छत्तीसगढ़

बूथ, सेक्टर व जोन को छोटा कर कांग्रेस ने कार्यकर्ताओं की नई फ ौज खड़ा करने की बनाई योजना
Posted Date : 15-Feb-2019 11:10:22 am

बूथ, सेक्टर व जोन को छोटा कर कांग्रेस ने कार्यकर्ताओं की नई फ ौज खड़ा करने की बनाई योजना

बिलासपुर, 15 फरवरी ।  15 साल बाद राज्य की सत्ता पर काबिज होते ही प्रदेश कांग्रेस कमेटी की नजर अब केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनाने व राहुल गांधी के हाथ मजबूत करने की तैयारी पूरी कर ली है। इसी कड़ी में राज्य की सभी 11 लोकसभा सीटों को जीतने के उद्देश्य से कांग्रेस ने बूथ मैनेजमेंट पर खास ध्यान शुरू कर दिया है। सेक्टर व जोन की सीमाओं में कटौती करते हुए इसे आधा कर दिया है। जोन व सेक्टर में पोलिंग बूथों की संख्या को घटाकर मैदानी कार्यकर्ताओं की नई फौज तैयार करने की योजना को अमलीजामा पहनाने की कोशिश शुरू हो गई हैं। लोकसभा चुनाव के पहले मैदानी क्षेत्र में कांग्रेस की रणनीति नजर आने लगेगी ।
कांग्रेस ने छोटे चुनाव की तर्ज पर इस बार मतदान केंद्रों के प्रबंधन की तैयारी शुरू कर दी है। ग्राम पंचायतों के चुनाव में जिस तरह एक-एक वार्ड और एक-एक घर पर फोकस किया जाता है। ठीक उसी तर्ज पर लोकसभा चुनाव के दौरान गांवों में एक-एक वार्ड के एक-एक घरों के मतदाताओं से संपर्क करने के लिए वार्ड को मोहल्लों और गलियों में बांटा जा रहा है। मोहल्ला और गली को अपनी रणनीति के तहत बूथ का दर्जा देंगे। मसलन एक गली में अगर पांच से छह घर आते हैं तो इन घरों और यहां रहने वाले मतदाताओं से संपर्क करने और कांग्रेस के पक्ष में वोट डलवाने की जिम्मेदारी यहीं रहने वाले कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों की रहेगी । इसी तरह एक गली में अगर छह से सात घर आते हैं तो इसे बूथ बनाकर बूथ अध्यक्ष,उपाध्यक्ष और सात सदस्यों को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी । कांग्रेस की रणनीति है कि एक-एक पदाधिकारी मतदान से पहले कम से कम एक दर्जन बार अपने प्रभार वाले मतदाताओं से संपर्क करेंगे और कांग्रेस के पक्ष में वोट डालने के लिए उनको राजी कर लेंगे। रणनीतिकारों का मानना है कि अगर किसी मतदाता के घर बार-बार जाकर संपर्क करें और उनसे शालीनता के साथ अनुरोध करें तो वे आखिरकार वोट देने राजी हो ही जाएंगे। कांग्रेस की रणनीति भी यही है कि बेहद शांति और शालीनता के साथ मतदाताओं को राजी किया जाए । विधानसभा चुनाव के दौरान की व्यवस्था पर नजर डालें तो पीसीसी ने सेक्टर व जोन बनाकर बूथ मैनेजमेंट की तैयारी को अंजाम दिया था। तब एक सेक्टर में 10 से 12 पोलिंग बूथों को शामिल किया गया था। इसी तरह एक जोन में 15 से 20 बूथों को रखा गया था। बूथों की संख्या अधिक होने और पदाधिकारियों की संख्या कम होने के कारण प्रभावीतौर पर मतदाताओं से संपर्क भी नहीं हो पाता था। लोकसभा चुनाव से पहले पीसीसी के रणनीतिकारों ने सेक्टर व जोन की सीमाओं में कमी करने का निर्णय लिया है। सेक्टर व जोन में पोलिंग बूथों की संख्या को घटाकर नए सिरे से नए सेक्टर व जोन का गठन करने खाका तैयार कर लिया है। सेक्टर व जोन की सीमा कम होने और नए सेक्टर व जोन के गठन से पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं की संख्या में भी इजाफा होगा। अधिक संख्या में सेक्टर व जोन प्रभारियों व पदाधिकारियों की मौजूदगी के कारण मतदाताओं से प्रभावी तरीके से संपर्क होगा व पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने में मदद भी मिलेगी ।
00 मतदान केंद्रों पर फोकस के साथ ही बूथ प्रभारियों की संख्या में बढ़ोतरी भी
0 एक बड़ा बदलाव-सेक्टर व जोन की सीमा को कम कर दिया है। पहले एक सेक्टर में 10 से 12 पोलिंग बूथों को शामिल कर बूथ अध्यक्ष,उपाध्यक्ष व आठ सदस्यों को शामिल किया जाता था। अब सेक्टर में बूथों की संख्या को पांच से छह कर दिया है। इसी हिसाब से बूथ अध्यक्ष,उपाध्यक्ष व सदस्यों की नियुक्ति की जा रही है। मतलब साफ है पहले की तुलना में सेक्टर में पदाधिकारियों व सदस्यों की संख्या दोगुनी हो जाएगी । सेक्टर छोटा होने से सेक्टरों की संख्या भी बढ़ जाएगी । इसी तरह जोन को भी छोटा किया जा रहा है। एक जोन में पहले 15 से 18 बूथों को शामिल किया जाता था । अब इसमें आठ से नौ बूथों में रखा गया है। इसी हिसाब से पदाधिकारियों व सदस्यों की तैनाती भी की जा रही है।
0 बिलासपुर जिले में सात विधानसभा क्षेत्र को शामिल किया गया है। कांग्रेस की रणनीति पर गौर करें तो आठ विधानसभा क्षेत्र को 40 जोन और 260 सेक्टरों में पहले विभाजित किया था। अब नई रणनीति के तहत 80 जोन और 520 सेक्टरों में पदाधिकारियों व मैदानी कार्यकर्ताओं की फौज लोकसभा चुनाव में नजर आएगी ।
0 भाजपा की ऐसी व्यवस्था
0 भाजपा ने प्रत्येक मंडल को सेक्टर में विभाजित किया है। संगठनात्मक दृष्टिकोण से भाजपा ने जिले को 31 मंडलों में बांट दिया है। प्रत्येक मंडल को चुनावी नजरिए से सेक्टर में तब्दील कर दिया है। प्रत्येक सेक्टर को आठ जोन में विभाजित कर दिया है।
0 ऐसी है संगठनात्मक संरचना - बूथों में स्थिति-बूथ प्रभारी,बूथ पालक,बूथ अध्यक्ष व सात सदस्य ।
0 विधानसभा चुनाव के दौरान बूथ पालक की भूमिका में स्थानीय विधायक व मंत्री को शामिल किया गया था ।
0 सेक्टर की स्थिति-सेक्टर प्रभारी,अध्यक्ष व आठ सदस्य ।
0 सेक्टर की जिम्मेदारी -स्थानीय मंत्री व विधायक को दी गई थी।
0 अब बनेगी ऐसी स्थिति
0 बिलासपुर जिले में पोलिंग बूथों की स्थिति-1776
0 भाजपा के पास बूथ मैनेजमेंट के लिए पदाधिकारियों की संख्या- 17 हजार 760
0 कांगे्रस के पास बूथ मैनेजटमेंट के लिए पदाधिकारियों की संख्या- 53 हजार 280
0 भाजपा में पन्ना प्रभारी,कांग्रेस में इसकी जिम्मेदारी सेक्टर प्रभारियों को
0 विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने प्रत्येक पोलिंग बूथों में पन्ना प्रभारियों की तैनाती की है। मतदाता सूची के एक पन्ने के लिए एक प्रभारी की नियुक्ति की गई थी । कांग्रेस में यह व्यवस्था सेक्टर इंचार्ज के हवाले थी। सेक्टर के प्रभारियों को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई थी ।
0 विधानसभावार पोलिंग बूथों की संख्या
0 विधानसभा क्षेत्र का नाम पोलिंग बूथों की संख्या महिला मतदाताओं की संख्या पुरुष मतदाताओं की संख्या
0 मरवाही 237 93511 90293
0 कोटा 263 98676 98991
0 तखतपुर 281 109059 113504
0 बिल्हा 192 130304 135337
0 बिलासपुर 226 107450 108467
0 बेलतरा 250 102217 107762
0 मस्तूरी 333 132192 137593
वर्जन
लोकसभा चुनाव के लिए पीसीसी ने बूथ,जोन व सेक्टर की सीमाओं में बदलाव का निर्णय लिया है। सेक्टर व जोन में अब पोलिंग बूथों की संख्या में कमी कर नया सेक्टर व जोन बनाने की योजना बनाई है। जल्द ही नया सेक्टर व जोन बनाकर पदाधिकारियों की तैनाती की जाएगी ।
अभयनारायण राय-प्रवक्ता,पीसीसी छग

बेटियों ने बढ़ाया मान, बनी डीएसपी व डिप्टी कलेक्टर
Posted Date : 15-Feb-2019 11:04:31 am

बेटियों ने बढ़ाया मान, बनी डीएसपी व डिप्टी कलेक्टर

कोरबा 15 फरवरी । समाज में कुछ नया बदलाव लाने और दूसरों से अलग करने की चाह ही हमें आगे ब?ते रहने प्रेरित करती रहती है। जिले की दो होनहार बेटियों ने भी कुछ कर दिखाने के अपने जुनून व बड़ों की प्रेरणा से वह कर दिखायाए जिसका सपना उन्होंने बचपन में देखा था। एचटीपीपी कॉलोनी की दो होनहार बेटियों ने समाज व देश की सेवा के लिए सिविल सर्विस की राह चुनी और पीएससी.2017 की परीक्षा में सफ लता के झंडे गाडक़र सीमा पात्रे डिप्टी कलेक्टर और व गीतिका साहू डीएसपी के पद पर चुनीं गई हैं।
हसदेव ताप विद्युत गृह कोरबा पश्चिम की इन दो बेटियों ने अपने कॅरियर में मुकाम हासिल किया। डिप्टी कलेक्टर सीमा पात्रे की स्कूलिंग विद्युत गृह स्कूल क्रमांक-दो कोरबा पश्चिम से हुई है। वह गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज रायपुर से बीई पास आउट हैं। पावर कंपनी के कर्मचारी रहे स्वर्गीय आरडी पात्रे की पुत्री सीमा पात्रे अपनी मां पुष्पा पात्रे, भाई राज पात्रे के साथ रहती हैं। सीमा के भाई राज पात्रे रिलायंस इंडस्ट्रीज में सीनियर मैनेजर के पद पर भरूच गुजरात में नियुक्त हैं। पीएससी में चयनित होने से पहले सीमा रेलवे में ट्रेन मैनेजर के रूप में सेवा दे रहीं थीं। विपरीत परिस्थितियों के बीच सीमा पहले प्रयास में ही पीएससी में चयनित हुई हैं। मां के सपने को पूरा करने के लिए डिप्टी कलेक्टर सीमा अब महिला सशक्तिकरण, लैंगिक समानता और शिक्षा के क्षेत्र में काम करना चाहती हैं। मुख्य अभियंता राजेश वर्मा ने सीमा व गीतिका की सफ लता एवं उपलब्धि पर खुशी जाहिर की है।

सिटी बस के नहीं चलने से आवाजाही हो रही प्रभावित
Posted Date : 15-Feb-2019 11:02:20 am

सिटी बस के नहीं चलने से आवाजाही हो रही प्रभावित

महासमुंद, 15 फरवरी ।  सिटी बस समस्या के निवारण हेतु कलेक्टर महोदय को ज्ञापन सौंपा गया एवं इसके साथ ही  महाविद्यालयों में  हस्ताक्षर अभियान  छात्रों द्वारा चलाया जा रहा है एवं सोशल मीडिया के माध्यम से भी  लोगों का ध्यान केंद्रित किया जा रहा है पिछले कई वर्षों से सिटी बस ना होने के कारण चार वृहद महाविद्यालयों के हजारों छात्र-छात्राओं को प्रतिदिन अनेक समस्या का सामना करना पड़ता है ग्रामीण अंचल में निवास करने वाले नियमित अनियमित विद्यार्थी प्रतिदिन आर्थिक सामाजिक परिवारिक व शैक्षणिक समस्याओं का सामना करते हैं
छात्र-छात्राओं द्वारा समस्या के निवारण हेतु कई वर्षों से मांग की जा रही है किंतु केवल आश्वासन देकर इस समस्या को टाला जा रहा था इस समस्या के दूर होने पर ना केवल हजारों विद्यार्थियों को लाभ होगा बल्कि ग्रामीण जनता शैक्षणिक संस्थाओं से संबंधित व्यक्तियों एवं जिले के समस्त नागरिकों को लाभ प्राप्त होगा
सिटी बस समस्या के निवारण हेतु महाविद्यालय में प्रभारी का गठन किया गया है जिनमें शासकीय महाप्रभु वल्लभाचार्य महाविद्यालय में गुप्तेश नामदेव छात्रसंघ अध्यक्ष, दिलीप टंडन छात्रसंघ सचिव एवं शासकीय माता कर्मा कन्या महाविद्यालय महासमुंद से गुंजा मन्नाडे,पूजा जांगडे ,सुमन प्रजापति को प्रभार दिया गया है। 

 फेक न्यूज से राज्य के साथ देश और दुनिया प्रभावित, पीडि़त और चिंतित - भूपेश बघेल
Posted Date : 15-Feb-2019 11:01:36 am

फेक न्यूज से राज्य के साथ देश और दुनिया प्रभावित, पीडि़त और चिंतित - भूपेश बघेल

० वर्तमान परिदृश्य में फेक न्यूज की चुनौतियां’ विषय पर संगोष्ठी 
रायपुर, 15 फरवरी । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि वर्तमान समय में फेक न्यूज से केवल छत्तीसगढ़ ही नहीं है, बल्कि पूरा देश और पूरी दुनिया भी प्रभावित, पीडि़त और चिंतित है। पहले के समय में केवल होली के दिनों में होली खबरे छपती थी, जो गलतफहमियां और भ्रम पैदा करती थी, लेकिन आज फेक न्यूज एक उद्योग बन गया है। यह जेब काटने, हिंसा फैलाने और चुनाव जीतने का माध्यम बन चुका है, लेकिन अब लोग भी समझने लगे हैं कि किस न्यूज को कहां तक सही माना जाए। 
मुख्यमंत्री ने अपने ये उद्गार आज यहां कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर के द्वारा ‘‘वर्तमान परिदृश्य में फेक न्यूज की चुनौतियां’’ विषय पर आयोजित संगोष्ठी में व्यक्त किए। उन्होंने बताया वे स्वयं भी कई बार ऐसे भ्रामक खबरों में से उन्हीं समाचारों को सही मानते हैं, जब दूसरे दिन उसे समाचार पत्रों में पढ़ लेते हैं। उन्होंने कहा कि खेद की बात है कि आज हमारे पढ़े-लिखे नौजवान फेक न्यूज से सर्वाधिक प्रभावित और पीडि़त है। इसका एक बड़ा कारण यह भी है कि आज के युवा समाचार पत्र नहीं पढ़ते और सोशल मीडिया की खबरों को सही मान लेते हैं। मुख्यमंत्री ने फेक न्यूज के विरूद्ध लड़ाई लड़ रहे बीबीसी तथा अन्य प्रतिष्ठित मीडिया समूहों की तारीफ की और इस जनजागरण के लिए अपनी शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा नागरिकों और युवाओं से कहा कि विषय की गहराई तक जाएं। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह भ्रामक विज्ञापनों का ही असर था, जिसके कारण छत्तीसगढ़ में चिटफड़ कम्पनियां ने राज्य का नागरिकों की बेशकीमती दस हजार करोड़ रूपए की राशि लूट कर ले गए। उनके विज्ञापनों का प्रचार-प्रसार होता रहा और उनके आयोजनों में राजनीतिक लोगों की उपस्थिति भी मददगार बनीं। उन्होंने कहा इस बात पर राजनीति अधिक हुई, लेकिन किसी ने उनकी चिन्ता नहीं की कि इनमें से किसी की बेटी के शादी के लिए पैसे थे, बच्चों के पढ़ाई के लिए पैसे थे, बुढ़ापा काटने के लिए पेंशन का पैसा था या उसने अपनी जमीन बेचकर पैसा इक_ा किया था। उन्होंने कहा हमें ऐसे भ्रामक विज्ञापनों से बचने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा सोशल मीडिया के नियमों की कमी से राज्य को मिलने वाले टैक्स का पैसा नहीं मिल पा रहा है। इसी तरह कानून और व्यवस्था बनाए रखने में साइबर संबंधी नियमों का बेहतर उपयोग कैसे किया जा सकता है। इस विषय पर वे केन्द्र सरकार से चर्चा करेंगे। 
संगोष्ठी में प्रमुख प्रवक्ता के रूप में फेकल्टी ऑफ मास कम्युनिकेशन, एस.जी.टी. युनिवर्सिटी गुडग़ांव के डीन प्रो. (डॉ.) मुकेश कुमार ने चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि कहीं हम चुनाव के दरम्यान होने वाले पेड न्यूज की तरह आने वाले समय में फेक न्यूज को भी तो नहीं भूलने लगेंगे। उन्होंने कहा ‘पोस्ट ट्रूथ’ शब्द का तात्पर्य ऐसे समय में होता है जब तथ्यों का नहीं, बल्कि भावनाओं का जोर होता है। दुनिया भर में इमोशन या भावनाओं के माध्यम से हिंसा, उन्माद और एक-दूसरे के प्रति नस्ल, जाति, रंग और धर्म आदि के नाम पर नफरत फैलाने का वातावरण बनाया जाता है। ऐसा समय फेक न्यूज के लिए उर्वर होता है। उन्होंने खेद व्यक्त करते हुए कहा कि मीडिया भी अब प्रोपेगेंडा मॉडल बनाकर शासक और बाजार के लिए सहमति बनाने का कार्य करने लगा है, जबकि उसका असली कार्य समाज को आगे लाने और जनजागरूकता बढ़ाने का है। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जरूरत है कि मीडिया लिटरेसी बढायी जाए जिससे मीडिया का बेहतर उपयोग हो सके। 
कार्यक्रम के अन्य प्रमुख वक्ता साइबर लॉ एक्सपर्ट नई दिल्ली श्री विराग गुप्ता ने कहा कि जिस तरह दूध बेचने की इकोनॉमी को कोल्डड्रिंक की इकोनॉमी प्रभावित करती है और खोटे सिक्के अच्छे सिक्के को चलन से बाहर कर देते हैं। उसी तरह सही खबरों को फेक न्यूज की इकोनॉमी भी प्रभावित करती हैं। उन्होंने पूछा कि डिजिटल माहौल में फेक न्यूज को रोकने के लिए वर्तमान में राज्यों के पास अधिकार नहीं है यह अधिकार राज्यों के पास क्यों नहीं होने चाहिए ? उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया में लगभग 30 प्रतिशत यूजर फेक है। ट्विटर, फेसबुक चलाने वालों में अनेक गुमनाम चेहरे हैं। व्हाट्सएप द्वारा कमाए गए हजारों करोड़ रूपए की राशि विदेश चली जाती है। इसकी टैक्स की राशि देश और राज्य को मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह पूछा जाता है कि व्हाट्सएप, ट्विटर, फेसबुक आदि नि:शुल्क है, अगर वे वास्तव में नि:शुल्क हैं तो इतनी बड़ी राशि कैसे कमाते हैं ? उन्होंने ऐसी कंपनियां हमारे डाटा बेचते हैं। पब्लिक रिकार्ड एक्ट के अनुसार सरकारी दस्तावेज देश के बाहर नहीं जा सकते, लेकिन इमेल आदि के माध्यम से महत्वपूर्ण जानकारी देश से बाहर चली जाती हैं। इसीलिए शासकीय कार्यों में एनआईसी के ई-मेल उपयोग को बढ़ावा देने की जरूरत है। 
कार्यक्रम के प्रमुख वक्ता के रूप में डिजिटल बीबीसी हिन्दी नई दिल्ली के संपादक श्री राजेश प्रियदर्शी ने कहा कि फेक न्यूज महामारी की तरह एक गंभीर समस्या बन गई है, जो देश और लोकतंत्र के लिए घातक है। यह एक राष्ट्रीय समस्या है और इसका समाधान हम सभी को ढूंढना है। हमें निश्चय करना होगा कि भ्रामक, झूठे और फेक न्यूज को फारवर्ड नहीं करेंगे और इसके विरूद्ध रिपोर्ट करेंगे। कहा जाता है कि झूठ के पांव नहीं होते, लेकिन सौफेशिकेटेड सोशल मीडिया जिसमें पीछे कई बार प्रबुद्धजन भी होते हैं, के झूठ अब पंख निकलकर उडऩे लगते हैं। एक रिसर्च के अनुसार फेक न्यूज सामान्य खबरों की तुलना में 20 से 30 गुना ज्यादा तेजी से फैलती हैं, क्योंकि वे भावनात्मक रूप से हमारे दिल और दिमाग को प्रभावित करती हैं। उन्होंने बताया कि फेक न्यूज के विरूद्ध बीबीसी और प्रतिष्ठित मीडिया समूहों के द्वारा ‘बीयॉण्ड फेक न्यूज’ अभियान प्रारंभ किया गया। इसी तरह फैक्ट चेक करने के लिए एकता न्यूज के माध्यम से डेस्क भी बनाया गया है। 
श्री प्रियदर्शी ने कहा फेक न्यूज इसलिए फैलती है, क्योंकि लोग समाचार के स्रोत को नहीं देखते तथा आसपास के या परिचित लोग के सोशल मीडिया से प्राप्त होने वाले भ्रामक जानकारी को सही मान लेते हैं। उन्होंने कहा अगर भावनाओं से हिंसा फैलती है, तो केवल हथियार चलाने वाले के हाथ खून से नहीं रंगते, बल्कि सोशल मीडिया के माध्यम से ऐसी खबरों को फैलाने वाले के उंगलियों पर भी खून के धब्बे लगते हैं। उन्होंने फेक न्यूज की सत्यता जानने के लिए 8 उपायों की जानकारी देते हुए बताया कि जब भी फेक न्यूज के संबंध में शंका लगे तो उस संबंध में गूगल का उपयोग कर तथ्यों की जानकारी लें, कब, कहां, कौन, कैसे जैसी शंकाओं का समाधान करें, समाचार की यूआरएल और स्त्रोत की पहचान करें, समाचार पोस्ट की तारीख, फर्जी एकांउट की पड़ताल करें, सोशल मीडिया के एकाउंट के माध्यम से देखे कि उसे कौन चला रहे हैं। इसी तरह समाचार की मकसद, भाषा और फोटो क्वालिटी के आधार पर भी फेक न्यूज की पहचान की जा सकती है। 
विश्वविद्यालय रायपुर के कुलपति प्रोफेसर (डॉ.) एम.एस. परमार ने संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए कहा कि प्रौद्योगिकी और शब्द ऐसे हैं जिससे विकास भी हो सकता है और विनाश भी हो सकता है। देश के संविधान ने हमें बोलने की स्वतंत्रता दी है, स्वच्छंदता नहीं दी। अगर वर्तमान संचार का युग देश में हिंसा, साम्प्रदायिकता और अराजकता बढ़ाता है तो उस पर रोक लगनी चाहिए। 
कार्यक्रम में रायपुर पश्चिम के विधायक श्री विकास उपाध्याय, मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री विनोद वर्मा, मीडिया सलाहकार श्री रूचिर गर्ग, आयुक्त एवं संचालक जनसम्पर्क श्री तारन प्रकाश सिन्हा सहित मीडिया से जुड़े वरिष्ठ पत्रकारगण, संपादकगण, प्रबुद्ध नागरिकगण और पत्रकारिता विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।  

अनियमित कर्मचारियों के लिए जन घोषणा पत्र में किए गए वायदे पूरे किए जाएंगे : भूपेश बघेल
Posted Date : 15-Feb-2019 11:00:49 am

अनियमित कर्मचारियों के लिए जन घोषणा पत्र में किए गए वायदे पूरे किए जाएंगे : भूपेश बघेल

० मुख्यमंत्री ने अनियमित कर्मचारी महासभा को सम्बोधित किया 
रायपुर, 15 फरवरी ।  मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि राज्य सरकार ने जन घोषणा पत्र में अनियमित कर्मचारियों के लिए जो वायदे किए हैं, उन्हें अवश्य पूरा किया जाएगा। मुख्यमंत्री आज यहां गांधी मैदान में अनियमित कर्मचारी महासभा को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह सरकार आपकी सरकार है। अनियमित कर्मचारी भी किसान परिवारों से जुड़े हैं और छत्तीसगढ़ के बेटा-बेटियां हैं। कर्मचारियों की मांग पूरा करने के लिए रास्ता निकाला जाएगा। उनकी मांगों पर संवेदनशीलता और सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा। इस साल किसानों के लिए किया है। अगले वर्ष कर्मचारियों के लिए करेंगे। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि वायदे के अनुसार राज्य सरकार ने इस वर्ष किसानों के लगभग दस हजार करोड़ रूपए के कृषि ऋण माफ किए हैं और किसानों को देश में सर्वाधिक धान का प्रति क्ंिवटल 2500 रूपए का मूल्य दिया जा रहा हैं। अगले वर्ष कृषि ऋण माफी की दस हजार करोड़ रूपए की राशि बचेगी। इस राशि से कर्मचारियों के हित में निर्णय लिये जाएंगे। 
छत्तीसगढ़ संयुक्त अनियमित कर्मचारी सभा द्वारा आयोजित कार्यक्रम में राज्य सभा सांसद श्रीमती छाया वर्मा, नगर निगम रायपुर के महापौर श्री प्रमोद दुबे और पूर्व महापौर किरणमयी नायक विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थीं। मुख्यमंत्री ने श्री बघेल ने कहा कि जैसे चिटफंड कम्पनी से प्रभावित लोगों के लिए रास्ता निकाल रहे हैं। वैसे ही कर्मचारियों के लिए निकालेंगे। छत्तीसगढ़ संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासभा के प्रांताध्यक्ष  अनिल देवांगन ने कार्यक्रम में कर्मचारियों की मांगों के संबंध में जानकारी दी। इस अवसर पर अनेक जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में कर्मचारी उपस्थित थे।   

कृषि विश्वविद्यालय एवं 16 महाविद्यालयों की मान्यता के लिए पहुंची पीयर रिव्यू टीम
Posted Date : 15-Feb-2019 10:59:32 am

कृषि विश्वविद्यालय एवं 16 महाविद्यालयों की मान्यता के लिए पहुंची पीयर रिव्यू टीम

० विश्वविद्यालय परिसर में विभिन्न अधोसंरचनाओं एवं सुविधाओं का लिया जायजा 
रायपुर, 15 फरवरी ।  इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय तथा उसके अंतर्गत संचालित 16 शासकीय कृषि, उद्यानिकी एवं कृषि अभियांत्रिकी महाविद्यालयों की मान्यता हेतु भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली द्वारा गठित आठ सदस्यीय पीयर रिव्यू टीम ने आज यहां इंदिरा गांधी कषि विश्वविद्यालय के विभिन्न कार्यालयों तथा संस्थानों का मुआयना किया। उन्होंने विश्वविद्यालय की विभिन्न अधोसंरचनाओं, सुविधाओं, अनुसंधान कार्यों का जायजा लिया। प्रशासनिक भवन में आयोजित समीक्षा बैठक में कुलपति डॉ. एस.के. पाटील के नेतृत्व में विश्वविद्यालय प्रशासन के अधिकारियों एवं वैज्ञानिकों ने टीम के समक्ष स्व-मूल्यांकन रिपोर्ट का प्रस्तुतिकरण दिया। 
उल्लेखनीय है कि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर तथा उसके अंतर्गत संचालित 16 शासकीय कृषि, उद्यानिकी तथा कृषि अभियांत्रिकी महाविद्यालयों की मान्यता हेतु भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली द्वारा गठित आठ सदस्यीय पीयर रिव्यू टीम 14 फरवरी से 20 फरवरी तक छत्तीसगढ़ के प्रवास पर है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा डॉ. एच.पी. सिंह, पूर्व उप-महानिदेशक, उद्यानिकी, आई.सी.ए.आर. की अध्यक्षता में गठित आठ सदस्यीय पीयर रिव्यू टीम आज रायपुर पहुंची। टीम में डॉ. आर.एस. जादौन, पूर्व अधिष्ठाता, कृषि व्यवसाय, पंतनगर विश्वविद्यालय (उत्तराखण्ड़), प्रो. एम.एम. अनवर, निदेशक, अन्तर्राष्ट्रीय कृषि प्रोत्साहन संस्थान, हैदराबाद, डॉ. टी.बी.एस. राजपूत, एमिरेटस वैज्ञानिक, जल प्रौद्योगिकी केन्द्र, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली, डॉ. मुकेश श्रीवास्तव, कुलसचिव, केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय झांसी, डॉ. वी. राजेन्द्रन, अधिष्ठाता, कृषि अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान, कुमुलूर, त्रिचुरापल्ली, तमिलनाडु और डॉ. वी.एस. कोरिकान्तमठ, पूर्व निदेशक, आई.सी.ए.आर. संकुल गोवा सदस्य के रूप में शामिल हैं। टीम के सदस्य सचिव डॉ. के.पी. त्रिपाठी, प्रमुख वैज्ञानिक, कृषि शिक्षा विभाग, आई.सी.ए.आर., नई दिल्ली हैं। इस दौरान इस दल द्वारा इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय तथा संबंधित महाविद्यालयों में शिक्षण तथा अनुसंधान हेतु उपलब्ध अधोसंरचनाओं, सुविधाओं, गतिविधियों तथा उपलब्धियों का जायजा लिया जाएगा। यह टीम भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान द्वारा मान्यता हेतु निर्धारित मानकों के आधार पर विभिन्न संस्थानों की समीक्षा एवं मूल्यांकन करेगी तथा आई.सी.ए.आर. को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।  
प्रशासनिक भवन में आयोजित समीक्षा बैठक में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एस.के. पाटील ने पीयर रिव्यू टीम के अध्यक्ष तथा सदस्यों का स्वागत किया। निदेशक शिक्षण डॉ. एम.पी. ठाकुर ने कृषि विश्वविद्यालय तथा विभिन्न महाविद्यालयों में उपलब्ध अधोसंरचनाओं, शैक्षणिक सुविधाओं, गतिविधियों एवं उपलब्धियों के बारे में विस्तृत जानकारी दीं। इस दौरान उन्होंने महाविद्यालयों में प्रवेश से लेकर अध्ययन-अध्यापन और परीक्षा व्यवस्था के बारे में बताया। एम.आई.एस. प्रभारी डॉ. आर.आर. सक्सेना ने विश्वविद्यालय की प्रबंधन सूचना प्रणाली के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि समूची प्रणाली शत-प्रतिशत ऑनलाईन सिस्टम पर काम कर रही है। विद्यार्थियों का प्रवेश, उनकी फीस का भुगतान, परीक्षा व्यवस्था, वेतन भुगतान, सामग्री क्रय-विक्रय, निविदाएं आदि सारी प्रक्रियाएं ऑनलाईन की जा चुकी है। नेहरू ग्रंथालय के मुख्य ग्रंथपाल डॉ. माधव पाण्डेय ने लायब्रेरी में विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विभिन्न विषयों से संबंधित किताबों तथा शोध ग्रंथों का डिजिटलाइजेशन किया जा चुका है और संपूर्ण सामग्री वेब तथा मोबाईल एप पर उपलब्ध करायी जा चुकी है। 
बैठक में अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. जी.के. श्रीवास्तव ने विश्वविद्यालय तथा विभिन्न महाविद्यालयों में विद्यार्थियों की बेहतरी के लिए किये जा रहे कार्यों तथा उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी दी। उन्होंने छात्रावासों, स्पोर्टस कॉम्पलेक्स, खेल मैदान, ऑडिटोरियम, रीडिंग रूम, स्टूडेन्ट फोरम आदि छात्रोपयोगी सुविधाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों को खेल-कूद, सांस्कृतिक, पाठ्य सहगामी, गतिविधियों के साथ ही एन.एस.एस. और एन.सी.सी. गतिविधियों से भी जोड़ा गया है। संचालक अनुसंधान डॉ. आर.के. बाजपेयी ने कृषि विश्वविद्यालय में संचालित विभिन्न अनुसंधान परियोजनाओं तथा गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। निदेशक विस्तार डॉ. ए.एल. राठौर ने विश्वविद्यालय तथा विभिन्न कृषि विज्ञान केन्द्रों द्वारा किसानों की बेहतरी के लिए किये जा रहे कार्यों तथा प्रशिक्षण कार्यक्रमों के बारे में जानकारी दी। 
पीयर रिव्यू टीम द्वारा विश्वविद्यालय प्रशासनिक भवन तथा विश्वविद्यालय परिसर में स्थित विभिन्न कार्यालयों, अनुसंधान प्रक्षेत्रों, प्रयोगशालाओं, अधोसंरचनाओं तथा अन्य सुविधाओं का मुआयना किया गया। उन्होंने छात्रावास ऑडिटोरियम, म्यूजियम, स्पोर्टस कॉम्पलैक्स, लायब्रेरी, डिस्पेंसरी आदि सुविधाओं का निरीक्षण किया। इस दौरान कुलपति डॉ. एस.के. पाटील सहित विश्वविद्यालय प्रशासन के सभी वरिष्ठ अधिकारी और वैज्ञानिकगण उपस्थित थे। पीयर रिव्यू टीम कल 15 फरवरी को कृषि महाविद्यालय, रायपुर तथा स्वामी विवेकानंद कृषि अभियांत्रिकी महाविद्यालय, रायपुर का निरीक्षण करेगी। उसके बाद टीम के सदस्य तीन अलग-अलग दल बना कर शेष महाविद्यालयों का निरीक्षण करेंगे।