न्याय साक्षी/रायगढ़। रायगढ़ जिले के बरमकेला थाना के गोबरसिंघा की महिला स्व सहायता समूह की महिलाएं शराबबंदी की मांग को लेकर आज कलेक्टर पहुंची । स्व सहायता समूह की महिलाओं ने बताया कि गांव में शराब बिचौलियों व कच्ची शराब बेचने वालों की वजह से पूरे गांव में अशांति फैला हुआ है। महिलाएं व बालिकाएं कहीं अकेले आना जाना नहीं कर सकती। शराब के नशे में धुत युवक व ग्रामीण गंदे गंदे बातें करते हैं । महिलाओं का कहना है कि वे कई बार बरमकेला थाने में शिकायत कर चुकी हैं लेकिन पुलिस वाले आते जरूर हैं और फिर हैं और फिर वापस चले जाते हैं। र्यवाही न होने से गांव में शराब बिचौलिया जो शराब बेचने का काम करते हैं उनके हौसले बुलंद हैं। शिकायत करने पर गाली गलौज भी भी करते हैं। इससे परेशान होकर महिलाओं ने बताया कि महिलाओं ने बताया कि आज वे लोग अपने घर का कामकाज निपटाकर दोपहर में एक पिक अप किराया में लेकर आज कलेक्टोरेट पहुंची थी।
न्याय साक्षी/रायगढ़। बेजा क़ब्ज़ा को लेकर आज एसडीएम,तहसीलदार और निगम आयुक्त की संयुक्त टीम ने बड़ी कार्यवाही की है। ख़बर मिल रही है कि भगवानपुर, गोरखा, जगतपुर, बड़े रामपुर, छोटे और बड़े अतरमुड़ा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर प्रशासनिक टीम ने बेजा कब्जा को लेकर बेदखली की कार्यवाही की है। बता दें कि इन क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर भूमाफियाओं द्वारा शासकीय ज़मीनो पर कब्ज़ा कर उन्हें बेच दिया गया है,जिसमे से ज़्यादातर भूमियों पर निर्माण कार्य शुरू हो गया है। लगातार मिल रही शिकायतों के बाद आज एसडीएम भागवत जायसवाल ने टीम गठित कर बेजा कब्जा पर कार्यवाही की है। वहीं सूत्रों के मुताबिक ये कार्यवाही अभी आने वाले दिनों में भी जारी रहेगी,प्रशासनिक कार्यवाही के बाद भूमाफियाओं में हडक़ंप मच गया है।
यातायात के बढ़ते दबाव को लेकर की जा रही कवायद
न्याय साक्षी/रायगढ़। रायगढ़ नगर निगम क्षेत्र में एक बार फिर से सडक़ चौडीकरण अभियान शुरू होनें जा रहा है और इसकी तैयारियां निगम ने शुरू कर दी है। इस चौड़ीकरण अभियान के तहत निगम कार्यालय के सामने लगभग 20 से अधिक पुरानी दुकानों को हटाया जाएगा और उन्हें तोडक़र पीछे करके फिर से बसाया जाएगा। लंबे समय से यह योजना निगम की फाईलों में कैद थी, लेकिन बढ़ते यातायात दबाव को देखते हुए दुकानदारों को हटाने का फैसला लिया गया है। इस संबंध में व्यापारी बताते हैं कि वर्षों पुराने दुकानों को हटाने के मामले निगम आयुक्त एवं सभापति से चर्चा हुई है। चर्चा के बाद उन्हें जो बताया गया है कि निगम के सामने स्थित गार्डन में पुरानी दुकान से थोड़ी बड़ी दुकान बनाकर दी जाएगी तथा प्रीमियम भी गाईड लाईन के अनुसार लिया जाएगा। इससे वे पुरी तरह संतुष्ट रहें। इस पूरे मामले में निगम के सभापति सलीम नियारिया कहते हैं कि चूंकि बढ़ते यातायात दबाव को लेकर पहले से ही यह योजना बनी हुई थी और व्यापारियों से सहमति लेकर ही उन्हें नई जगह दुकान बनाकर दी जाएगी। ताकि यातायात भी व्यवस्थित हो सके और व्यापारियों को भी संतुष्ट किया जा सके।
> आरोपियों से 30,000 हजार रुपए के सामान बरामद
न्याय साक्षी/रायगढ़। थाना सरिया अन्तर्गत इस्टिट्यूशन भिखमपुरा स्कूल में पदस्थ शिक्षक दिवाकर दास पिता मनबोध दास उम्र 25 वर्ष सा0 भिखमपुरा द्वारा आज थाना सरिया में रिपोर्ट दर्ज कराया कि 27 अपै्रल को स्कुल के स्टोर रूम चेक कर मिलान किया तो एम्पली फायर एवं माइक गायब मिला जिनका कीमत लगभग 30,000 रूपये है। शिक्षक दयानंद चोरी के संबंध में स्कूल के आसपास रहने वालों से पूछताछ करने पर पर यह जानकारी मिला कि 20 मार्च को रात्रि में भिखमपुरा का शत्रुघन सतनामी एवं अन्य कुछ लोग स्कुल के अंदर घुसे थे और बोरी में कुछ सामान भरकर बाहर निकले हैं , चोरी के संबंध में थाना सरिया में धारा 457, 380 भादंवि का अपराध पंजीबद्ध किया गया तथा चंद घंटों में ही संदेही शत्रुघन सतनामी, दयालु बधेल, दिनेश्वर सत्यम को हिरासत में लिया गया। , जिनसे पूछताछ व उनके मेमोरेंडम पर चोरी की मशरूका माईक एम्प्लीफायर कीमती 30 हजार रुपए के बरामद किया गया है । आरोपियों को गिरफ्तार कर ज्यूडिशियल रिमाण्ड पर भेजा गया है ।
भूख या लू से मौत होनें की आशंका
न्याय साक्षी/रायगढ़। आज सुबह 9 बजे धरमजयगढ़ नगर पंचायत के समीप साप्ताहिक बाजार में एक अज्ञात बुजुर्ग की लाश मिलने का मामला प्रकाश में आया है ,लोगों द्वार तेज़ गर्मी बढ़ते तापमान को देखते हुए कयास लगाया जा रहा है की यह एक भिक्षु था और शायद भूख प्यास की शिद्दत से उसकी मौत हुई है.स्थानीय समाज सेवी एवं पत्रकार शेख आलम और उनके सहयोगी ने अज्ञात व्यक्ति का शव मिलने की सूचना पुलिस थाने में दी जिस पर पुलिस ने तत्काल मर्ग कायम कर पंचनामा कर लावारिश लाश को अपनी कस्टडी में लेकर अग्रिम कार्यवाही करते हुए कफऩ दफऩ का इंतेज़ाम किया।
गौरतलब है की नगर पंचायत से महज़ 20 मीटर की दुरी पर इस तरह लाश का मिलना और नगर पंचायत के अधिकारी कर्मचारी द्वारा ना पुलिस में इसकी सूचना दिया गया और नाही शव की शिनाख्ती के लिए कोई कर्मचारी घटना स्थल पर पहुंचे ,उनका अपनी जिम्मेदारी से इस तरह मुंह मोडऩा नगरपंचायत की कार्यप्रणाली पर एक सवालिया निशान पैदा करता है, आखिर नगर पंचायत के जिम्मेदारों का ऐसे मामले में कोई कर्तव्य है की नहीं ?किसी गरीब के प्रति नगर पंचायत की इतनी बेरुखी और घोर लापरवाही आम जनता की समझ से परे है, इस सम्बन्ध में एक पुलिस कर्मी ने बताया की जब अज्ञात व्यक्ति की लाश के कफऩ दफऩ के बारे में नगर पंचायत के बाबू से प्रशासन सेआर्थिक सहायता राशि की जानकारी पूछना चाही तो सम्बन्धित बाबू ने बेहद रुखा व्यवहार दिखाते हुए कहा की इसमें हमारी कोई जवाबदारी नहीं, हम कुछ नहीं कर सकते और पूरे मामले से पल्ला झाड़ते नजऱ आए. जबकि जानकारों की माने तो शासन द्वारा नगर पंचायत क्षेत्र में किसी लावारिश की मौत होने पर उसकी अंतिम संस्कार के लिए 2500 (दो हज़ार पांच सौ रूपये )आर्थिक मदद का प्रावधान होता है.जहाँ पुलिस ने इस मामले में संवेदनशीलता दिखाई वहीँ नगर पंचायत पूरी तरह बेपरवाह दिखा.बहरहाल अज्ञात व्यक्ति की मौत की वजह पीएम रिपोर्ट से पता चलेगा। लेकिन एक बात तो साफ़ है की यदि भिक्षु की मौत का कारण भूख प्यास निकलता है तो ये बात शाशन प्रशासन के लिए बेहद शर्मनाक होगी।