्त्रोत जैसे नदी-नाले, तालाब आदि के नजदीक किया जाए। गौठान का चयन ऊचाई वाले स्थन में किया जाए ताकि वहां पानी व कीचड़ का भराव न हो। गौठानों की देख-रेख के लिए ग्राम गौठान समिति का गठन किया जाए। गौठान में ही घुरूवा (खाद बनाने का गढ्ढा) बनाया जाए। गौठान के चारों और कंरोदा, बांस आदि से फेसिंग किया जाए तथा अन्दर फलदार पौधों का प्लांटेशन किया जाएगा। जिन स्थानों पर बारहमासी सतही जलस्त्रोत उपलब्ध न हो वहां बोरवेल किया जाए। यहां खाद टंकी भी बनायी जाएगी और इसे सामुदायिक गोबर गैस इकाई से जोडऩे की व्यवस्था की जाएगी। गौठान में ग्रामीण के लिए चौपाल भी बनाया जाए। गौठान के नजदीक ही मवेशियों के लिए चारागाह भी बनाया जाएगा। कार्यशाला में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की सचिव रीता शांडिल्य, रायपुर संभाग के आयुक्त जी.आर. चुरेन्द्र, रायपुर कलेक्टर डॉ.बसवराजु एस., जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ.गौरव कुमार सिंह सहित संभाग के सभी जिला पंचायत और जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, कृषि, उद्यान, पशुधन विकास विभाग के जिला अधिकारी उपस्थित थे।
रायपुर, 08 फरवरी । भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने राज्य सरकार के बजट को निराशा जनक बताते हुए कहा कि कांग्रेस जन घोषणा पत्र को भूल कर आधी अधूरी बातें कर रही है। लगभग 70 वादे कर सरकार में आए भूपेश सरकार ने युवाओं, महिलाओं व सभी वर्गों को छलने का काम किया है। भूपेश सरकार का बजट छत्तीसगढ़ को आगे ले जाने वाला नहीं दिखता और कोई विजन दिखाई पड़ा।
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने कांग्रेस सरकार के पहले बजट को छत्तीसगढ़ को नई ऊंचाई देने में असमर्थ बताते हुए कहा कि बजट की दिशा भटकी हुई है और नरवा, गरुवा, घुरुवा और बाड़ी का नारा खोखला साबित हुआ है। किसानों को कर्ज के नाम पर छलने के बाद बिजली बिल हॉफ करने के वादे से भी सरकार मुकरी। केवल 400 यूनिट तक हॉफ कर सरकार ने घरेलू उपभोक्ता के साथ इंडस्ट्री को भी धोखा दिया है। 10 लाख बेरोजगारों को 2500 रुपए देने का कहीं कोई जिक्र नहीं है, 60 वर्ष वालों को एक हजार व 75 वर्ष वालों को 1500 रु. प्रतिमाह, व विधवाओं को एक हजार रु. प्रतिमाह की बात ना कर भूपेश सरकार ने प्रदेश को ठगने का काम किया है। कौशिक ने कहा कि चिटफंड कम्पनी द्वारा ठगे लोगों को पैसा वापस करने का वादा कर सरकार में आए कांग्रेसियों ने चिटफंड कम्पनी की तरह ही पीडि़त लोगों को ठगने का काम किया है यह अक्षम्य है।
भाजपा महामंत्री सुभाऊ कश्यप, गिरधर गुप्ता व संतोष पाण्डेय ने कहा कि कांग्रेस सरकार अपने पहले बजट में चुनावी वादों पर खरी नहीं उतरी है। कांग्रेस पार्टी 55 साल राज्य करने के अपने पुराने ट्रैक पर वापस आ गयी है। जिस प्रकार गरीबी हटाओ के नारा को कभी पूरा नहीं कर पाए वैसे ही जन घोषणा पत्र को पूरा करने की क्षमता सरकार में नहीं दिख रही है। लगभग 200 फूड पार्क की बात करने वाले केवल 5 फूड पार्क के लिए 50 करोड़ का प्रावधान किया गया है जिससे स्पष्ट है किसानों को कर्जमाफी की तरह उनके उत्पादों की फूड पार्क में प्रोसेसिंग कर संरक्षित करने के वादे से भी हाथ उठाते दिख रहे हैं। कांग्रेस पार्टी की सरकार अपने पहले बजट में ही अनुत्तरित हो गई है।
भाजयुमो अध्यक्ष विजय शर्मा व महामंत्री संजु नारायण सिंह ने राज्य बजट पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि युवाओं के लिए इस बजट में कुछ भी नहीं है। ना ही बेरोजगारी भत्ते पर कुछ प्रावधान है, ना ही युवाओं के रोजगार के लिए कोई रोड मैप दिखता है। 10 लाख बेरोजगारों को भत्ता देने की बात कर युवाओं का वोट पाने वाले अब मुकर गए। यह शर्मनाक है। बजट में शिक्षा कर्मी युवा भाई बहनों के साथ 2 वर्ष के बाद नियमितीकरण करने के लिए भी कोई चर्चा नहीं की गई। यह साफ तौर पर युवा, भाई बहनों के साथ धोखा है।
भाजपा महिला मोर्चा अध्यक्ष श्रीमती पूजा विधानी ने कहा कि चुनाव में महिलाओं के वोट पाने के लिए पूर्ण शराबबंदी व महिला स्वसहायता समूह का सभी कर्जा माफ करने की बात की थी लेकिन बजट में इन दोनों बातों का कहीं कोई जिक्र नहीं किया गया है। जनघोषणापत्र बनाने वाले छत्तीसगढ़ शासन में मंत्री टी.एस. सिंहदेव के साथ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने महिलाओं के साथ अन्याय किया है। छत्तीसगढ़ सरकार का बजट पूर्ण रुप से फ्लाप शो रहा है। यह सरकार अपने वादे से भागती दिख रही है।
किसान मोर्चा अध्यक्ष पूनम चंद्राकर एवं पूर्व अध्यक्ष संदीप शर्मा ने कहा कि नरवा, तालाब, बाड़ी पर हमारी सरकार ने पूर्व में ही कार्य किया है, हजारों गांवों के नरवा को बांधकर पानी का ना केवल संचय किया गया बल्कि गर्मी में भी ग्रामीण जनों एवं पशु को पानी मिलते रहे इसके लिए नरवा, तालाब के, गांव के गौठान जिसे हम ‘दइहान‘ करते हैं को कीचड़ मुक्त करने सभी स्थानों में मुरम का भराव किया है एवं पेयजल हेतु पहले से ही नलकूप लगाये गये हैं। प्रदेश के लगभग 10 लाख बुजुर्ग किसानों को 1500 रु. प्रतिमाह पेंशन देने का वादा कर सत्ता में आयी इस सरकार ने बुजुर्गों के लिए ‘चवन्नी‘ का प्रावधान नहीं किया उल्टे अपने विधायकों को मिलने वाली राशि को एक करोड़ से बढ़ा कर सीधा दो करोड़ कर दिया अर्थात अपनी व्यवस्था पहले कर ली।
जगदलपुर, 08 फरवरी । सप्ताह में तीन दिन चलने वाली जगदलपुर-दुर्ग एक्सप्रेस अगले सप्ताह तीनों दिन जगदलपुर नहीं आएगी-जाएगी। ओडिशा के टिटलागढ़ सेक्शन में रेलमार्ग की मरम्मत एवं इंटरलाकिंग का काम जारी होने से इस ट्रेन का संचालन अगले सप्ताह बंद रखने का निर्णय लिया गया है। जगदलपुर स्टेशन प्रबंधन ने बताया कि दस, बारह और चौदह फरवरी को यह गाड़ी नहीं आएगी। इसकी सूचना आ गई है। जिसे लोगों की जानकारी के लिए जारी किया गया है। उल्लेखनीय है कि कुछ माह पहले भी कई दिनों तक इस गाड़ी का संचालन बंद था। जगदलपुर से कोरापुट-रायपुर होकर दुर्ग तक चलने वाली जगदलपुर एक्सप्रेस की समयसारिणी को देखते हुए बस्तर के लिए इस गाड़ी को घाटे का सौदा बताया जाता है। यह गाड़ी जगदलपुर से साढ़े बारह बजे छूटती है। आने के समय भी इसका समय तडक़े चार बजे का है। स्थानीय लोग इसे रात में जगदलपुर से छोडऩे की मांग करते आ रहे हैं लेकिन इस संबंध में रेलवे ने अभी तक बस्तरवासियों की मांग नहीं सुनी है।
जगदलपुर, 08 फरवरी । नगर में सिटी बस की सेवा पिछले पांच दिनों से ठप पड़ी हुई है और इसके शुरू होने की संभावना भी नहीं दिख रही है। जनता को सुविधा देने के स्थान पर अब जनता को ही मुसीबतों का डब्बा दिया जा रहा है। जानकारी के अनुसार जो सिटी बसें शहर में लोगों की सुविधा के लिए दी गई थी। उनमें अब ऐसी खराबी आ गई है कि इन बसों को चलाना संभव नहीं रहा है। जानकारी के अनुसार पहले भी ये बसें समय-समय पर बाधित रहती थी और इस बार तो इन बसों के शुरू होने की संभावना भी नहीं रही है।
उल्लेखनीय है कि नगर में अलग-अलग मार्ग पर चलाये जाने के लिए दस बसें दी गई थीं और इन दसों में से सभी बसें जीर्णशीर्ण हो चुकी हैं। इधर बस चलाने वाले ऑपरेटर ने बस्तर सार्वजनिक यातायात सोसायटी को बताया है कि अगले दो या तीन दिनों में तीन बसों को संचालित करने में समर्थ हो जायेगा। इस प्रकार सात बसें बिगड़ी हालत में पड़ी रहेंगी।
जानकारी के अनुसार वर्ष 2014 में सिटी बस योजना के तहत नगरी प्रशासन विभाग ने नगर निगम को इन बसों को दिया था। विभाग द्वारा खरीदी गई सभी बसों में गुणवत्ता की कमी थी और मात्र चार वर्षों में इन बसों ने काम करने से अपने आप को असहाय बताया। जिसके कारण आज शहर में सिटी बसों का संचालन बंद हो गया है।
इस संबंध में महापौर जतीन जायसवाल का कहना है कि इन बसों के मेनटनेस के लिए शहर में बसें प्रदाता कंपनी का कोई मेंटनेंस सेंटर नहीं है और कंपनी ने इसकी व्यवस्था भी नहीं की है। इन कारणों से बसों का उचित संधारण नहीं हो पाया और बसें एक-एक कर बिगड़ती गई। इस संबंध में अनेकों बार जिलाधीश से भी शिकायतें की गई और कंपनी का मेंटनेंस सेंटर खुलवाने के लिए आग्रह किया गया, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई अभी तक नहीं हो पाई हंै।
बीजापुर, 08 फरवरी । जिले के भैरमगढ़ थाना क्षेत्र के माढ़ में हुए गुरुवार को हुए मुठभेड़ में पुलिस ने 10 नक्सलियों को मार गिराया था, वही इनके पास से 11 हथियार और भारी मात्रा में सामान भी बरामद किया गया था । मारे गए सभी नक्सलियों के शव, हथियार और सामान जिला मुख्यालय लाया गया है, अब तक मारे गए किसी भी नक्सली की शिनाख्त नही हो पाई है । शवो का पंचनामा कर पोस्टमार्डम की तैयारी किया जा रहा है । बीजापुर एसपी मोहित गर्ग ने प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि इंटेलिजेंस से पुख्ता सूचना मिली थी कि माढ़ में नक्सलियों की मिलिट्री और जनमिलिशिया टीमो की बड़ी ट्रेनिंग चल रहा है, उसी सूचना के आधार पर डीआरजी और एसटीएफ की संयुक्त पार्टी को बुधवार की रात इंद्रावती नदी पार माढ़ के बोड़ला की ओर रवाना किया गया था । पुलिस की संयुक्त पार्टी के साथ गुरुवार सुबह 11 बजे नक्सलियों के साथ मुठभेड़ हुई फायरिंग दोनो तरफ से चली । मुठभेड़ थमने के जवानों द्वारा घटना स्थल का सर्चिंग किया गया तो वहाँ नक्सलियों का केम्प था जहाँ बड़े नक्सलियों द्वारा मिलिशिया के सदस्यों को ट्रेनिंग दिया जा रहा था । इस मुठभेड़ में 5 महिला और 5 पुरुष नक्सली मारे गए है वही उनके पास से 10 भरमार और एक 315 बार कट्टा सहित भारी मात्रा में विस्फोटक व सामान भी बरामद किया गया । उन्होंने आगे कहा कि इस मुठभेड़ में मारी गई एक महिला नक्सली की वर्दी में फ़ोटो बरामद किया गया है जिसके आधार पर उसकी पहचान करने की कोशिश की जा रही है । इस मुठभेड़ में बड़े हथियार नही मिलने के सवाल पर एसपी ने कहा कि जब कभी भी मुठभेड़ होती है नक्सली अपने बड़े कैडर के नक्सली और बड़े हथियारों को नक्सली हमेशा अपने साथ ले जाते हैं, जिसके कारण उनके शव और हथियार बहुत कम बरामद हो पाते है । चूंकि क्षेत्र नक्सलियों का आधार इलाका है इस कारण ज्यादा देर तक सर्चिंग कर पाना सम्भव नही हो पाया । जवानों को माढ़ जैसे क्षेत्र से सुरक्षित निकाल पाना सबसे बड़ी चुनौती थी, इस कारण अतिरिक्त बल भेज कर जवानों को सुरक्षित निकाला गया । आगे भी इस तरह के और भी अभियान चलाते हुए नक्सलियों को भगाने का प्रयास किया जाता रहेगा ।