छत्तीसगढ़

चिन्हारी योजना के माध्यम से कलाकार करा सकते हैं ऑनलाईन पंजीयन
Posted Date : 16-Feb-2019 11:08:04 am

चिन्हारी योजना के माध्यम से कलाकार करा सकते हैं ऑनलाईन पंजीयन

महासमुंद, 16 फरवरी । छत्तीसगढ़ शासन संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग द्वारा राज्य के कलाकारों को चिन्हारी योजना के माध्यम से ऑनलाईन पंजीयन की सुविधा दी जा रही है, जिससे राज्य के हर वर्ग के कलाकारों को विभाग से सीधे संपर्क करने का अवसर मिलेगा और विभाग के पंजीकृत कलाकारों को विभागीय कार्यक्रमों में लाभान्वित किया जाएगा। कलाकारों का प्रदर्शन का कार्य विभाग द्वारा किया जाएगा। विभाग के चिन्हारी योजना के तहत कला एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों से जुड़े सभी कलाकारों को पंजीयन के लिए अपनी कला से संबंधित दस्तावेजों को विभागीय वेबसाईट में आनलाईन पंजीयन कर सकते हंै। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ शासन संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग द्वारा इस वेबसाईट का शुभारंभ 12 सितंबर को किया गया था।

सीएम भूपेश बघेल ने किया राहुल गांधी का आत्मीय स्वागत
Posted Date : 16-Feb-2019 11:06:51 am

सीएम भूपेश बघेल ने किया राहुल गांधी का आत्मीय स्वागत

रायपुर, 16 फरवरी । कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी आज बिस्तर जिले के लोहंडीगुड़ा विकासखंड के ग्राम धुरागांव में आयोजित विशाल कृषक अधिकार सम्मेलन में शामिमल होने के लिए जगदलपुर पहुंच गए हैं। 
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी का आज जगदलपुर विमानतल पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आत्मीय स्वागत किया। विधानसभा अध्यक्ष डा. चरणदास महंत, लोक निर्माण मंत्री ताम्रध्वज साहू, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टीएस सिंहदेव, संसदीय कार्यमंत्री रविन्द्र चोबे, उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल, सांसद पीएल पुनिया, महापौर जतिन जायसवाल, सुकमा जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश कवासी, राजीव शर्मा सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने राहुल गांधी का जोरदार स्वागत किया। 

पुलवामा में हुए आतंकी हमले के चलते युवाओं ने पीएम मोदी से धारा 370 खत्म करने की मांग की
Posted Date : 16-Feb-2019 11:05:26 am

पुलवामा में हुए आतंकी हमले के चलते युवाओं ने पीएम मोदी से धारा 370 खत्म करने की मांग की

रायपुर, 16 फरवरी । देश विभाजन के बाद से ही पाकिस्तान हमेशा भारत के खिलाफ युध्द लड़ता रहा है। भारत की शांतिप्रिय नीति का  नाजायज लाभ उठाकर जब-जब पाकिस्तान ने भारत को ललकारा है। हमेशा उसे हार का सामना करना पड़ा है। 1947 के बाद से चाहे 1965 का  युध्द हो या फिर 1971 का युध्द हो हमेशा पाकिस्तान भारत से हारा है। बंगलादेश के अलग होने के बाद भी पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आया है। सीमा पर सर्जिकल स्ट्राईक एवं कारगिल युध्द के बाद हाल ही में पुलवामा में हुए पाक समर्थित आतंकी हमले में 40 जवानों के शहीद होने पर शहर के युवाओं में बेहद गुस्सा है। युवाओं से चर्चा करने पर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से इस बार पाकिस्तान को कड़ा सबक सिखाने की मांग की है। धारा 370 खत्म करने के बाद ही जम्मू-कश्मीर  में नियंत्रण की स्थिति बनेगी। युवाओं में राहुल चौबे, महेन्द्र गिरी गोस्वामी, शिवम श्रीवास्तव, अर्पणा शर्मा, संदीप शर्मा, पंकज शर्मा, सत्येन्द्र सिंह, सेन बोथरा, हीरालाल बुरड़, विजय कुमार बोस, नारायण चितलांगिया, रोमेश श्रीवास्तव, अंबिका सोनी, अंशुल केसरवानी, धनुष तिवारी, नीतिन झा, डॉ. विकास शर्मा, डॉ. अंशुमान तिवारी, डॉ. यशा तिवारी, उत्कर्ष तिवारी, डॉ. प्रीति मिश्रा, प्रखर मिश्रा, वैभव ठाकुर, समीर फरीकार एवं डॉ. सुषमा तिवारी ने प्रधानमंत्री से तत्काल प्रभाव से धारा 370 समाप्त करने की मांग करते हुए इस बार पाक को नहीं छोडऩे की मांग की है। 
ज्ञातव्य है कि 40 जवानों के शहीद होने पर इस बार पूरे देश में गुस्से का माहौल है। देश की सवा अरब आबादी की पीएम एवं राष्ट्रपति से एक ही मांग है की पाकिस्तान के साथ युध्द कर हमेशा के लिए दुनिया के नक्शे से उसे गायब किया जाये। 

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुब्रत साहू अमेरिका में बताएंगे छत्तीसगढ़ में शांतिपूर्ण और निर्विघ्न निर्वाचन के अनुभवों को
Posted Date : 16-Feb-2019 11:04:31 am

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुब्रत साहू अमेरिका में बताएंगे छत्तीसगढ़ में शांतिपूर्ण और निर्विघ्न निर्वाचन के अनुभवों को

० हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के आमंत्रण पर शिक्षाविदों, छात्रों एवं युवा उद्यमियों से होंगे रू-ब-रू
० ‘आर्थिक नीति व शासकीय योजनाओं पर उसका प्रभाव‘ विषय परआयोजित परिचर्चा में भी होंगे शामिल
० कैम्ब्रिज में 16 फरवरी से दो दिवसीय 16वें वार्षिक भारत सम्मेलन‘ में लेंगे हिस्सा

रायपुर, 16 फरवरी । छत्तीसगढ़ के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी  सुब्रत साहू हाल ही में प्रदेश में संपन्न विधानसभा आम निर्वाचन के अनुभव अमेरिका में साझा करेंगे। वे हार्वर्ड यूनिवर्सिटी कैम्ब्रिज, मैसाचुसेट्स के आमंत्रण पर सोलहवें वार्षिक भारत सम्मेलन के दो दिवसीय आयोजन में हिस्सा ले रहे हैं।  साहू वहां शिक्षाविदों, छात्रों और युवा उद्यमियों के साथ रू-ब-रू होंगें। 
 साहू सम्मेलन में माओवाद प्रभावित छत्तीसगढ़ में चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में शांतिपूर्ण, निर्विघ्न, स्वतंत्र, पारदर्शी और निष्पक्ष निर्वाचन के लिए अपनाई गई योजनाओं, प्रशासकीय प्रबंधन एवं नवाचारों से जुड़े अनुभव साझा करेंगे। उल्लेखनीय है कि भारत निर्वाचन आयोग ने हाल ही में 30 दिसम्बर को बांग्लादेश में हुए संसदीय निर्वाचन में  साहू को अंतर्राष्ट्रीय आब्जर्वर बनाकर भी भेजा था।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी  सुब्रत साहू को इस गहन सामूहिक विमर्श के लिए आमंत्रित करते हुए हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने लिखा है कि विषम परिस्थिति वाले और नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ में निर्विघ्न एवं शांतिपूर्ण निर्वाचन बड़ी उपलब्धि है। विधानसभा निर्वाचन सफलतापूर्वक संपन्न कराने के लिए मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय द्वारा किए गए प्रशासकीय प्रबंधों और इस दौरान उठाए गए नवाचारी कदमों तथा इनके क्रियान्वयन के अनुभवों को वैश्विक स्तर पर साझा किया जाना चाहिए। भारत में सुगम, शांतिपूर्ण और निर्विघ्न निर्वाचन के लिए की जा रही गहन एवं व्यापक व्यवस्थाओं की चर्चा और सराहना विश्व पटल पर भी होनी चाहिए। 
उल्लेखनीय है कि अमेरिका के हार्वर्ड कैनेडी और हार्वर्ड बिजनेस स्कूल में आयोजित यह दो दिवसीय सम्मेलन भारत से जुड़े समकालीन विषयों पर संवाद, परिचर्चा और लोगों को जोडऩे के दुनिया के सबसे बड़े मंचों में से एक है। इसमें दुनिया भर की नामी हस्तियां हिस्सा लेती हैं। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के आमंत्रण पर  साहू वहां करीब एक हजार शिक्षाविदों, छात्रों और युवा उद्यमियों से मुखातिब होंगे।
दुनिया के श्रेष्ठ शैक्षणिक संस्थानों में प्रमुख माने जाने वाले हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के आमंत्रण पर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी  सुब्रत साहू ने कहा कि सोलहवां वार्षिक भारत सम्मेलन भारत निर्वाचन आयोग द्वारा अपनाए जा रहे नवाचारों और प्रयोगों को विश्व भर के लोगों से साझा करने का उत्कृष्ट मंच उपलब्ध कराएगा। वहां भारत में निर्वाचन के दृष्टिकोण को भी रखने का मौका मिलेगा। भारत जैसी जटिल परिस्थिति एवं विविधता वाले देश में सफल और निष्पक्ष निर्वाचन संपन्न कराना बड़ी उपलब्धि होती है। इसके अनुभवों को वैश्विक मंचों पर जरूर साझा किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस परिचर्चा के दौरान वे छत्तीसगढ़ की परिस्थितियों और यहां निर्वाचन के अनुभवों, इंतजामों, नवाचारों एवं प्रशासकीय प्रबंधों के बारे में दुनिया को बताएंगे।
 साहू भारत सम्मेलन के एक अन्य सत्र में ‘आर्थिक नीति व शासकीय योजनाओं पर उसका प्रभाव‘ विषय पर आयोजित परिचर्चा में भी हिस्सा लेंगे। इसमें हिंदुस्तान यूनिलीवर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजीव मेहता, मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के प्रोफेसर अभिजीत बनर्जी तथा जयवीर शेरगिल अन्य प्रतिभागी होंगे। 

प्रदेश में दो वर्ष में नि:शुल्क पाठ्यपुस्तकों के वितरण के लिए छपाई में 33 करोड़ से अधिक राशि खर्च
Posted Date : 16-Feb-2019 11:04:01 am

प्रदेश में दो वर्ष में नि:शुल्क पाठ्यपुस्तकों के वितरण के लिए छपाई में 33 करोड़ से अधिक राशि खर्च

रायपुर, 16 फरवरी । प्रदेश में वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में नि:शुल्क पाठ्यपुस्तकों के वितरण के लिए छपाई कार्य में कुल 33 करोड़ से अधिक राशि व्यय हुआ है। प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री डा. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने विधानसभा में आज कांग्रेस सदस्य अरूण वोरा के प्रश्रों के जवाब में इसकी जानकारी दी। 
प्रश्रकाल में आज कांग्रेस सदस्य श्री वोरा ने प्रदेश में नि:शुल्क पाठ्यक्रमों के वितरण से संबंधित मामला उठाया। श्री वोरा के प्रश्रों के जवाब में स्कूल शिक्षा मंत्री श्री टेकाम ने कहा कि शैक्षणिक वर्ष 2016-17 की नि:शुल्क पाठ्य पुस्तकों के वितरण के लिए छपाई का कार्य कुल 26 मुद्रकों को आवंटित किया गया था, जिसमें कुल राशि 16 करोड़ 73 लाख 5 हजार 6 सौ 6 रूपए व्यय हुआ। मुद्रकों को प्राप्त न्यूनतम दर (एल-1 दर) के आधार पर मुद्रण कार्य आवंटित किया गया है। इसी प्रकार शैक्षणिक वर्ष 2017-18 की नि:शुल्क पाठ्य पुस्तकों के वितरण के लिए छपाई का कार्य कुल 28 मुद्रकों को आवंटित किया गया था, जिसमें कुल राशि 16 करोड़ 81 लाख 70 हजार 7 सौ 76 रूपए मात्र व्यय हुआ। मुद्रकों को प्राप्त न्यूनतम दर (एल-1 दर) के आधार पर मुद्रण कार्य आवंटित किया गया है। मंत्री ने यह भी बताया कि शैक्षणिक वर्ष 2016-17 को नि:शुल्क पाठ्य पुस्तकों की छपाई के लिए कागज की खरीदी का आदेश कुल 04 मिलों को दिया गया था, जिसमें कुल 73 करोड़ 60 लाख 99 हजार 9 सौ 19 रूपए मात्र व्यय हुआ। राष्ट्रीय निविदा में प्राप्त न्यूनतम दर (एल-1 दर) के आधार पर कार्य आदेश दिया गया है। फर्मवार जानकारी प्रपत्र-स में संलग्र है। स्कूल शिक्षा मंत्री ने बताया कि शैक्षणिक वर्ष 2017-18 की नि:शुल्क पाठ्य पुस्तकों की छपाई के लिए कागज की खरीदी का आदेश कुल 05 मिलों को दिया गया था। जिसमें कुल 71 करोड़ 68 लाख 3 हजार 9 सौ 13 रूपए व्यय हुआ। राष्ट्रीय निविदा में प्राप्त न्यूनतम दर (एल-1 दर) के आधार पर कार्य आदेश दिया गया है। मंत्री ने यह भी बताया कि नि:शुल्क पाठ्य पुस्तकों के वितरण के लिए छपाई कार्य हेतु एवं कागज क्रय करने हेतु निगम द्वारा राष्ट्रीय स्तर की निविदा जारी की गई। उन्होंने बताया कि नि:शुल्क पाठ्य पुस्तकों के आंतरिक पृष्ठ के मुद्रण में 70 जीएसएम मैपलिथो वर्जिन पल्प ऑफ वुड रील कागज एवं कव्हर पृष्ठ के मुद्रण में 220 जीएसएम कोटेड बोर्ड कव्हर कागज का उपयोग किया गया है। कागज क्रय हेतु किसी भी फर्म को अग्रिम भुगतान नहीं किया गया।

अक्षय चक्र से बाड़ी और गौठान में मिलेगी 12 महिनों सस्ती जैविक सब्जियां
Posted Date : 16-Feb-2019 11:03:03 am

अक्षय चक्र से बाड़ी और गौठान में मिलेगी 12 महिनों सस्ती जैविक सब्जियां

० लघु और सीमांत किसानों की बाडिय़ों और खेतों में नरेगा से बनाया जाएगा अक्षय चक्र
० कलेक्टर की अध्यक्षता में अक्षय चक्र खेती के लिए ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों की कार्यशाला आयोजित

रायपुर, 16 फरवरी 2019/छत्तीसगढ़ सरकार की नरवा, गरूवा, घुरूवा और बाड़ी के संरक्षण और संवर्धन की दिशा में अभिनव पहल करते हुए रायपुर जिले में अक्षय चक्र कृषि के मॉडल को अपनाया जा रहा है। खेती के इस मॉडल से किसान अब अपनी बाडिय़ों और खेतों में न केवल 12 महिने भरपूर हरी-भरी सस्ती जैविक सब्जियां प्राप्त कर सकेंगे बल्कि यह हर दिन उनके रोजगार की गारंटी भी सुनिश्चित करेगा। कलेक्टर डॉ. बसवराजु एस. की अध्यक्षता में आज यहां जिला कलेक्टोरेट परिसर स्थित रेडक्रॉस सभाकक्ष में जिले के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों की कार्यशाला आयोजित हुई। जिसमें अक्षय चक्र खेती के संबंध में विस्तार से जानकारी प्रदान करते हुए उन्हें गांव के जरूरतमंद, लघु और सीमांत किसानों का चयन करने को कहा गया ताकि मनरेगा से कन्वर्जेंस कर उनकी बॉड़ी और खेतों में यह अक्षय चक्र बनवाया जा सके। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. गौरव कुमार सिंह ने आगामी मंगलवार तक ऐसे चयनित किसानों की बाड़ी के नक्शा व खसरा जिला पंचायत में जमा करने को कहा है ताकि अक्षय चक्र का निर्माण प्रारंभ किया जा सके। डॉ. सिंह ने बताया कि गौठान बनाने के लिए जिले में प्रथम चरण में 81 गांवों का चयन किया गया है, इन गौठानों में भी अक्षय चक्र बनाया जाएगा ताकि ग्रामीणों के साथ-साथ स्कूल और आंगनबाड़ी के बच्चों को भी पोष्टिकता से भरपूर जैविक सब्जियां उपलब्ध करायी जा सकें जो इनके कुपोषण को दूर करने में अहम होंगी।
क्या है अक्षय चक्र खेती
राज्य सरकार की घुरूवा और बाड़ी की अवधारणा को अपने में समाहित अक्षय चक्र कृषि मॉडल में एक ही समय में एक या दो नही बल्कि पूरे 24 अलग-अलग प्रकार की सब्जियां 12 महिने 10 डिसमिल के छोटे से क्षेत्र में उगाई जाती है। इस मॉडल में किसानों की बाड़ी या खेत में जहां सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हो वहां जमीन में 66 बाई 66 फीट (10 डिसमिल) में एक अष्टभुज गोलाकार चक्र बनाकर आठ खानों में बांटा जाता है। इसके इनर चक्र में आठ खण्ड होते है जिसमें पालक, लाल, मैथी, चौलई सहित विविध प्रकार की भाजियां लगायी जा सकती है उसी तरह इसके आउटर लेयर में आठ खण्ड होते है, जिसमें टमाटर, प्याज, बैंगन, भिण्डी, लौकी, करेला, कुमड़ा, मिर्ची आदि सब्जियां लगायी जा सकती है। चक्र के किनारों में पपीता और केला के पौधें लगाकर फल भी प्राप्त किए जा सकते है। चक्र के हर भाग की एक फीट खुदाई कर मिट्टी बाहर निकाली जाती है। इस चक्र को बनाने के किए किसानों को मनरेगा के तहत रोजगार भी मुहैया होता है। गड्डो में मिट्टी के बदले घुरूवा के कचरे का तीन इंच लेयर बिछाया जाता है। इसके उपर दो इंच मिट्टी डाली जाती है। इसे तीन बार करते है। चक्र के बीचोबीज 5बाई5 फीट का गड्डा भी बनाया जाता है। जिसे अक्षय कुण्ड कहा जाता है। जिसमें गौमूत्र, गोबर, माढ़ और पानी के मिश्रण से अक्षय जल तैयार किया जाता है। जिससे अक्षय चक्र में सिंचाई की जाती है। करीब 90 से 100 दिनों में चक्र में फसल तैयार हो जाती है और किसानों को खुद अपनी बाड़ी से ताजी सब्जियां और आय प्राप्त होने लगती है। अक्षय चक्र में भूमि का ट्रीटमेंट तो होता ही है, किसान बिना रासायनिक खाद के उन्नत फसल भी ले पाते है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह भी है कि चक्र के हर भाग में एक एकड़ जमीन के लिए उत्कृष्ट जैविक खाद भी तैयार हो जाती है जिसे किसान अपने खेतों में धान आदि फसलों के लिए उपयोग कर सकते है। इस चक्र को अपनाने से किसानों की आमदनी तो बेहतर होगी ही साथ ही बिना रासयनिक खाद के इस्तेमाल से जैविक उत्पाद प्राप्त किए जा सकेंगे।
अक्षय चक्र कृषि को अपनाकर प्रगतिशील किसान बने श्री चमराराम और साथियों को कलेक्टर ने किया सम्मानित
बिलासपुर जिले के अकलतरी गांव के किसान श्री चमराराम धीवर, श्री रामकुमार धीवर और श्री सुखदेव धीवर ने अक्षय चक्र खेती को अपनाकर आज न केवल अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत किए है बल्कि आज वो पूरे प्रदेश के किसानों के लिए एक रोल मॉडल बन गए है। कार्यशाला में कलेक्टर डॉ. बसवराजु एस. ने इन तीनों प्रगतिशील किसानों को साल व श्रीफल भेंटकर सम्मानित किया। प्रगतिशील किसान श्री चमराराम धीवर और उनके साथियों ने इस अवसर कृषि विभाग के मैदानी अमला को अक्षय चक्र के निर्माण और उसके फायदे के संबंध में विस्तार से जानकारी प्रदान की।