० मामला उजागर होने पर डीईओ ने कहा जांच के बाद दोषी पर होगी कारवाई
बिलासपुर, 19 मार्च । शिक्षा विभाग मे चाहे जो भी हो जाए कम ही होगा ताजा मामला बिलासपुर जिले का है, जहां एक शिक्षक की मौत के बाद शिक्षा विभाग के अफसरों ने उसकी मृतात्मा से स्कूल में पढ़ाई भी करवा डाली और बदले में उस मृतात्मा को महीनों तक वेतन भी दिया । अब जब भूतों को वेतन बांटने का खेल खुला तो अफसरों के हाथ पांव फूले हुए हैं। इस मामले में बिलासपुर के जिला शिक्षा अधिकारी ने जांच कराने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है।
मामला बिलासपुर के बिल्हा का है, जहां बिल्हा ब्लाक के शासकीय मीडिल स्कूल मंगला पासीद में पदस्थ रुक्च शिक्षक दीपक शर्मा की 5 महीने पहले मृत्यु हो गयी थी। मृत्यु के बाद महीनों तक नियमित रूप से शिक्षक का वेतन भुगतान होता रहा। घटना का खुलासा तब हुआ, जब परिजनों द्वारा अनुकम्पा नियुक्ति का आवेदन दिया गया।
अनुकंपा नियुक्ति के आवेदन पर विभाग ने हैरत जतायी कि जीवित शिक्षक के लिए अनुकंपा की नियुक्ति का आवदेन कैसे किया जा रहा है, क्योंकि बीईओ के दस्तावेज में शिक्षक दीपक नियमित स्कूल भी आते थे और उनका वेतन भी निर्गत होता था, जबकि सच्चाई ये थी कि दीपक शर्मा की मृत्यु महीनों पहले हो चुकी थी। मामला उजागर हुआ इसके बाद विकासखण्ड शिक्षा कार्यालय में हडक़म्प मच गया।आनन फानन मे शिक्षकों के परिजनों को बुलाकर जारी वेतन की रिकवरी की गई।
ये कोई पहला मामला नहीं है जब बिल्हा विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय इस तरह की कारगुजारियों से बदनाम हुआ है, उससे पहले भी बिल्हा में महीनों गायब शिक्षाकर्मियों को नियमित रूप् से वेतन जारी होने के कई मामले उजागर हो चुके है। जानकारी के मुताबिक शिक्षक एलबी दीपक शर्मा का विगत सितम्बर माह में निधन हो गया, जिसके बाद प्रधान पाठक ने उसकी उपस्थिति भेेजना बंद कर दिया। लेकिन बीईओ आफिस के कुछ होनहार अधिकारी व कर्मेचारी बिना उपस्थिति पंजी के ही वेतन जारी करते रहे। इस बीच मृत शिक्षक के परिजनों ने अनुकम्पा नियुक्ति का आवेदन दिया। उसको दबाने के लिए शिक्षक के परिजनों को बुलाकर पांच माह तक जारी वेतन की रिकवरी करा ली गई।
इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी बिलासपुर ने जांच की बात कही है। उन्होंने कहा कि इस प्रकरण की जानकारी उन्हें नहीं थी, अब मामला सामने आया है, जिसके बाद अब जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई की जायेगी।
0-शहीद जवान को दी श्रद्धांजलि
रायपुर, 19 मार्च । दंतेवाड़ा में हुए नक्सली हमले में शहीद जवान को अपनी श्रद्धाजंलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने घायल जवानों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हुए उन्हें बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया है।
ज्ञात हो कि ककल देर शाम दंतेवाड़ा में नक्सलियों से हुए भुठभेड़ में एक जवान शहीद हो गया था, वहीं सीआरपीएफ के 6 जवान बुरी तरह से घायल हो गए थे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपनी ट्वीट में लिखा है-दंतेवाड़ा में नक्सली मुठभेड़ में जवान के शहादत की खबर सुन स्तब्ध हूं। उनकी वीरता को मेरा प्रणाम। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे। घायल जवानों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना करता हूं। प्रशासन को उचित एवं सर्वोत्तम इलाज के निर्देश दे दिए गए हैं।
ज्ञात हो कि दंतेवाड़ा के अरनपुर थाना क्षेत्र के कोंडासांवली और कमलपोस्ट के बीच नक्सलियों ने सीरियल ब्लास्ट करते हुए अंधाधुंध फायरिंग किया था। इसमें सीआरपीएफ का एक जवान शहीद हो गया था और करीब आधा दर्जन बुरी तरह से घायल हो गए थे।
० मतदान दलों के प्रशिक्षण में तकनीक के उपयोग पर भी मिली जानकारी
कोरबा 19 मार्च । लोकसभा निर्वाचन 2019 के लिए कोरबा जिले में पीठासीन अधिकारियों और मतदान अधिकारियों का प्रशिक्षण संपन्न हो गया है। इस प्रशिक्षण के दौरान दो हजार 555 अधिकारी, कर्मचारियों को चार प्रशिक्षण केंद्रों में मतदान कराने की बारीकियां सिखाई गईं। प्रशिक्षण में पीठासीन अधिकारी एवं मतदान अधिकारी क्रमांक-एक को ईव्हीएम, वैलेट यूनिट और वीवीपैट मशीनों को जोडऩे, मॅाकपोल करने, मॅाकपोल के बाद सीआरसी करने से लेकर नई तकनीक के सी-टाप्स मोबाईल एप्प के बारे में भी जानकारी दी गई। प्रशिक्षण में अधिकारियों के शंकाओं का समाधान भी किया गया। यह प्रशिक्षण डीएव्ही पब्लिक स्कूल खरमोरा, सेंट जेवियर्स पब्लिक स्कूल कोरबा, शासकीय एमडीपी महाविद्यालय कटघोरा और शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक शाला कटघोरा में संपन्न हुआ। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी इंद्रजीत सिंह चंद्रवाल एवं अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी श्रीमती प्रियंका महोबिया ने इन प्रशिक्षणों का निरीक्षण किया और अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए।
प्रशिक्षण के दौरान मास्टर ट्रेनर्स ने मतदान के दिन मतदान शुरू होने के पहले मॅाकपोल की प्रक्रिया को सावधानीपूर्वक करने के बारे में विस्तार से जानकारी दी। मास्टर टेऊनर्स ने माकपोल के बाद आगे मतदान शुरू करने के लिए ईव्हीएम मशीनों में सीआरसी-क्लोज, रिजल्ट, क्लीयर प्रक्रिया को बिना भूले अनिवार्यत: सही ढंग से करने की जानकारी दी। प्रशिक्षकों ने बताया कि यदि माकपोल के बाद सीआरसी सही ढंग से नहीं किया गया तो मतदान के दौरान मशीन में इरर प्रदर्शित होती है। जिससे आगे मतदान संभव नहीं हो पाता। प्रशिक्षकों ने सभी पीठासीन अधिकारियों को सुचारू रूप से मतदान संपादित करने के लिए मशीनों में सीआरसी सही ढंग से करने की जानकारी दी।
प्रशिक्षण के दौरान पीठासीन अधिकारियों और मतदान अधिकारी क्रमांक-एक को नये एप्प सी-टाप्स छत्तीसगढ़ टेऊकिंग आफ पोलिंग प्रोसेस साफ्टवेयर एप्प की भी जानकारी दी। प्रशिक्षकों ने बताया कि सी-टाप्स एप्प से मतदान केंद्र में चल रही पल-पल की गतिविधियों की जानकारी रिटर्निंग आफिसर और पुलिस अधिकारियों को मिल सकेगी। मतदान केंद्र की स्थिति, मतदान दल के मतदान केंद्र में पहुंचने की जानकारी, सेक्टर अधिकारी का हाल्ट से लेकर मतदान केंद्रों में मतदाताओं की कतार तक की जानकारी इस एप्प के एक क्लिक से मिल जायेगी। अधिकारियों को मतदान का काम आसान बनाने के लिए उनके एनड्रायड फोनों पर सी-टाप्स एप्प डाउनलोड कर इंस्टाल भी कराया गया। पीठासीन अधिकारियों की डायरी, मतपत्र लेखा संधारण, माकपोल प्रमाण पत्र जारी करने से लेकर ईव्हीएम मशीनों को सील करना, विभिन्न प्रपत्रों को भरना और कानून व्यवस्था की परिस्थितियों से निपटने के बारे में भी अधिकारियों को प्रशिक्षण में बताया गया।
0 लोक सभा चुनाव के मद्देनजर सुरक्षा को लेकर निर्वाचन आयोग ने लगाया प्रतिबंध
रायपुर/भिलाई/दुर्ग 19 मार्च । आपराधिक वारदातों एवं लूटमारी रोकने के उद्देश्य से पुलिस प्रशासन द्वारा लोक सभा चुनाव के मद्देनजर भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर मुखौटे पहनने पर प्रतिबंध लगाया गया है। बावजूद इसके रायपुर भिलाई दुर्ग क्षेत्र में खुलेआम मुखौटों की बिक्री करते दुकानदार दिखाई दे रहे है। ज्ञातव्य है कि मुखौटों की आड़ में आपराधिक तत्व होली के समय किसी भी गंभीर वारदात को जन्म दे सकते है। वहीं युवतियों से होली के बहाने मुखौटा पहनकर छेड़छाड़ करने की संभावना से भी लोगों ने इंकार नहीं किया है। राजधानी सहित प्रदेश में अपराधों के ग्राफ में बढ़ रहे इजाफे को रोकने के लिए प्रदेश के प्रबुध्दों ने डीजीपी छत्तीसगढ़ पुलिस से मुखौटों की बिक्री पर तत्काल रोक लगाने की मांग प्रदेश के सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को तत्काल निर्देश देने की मांग की है।