छत्तीसगढ़

आरडीएफ प्लांट के कार्यों का निगम आयुक्त ने लिया जायजा
Posted Date : 13-Feb-2019 11:19:25 am

आरडीएफ प्लांट के कार्यों का निगम आयुक्त ने लिया जायजा

० प्लांट जल्द शुरू करने के निर्देश
0 आरडीएफ व खाद् बनाने की प्रक्रिया की ली पूरी जानकारी

बिलासपुर । कमिश्नर प्रभाकर पाण्डेय सालिड एंड वेस्ट मैनेजमेंट के तहत स्थापित आरडीएफ प्लांट पहुंचे। यहां पहुंच कर आरडीएफ व खाद् बनाने की पूरी प्रक्रिया से वाकिफ हुए। इस दौरान उन्होंने नोडल अधिकारी अनुपम तिवारी को प्लांट चलाने की अनुमति संबंधी कार्रवाई को जल्द पूर्ण करने के निर्देश दिए।
डोर टू डोर कचरा कलेक्शन से आरडीएफ व खाद् बनाने के लिए कछार में प्लांट स्थापित किया गया। प्लांट के कार्यों का अवलोकन करने कमिश्नर कछार पहुंचे। इस दौरान उन्होंने लैंडफील संबंधित कार्यों की स्टेप टू स्टेप जानकारी ली। मेसर्स दिल्ली एमएसडब्ल्यू सल्युशन लिमिटेड के प्रबंधक टीके मुरलीधरन ने आरडीएफ व खाद् बनाने की प्रक्रिया की जानकारी दी। मुरलीधरन ने बताया कि सबसे पहले कचरा को डंप कर रखा जा रहा है। इसके बाद इसे 75 एमएम की मशीन में डाला जाएगा। यहां से सेग्रिगेशन होकर यह दुकड़ों में बंटने के साथ अलग-अलग होगा। इसके बाद इसे 25 एमएम की मशीन में डाला जाएगा। 25 एमएम की मशीन में दो स्टेप में सेग्रिगेट होगा। इसमें एक जगह से जो मशीन के बीच से नीचे गिरेगा वह खाद् बनेगा और मशीन के अंतिम छोर से जो कचरा गिरेगा वह आरडीएफ बनेगा। 25 एमएम की मशीन के बीच से गिरने वाले कचरा को पुन: 4 एमएम की मशीन में सेग्रिगेशन किया जाएगा। चार एमएम की मशीन में सेग्रिगेशन के बाद यह खाद् बनेगा।
स्व-सहायता समूह को भी करें संलग्न:
निरीक्षण के दौरान कमिश्नर ने शहर की महिला स्व सहायता समूह को भी कार्य में लगाने के निर्देश दिए। इस संबंध में किस तरह से महिला स्व. सहायता समूह की सेवाएं ली जा सकती है इसके लिए विस्तृत कार्ययोजना बनाने की बात कही।
बायोवेस्ट डिस्पोज पर नाराजगी:
आरडीएफ प्लांट के बगल में ही बायोमेडिक वेस्ट डिस्पोज प्लांट है, लेकिन मौके के निरीक्षण करने में बायोमेडिकल वेस्ट का प्रापर डिस्पोज न होकर इधर-उधर बिखराव मिला। इस पर कमिश्नर ने गहरी नाराजगी जाहिर की।

प्लाटून कमांडर के हत्यारे हेड कांस्टेबल को आजीवन कारावास
Posted Date : 13-Feb-2019 11:17:49 am

प्लाटून कमांडर के हत्यारे हेड कांस्टेबल को आजीवन कारावास

० नवंबर 2013 को घटित हुयी थी वारदात 
दंतेवाड़ा 13 फरवरी । गश्त के दौरान हुई कहा-सुनी में अपने ही प्लाटून कमांडर पर एके-47 से अंधाधुंध फायरिंग कर हत्या करने के आरोपी  40 वर्षीय प्रधान आरक्षक जानसिंह मरकाम को विशेष अदालत ने आईपीसी की धारा 302 के तहत आजीवन कारावास और 100 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। आरोपी छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल की 15 वीं बटालियन की ई-कंपनी में प्रधान आरक्षक के पद पर कार्यरत था। 
लोक अभियोजक नीलिमा वर्मा के अनुसार बीजापुर जिले के नेलसनार थाना क्षेत्र के फुंडरी गांव के जंगल में 3 नवंबर 2013 को यह वारदात हुई थी। इस मामले में विशेष अदालत (नक्सल) दंतेवाड़ा के पीठासीन अधिकारी व अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश मनोज सिंह ठाकुर ने अभियोजन व बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद आरोपी पर दोष सिद्ध पाया। 
 विदित हो कि बीजापुर के विधायक पूर्व मंत्री महेश गागड़ा के प्रवास के दौरान रोड ओपनिंग पार्टी रवाना की गई थी, तभी यह हादसा हुआ था। 

जांजगीर-चांपा में हसदेव नदी पर बना सोथी एनीकट क्षतिग्रस्त, दोषियों पर कार्यवाही नहीं : सौरभ सिंह
Posted Date : 13-Feb-2019 11:17:01 am

जांजगीर-चांपा में हसदेव नदी पर बना सोथी एनीकट क्षतिग्रस्त, दोषियों पर कार्यवाही नहीं : सौरभ सिंह

0-जल आपूर्ति न होने से चौपट होंगे उद्योग-धंधे
रायपुर, 13 फरवरी । विधानसभा में आज ध्यानाकर्षण के माध्यम से सदस्य सौरभ सिंह ने हसदेव नदी पर गलत डिजाइन और निम्न गुणवत्ता से निर्मित सोथी एनीकट के क्षतिग्रस्त होने का मामला उठाते हुए दोषी ठेकेदार और संबंधित अधिकारियों-कर्मचारियों पर कोई कार्यवाही नहीं होने का मामला उठाया। 
श्री सिंह ने अपने ध्यानाकर्षण में कहा कि-जांजगीर-चांपा जिले के हसदेव नदी पर वर्ष 2006 से प्रारंभ होकर 2012 में एनीकट का निर्माण 1775 लाख की लागत से बनाया गया है एवं प्रशासनिक स्वीकृति 1853.75 लाख की दी गई है। इसे प्रचलित शब्दों में सोथी एनीकट कहा जाता है। उक्त एनीकट गलत डिजाईनिंग और निम्न गुणवत्ता का निर्माण के कारण 15-11-2018 को बह कर टूट गया है। ठेकेदार और संबंधित कर्मचारी और अधिकारीगण जिन्होंने इसका निर्माण कराया उन पर कोई नोटिस और जांच आदेश नहीं दिया गया है। विभाग द्वारा इस एनीकट से प्रकाश इण्ड्रस्ट्रीज एवं मध्य भारत पेपर मिल और नदी किनारे किसानों को सब्जी लगाने के लिए जल आपूर्ति की जाती थी। आपूर्ति न होने से विभाग को 30 लाख रूपए प्रतिमाह का नुकसान हो रहा है। एनीकट फ्लोटिंग वायर पद्धति से बना है जिसमें बाड़ी वियश्र आरडी 110 से आरडी 146 के मध्य का भाग बह गया है। इस पद्धति से बने एकीकट का पुन: निर्माण और मरम्मत यदि वर्षाऋतु तक नहीं हुई तो संपूर्ण स्ट्रक्चर बह सकता है। आज की स्थिति में मिट्टी का अस्थाई स्ट्रक्चर बनाकर काम किया जा रहा है। उपरोक्त स्ट्रक्चर के निर्माझज्ञ प्श्र :.65 करोड़ की अनुमानित लागत है। एनीकट ना बनने से गर्मी में उद्योग बंद हो जाएंगे, जिससे बेरोजगारी बढ़ेगी और नदी किनारे सब्जी उगा रहे किसानों की पूरे साल की फसल का नुकसान होगा। इसकी वसूली किस अधिकारी से की जाएगी, इस पर कोई निर्देश प्राप्त नहीं ुआ। इसी प्रकार हसदेव नदी पर सतीगुड़ी, चाम्पा नगर और कुदरी में भी इसी दौरान एनीकट बनाए गए थे, इनमें से भी पानी का रिसाव हो रहा है और कभी भी तेज प्रवाह और बाढ़ की स्थिति में ढह सकता है। यह स्थिति तब है जबकि पिछले तीन मानसनू में कम वर्षा के कारण बांगो बांध से नदी में पानी नहीं छोड़ा गया है। सिंचाई विभाग की उदासीनता से जनता में भारी रोष एवं आक्रोश व्याप्त है। 
इसके जवाब में विभागीय मंत्री रविन्द्र चौबे ने सदन को बताया कि-जांजगीर-चांपा जिले में हसदेव नदी पर ग्राम पीथमपुर व हथनवेरा के मध्य सोंठी एनीकट के निर्माण हेतु प्रशासकीय स्वीकृति छग शासन के पत्र क्रमांक 4087-डी-9-647-जसं रायपुर दिनांक 17-7-2006 द्वारा रूपए 694.64 लाख की प्रदाय की गई थी। रूपए 659.77 लाख की तकनीकी स्वीकृति प्रदान कर अनुबंध क्रमांक 01-डीएल-2007-08 के द्वारा अशोक कुमार मित्तल अ-5 श्रेणी ठेकेदार से कार्य प्रारंभ करवाया गया। निर्माण के दौरान हसदेव नदी में फाउण्डेशन में रेत अधिक गहराई तक रेत-बालू होने के कारण योजना में फायफ्रामवाल जोडक़र योजना की पुनरीक्षित प्रशासकीय छग शासन द्वारा दिनांक 2-12-2009 को रूपए 1853.75 लाख ककी प्राप्त हुई थी। योजना पर सिविल कार्य हेतु 1285.00 लाख तथा गेट कार्य हेतु रूपए 490.90 लाख कुल रूपए 1775.90 लाख व्यय हुआ है। विभाग द्वारा सोंठी एनीकट से प्रकाश इण्ड्रस्ट्रीज को 8.40 मि.घ.मी. वार्षिक नैसर्गिक स्नोत्र एवं 1.825 मि.घ.मी. वार्षिक शासकीय स्त्रोत से तथा मध्य भारत पेपर मील को 2.16 मि.घ.मी. वार्षिक नैसर्गिक स्त्रोत से आवंटित है। एनीकट से आपस्ट्रींग में कुदरी बैरोज निर्मित है। मैदानी अमले द्वारा उपलब्ध कराए गए डाटा एवं प्रस्तुतीकरण के अनुसार डिजाईन का परीक्षाण कर निर्माण किया गया है। एनीकट की टूटने की सूचना दिनांक 14.11.2018 को रात्रि के समय प्राप्त होने के बाद दिनांक 24 नवंबर 2018 को प्र्रमुख अभियंता जल संसाधन विभाग द्वारा गठित जांच दल द्वारा निरीक्षण कर जांच की गई। पुन: वरिष्ठ अधिकारियों को शामिल कर दिनांक 7 फरवरी 2019 को क्षतिग्रस्त कार्य की जांच की गई। जिसका जांच प्रतिवेदन प्राप्त हो चुका है जिसके आधार पर विष्भागीय निमयों के तहत दोषी अधिकारियों एवं ठेकेदारों के विरुद्ध कार्यवाही की जा रही है। क्षतिग्रस्त एनीकट के सुधार होने तक संबंधित उद्योगों को विभाग द्वारा इस स्थल के ऊपर निर्मित संरचनाओं से जल प्रदान की वैकल्पिक व्यवस्था से जल प्रदान किया जा रहा है। प्रकाश इण्ड्रस्ट्रीज को आवंटित 8.40 मि.घ.मी.वार्षिक तथा मध्य भारत पेपर इण्ड्रस्ट्रीज को आवंटित 2.16 मि.घ.मी. वार्षिक नैसर्गिक स्त्रोत से है, इन्हें नदी से जल बहाव से जल आहरण करना है। नदी में बहाव उपलब्धता के अनुसार संस्थान द्वारा जल आहरण किया जाएगा। जिससे प्रकाश इण्ड्रस्ट्रीज को 1.825 मि.घ.मी. आबंटित जल के विरुद्ध ग्रीष्मकाल हेतु जल उपलब्ध कराया जा सकता है। अत: क्षतिग्रस्त एनीकट से अनुबंध के अनुसार शासन को किसी प्रकार का नुकसान नहीं होगा। हसदेव नदी पर निर्मित सत्तीगुड़ी, चांपा एवं कुदरी एनीकट में क्षति होने की कोई संभावना नहीं है। कार्यपालन अभियंता जल संसाधन विभाग जांजगीर-चांपा द्वारा एनीकट के क्षतिग्रस्त भाग का विशेष मरम्मत प्रस्ताव रूपए 367.50 लाख प्रस्तुत किया गया है। प्रस्ताव में तकनीकी टीप का निराकरण हेतु कार्यपालन अभियंता जल संसाधन संभाग जांजगीर-चांपा को निर्देशित किया गया है। स्वीकृति पश्चात क्षतिग्रस्त भाग को निर्माण करकने की कार्यवाही की जाएगी। जिन संस्थानों को शासकीय स्त्रोत से जल आबंटन की गई है, उनकी जल आपूर्ति बंद नहीं होगी। अत: उद्योग बंद नहीं होंगे तथा बेरोजगारी नहीं बढ़ेगी। नदी में पानी का बहाव रहने से किसानों को सब्जी भागी उगाने हेतु नुकसान नहीं होगा। हसदेव नदी पर सत्तीगुढ़ी, चांपा एनीकट एवं कुदरी बैरोज निर्मित है जिनमें कोई रिसाव नहीं है। क्षतिग्रस्त एनीकट के मरम्मत का प्रस्ताव स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है अत: उदासीनता नहीं है एवं जनता में कोई रोष एवं आक्रोश व्याप्त नहीं है। 

भीषण गर्मी एवं लू से बचाव के लिए दिए गए दिशा-निर्देश
Posted Date : 13-Feb-2019 11:12:09 am

भीषण गर्मी एवं लू से बचाव के लिए दिए गए दिशा-निर्देश

धमतरी , 13 फरवरी ।जलवायु परिवर्तन एवं वैश्विक तापमान में औसत रूप से हुई वृद्धि के कारण गत कुछ वर्षों से राज्य के विभिन्न हिस्सों में अप्रैल से जून माह के दौरान भीषण गर्मी पडऩे एवं लू चलने इत्यादि की प्रवृत्ति होती है। इस वर्ष अप्रैल से तापमान बढऩे एवं भीषण गर्मी पडऩे की संभावना है। कलेक्टोरेट स्थित राहत शाखा से मिली जानकारी के अनुसार जिले में लू से बचाव एवं प्रबंधन हेतु आवश्यक जानकारी प्रदाय करने के लिए जिला स्तर पर कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है, जिसका दूरभाष क्रमांक 07722-237779 है। 
बताया गया है कि सिर में भारीपन, दर्द का अनुभव होना, तेज बुखार के साथ मुंह का सूखना, चक्कर, उल्टी आना और कमजोरी के साथ शरीर में दर्द होना इत्यादि लू के लक्षण हैं। इससे बचाव के लिए बहुत अनिवार्य न हो तो घर से बाहर नहीं जाना चाहिए। धूप में निकलने से पहले सर व कानों को कपड़े से अच्छी तरह से बांधना और पानी की मात्रा अधिक पीना चाहिए। अधिक पसीना आने की स्थिति में ओ.आर.एस. घोल पीना चाहिए। प्रारंभिक सलाह के लिए 104 आरोग्य सेवा केन्द्र से नि:शुल्क परामर्श लिया जा सकता है।    

 रायपुर हाफ मैराथन दौड़ 24  को ऑनलाईन पंजीयन की अंतिम तिथि 15 तक
Posted Date : 13-Feb-2019 11:11:30 am

रायपुर हाफ मैराथन दौड़ 24 को ऑनलाईन पंजीयन की अंतिम तिथि 15 तक

धमतरी, 13 फरवरी । छत्तीसगढ़ शासन, खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा आगामी 24 फरवरी रविवार को अटल नगर, नया रायपुर में राष्ट्रीय मैराथन दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन सुबह 7.30 बजे से किया जा रहा है। खेल अधिकारी सुश्री सुधा कुमार ने बताया कि दौड़ में हिस्सा लेने के इच्छुक 15 फरवरी तक ऑनलाईन पंजीयन कर सकते हैं। इसके लिए धावक स्वयं अपने मोबाईल के गूगल प्ले स्टेर से रायपुर हाफ मैराथन 2019 डाउनलोड कर सकते हैं अथवा रूद्री स्थित खेल विभाग में बैंक खाता नंबर, आधार कार्ड और एक पासपोर्ट साईज फोटो के साथ उपस्थित होकर पंजीयन कराया जा सकता है।
ज्ञात हो कि मैराथन में राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर के धावकों के साथ राज्य के युवा, विद्यालय, महाविद्यालय के विद्यार्थी हिस्सा लेंगे। इसमें महिला-पुरूष व वरिष्ठ नागरिकों के लिए 21 कि.मी., 10 कि.मी., 05 कि.मी., दिव्यांगों के लिए 03 कि.मी. ट्रायसाइकिल रेस तथा दृष्टिबाधितों के लिए एक किलोमीटर दौड़ आयोजित की जाएगी, जिसके विजेताओं को लगभग 32 लाख के पुरस्कार प्रदाय किए जाएंगे।    

आईआईएम के बाउण्ड्रीवाल से चेरिया-पौंता के ग्रामीणों का आवागमन हुआ बाधित : धनेन्द्र साहू
Posted Date : 13-Feb-2019 11:10:14 am

आईआईएम के बाउण्ड्रीवाल से चेरिया-पौंता के ग्रामीणों का आवागमन हुआ बाधित : धनेन्द्र साहू

0-नया रायपुर विकास प्राधिकरण ने अब तक नहीं बनाया सडक़
रायपुर, 13 फरवरी । विधानसभा में आज ध्यानाकर्षण के माध्यम से धनेन्द्र साहू ने ग्राम चेरिया-पौंता के निकट आईआईएम द्वारा बाण्ड्रीवाल किए जाने से दोनों ग्रामों के लोगों के आवागमन बाधित होने का मामला उठाया। इसके जवाब में आवास एवं पर्यावरण मंत्री ने बताया कि ग्रामीणों के सुगम आवागमन के लिए यहां नया रायपुर विकास प्राधिकरण द्वारा सडक़ बनाया जाना प्रस्तावित है। वर्तमान में ग्रामीण पुराने मार्ग से ही आवागमन कर रहे हैं, सडक़ बन जाने के बाद ग्रामीणों का आवागमन और सुगम हो जाएगा। 
धनेन्द्र साहू ने अपने ध्यानाकर्षण में कहा कि-नया रायपुर (अटल नगर) विकास प्राधिकरण द्वारा ग्राम चेरिया एवं ग्राम पौंता हेतु लोक निर्माण विभाग द्वारा बनाई गई सडक़ जो कि लोगों के आवागमन का एकमात्र साधन था जिसे आईआईएम संस्थान को आवंटित कर दिया। आईआईएम संस्थान के अधिकारियों द्वारा इस पर पक्के बाउण्ड्रीवाल का निर्माण करके उक्त दोनों ग्राम की सडक़ को अपनी सीमा के अंदर लेकर आवागमन को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। दोनों ग्रामों के लोगों को अन्य दूरस्थ ग्रामों से तथा खेत-खार एवं पगडंडियों से होकर गुजरना पड़ रहा है। अभी तक नया रायपुर-अटल नगर विकास प्राधिकरण द्वारा इन ग्रामों के लोगों के आवागमन हेतु बाउण्ड्री के बाहर से भी सडक़ का निर्माण नहीं किया जा रहा है। जिससे पौंता एवं चेरिया दोनों ग्रामों के हजारों लोगों को काफी अधिक तखलीफों का सामना करना पड़ रहा है। जनता में शासन के प्रति काफी रोष एवं आक्रोश व्याप्त है। 
इसके जवाब में अपना वक्तव्य प्रस्तुत करते आवास एवं पर्यावरण मंत्री मोहम्मद अकबर ने सदन को बताया कि अटल नगर विकास प्राधिकरण द्वारा आईआईएम संस्थान को संस्थान स्थापना हेतु कुल 81.56 हेक्टेयर भूमि आवंटित की गई है। आवंटित भूमि में से संस्थान को कुल 80.92 हेक्टेयर भूमि का आधिपत्य दिया गया। उक्त भूमि में से खसरा क्रमांक 671 रकबा 0.81 हेक्टेयर भूमि जो कि ग्राम पौंता की आबादी से बंजारी की ओर जाने वाले रास्ते के रूप में राजस्व अभिलेखों में दर्ज है, भी शामिल है। इस मार्ग से पौंता एवं चेरिया के लोगों को आवागमन होता रहा है। संस्थान द्वारा आधिपत्य में दी गई भूमि की सीमा के चारों तरफ बाण्ड्रीवाल का निर्माण वर्ष 2012-13 में किया गया है। वर्ष 2018 में संस्थान द्वारा शिक्षण कार्य प्रारंभ किया गया। शिक्षण कार्य प्रारंभ होने के बाद निर्मित बाण्ड्रीवाल के चार हिस्सों में गेट का निर्माण किया गया। उक्त निर्माण कार्य के परिणाम स्वरूप दोनों ग्रामों के संस्थान के भीतर बने वैकल्पिक मार्ग से आवागमन हो रहा है। आईआईएम को भूमि आवंटन की शर्त में यह उल्लेखित है कि विकास योजनांतर्गत प्रस्तावित सडक़ों के निर्माण तक पुराने प्रचलित मार्गों पर सार्वजनिक आवागमन का अधिकार यथावत रहेगा। इस प्रकार यह कहना सही नहीं है कि, आवागमन पूरी तरह से बंद कर दिया गया है तथा लोगों को अन्य दूरस्थ ग्रामों से एवं खेतखार एवं पगडंडियों से होकर गुजरना पड़ रहा है। अटल नगर विकास प्राधिकरण द्वारा ग्राम चेरिया एवं पौंता के ग्रामीणों के सुगम आवागमन हेतु निर्मित बाउण्ड्रीवाल के बाहर सडक़ निर्माण किया जाना प्रस्तावित है। इस प्रकार पौंता एवं चेरिया दोनों ग्रामों के हजारों लोगों को तखलीफ का सामना नहीं करना पड़ रहा है तथा जनता में शासन के प्रति रोष एवं आक्रोश की स्थिति नहीं है।