न्याय साक्षी/रायगढ़। होली के दिन एक तरफ जहां रंगों से लोगों के हाथ रंगे हुए थे, वहीं दूसरी तरफ जूट मिल चौकी क्षेत्र के मि_ुमुड़ा में एक युवक अपनी पत्नी के गला रेत कर हत्या करने के बाद खुद ट्रेन के आगे कूद कर अपनी जान दे दी। इस घटना से पूरे मोहल्ले में सनसनी फैल गई। बताया गया कि दंपती के बीच अक्सर विवाद होता था, जिसका दुखद परिणाण दोनों की मौत के रूप में सामने आया।
होली के दिन आरओबी के नीचे पुराने रेलवे फाटक एक युवक की सिर कटी लाश बरामद की गई। शव की जांच के दौरान मिले मोबाईल से जानकारी मिली कि वह जशपुर के बागबहार थाना क्षेत्र के महेशपुर गांव का रहने वाला है, जहां से परिजनों को बुलाया गया, जिसके बाद उसकी पहचान लक्ष्मण चौहान पिता धरमु चौहान 30 साल के रूप में की गई। बताया गया कि पेशे से रोजी मजदूरी कर अपना और परिवार का गुजर बसर करनेवाला मृतक जूट मिल चौकी के मि_ुमुड़ा मोहल्ले में रहता है। इसी बीच भूपदेवपुर बिलासपुर से उसके ससुराल वालों को भी बुला लिया गया।
घर में मिली पत्नी की लाश
पुलिस मि_ुमुड़ा स्थित मृतक के घर पहुंची तो हैरान रह गई। सामने मृतक की पत्नी सोनिया चौहान की खून से लथपथ लाश पड़ी हुई थी। जिसके गले पर चोट के निशान थे जो बता रहा था कि उसकी गला रेत कर हत्या की गई है। इस घटना के सामने आने के बाद होली की खुम्हारी में डूबे पूरे मोहल्ले में सनसनी फैल गई।
बच्चा नहीं होना बना कारण
मामले में परत दर परत खुलासा होने लगा। जिसमें सर्व प्रथम पुलिस ने आपसी विवाद की स्थिति पर फोकस किया। जांच पड़ताल में ज्ञात हुआ कि मृतक की शादी होने के पश्चात भी सन्तान नही हो रही थी। जिसके बाद से ही पुराने निवास स्थल तमनार में भी झगड़ा लड़ाई होती रहती थी। जिस कारण दोनों उक्त निवास स्थल को छोडक़र रायगढ़ मि_ू मुड़ा में किराए के मकान के रहकर रोजी मजदूरी का काम कराता था। पुलिस के अनुसार घटना के दिन भी दोनों में विवाद हुआ होगा जिसके बाद पति ने पहले पत्नी को मौत के घाट उतार दिया वही स्वयं सम्भवत: आत्मग्लानि एवं पछतावा की वजह से आत्ममहत्या कर लिया होगा।
जिंदगी और मौत के बीच झूल रही युवती, आरोपी गिरफ्तार
न्याय साक्षी/रायगढ़। होली के दिन एक शर्मनाक घटना खरसिया थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम गीधा में हुई। जो पूरे क्षेत्र को शर्मसार कर दिया। हवास की भुक कहे या नशे में धुत युवकों ने गांव की एक 20 वर्षीय युवती को हवस का शिकार बनाने की कोशिश की, जब युवक अपने पाले मंसूबे में कामयाब नहीं हुआ तो पहने हुई सलवार और चुनरी से घसीटते हुए खेतों की ओर ले चला युवती का सिर पत्थर से कुचल कर जान से मारने का प्रयास किया, जिससे युवती बुरी तरह से गंभीर हो गई और उसे मरा जानकार आरोपी फरार घटना स्थल से फरार हो गया । वहीं मुख्य आरोपी गनपत राठिया उर्फ गोलू को पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस ने बताया कि होली के दिन पीडि़ता अपने गांव के पूर्व सरपंच एवं अपने परिवार के करीबी लोगों के घर रोटी पहुंचाने जा रही थी, जहां रास्ते में सूनेपन का फायदा उठाते हुए नशे की हालत में संदेही गनपत राठिया उर्फ गोलू पीडि़ता को सूनसान जगह पर ले गया, फिर बलात्कार का प्रयास किया गया। जब पीडि़ता ने विरोध किया तो पास में पड़े पत्थर से उसके सिर पर जोरदार वार कर दिया, जिससे युवती बेहोश हो गई।
इधर बेटी को घर से निकले काफी वक्त होने पर घर वाले चिंतिंत हो खोजने लगे, उसी समय गांव के एक छोटे बच्चे ने घर आकर घटना की जानकारी दी, जिससे परिजनों ने तत्काल पीडि़ता को खरसिया अस्पताल ले गए। वहां से रायगढ़ रेफर कर दिया गया. पीडि़ता की गंभीर हालत को देखते हुए रायगढ़ से रायपुर रेफर किया गया, जहां गंभीर स्थिति में पीडि़ता आईसीयू में भर्ती है।
वहीं उसके दो साथियों को सघनता से पतासाजी करने के बाद मुख्य आरोपी गनपत राठिया उर्फ गोलू को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
घटना के 2 दिन बाद गिरफ्तार हुए मुख्य आरोपी गनपत राठिया ने कुछ और ही कहानी बताई है। गनपत ने कहा कि वह उस लडक़ी से बहुत प्यार करता था। कुछ दिन पहले ही लडक़ी की शादी कहीं और तय करने की तैयारी चल ही रहा था, ऐसे में वह उसे लेकर भाग जाने की जिद करने लगा। परंतु संस्कारों में पली बढ़ी लडक़ी ने इस बात से इन्कार किया, वहीं कहा कि मुझे मार डालो। फिर बिना सोचे समझे ही गनपत ने पहले तो हाथ मुक्के से उसके सर पर वार किया, इसके बाद नजदीक पड़े पत्थर से उसके सिर को कुचलने का प्रयास किया।
शराब बहका रही नई पीढ़ी को...
मामला जो भी हो इसकी तो सूक्ष्म जांच पुलिस द्वारा की जा रही है। परंतु नशे की हालत में युवाओं द्वारा लगातार गलत कदम उठाए जा रहे हैं। जिसकी मुख्य वजह है कि ग्राम अनेकों गांव में कच्ची शराब की बिक्री सर चढ़ कर बोल रही है, वहीं ग्राम प्रमुखों द्वारा या फिर स्थानीय नेताओं द्वारा इस अवैध व्यापार को सह भी मिली हुई है। ऐसे में युवा वर्ग नशे की आदत में डूब चुका है, जिससे आए दिन खौफनाक घटनाएं हो रही हैं। वहीं अनेकों महिलाएं विधवा हो रही हैं। इतना होने पर भी प्रशासन की खामोशी समझ से परे है।
जिम्मेदारों ने निभाई जिम्मेदारी लोगों की भूरी भूरी प्रशंसा
सफल मार्गदर्शन पुलिस अधीक्षक राजेश अग्रवाल सूझबूझ अनुविभागीय अधिकारी पुलिस खरसिया गरिमा कश्यप दिन रात मशक्कत थाना प्रभारी एस आर साहू, ए एस आई जन्मजय वर्मा प्रधान आरक्षक शंकर सिंह छतरी लक्ष्मीनारायण राठौर मनोज पटेल आरक्षक राजेश राठौर किशोर राठौर प्रदीप तिवारी अल्केश बेक के पास चार आरोपी के गिरेबान तक खरसिया पुलिस क्षेत्र के लोगों ने सभी जिम्मेदार अधिकारियों की भूरी भूरी प्रशंसा की और यूं ही तत्परता के साथ खरसिया पुलिस आरोपियों को उनके किए आरोप की सजा दिलाए यही उस पीडि़ता के साथ न्याय होगा
ग्रामीणों ने जान बचाकर वन विभाग को सौंपा
जगदलपुर । चैत्र मास की शुरूवात से ही गर्मी ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है और तापमान लगातार बढ़ता ही जा रहा है। इससे वन्य क्षेत्रों में रहने वाले जानवरों को दोहरी मार का सामना करना पड़ रहा है। पानी की तलाश में उन्हें एक ओर जहां भटकना पड़ रहा है, वहीं दूसरी ओर ग्रामीणों द्वारा सामूहिक शिकार किये जाने का भी सामना करना पड़ रहा है।
माचकोट वन क्षेत्र के अंतर्गत एक छोटा सा उदाहरण सामने आया है, जिसमें एक प्यासा चीतल पानी की खोज में कुरंदी तालाब की ओर आया और उसे एक ओर गांव में मौजूद कुत्तों ने दौड़ाया वहीं दूसरी ओर पानी भी नहीं मिला और जान बचाने के लिए दौड़ते-दौड़ते वह एक सुखे कुंए में गिर गया। लगभग 15 घंटे के बाद कचरा फेंकने गई महिला के देखने से उसका संरक्षण किया गया और वन विभाग के कर्मचारियों ने उसे बाहर निकाल जंगल में छोड़ दिया। वहीं दूसरी ओर ग्राम चिलकुटी के जंगल में विचरण कर रहे तेंदुआ द्वारा चीतल को शिकार बनाने की जानकारी भी प्राप्त हुई है। यह चीतल भी पानी की तलाश में भटक रहा था।
उल्लेखनीय है कि वन क्षेत्रों में स्थित जंगली नाले व पानी के छोटे पोखर व तालाब सुख गये हैं और वनों में रहने वाले जानवर पानी की तलाश में बस्ती के पास आकर अपनी जान गंवा रहे हैं। प्रतिवर्ष जंगलों में स्थित पानी के श्रोत सूखते हैं, लेकिन इस वर्ष मौसम के अचानक परिवर्तन से जल्दी ही सूख गये हैं। जंगलों में वर्षाकाल में जानवरों के लिए जल श्रोत बनाने की ओर न तो वन विभाग का ध्यान जाता है और न ही पर्यावरण पे्रमियों को। इससे इस वर्ष और अधिक जंगली जानवरों की सुरक्षा दांव पर लग गई है। शहर या गांव के पास पानी की तलाश में आने वाले ये जानवर आकर केवल अकाल मृत्यु का शिकार होकर रह जाते हैं। इस स्थिति को वन क्षेत्रों में पानी की व्यवस्था कर बदला जा सकता है।