रायगढ़। आरटीई में एडमिशन के लिए उम्र का आंकलन 31 मार्च की स्थिति में की जा रही है। इस वजह से बच्चे की उम्र 1 दिन भी ज्यादा हुई तो पोर्टल में आवेदन रिजेक्ट हो जा रहे हैं। जिले में ऐसे अनेक मामले सामने आ गए हैं लेकिन नियमों की ढाल दिखाकर नोडल अफसर इस का हल नहीं ढूंढ पा रहे हैं।
राज्य सरकार ने बीते दो सालों से शिक्षा का अधिकार (आरटीई) के लिए आनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू की है। एडमिशन की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए पोर्टल बनाया गया है लेकिन यही पोर्टल अब कुछ पालकों के लिए मुसीबत बन गया है। पोर्टल में इस बार नर्सरी, केजी-1 और कक्षा पहली में प्रवेश लेने वाले बच्चों के उम्र एक दिन भी अधिक हो रही है तो उनका आवेदन स्वीकृत नहीं हो पा रहा। शासन स्तर पर बने पोर्टल में ऐसे आवेदन आने पर सीधे नोडल अधिकारी से संपर्क करने कहा जा रहा है।जिले में ऐसे अनेक बच्चे हैं, जिनकी उम्र निर्धारित उम्र से कुछ दिन ज्यादा है। ऐसे में इन परिवारों को आरटीई का लाभ नहीं मिल पा रहा है। जिससे लोग परेशान हैं। डीइओ आरपी आदित्य बताते हैं कि आरटीई के इस पोर्टल में उम्र का आंकलन 31 मार्च 2019 को आधार मानकर किया गया है। इस वजह से ऐसी दिक्कतें आ रही हैं।
केस 1
राजीव नगर मोहल्ले में रहने वाले एक पालक शिव निषाद ने बताया कि उनके बेटे की जन्म तिथि 2 अप्रैल 2015 है। केजी वन में एडमिशन के लिए आवेदन किया तो 2 दिन अधिक हो जाने के कारण आवेदन निरस्त हो गया। नोडल अफसर भी इस नियम को गलत बता रहे हैं लेकिन कोई हल नहीं निकल रहा है।
केस 2
ढिमरापुर में रहने वाली बच्ची नेहा की जन्मतिथि 3 अप्रैल 2016 है। आरटीई के अनुसार नर्सरी में प्रवेश में लिए उम्र की गणना 31 मार्च 19 के हिसाब से की जा रही है। ऐसे में नेहा की उम्र 31 मार्च 19 की स्थिति में 3 साल से 3 दिन कम हो रही है, इसलिए बच्ची को नर्सरी में प्रवेश नहीं मिल रहा है।
आरटीई में उम्र का ऐसा बंधन
आरटीई में पोर्टल में आवेदन करने के लिए शिक्षा विभाग ने उम्र का बंधन लगा दिया है। नर्सरी में प्रवेश के लिए बच्चे की उम्र न्यूनतम 3 साल और अधिकतम 4 साल से कम होना चाहिए। इसी तरह केजी-1 में 4 साल से अधिक और 5 साल से कम होना चाहिए। वहीं कक्षा पहली में 5 साल से अधिक और 6 साल से कम होना चाहिए।
रायगढ़। । राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग छ.ग. शासन ने एक आदेश जारी कर दिनांक 20.02.2019 को जिला संवर्ग के कर्मचारी एन. एल. सोनी, सहायक ग्रेड-3 तहसील कार्यालय कांसाबेल का स्थानान्तरण करते हुए अन्यत्र जिला कलेक्टर कार्यालय, बलरामपुर कर दिया था, बार-बार प्रताडि़त करने के उद्देश्य के किये जा रहे स्थानान्तरण से व्यथित होते हुए श्री सोनी ने अपने विद्वान अधिवक्ता अभिषेक सराफ के माध्यम से माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर में रिट याचिका दायर की। जिसे माननीय उच्च न्यायालय ने स्वीकार करते हुए शासन को नोटिस जारी किया तथा 12 मार्च 2019 को सुनवाई के लिए नियत की। प्रकरण में आवेदक पक्ष के विद्वान अधिवक्ता एवं राज्य शासन की ओर से नियुक्त शासकीय अधिवक्ता के दलीलों को गंभीरतापूर्वक सुनने के बाद माननीय न्यायाधिपति श्रीमान पी. एस. कोशी ने राज्य शासन द्वारा किये गये नियम विरूद्ध स्थानान्तरण को प्रथम दृष्टया गलत मानकर निरस्त कर स्थगन देते हुए चार सप्ताह के अंदर आवेदक के पक्ष में प्रकरण का निराकरण करने के निर्देश राज्य शासन को दिये।
रायगढ़। नवविवाहिता ने घर के म्यार में फांसी के फंदे में झूलकर जीवनलीला समाप्त कर ली है। घटना पुसौर थाना क्षेत्र का है। मामले मे पुलिस परिजन से पूछताछ व कथन बयान लेते हुए जांच में जुट गई है। रुकमणी पटेल पति योगेश्वर पटेल उम्र 23 वर्ष है । परिजन के मुताबिक महिला का मायका जांजगीर जिला अंतर्गत डभरा थाना क्षेत्र है जिसका विवाह दो वर्ष पूर्व सामाजिक रीति रिवाज से ठेगापाली के ग्रामीण योगेश्वर से सम्पन्न हुई थी । जिसमें महिला की एक आठ माह की बच्ची भी है। जहा महिला ने शुक्रवार दोपहर लगभग 2 से 3 बजे के बीच घर के सदस्य अपने दैनिक दिनचर्या में गए हुए थे इस दौरान महिला ने घर के म्यार पर फंदे में झुलकर जान दे दी। फिलहाल महिला ने क्यो फांसी के फंदे में झुलकर आत्महत्या की है इस पर रहस्य अना हुआ है वही परिजन अचम्भित है। बहरहाल घटना की भनक लगते ही मौके पर पुलिस आई और शव को फंदे से उतारते हुए पंचनामा व अन्य कानूनी कार्रवाई के बाद पीएम के लिए भेजा है।
बोर्ड की बारहवी परीक्षा में सी व डी खंड को लेकर था संदेह
रायगढ़। शुक्रवार को बारहवीं कक्षा के एकाउंट के पेपर में सवालों के क्रम को लेकर परीक्षार्थी उलझे रहे। चार खंडों में आए प्रश्नपत्र में शुरू के दो खंडों को हल करना अनिवार्य था लेकिन सी व डी में से किसी एक को हल करना था। ऐसे में कई स्कूलों में छात्र इसको लेकर शिक्षकों से सवाल करते रहे और कुछ ने दोनों खंडों के आंशिक सवाल हल कर दिए।
बोर्ड की बारहवी परीक्षा में कामर्स के छात्रों को शुक्रवार को थोड़ी परेशानी का सामना करना पड़ गया है। दरअसल इस प्रश्नपत्र में कुल चार खंड आए थे। इसमें से शुरू के ए व बी खंड के सभी प्रश्नों को हल करना था लेकिन इसके बाद सी व डी खंड में से किसी एक को ही हल करना था लेकिन बदले हुए पैटर्न में सवाल आए तो बोर्ड की इस गुगली से छात्र भी असमंजस में आ गए । कुछ छात्रों ने सी व डी खंड में से दो-दो सवालों के जवाब लिख दिए लेकिन आशंका हुई तो फिर बोर्ड के अफसरों से संपर्क साधा गया। डीइओ आरपी आदित्य ने बताया कि कुछ परीक्षा केन्द्रों में यह समस्या आई थी लेकिन शिक्षकों ने छात्रों को प्रश्नपत्र हल करने का नियम बता दिया। विवाद वाली किसी बात से उन्होंने इंकार किया है। शुक्रवार को बोर्ड के एकाउंट वाले इस विषय समेत राजनीति विज्ञान का भी पेपर था। शिक्षा विभाग के अनुसार इमसें कुल 15 हजार 243 छात्रों को शामिल होना था लेकिन इसमें से 15 हजार 4 छात्र ही परीक्षा दे सके हैं और 239 छात्र अनुपस्थित रहे हैं। बोर्ड की इस परीक्षा में शुक्रवार को कोई नकल का केस नहीं बना है।