छत्तीसगढ़

रोटी बैंक सेवा की सहयोगकर्ता महिलाएं सम्मानित
Posted Date : 10-Mar-2019 10:00:37 am

रोटी बैंक सेवा की सहयोगकर्ता महिलाएं सम्मानित

कोरबा 10 मार्च । छत्तीसगढ़ हेल्प वेलफेयर सोसाइटी द्वारा रोटी बैंक सेवा संचालित है जिसमें हर रोज दोपहर के समय रोटी एकत्र कर विक्षिप्त, जरूरतमंदों को वितरण किया जाता है। इस सेवा में महिलाओं द्वारा अपने घरों से रोटी-सब्जी बना कर दिया जाता है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर संस्था के कार्यालय कोसाबाड़ी में सम्मान समारोह का  आयोजन कर उन सभी महिलाओं को संस्था के अध्यक्ष राणा मुखर्जी व सदस्या शीला सिंह द्वारा पौधा व प्रमाणपत्र भेंट कर सम्मानित किया गया। राणा मुखर्जी ने कहा कि प्रत्येक दिन जरूरमंदों के लिए समय पर रोटी बना कर देना कोई मामूली बात नहीं है। यह केवल नारी शक्तियों द्वारा ही संभव है। इस अवसर पर सुमन अग्रवाल, सुमन केडिया, नेहा चौधरी, गंगेश्वरी यादव, विदिशा, सुनीता, चित्रलेखा, सन्तोषी, रामंजली, मंजू, संगीता, सिमरन, गुडिय़ा व संस्था के सदस्य उपस्थित रहे।

स्वर्गीय हेमचंद यादव का छत्तीसगढ़ के लिए योगदान अविस्मरणीय : भूपेश बघेल
Posted Date : 10-Mar-2019 9:58:44 am

स्वर्गीय हेमचंद यादव का छत्तीसगढ़ के लिए योगदान अविस्मरणीय : भूपेश बघेल

0-14 करोड़ 12 लाख रुपये की लागत से बनेगा प्रशासनिक भवन
रायपुर, 10 मार्च । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज जिला मुख्यालय दुर्ग में स्वर्गीय हेमचंद यादव विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन का भूमिपूजन किया। उन्होंने स्वर्गीय हेमचंद यादव के छत्तीसगढ़ के प्रति योगदान को स्मरण करते हुए कहा कि विधायक एवं मंत्री के रूप में उपलब्धि अविस्मरणीय रहेगी। विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन तैयार हो जाने से काम मे काफी सहजता होगी। मुख्यमंत्री ने पुराने दौर को याद करते हुए कहा कि पहले नागपुर विश्वविद्यालय या सागर विश्वविद्यालय विद्यार्थियों को जाना होता था। अब तकनीकी विषयों के भी विश्वविद्यालय छत्तीसगढ़ में हैं। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा उच्च शिक्षा को बेहतर बनाने हर संभव कार्य शासन द्वारा किया जाएगा। लोक निर्माण मंत्री ताम्रध्वज साहू ने पोटिया क्षेत्र मैं मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि स्वर्गीय हेमचंद यादव के नाम पर यह विश्वविद्यालय है। उन्होंने अपने सार्थक कार्य से जीवन में बड़ी उपलब्धि हासिल की। विधायक और मंत्री के रूप में उन्होंने प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के भूमिपूजन होने से जल्द ही विश्वविद्यालय के प्रशासनिक कार्यों में सुविधा मिलेगी। इस मौके पर विधायक अरुण वोरा ने भी सम्बोधित किया। कुलपति दिलीप वासनीकर ने विश्वविद्यालय के प्रशासकीय भवन की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि 40 एकड़ क्षेत्र में फैला यह भवन 5 मंजिला होगा। इसके आरम्भ होने से विद्यार्थियों की सुविधा बढ़ेगी। इस विश्वविद्यालय से 128 महाविद्यालय सम्बद्ध है। जिनमें से 61 शासकीय तथा 67 अशासकीय हैं। इस मौके पर विधायक एवं महापौर देवेंद्र यादव एवं अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित थे।

स्वर्गीय हेमचंद यादव का छत्तीसगढ़ के लिए योगदान अविस्मरणीय : भूपेश बघेल के लिए इमेज परिणाम

मुख्यमंत्री की घोषणा पर अमल शुरू : प्रदेश में नियमित पदों पर शिक्षकों की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी
Posted Date : 10-Mar-2019 9:57:52 am

मुख्यमंत्री की घोषणा पर अमल शुरू : प्रदेश में नियमित पदों पर शिक्षकों की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी

रायपुर, 10 मार्च । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने प्रदेश में पहली बार नियमित पदों पर 15 हजार शिक्षकों की भर्ती करने जा रही है।  लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा आज इन्द्रावती भवन से विज्ञापन जारी कर रिक्त पदों पर भर्ती की प्रक्रिया शुरू कर दी है। रिक्त पदों की पूर्ति के लिए ऑनलाईन आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। विज्ञापित पदों की आवश्यक अर्हताएं, आयु सीमा, निर्देश, परीक्षा योजना, पाठ्यक्रम, पदों के आरंक्षण संबंधी विस्तृत विवरण की जानकारी पर 26 मार्च 2019 से देखे जा सकते हैं और 25 अपै्रल 2019 तक ऑनलाईन आवेदन किए जा सकते हैं। इस भर्ती में व्याख्याता, शिक्षक, सहायक शिक्षक तीनों संवर्गों के लिए परीक्षा होगी। सबसे ज्यादा विज्ञान शिक्षकों के पद पर भर्ती की जाएगी। मुख्यमंत्री ने गणतंत्र दिवस समारोह में शिक्षकों की भर्ती का ऐलान किया था। राज्य सरकार के अहम फैसले से युवाओं में भारी उत्साह है। नियमित पदों पर शिक्षकों की भर्ती होने से शिक्षा व्यवस्था में सुधार होगा और स्कूलों में शिक्षकों की कमी काफी हद तक दूर होगी। बस्तर, सरगुजा सहित प्रदेश के आदिवासी इलाकों में विज्ञान, गणित, कॉमर्स के शिक्षकों की भी पूर्ति होगी।   
प्रदेश के पुलिस कर्मियों को मिलेगा अब साप्ताहिक अवकाश, आदेश जारी
Posted Date : 10-Mar-2019 9:57:12 am

प्रदेश के पुलिस कर्मियों को मिलेगा अब साप्ताहिक अवकाश, आदेश जारी

0-आरक्षक से निरीक्षक स्तर के अधिकारियों-कर्मचारियों को मिलेगा साप्ताहिक अवकाश का फायदा
रायपुर, 10 मार्च । राज्य शासन ने छत्तीसगढ़ के पुलिस कर्मचारियों की कार्य की प्रवृत्ति एवं कार्य के दबाव को ध्यान में रखते हुए मैदानी क्षेत्रों में पदस्थ आरक्षक से निरिक्षक स्तर के पद पर पदस्थ पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को एक दिवस का साप्ताहिक अवकाश दिए जाने का आदेश शनिवार को जारी कर दिया गया है। हालांकि थाना और जिले में तैनात छग सशस्त्र पुलिस बल से कंपनियों में तैनात पुलिस कर्मियों के लिए साप्ताहिक अवकाश के लिए अलग-अलग नियम बनाए गए है। 
पुलिस महानिदेशक डी.एम. अवस्थी द्वारा जारी आदेश के अनुसार 
यह एक दिवसीय साप्ताहिक अवकाश प्रारंभिक तौर पर आरक्षक से निरीक्षक स्तर के अधिकारियों/कर्मचारियों को देय होगा। नक्सल प्रभावित एवं दुर्गम क्षेत्र में पदस्थ जिला पुलिस बल के अधिकारियों/कर्मचारियों को साप्ताहिक अवकाश के स्थान पर 03 माह में एक बार 08 दिवस का अवकाश दिया जायेगा। थाने में पदस्थ कर्मियों को रात्रि ड्यूटी करने के पश्चात पूरे 24 घंटे का अवकाश सप्ताह में एक बार दिया जायेगा। यानि कोई पुसिलकर्मी यदि रात्र ड्यूटी करने के पश्चात जाता है, तो उसे उस दिन एवं अगले दिन एवं अगले दिन की प्रात: गणना तक उपस्थिति से छूट मिलेगी। यह साप्ताहिक अवकाश रात्रि ड्यूटी के पश्चात प्रारंभ होकर अगले दिन प्रात: गणना/रोलकॉल तक के लिए रहेगा। प्रत्येक पुलिस अधीक्षक/अपने-अपने जिले में थाना एवं चौकियों मेें पदस्थ कर्मियों का इस प्रकार से रोस्टर तैयार करेंगे, जिससे प्रत्येक पुलिसकर्मियों को यह ज्ञात रहे कि उसे कौन से दिन का साप्ताहिक अवकाश रहेगा। यानि कि मंगलवार को अवकाश दिया जाता है, तो उसे अगले प्रत्येक मंगलवार को ही साप्ताहिक अवकाश दिया जायेगा। यदि किसी कारणवश जैसे व्ही.व्ही.आई.पी. भ्रमण एवं कानून व्यवस्था की संगीन स्थिति के फलस्वरूप प्रत्येक कर्मियों को साप्ताहिक अवकाश नहीं दिया जाता है, तो 01 दिन की अधिकतम सीमा तक जमा होगी और सुनिश्चित किया जायेगा कि उसे उसी माह में यथासंभव यह सुविधा उपलब्ध करा दी जाये। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विषम सुरक्षात्मक कारणों से यह अवकाश निरस्त किया जा सकेगा। उपरोक्त परिस्थितियों में इकाई प्रमुख का निर्णय अंतिम होगा। अवकाश निरस्त करने की अनुमति संबंधित पुलिस अधीक्षक द्वारा ही दी जायेगी एवं उसकी जानकारी संबंधित पुलिस उपमहानिरीक्षक/पुलिस महानिरीक्षक रेंज को दी जायेगी। 
छसबल की जिलों में पदस्थ कंपनियों के कर्मियों के लिए
यह 01 दिवसीय साप्ताहिक अवकाश आरक्षक से निरीक्षक, छसबल (कंपनी अवकाश) स्तर के अधिकारियों को देय होगा। नक्सल प्रभावित एवं दुर्गम क्षेत्र में पदस्थ छत्तीसगढ़ सशस्त्र पुलिस बल के अधिकारियों/कर्मचारियों को साप्ताहिक अवकाश के स्थान पर 03 माह में एक बार 08 दिवस का अवकाश दिया जायेगा। यह साप्ताहिक अवकाश रात्रि ड्यूटी के बाद से अगले दिन सुबह प्रात: गणना/रोलकॉल तक रहेगा। प्रत्येक कंपनी में इस प्रकार का रोस्टर बनाया जाये, ताकि प्रत्येक कंपनी के प्रत्येक जवान को एक नियत दिनांक को साप्ताहिक अवकाश मिल जाये, यानि कि मंगलवार को अवकाश दिया जाता है तो उसे अगले प्रत्येक मंगलवार को ही साप्ताहिक अवकाश दिया जायेगा। यदि किसी कारणवश जैसे व्हीव्हीआईपी भ्रमण एवं कानून व्यवस्था की संगीन स्थिति के फलस्वरूप प्रत्येक कर्मियों को साप्ताहिक अवकाश नहीं दिया जाता है, तो 01 दिन की अधिकतम सीमा तक जमा होगी और सुनिश्चित किया जायेगा कि उसे उसी माह में यथासंभव यह सुविधा उपलब्ध करा दी जाये। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विषय सुरक्षात्मक कारणों से यह अवकाश निरस्त किया जा सकेगा। उपरोक्त परिस्थितियों में इकाई प्रमुख का निर्णय अंतिम होगा। विषम परिस्थितियों में पुलिस अधीक्षक/सेनानी द्वारा ही अवकाश निरस्त किया जायेगा। इसकी सूचना पुलिस अधीक्षक/सेनानी एवं रेंज पुलिस उप महानिरीक्षक को दिया जायेगा। 
अवकाश की गणना 
वर्तमान में प्रचलित प्रथा के अनुसार अपरान्ह में 12.05 पर रवानगी व पूर्वान्ह में 11.55 की वापसी प्रभा पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाए एवं सामान्य अवकाश में रवानगी संध्या रोलकॉल के बाद ही जाये व प्रात: गणना/रोलकॉल के समय आमद कराई जाये। साप्ताहिक अवकाश के साथ अन्य अवकाशों का लाभ भी देय होगा परंतु साप्ताहिक अवकाश पर रवानगी रात्रि ड्यूटी करने के बाद दी जायेगी एवं अन्य अवकाश की गणना अगले दिन से की जायेगी। साप्ताहिक अवकाश की सुविधा किसी अन्य अवकाश के साथ जोड़ी नहीं जायेगी एवं साप्साहिक अवकाश की आगे नहीं बढ़ाया जा सकेगा, एवं इसका नगदीकरण नहीं किया जायेगा। उपरोक्त आदेश उन पुलिसकर्मियों पर लागू नहीं होंगे जो पुलिस महानिरीक्षक/पुलिस उपनिरीक्षक/पुलिस अधीक्षक एवं छसबल के वरिष्ठ के वरिष्ठ अधिकारियों के कार्यालय में पदस्थ है। इसी प्रकार यह अवकाश पुलिस मुख्यालय/छसबल मुख्यालय/रेडिया मुख्यालय/टे्रेनिंग स्कूल एवं अकादमी में पदस्थ पुलिसकर्मियों पर लागू नहीं होंगे।

सुप्रीमकोर्ट के आदेश के खिलाफ सडक़ पर उतरा सर्वआदिवासी समाज
Posted Date : 10-Mar-2019 9:56:24 am

सुप्रीमकोर्ट के आदेश के खिलाफ सडक़ पर उतरा सर्वआदिवासी समाज

0 रैली निकालकर किया प्रदर्शन
रायपुर, 10 मार्च । छत्तीसगढ़ सर्वआदिवासी समाज एवं छत्तीसगढिय़ा समाज ने संयुक्त रूप से राजधानी में शनिवार को रैली निकालकर कर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के विरोध में प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में प्रदेश भर से आदिवासी समाज के लोग पहुंचे। 
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार शनिवार को राजधानी के गोंडवाना भवन टिकरापारा में एक सभा का आयोजन किया गया था, जिसमें विभिन्न जिलों में आदिवासी समाज के नेता एवं आम नागरिक हजारों की संख्या में पहुंचे। समाज के लोगों ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि जो आदेश सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिया गया है, उसमें सर्वआदिवासी समाज के अधिकारों का हनन हो रहा है। अपने जंगल, जल व जमीन से आदिवासी समाज की बेदखल करने की एक रणनीति है जिसका समाज में घोर विरोध हो रहा है। आदिवासी की पहचान जल, जंगल व जमीन से है यदि उन्हें इसी से बहिष्कृत किया गया तो ऐसे में समाज के उपर गहरा संकट छा जाएगा। वहीं रैली टिकरापारा भवन से निकाली जिसमें समाज के हजारों लोग शामिल थे। सिद्धार्थ चौक, कालीबाड़ी, महिला थाना, पुराना फायर ब्रिगेड चौक, बंजारी वाले बाबा चौक से घड़ी चौक होते हुए अम्बेडकर चौक पहुंची जहां आक्रोशित समाज के लोगों ने जमकर नारेबाजी की। इस दौरान पुलिस विभाग के सैकड़ों जवान यातायात व्यवस्था के साथ-साथ बैरिकेट के आसपास नजर आए। वहीं आदिवासी समाज के रैली को देखते हुए उक्त मार्गों से गुजरने वाले छोटे मालवाहक, यात्री बसों का प्रवेश पूर्ण रूप से प्रतिबंधित रखा गया। जगह-जगह शहर के अंदर बैरिकेट लगे नजर आए ताकि किसी भी प्रकार की आबाधाबी न हो सके। साथ ही इस धरना को छत्तीसगढ़ सर्वआदिवासी समाज, छत्तीसगढिय़ा सर्वसमाज महासंघ, छत्तीसगढिय़ा क्रांति सेना बेरीकेटस, जिला किसान महासंघ राजनांदगांव, छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ, छत्तीसगढ़ किसान सभा, हसदो अरण्य बचाव संघर्ष समिति, छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा, जनमुक्ति मोर्चा आदि संगठनों ने समर्थन दिया।

किसानों के शोषण के समाधान के लिए समर्थन मूल्य को कानूनी दर्जा दे-छ.ग.सरकार- मोर्चा
Posted Date : 10-Mar-2019 9:55:37 am

किसानों के शोषण के समाधान के लिए समर्थन मूल्य को कानूनी दर्जा दे-छ.ग.सरकार- मोर्चा

० दलहन, तिलहन फ सल समर्थन मूल्य में खरीददारी नहीं
० कवर्धा, बेमेतरा, मुंगेली जिले के किसान सडक़ की लड़ाई लडऩे मजबूर

रायपुर, 10 मार्च । कांग्रेस की सरकार ने धान खरीदी, कर्जा माफी, बिजली दर पर राहत एवं किसानों के लिए कार्य का मजबूत मिसाल पेश किया है। उसके लिए बघेल सरकार को साधुवाद । पर यह उपहार किसानों को अल्पसमय के लिए ही साबित हो रहा है। किसानों की दलहन, तिलहन के फसल लेने वाले तीन जिला, 18 ब्लाक, 3 लोक सभा क्षेत्र के लाखों किसान उत्पादन लेते हैं। जिनके फसलों का समर्थन मूल्य पर कोई खरीददार नहीं है। बघेल सरकार ने जिस प्रकार धान की खरीदी की है उसी प्रकार दलहन, तिलहन के 15 उत्पादित फसल जिनका समर्थन मूल्य इस प्रकार है:- राहर-5500 रूपये प्रति क्विंटल, मूग- 5500 रु. प्रति क्विंटल, उड़द- 5500 रू. प्रति क्विंटल, चना 4500 रू. प्रति क्विंटल, मसूर -4500 रू. प्रति क्विंटल, सोयाबीन -4500 रु. प्रति क्विंटल, अलसी सरसों के साथ गन्ना उत्पादन करने वाले किसानों का सुध लेने वाला कोई नहीं है। आज धान की खरीदी 2500 रु. में करके छत्तीसगढ़ सरकार ने छत्तीसगढ़ के किसानों को मजबूती प्रदान किया लेकिन दलहन-तिलहन की खरीदी पर सरकार की कोई व्यवस्था लागू नहीं हुई है। धान सहित दलहन-तिलहन के समर्थन मूल्य को कानूनी दर्जा मिल जाता है तो छत्तीसगढ़ का किसान अपने बूते खड़ा हो जायेगा। सरकार जब समर्थन मूल्य घोषित करती है तो किसानों को लावारिस धन्ना सेठों के भरोसे क्यों छोड़ देती हैं। श्री भूपेश बघेल स्वयं किसान हैं, गाँव से हैं, किसानों की समस्या से लगातार परिचित हैं और किसानों के लिए उनका किया काम एक मिसाल है। पर समर्थन मूल्य पर खरीददारी को कानूनी दर्जा दे दें तो किसान के हाथ मजबूत हो जायेंगे और इसीलिए छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा तीन जिलों में धरना-प्रदर्शन, रैली के माध्यम से छत्तीसगढ़ सरकार को किसानों के समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिए जनजागरण कार्यक्रम लेकर सडक़ पर आ रही है। 17 मार्च को कवर्धा में तीनों जिले के किसान प्रतिनिधि बैठक में भाग लेंगे और तीनों जिले के किसान आंदोलन की रूपरेखा तैयार करेंगे। बैठक के प्रमुख किसान नेता राज्य आंदोलनकारी अनिल दुबे होंगे। जागेश्वर प्रसाद अध्यक्षता करेंगे। कवर्धा जिले के जिलाध्यक्ष महेन्द्र कौशिक आयोजक होंगे। प्रमुख किसान नेता रामदास पटेल, योगेश्वर शर्मा, शिव साहू, वी. वर्मा, सुरेन्द्र चन्द्रवंशी, कुंभकरण कौशिक, जयकरण पटेल प्रमुख रूप से भाग लेंगे। इस अवसर पर पंडरिया क्षेत्र के 50 गाँव के 2000 किसान छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य बनेंगे एवं छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढ़ किसान मोर्चा के आंदोलन के चलते भाजपा की सरकार को उखाड़ फेंका गया है अगर कांग्रेस किसानों के समर्थन मूल्य का मुद्दा का समाधान नहीं करती तो तीन लोकसभा चुनाव राजनांदगांव, दुर्ग, बिलासपुर को कांग्रेस हार का मुंह देखना पड़ेगा । समर्थन मूल्य को कानूनी दर्जा मिलने से छत्तीसगढ़ के किसान जो कांग्रेस के पक्ष में हैं वह हवा का रूप लेगा। सन् 2009 में धमतरी के किसान मोर्चा के रैली में थाना प्रभारी द्वारा किसानों से अपराधिक तरह व्यवहार पर किसानों ने ज्ञापन देकर थानेदार सपन चौधरी को अपराधी बनाने की मांग की है। इस पर मोर्चा ने धमतरी में आंदोलन को अंतिम रूप दिया।