छत्तीसगढ़

स्काई वॉक निर्माण में होगी अनियमितता की जांच-लोकनिर्माण मंत्री
Posted Date : 14-Feb-2019 11:07:06 am

स्काई वॉक निर्माण में होगी अनियमितता की जांच-लोकनिर्माण मंत्री

0 धर्मजीत सिंह एवं ब्रिहस्पति सिंह ने ध्यानाकर्षण सूचना में उठाया औचित्य का प्रश्न 
रायपुर, 14 फरवरी । छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज सदस्य धर्मजीत सिंह एवं ब्रिहस्पति सिंह ने आज छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के दौरान अपनी ध्यानाकर्षण सूचना के माध्यम से रायपुर शहर में निर्माणाधीन स्काई वॉक की आवश्यकता, निर्माण एवं औचित्य का प्रश्र उठाया। जिसके जवाब में छत्तीसगढ़ के लोकनिर्माण मंत्री ताम्रध्वज साहू ने अपने लिखित वक्तव्य में विस्तृत जानकारी दी। जिससे असंतुष्ठ प्रश्र कर्ताओं ने स्काईवॉक निर्माण में हुई अनियमितता की जांच करने की मांग की। इस संबंध में मंत्री ने सदन में घोषणा की कि निर्माण में यदि अनियमितता हुई है तो उसकी जांच कराई जाएगी। 
लोकनिर्माण मंत्री ताम्रध्वज साहू ने अपने वक्तव्य में बताया कि रायपुर शहर में निर्माणाधीन पैदल यात्रियों के लिए आने जाने हेतु सुरक्षित यातायात की दृष्टि से अतिव्यस्ततम शास्त्री चौक पर स्काई वॉक का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शासन द्वारा इसे वर्ष 2016-17 की बजट में शामिल किया गया। तत्पश्चात शासन द्वारा एस.एन.भोबे एंड एसोसिएट्स प्राईवेट लिमिटेड मुंबई को दिनांक 20/09/2016 द्वारा डी.पी.आर. एवं पी.एम.सी. तैयार करने हेतु अनुबंध किया गया। कंसल्टेंट द्वारा डी.पी.आर.के अनुसार शास्त्री चौक पर प्रतिदिन लगभग 27000 पैदल यात्रियों एवं मेकाहारा चौक पर लगभग 14000 पैदल यात्रियों के आने-जाने का सर्वे किया गया। कंसल्टेंट द्वारा प्रस्तुत डी.पी.आर. एवं प्राक्कलन के आधार पर राशि रूपऐ 5908.89 लाख की प्रशासकिय स्वीकृति दिनांक 08/03/2017 को विभाग द्वारा दी गई थी तत्पश्चात अनुबंध की प्रक्रिया पूर्ण कर मेसर्स जी.एस.एक्सप्रेस प्राईवेट लिमिटेड लखनऊ को दिनांक 24/04/2017 को कार्यादेश जारी कर कार्यारंभ किया गया। स्थल परिस्थिति के कारण एवं कार्य में हुए परिवर्तन के आधार पर विभागीय पत्र दिनांक 13/12/2018 को रूपए 7710.30 लाख की राशि की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई थी। 
मंत्री ने बताया कि स्काईवॉक की कुल लंबाई 1470.00 मीटर है (मल्टीनेशनल पार्किंग जयस्तंभ चौक की ओर-614.00 मीटर, अम्बेडकर की ओर-590.00 मीटर एवं शास्त्री चौक पर रोटरी भाग-266.00 मीटर) स्काईवॉक की चौड़ाई मल्टीलेवल पार्किंग एवं अम्बेडकर अस्पताल की ओर-3.75 मीटर, तथा रोटरी भाग में-4.00 मीटर रखी गई है। इस कांसेप्ट में कोई परिवर्तन किया जाना प्रस्तावित नहीं है। वर्तमान में लगभग 50 प्रतिशत कार्य पूर्ण है एवं कार्य प्रगति पर है। अब तक रू. 3644.20 लाख व्यय हो चुका है। विभाग द्वारा दिनांक 21, 22 जनवरी को कोई बैठक आयोजित नहीं की गई थी अपितु महापौर रायपुर द्वारा उक्त तिथि के समीक्षा बैठक में स्काई वॉक के साथ अन्य सुविधाओं चहल पहल बनाये रखने जैसे पालिका बाजार एवं रख-रखाव हेतु राजस्व प्राप्ति के बारे में जानकारी चाही गई थी विभाग द्वारा 32 नग दुकान पूर्व से ही प्राक्कलन में सम्मिलित होना बताया गया। निर्माण कार्य विभागीय अधिकारियों एवं कंसलटेंट की देख रेख में मापदण्ड एवं गुणवत्तापूर्वक कराया जा रहा है। स्काईवॉक का निर्माण, आम नागरिकों के उपयोग के लिए किया जा रहा है। स्काईवॉक के निर्माण से आम नागरिकों में शासन/प्रशासन के प्रति कोई रोष एवं आक्रोश व्याप्त नहीं है। 
अपनी ध्यानाकर्षण सूचना में सदस्य धर्मजीत सिंह एवं बृहस्पति सिंह ने कहा कि रायपुर शहर में महज 1.5 किलोमीटर में बन रहे स्काई वॉक की निर्माण लागत दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। कुल 45-46 करोड़ लागत अब 80 करोड़ तक बढ़ गई है, जो निर्माण आज से एक साल पहले पूर्ण हो जाना था वह अब भी 60 से 70 प्रतिशत पूरा हो पाया है, मगर बजट दो गुना बढ़ गया है। शहरवासी स्काई वॉक के उपयोग और इस पर किए जाने वाले बेहिसाब खर्च से अचंभित हैं। स्काईवॉक बनाने का निर्णय चंद अधिकारियों ने निजी कंपनी से सांठगांठ कर ले लिया और आनन-फानन में बिना सोचे समझे काम भी चालू करा दिया। ठेकेदार ड्राईंग डिजाईन को नजर अंदाज कर मनमाफिक काम करा रहा है। स्काईवॉक का निर्माण 70 प्रतिशत पूरा होने के बाद आला अफसर इसकी उपयोगिता पर प्रश्र चिन्ह खड़े करने में लगे हैं। 21-22 जनवरी 2019 को समीक्षा बैठक आयोजित कर स्काईवॉक का कांसेप्ट ही बदलने पर विचार किया गया। तथाकथित विशेषज्ञ स्काईवॉक पर बाजार लगाने, दुकान लगाने जैसे अजीबो-गरीब सुझाव देकर शहरवासियों का ध्यान हटाने में लगे हैं। काम शुरू होने के पहले न तो किसी भी प्रकार का सर्वे किया, न ही आम नागरिकों, प्रतिनिधियों का सुझाव मांगा गया। जिसके परिणाम स्वरूप स्काईवॉक अब स्काई सुरंग ही साबित हो गया है। जनता की गाढ़ी कमाई का फिजूखर्च तथा औचित्यहीन निर्माण से रायपुर शरह के आम नागरिकों में शासन/प्रशासन के प्रति रोष एवं आक्रोश व्याप्त है। 

सुपेबेड़ा की किडनी प्रभावितों के इलाज हेतु की जा रही समुचित व्यवस्था : टीएस सिंहदेव
Posted Date : 14-Feb-2019 11:05:43 am

सुपेबेड़ा की किडनी प्रभावितों के इलाज हेतु की जा रही समुचित व्यवस्था : टीएस सिंहदेव

0-विधायक सत्यनारायण शर्मा ने उठाया किडनी से मौतों का मामला 
रायपुर, 14 फरवरी । छत्तीसगढ़ विधानसभा बजट सत्र  में आज कांग्रेस विधायक सत्यनारायण शर्मा ने गरियाबंद जिले के सुपेबेड़ा किडनी बीमारी से ग्रसित लोगों के बारे में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव सदन में रखा। सत्यनारायण शर्मा ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव में स्वास्थ्य मंत्री से जानना चाहा कि गरियाबंद जिले के सुपेबेड़ा में किडनी बीमारी से मौत का सिलसिला 2005 से निरंतर अभी तक जारी है और अब तक वहां 70 मौतें हो चुकी है। किंतु इन मौतों का कारण किडनी संबंधी बीमारी न होकर अन्य कारण बताया जा रहा है जबकि स्थानीय निवासियों के अनुसार उक्त मौतें किडनी संबंधी बीमारी से हुई है। हर साल इन मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। किडनी की बीमारी से जूझ रहे अनेक ग्रामीणों की हालत निरंतर खराब होती जा रही है और उन्हें राज्य के बाहर पड़ोसी राज्य ओडिशा में इलाज के लिए भर्ती कराया जा रहा है। शासन प्रशासन द्वारा इलाज का सिर्फ दावे किए जा रहे हैं किंतु रोकथाम नहीं हुई है। स्वास्थ्य क्षेत्र में न तो किडनी विशेषज्ञ डॉक्टर है और न ही उनके द्वारा क्षेत्र के गांव में जाकर जांच एवं इलाज किया जा रहा है। बीमारी के डर से सुपेबेड़ा एवं आसपास के ग्रामों से ग्रामवासियों का पलायन निरंतर जारी है। किडनी की बीमारी के चलते इस ग्राम के बच्चों से शादी ब्याह एवं सामाजिक संबंध रखने से अन्य ग्रामों के निवासी परहेज कर रहे हैं। इन सब बातों को लेकर ग्रामीणों में दहशत का माहौल और उनमें आक्रोश व्याप्त है। 
इस ध्यानाकर्षण सूचना के जवाब में अपने वकव्य में  परिवार कल्याण चिकित्सा मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि गरियाबंद जिले के सुपेबेड़ा में असामाजिक मौत का सिलसिल निरंतर अभी तक जारी है। जबकि वस्तुस्थिति यह है कि सुपेबेड़ा में वर्ष 2005 से अब तक प्राप्त जानकारी के आधार पर कुल 68 लोगों की असामायिक मृत्यु हुई है। जिनके रक्त में यूरिया एवं क्रिएटिनीन मानक मात्रा से अधिक थे किंतु यह स्पष्ट रूप से नहीं कहा जा सकता कि उक्त मौतें किडनी बीमारी से हुई है। 
यह भी सत्य नहीं है कि किडनी बीमारी से मौतें होने की जानकारी तथा हर साल मरीजों की संख्या बढ़ रही है, किडनी बीमारी से जूझ रहे अनेेक ग्रामीणों के हालत निरंतर खराब हो रहे हैं और उन्हें राज्य के बाहर पड़ोसी ओडिशा राज्य में इलाज के लिए भर्ती कराया जा रहा है। शासन प्रशासन द्वारा इलाज के सिर्फ दावे किए गए किंतु इसकी रोकथाम नहीं हुई है। चिकित्सा मंत्र ने यह भी कहा कि वस्तुस्थिति यह है कि राज्य शासन द्वारा ग्राम सुपेबेड़ा एवं आश्रित ग्रामों में विशेष स्वास्थ्य शिविर आयोजित कर समुचित एवं बेहतर स्वास्थ्य परामर्श निरंतर दिया जा रहा है तथा मरीजों की बीमारी के अनुरूप आवश्यकतानुसार उच्च स्तर पर स्वास्थ्य सुविधा प्रदान कराने के लिए जिला चिकित्सालय एवं मेकाहारा रायपुर को रेफर किए जा रहे हैं। 
राज्य शासन द्वारा ग्राम सुपेबेड़ा एवं आश्रित ग्रामों के लिए की गई स्वास्थ्य सुविधा व्यवस्था के अंतर्गत-ग्राम सुपेबेड़ा में सप्ताह के कुल 9 स्वास्थ्य शिविर आयोजित की जा चुकी है, पं. जवाहरलाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर भेजे गए मरीजों की संख्या 25 दिनांक 7 जुलाई 2017 से 19 जनवरी 2019 तक रक्त नमूने की संख्या 681 , सुपेबेड़ा में अस्थायी शिविर दो दिसंबर 2017 से आज तक ओपीडी में देखे गए कुल मरीजों की संख्या 902 है एवं फालोअप मरीजों की संख्या 278 है। 19 जनवरी 2019 को पं. जवाहरलाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर के विशेषज्ञ टीम द्वारा ग्राम सुपेबेड़ा में केंप लगाया गया। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर से सतत तौर पर चिकित्सकीय सुविधाएं प्रदाय की जा रही है। रोकथाम नहीं हुई है। वस्तुस्थिति यह है कि राज्य शासन द्वारा ग्राम सुपेबेड़ा एवं आश्रित ग्रामों में विशेष स्वास्थ्य शिविर आयोजित कर समुचित एवं बेहतर स्वास्थ्य मरामर्श निरंतर दिया जा रहा है तथा मरीजों की बिमारी के अनुरूप आवश्कतानुसार उच्च स्तर पर स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने के लिए जिला  चिकित्सालय एवं मेकाहारा रायपुर को रेफर किये जा रहे है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा ग्राम सुपेबेड़ा में सप्ताह के कुल 9 स्वास्थ्य शिविर आयोजित की जा चुकी है। पं. जवाहरलाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय, रायपुर भेजे गये मरीजों की संख्या 25, दिनांक 7.7.2017 से 19.01.2019 तक रक्त नमूने की, संख्या 681, सुपेबेड़ा में अस्थायी शिविर 2.12.2017 से आज तक ओपीडी में देखे गये कुल मरीजों की संख्या 902 है एवं फालोअप मरीजों की संख्यसा 278 है, दिनांक 19.01.2019 पं. जवाहरलाल नेरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय, रायपुर के विशेषज्ञ टीम द्वारा सुपेबेड़ा में केम्प लगाया गया। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर से सतत तौर पर चिकित्सकीय सुविधायें प्रदान की जा रही है। 
दिनांक 24.3.2018 को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र देवभोग में मरीजों के लिए सेमी-आटोएनालाईजर मशीन स्थापित कर ली गई है। किडनी फंक्शन टेस्ट के अंतर्गत अब तक, ओपीडी में आये मरीजों का ब्लड-यूरिया, सीरम क्रियेटिनीन एवं सीरम इलेक्ट्रोलाईट की जांच की जा रही है। इसके अतिरिक्त लीवर फंक्शन टेस्ट भी किये जा रहे हैं। 
 सीएचसी देवभोग में सेम्पल जांच से संभावित मरीज केा डायलिसिस के लिए सलाह दी जाती है। 
 सीएचसी देवभोग में सभी दवाईयां उपलब्ध करा दी गई है। ग्रामीणों केा किडनी संबंधित बीमारी से बचाव हेतु डाईट चार्ज एवं मरीजों हेतु स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध करा दी गई है। 
डायलिसिस मशीन के सुचारू संचालन हेतु सीएचसी देवभोग से 2 मेडिकल ऑफिसर एवं 2 लैब टेक्निशियन, 3 स्टाफ नर्स को प्रशिक्षण हेतु डीकेएस सुपरस्पेशिलिटी हॉस्पिटल पीजी इंस्टीट्यूट में दिनांक 5.02.2019 से 20.02.2019 तक प्रशिक्षण दिया जा रहा है। 
ग्राम सुपेबेड़ा में उपस्वास्थ्य केन्द्र की स्वीकृति प्रदाय की गई है भवन का चिन्हांकन कर लिया गया है। 
सुपेबेड़ा उपस्वास्थ्य केन्द्र हेतु स्वास्थ्य कर्मचारी का 2 पदों की स्वीकृति दी गई है। 
ग्राम सुपेबेड़ा में मेडिकल ऑफिसर की सेवा उपलब्ध कराने हेतु सीएचसी देवभोग एवं जिला चिकित्सालय में मेडिकल ऑफिसर की प्रतिदिन सेामवार से शनिवार रोस्टर ड्यूटि लगाई गई है। 
जिला गरियाबंद में 2 ग्रामीण मोबाईल यूनिट का संचालन किया जा रहा है। जिसमें रहे 01 ग्रामीण मोबाईल मेडिकल यूनिट को वि.ख. देवभोग से संचालित किए जाने हेतु तथा प्रत्येक सप्ताह में एक दिवस हेतु ग्राम सुपेबेड़ा विकासखंड देवभोग में अनिवार्य रूप से संचालन करने शासन द्वारा सेवाप्रदाता एजेंसी को निर्देशित किया गया है। 
उन्होंने बताया कि डीकेएस सुपरस्पेशिलिटी हॉस्पिटल पीजी इंस्टीट्यूट एवं रिसर्च सेंटर रायपुर से किडनी रोग विशेषज्ञ चिकित्सक एवं उनकी टीम द्वारा सुपेबेड़ा में कॉनिक किडनी डिसिस (सीकेडी) मरीजों की जांच की गई। जिसमें ओपीडी में मरीजों की देखे गये संख्या 71 है। जिनमें में से 14 मरीजों का जांच एवं उपचार किया गया। 4 मरीजों को उच्च स्तरीय चिकित्सकीय उपचार हेतु डीकेएस सुपरस्पेशिलिटी हॉस्पिटल पीजी इंस्टीट्यूट एवं रिसर्च सेंटर रायपुर आने की सलाह दी गई। कुल ब्लड सेंपल 17 लिया गया।  2 फरवरी 2019 को मेरे एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री द्वारा सचिव स्वास्थ्य के साथ ग्राम सुपेबेड़ा का भ्रमण किया गया एवं जनसमुदाय एवं पीडि़त मरीजों की तबियत की जानकारी प्राप्त कर तकलीफों को ध्यान में रखते हुए तत्काल विशेष स्वास्थ्य शिविर समुचित उपचार कराने तथा आवश्यकता के अनुरूप बेहतर स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने के लिए जिला चिकित्सालय एवं विशेषज्ञ एवं चिकित्सकों के सलाह के अनुरूप डायलिसिस कराने के लिए मेकाहारा रायपुर में आने का सुझाव दिए गए हैंं। 
मेरे द्वारा ग्राम सुपेबेड़ा भ्रमण में ग्रामवासियों को दिये गये आश्वासन के अनुरूप एक मोबाईल मेडिकल यूनिट सेवा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र देवभोग जिला गरियाबंद को उपलब्ध कराई गई है। यह कहना सही नहीं है कि बिमारी के डर से सुपेबेड़ा एवं आसपास के ग्रामों से ग्रामवासियों का पलायन निरंतर जारी है। अपितु वस्तुस्थिति यह है कि ग्राम पंचायत सुपेबेड़ा के सचिव से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार विगत एक वर्ष से ग्राम सुपेबेड़ा क्षेत्र से किसी का पलायन अन्य क्षेत्र में नहीं हुआ है। यह कहना भी सही नहीं है कि किडनी की बीमारी के चलते इस ग्राम के बच्चों से शादी ब्याह एवं अन्य सामाजिक संबंध रखने से अन्य ग्रामों के निवासी परहेज कर रहे हैं। सत्य यह है कि विगत तीन माह में सुपेबेड़ा ग्राम के सानझाजरपारा में कु. लहबारू का विवाह मकरसिंह से ग्राम के ही बंदपारा में कु. ग्वादि का विवाह गंभीर से एवं बंदपारा में ही कु. खेमानिधिी का विवाह टंकधर से संपन्न हुआ है। अत: यह कहना पूर्णत: असत्य है कि क्षेत्र में किडनी की बीमारी के चलते सामाजिक संबंध स्थापित नहीं किये जा रहे हैं। अपितु वास्तविकता यह है कि शासन-प्रशासन द्वारा ग्रामीणों की बीामरी के निदान एवं उपचार के लिए किये जा रहे प्रयासों से आम जनता आशान्वित है तथा इन सब बातों को लेकर ग्रामीणों में किसी भी प्रकार का दहशत का माहौल नहीं है तथा उनमें किसी भी प्रकार का कोई आक्रोश व्याप्त नहीं है। 

दो नक्सली स्मारक ढहाए, 200 स्पाईक होल किए गए निष्क्रिय
Posted Date : 14-Feb-2019 11:04:49 am

दो नक्सली स्मारक ढहाए, 200 स्पाईक होल किए गए निष्क्रिय

० मनकेली में सीआरपीएफ  का ऑपरेशन और सिविक एक्सन की कदमताल
बीजापुर, 14 फरवरी । जिला मुख्यालय से आठ किमी दूर मनकेली गांव की नक्सलियों ने दो सौ से भी अधिक स्पाईक होल से किलेबंदी कर रखी थी और दो स्मारक भी बनाए थे। सिविक एक्सन प्रोग्राम के लिए गई सीआरपीएफ की 85 बटालियन ने आज दो स्मारकों को ढहा दिया और स्पाइक होल से सरिया और बांस की खपच्चियां निकाल, उन्हें निष्क्रिय कर इलाके को सुरक्षित किया। 
सीआरपीएफ की 85 बटालियन के सीईओ सुधीर कुमार ने बताया कि मनकेली, चिलनार, काकेकोरमा एवं आसपास के गांवों में उनकी बटालियन ऑपरेशन और सिविक एक्सन प्रोग्राम चला रही है। आज काकेकोरमा, चिलनार, कोकरा और मनकेली में द्वितीय कमान अधिकारी हरविंदर सिंह की अगुवाई में सहायक कमाण्डेंट डॉ मनीर खान समेत जवान सिविक एक्सन और ऑपरेशन के लिए निकले थे, तभी मनकेली में एक गड्ढे में गाय मृत अवस्था में दिखाई दी। दरअसल ये स्पाईक होल में गिरी थी और उसकी इससे मौत हो गई थी। मनकेली, चिलनार और कोकरा गांवों को नक्सलियों ने 200 से अधिक स्पाईक होल से घेर रखा था। सबसे ज्यादा होल मनकेली गांव के चारों ओर थे।  इसमें 4-5 फ ुट के नुकीले सरिए थे, बांस की खपच्चियां भी रखी गईं थीं। गड्ढे 5-6 फीट लंबे और 4 फीट गहरे थे। इनके उपर सूखी पत्तियां रखी गईं थी, जो जवानों को फांसने काफी थीं। जवानों ने सभी होल से नुकीले सरिया निकाले और इलाके को सुरक्षित किया। 
नक्सली कमाण्डर के गांव में बिरयानी की दावत
नक्सलियों की गंगालूर एरिया कमेटी के सचिव विज्जा के गांव मनकेली में सिविक एक्सन प्रोग्राम के लिए पहुंचे सीआरपीएफ की 85 बटालियन के जवानों ने लोगों को कंबल, मच्छरदानियां, साड़ी, कंबल, बर्तन समेत कई सामान दिए। इससे गांव के लोग काफी खुश हुए। जवान अपने साथ बिरयानी भी ले गए थे, मनकेली के लोगों ने बिरयानी की दावत उड़ाई। उन्हें जवानों के साथ अच्छा लगा। द्वितीय कमान अधिकारी हरविंदर सिंह एवं सहायक कमाण्डेंट डॉ मनीर खान के साथ गए जवानों ने लोगों से उनकी तकलीफ  पूछी। गांव में एक तालाब बन रहा था। जवानों ने तालाब निर्माण में लोगों का हाथ बंटाया। कमाण्डेंट सुधीर कुमार ने कहा कि लोगों के मन से भय दूर करना और उनकी मदद करने के ध्येय से ये कार्यक्रम निरंतर चलाया जा रहा है। काकेकोरमा में भी ऑपरेशन चलाया गया। ये  गंगालूर एलओएस कमाण्डर दिनेश का गांव है। इस गांव से दर्जन भर होल से स्पाईक निकाले गए। 

  मुख्यमंत्री ने स्वर्गीय पंडित श्यामाचरण शुक्ल को अर्पित की श्रद्धांजलि
Posted Date : 14-Feb-2019 11:03:54 am

मुख्यमंत्री ने स्वर्गीय पंडित श्यामाचरण शुक्ल को अर्पित की श्रद्धांजलि

० पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा में हुए शामिल
रायपुर, 14 फरवरी ।  मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अविभाजित मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री स्वर्गीय पंडित श्यामाचरण शुक्ल की पुण्य तिथि के अवसर पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की है। मुख्यमंत्री आज सुबह रायपुर के महादेव घाट स्थित श्याम घाट पहुंचकर पंडित श्यामाचरण शुक्ल की समाधि पर पुष्प अर्पित किया और अपनी श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री इस अवसर पर श्रद्धांजलि सभा में भी शामिल हुए। उन्होंने श्रद्धांजलि सभा में बैठकर बापू के प्रिय भजन ’रघुपति राघव राजाराम....’ सुना।
श्री बघेल ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि पंडित श्यामाचरण शुक्ल छत्तीसगढ़ की माटी के सच्चे सपूत थे। सहज-सरल व्यक्तित्व के धनी पंडित शुक्ल ने अविभाजित मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में एक सजग तथा कर्मठ राजनेता के रूप में छत्तीसगढ़ सहित समूचे मध्यप्रदेश की प्रगति के लिए अनेक क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य किया। विशेष रूप से सिंचाई के क्षेत्र में उनके योगदान को सदैव याद रखा जाएगा। श्री बघेल ने उनसे जुड़े संस्मरणों को याद करते हुए कहा कि श्यामा भैया उनसे हमेशा कहते थे- ’भूपेश किसानों को खेती के लिए पानी दे दिया जाए, तो उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी हो जाएगी। कृषि की प्रगति से रोजगार की समस्या से निपटने में भी मदद मिलेगी।’
श्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में सिंचाई का प्रतिशत 32 प्रतिशत है। इसे और अधिक बढ़ाने की जरूरत है। राज्य सरकार सिंचाई के साधनों के विस्तार के साथ-साथ किसानों की बेहतरी के लिए कृषि उत्पादों पर आधारित प्रसंस्करण केन्द्रों की स्थापना की दिशा में हर संभव प्रयास करेगी। इस अवसर पर पंडित श्यामाचरण शुक्ल के पुत्र और विधायक श्री अमितेष शुक्ल, नगर निगम रायपुर के महापौर श्री प्रमोद दुबे, पूर्व महापौर श्रीमती किरणमयी नायक, सहित अनेक जनप्रतिनिधि और गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे। 

बंदियों की मौत पर घिरे गृहमंत्री
Posted Date : 13-Feb-2019 11:23:34 am

बंदियों की मौत पर घिरे गृहमंत्री

0-विस अध्यक्ष ने इस संबंध में प्रमाण सहित लिखित में मांग करने कहा
0-बसपा विधायक के साथ विपक्षी सदस्यों ने कहा आधी-अधूरी जानकारी सदन की अवमानना 

रायपुर, 13 फरवरी । विधानसभा में आज प्रश्नकाल के दौरान बहुजन समाज पार्टी के सदस्य विधायक केशव चंद्रा ने जेलों में निरुद्ध बंदियों के संबंध में गृहमंत्री तसम्रचज साहू से जानकारी मांगी। प्रश्र के जवाब में गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि जेलों में बन्दियों की मृत्यु के संबंध में जानकारी दी। गृह मंत्री द्वारा दिए गए उत्तर से असंतुष्ट जांजगीर जिले के जेलों में बंदियों की मृत्यु की संख्या को लेकर प्रतिपक्ष के सदस्यों ने असन्तोष जताया। प्रतिपक्ष के सदस्यों ने विधानसभा अध्यक्ष से मांग की इस उत्तर में संख्या को लेकर आ रहे विसंगति की जांच विधानसभा के  प्रश्न संदर्भ समिति से करवाई जाए । जिस पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत ने व्यवस्था देते हुए कहा कि इसके लिए सदस्य आधे घंटे की चर्चा ले सकते हैं। 
गृहमंत्री ने मूल प्रश्न के उत्तर में विगत तीन वित्तीय वर्ष में प्रदेश के विभिन्न जिलों के जेल में बंदियों की मृत्यु के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया 2016-17 में प्रदेश के जिलों में बंद 53 कैदियों, वर्ष 2017. 18 में 57 कैदियों तथा वित्तीय वर्ष 2018.19 में 1 अप्रेल 2018 से 28 जनवरी 2019 तक कुल 44 कैदियों की मृत्यु हुई है। इस संबंध में उन्होंने जिलेवार आंकड़ा भी प्रस्तुत किया । 
अपने पूरक प्रश्न में विधायक के साथ चंद्रा ने 8 जनवरी को विचाराधीन कैदी गौरव तंबोली की जेल में हुई मृत्यु के संबंध में तथा इस संबंध में की जा रही कार्यवाही को लेकर प्रश्न उठाए। इस पर गृह मंत्री ने विस्तार से जानकारी दी कि आरोपी को कब जेल दाखिल किया गया किस तिथि को उसकी तबीयत खराब हुई। उन्होंने यह भी बताया कि जेल में उसके स्वास्थ्य की जेल के डॉक्टरों ने जांच की और उसकी मृत्यु के समय की भी जानकारी दी। गृहमंत्री ने कहा कि विधायक को यह भी पता है कि डॉक्टरों ने उसके शव का पोस्टमार्टम किया और इसकी वीडियो रिकॉर्डिंग भी कराई गई है। प्रतिपक्ष ने छत्तीसगढ़ के जिलों में कैदियों की व्यवस्था का प्रश्न उठाया । विधायक केशव चंद्रा ने कहा कि इस प्रकरण में जेलर की लापरवाही और जेल की खराब स्वास्थ्य व्यवस्था के कारण कैदी गौरव तंबोली की मृत्यु हुई है। इस पर गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि इस प्रकरण की जांच के लिए उसके परिजनों ने आवेदन किया है इस संबंध में जिला दंडाधिकारी के द्वारा जांच कराई जाएगी। इस पर जोगी कांग्रेस के विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा कि दंडाधिकारी जांच का कोई मतलब नहीं है जब किसी जांच में लीपा-पोती करनी होती है तो उसकी दंडाधिकारी जांच कराई जाती है । उन्होंने कहा कि इसके लिए सदन समिति बनाकर मामले की जांच करवाएं । इस बीच विधायक केशवचंद्रा ने जांजगीर जिले में ही एक अन्य कैदी की मृत्यु का मामला इसी अवधि में होने की बात कही । उन्होंने उस कैदी का नाम भी सदन में देते हुए कहा कि मंत्री द्वारा दी गई जानकारी  आधी अधूरी है। प्रतिपक्ष ने इस बात पर गृहमंत्री को  उनके जवाब पर आड़े हाथों लेते हुए कहा कि प्रश्नों के उत्तर में गलत जवाब सदन की अवमानना है। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से इस मामले की जांच विधानसभा प्रश्न संदर्भ समिति से कराए जाने की मांग की है। इस पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत ने कहा कि विधायक इस संबंध में गृहमंत्री से आधे घंटे की चर्चा कर सकते हैं और उनके पास जो जानकारी है उसे वह जिम्मेदारी से उनके सामने रख सकते हैं। बीएसपी विधायक केशव चंद्रा के इस प्रश्न पर वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल, अजय चंद्राकर, धर्मजीत सिंह पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी सहित  प्रतिपक्ष ने सहभागिता की।

छत्तीसगढ़ी फिल्म टिकट टू 15 को होगी रिलीज
Posted Date : 13-Feb-2019 11:20:52 am

छत्तीसगढ़ी फिल्म टिकट टू 15 को होगी रिलीज

रायपुर, 13 फरवरी । छालीवुड में पिछले 19 वर्षों में ऐसी अनेक फिल्में आई हैं जिसने छत्तीसगढ़ की जनता को विशुद्ध छत्तीसगढ़ी में मनोरंजन कराकर उनके दिल-दिमाग में यहां की संस्कृति के अनुरूप बनी फिल्मों को सर्वाधिक संख्या में देखकर स्वीकार किया है। इसी कड़ी में अनुपम भार्गव द्वारा निर्देशित छत्तीसगढ़ी फिल्म टिकट टू छत्तीसगढ़ के सभी सिनेमागृहों में एक साथ 15 फरवरी को रिलीज होगी। उक्ताशय की जानकारी प्रेस क्लब रायपुर में आयोजित पत्रकारवार्ता में देते हुए अनुपम ने बताया कि उनकी फिल्म की मूल पटकथा शिवरीनारायण निवासी एक ऐसे युवा की संघर्ष की कहानी है जो कुछ नया करना चाहता है। इस नये युवक को संघर्ष के दौरान फिल्मों में प्रवेश के लिए कितने पापड़ बेलने पड़ते हैं और संघर्ष कर वह कैसे जीतता है को दर्शाया गया है। फिल्म में पहली बार छालीवुड के तीन सुपर स्टार अनुज शर्मा, प्रकाश अवस्थी एवं करण खान छोटी लेकिन प्रभावी भूमिका में नजर आएंगे। फिल्मों में तीनों के अलावा संतोष यादव, अमित गोस्वमी, अमित चक्रवर्ती, नितिका भार्गव, निरूपमा बाजपेयी, निखिल गुप्ता, पुष्पराज सिंह, समीर चतुर्वेदी एवं रजनीश शाह, उपासना वैष्णव, आशीष सेन्द्रे सहित अनेक कलाकार फिल्म में दर्शकों के मध्य अपनी विशेष छाप छोड़ेगे।