महासमुंद । दो अलग-अलग मामलों में दो किशोरियों को तुमगांव पुलिस ने मामला दर्ज होने के 24 घंटे के अंदर मुक्त करा दिया है। एक को स्टेशन रोड छोडऩे के बहाने आरोपी जंगल ले जाकर दुष्कर्म किया तो दूसरी को शादी का झांसा देकर आरोपी ने दुष्कर्म किया।
पहली किशोरी को बाद में एक संदिग्ध महिला ने घर भेजने के बजाय दंतेवाड़ा में रखा। पुलिस ने उसके साथ तीनों आरोपियों को दबोच लिया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक किशोरी दुकान पर अंडा लेने जा रही थी फिर नहीं लौटी थी। पुलिस ने छानबीन की तो लोकेशन दंतेवाड़ा के बचेली बाजार में मिली वहां एक महिला के साथ घूम रही थी। बचेली पुलिस की मदद से महिला समेत संबंधित किशोरी से तुमगांव पुलिस ने पूछताछ की। पता चला कि वह घर से निकली तो देवनाथ साहू निवासी बंगलापारा तुमगांव रास्ते में मिल गया। स्टेशन छोडऩे के बहाने जंगल ले गया व दुष्कर्म किया। बाद में पीडि़त बस से रायपुर पहुंची वहां पटेलपारा सुकमा की पार्वती पोयाम उसे अपने साथ बचेली ले गई। बाद में पुलिस ने हुलिए के आधार पर देवनाथ की शिनाख्त की और उसे गिरफ्तार किया।
शादी का झांसा देकर किया अनाचार- दूसरे मामले में आरोपी रूपेश पारधी पिता जगतराम पारधी (20) निवासी कौंआझर किशोरी को बहला-फुसला कर अपने साथ लेते गया। शादी का झांसा देकर उसके साथ दुष्कर्म करता रहा। बाद में पुलिस ने उसे रायपुर से गिरफ्तार किया और किशोरी को मुक्त कराया। तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड के लिए पुलिस ने न्यायालय में प्रस्तुत किया। पुलिस टीम में थाना प्रभारी योगेश सोनी, उसनि रनसाय मिरी, प्रधान आरक्षक रामध्यान सिंह, आरक्षक गीता भास्कर, अनिल बंजारे, महिला आरक्षक दीप्ति साहू आदि रहे।
महासमुंद । अपनी गर्लफ्रेंड पर पुलिस की वर्दी का रौब झाडऩा तेंदूकोना के एक युवक को महंगा पड़ गया। राजधानी के सरस्वती नगर में पुलिस ने एक फर्जी पुलिस वाले को पकड़ा है। युवक पुलिस की वर्दी में अपनी गर्लफ्रेंड से मिलने आया था। पुलिस के मुताबिक महासमुंद तेंदूकोना के एवन बैरागी (28) की दोस्ती फेसबुक पर रायपुर की एक युवती से हुई। युवती ने जब उससे पूछा कि क्या करते हो, तो आरोपी ने खुद को पुलिस वाला बताया। उसने युवती के लिए वर्दी सिलाई और अपनी फर्जी आईडी बनवाई उसने एएसआई की रैंक लगाकर रखी थी। वह अक्सर वर्दी में ही युवती से मिलने रायपुर आता था। वह सोमवार को भी मिलने आया था और वह यूनिवर्सिटी में युवती से मिलने वाला था। उससे पहले वह बैंक चला गया। उसी दौरान पुलिस वाले बैंक की जांच करने वहां पहुंचे क्योंकि उरला के बैंक में सेंधमारी हुई थी जांच के लिए गए पुलिस वाले को वर्दी देखकर शक हुआ। उन्होंने युवक को बुलाया और पूछताछ की। उससे पूछा कि कौन से थाने में पदस्थ हैं, बैच नंबर क्या है। युवक से आईडी मांगी। वह उसी में फंस गया। पुलिस ने बताया कि आरोपी कॉलेज की प्राइवेट पढ़ाई करता है। पुलिस आरोपी के खिलाफ फर्जीवाड़ा का केस दर्ज किया है उसे जेल भेज दिया गया है।
इधर ग्रामीणों ने कहा घंटा हाथी नहीं अफ सरों पर लगाई जाए
महासमुंद । सिरपुर जंगल में हाथियों का उत्पात रूकने का नाम नहीं ले रहा है। आज मजदूर दिवस के दिन अलसुबह एक और किसान को पटक-पटक कर मार डाला। बौखालाए हाथियों को रोक पाने में फ ारेस्ट विभाग विभाग पूरी तरह से असफल साबित हो रहा है। बतादें कि जिला मुख्यालय से 20 किमी दूर ग्राम परसाडीह में खेत की रखवाली कर रहे तीन किसान पर हाथी ने हमला कर दिया। बताया जा रहा है कि तीनों किसान खेत में बने मचान में सो रहे थे, गहरी नींद में होने की वजह से किसान कुछ समझ पाते हाथी ने मचान तोड़ कर तीनों किसान को नीचे गिरा दिया। जैसे-तैसे किसान राजा ध्रुव और जालन ध्रुव वहां से भाग निकले लेकिन काशीराम यादव 50 साल को हाथी ने पकड़ लिया। और मचान के समीप ही पटक-पटक मार डाला। ग्रामीणों के अनुसार दो दिन पहले हाथी ने एक सवारी बस को दौड़ाया था, इसके अलावा लहंगर रास्ते पर आने-जाने वाले लोगों को दौड़ा रहा था। कहा जा रहा है कि दो दिन से हाथी विचलित हो चुका था, किसी घटना को अंजाम देने की आहट से ग्रामीण घबरा रहे थे। लेकिन फ ारेस्ट विभाग के मुस्तैदी नहीं होने के कारण लगातार ग्रामीण बेमौत मौत के मूंह में समा रहे हैं।
फसल बचाओं हाथी भगाओं संयोजक राधेलाल सिन्हा ने फारेस्ट विभाग पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस क्षेत्र में लोग हाथी की दहशत से जी रहे हैं, किसी भी सूचना देने पर वन विभाग के अधिकारी फोन रिसीव नहीं करते अक्सर उनका मोबाइल स्वीच ऑफ रहता है। उन्होंने कहा हाथी के गले में घंटा बांधने से कोई फायदा नहीं है, पहले अफसरों के गले में घंटा लगाई जाए ताकि समय पर ग्रामीणों की इनकी कानों तक आवाज पहुंचे।
बतादें कि बीते चार सालों में अब तक हाथी हमले से यह 15 वीं मौत है तो वहीं करीब 20 लोग घायल हुए हैं. महासमुंद जिले में अभी तक सिरपुर क्षेत्र हाथियों से प्रभावित था लेकिन बीते कुछ दिनों से हाथियों का दल अलग अलग विचरण पर है, जिससे खतरा बढ़ता जा रहा है. महासमुंद वन परिक्षेत्र में 21 हाथी,पिथौरा व बसना परिक्षेत्र में 3 हाथी मौजूद हैं. इन तीन वर्षो में वन विभाग करोड़ों की राशि फसल मुआवजे में देने के अलावा 40 लाख रुपए मृतकों के परिजनों को और 70 लाख से ज्यादा की राशि कुनकी हाथी को प्रशिक्षित करने में खर्च कर चुके हैं। पर आज तक यहां के ग्रामीणों को हाथियों के आंतक से छुटकारा नहीं मिल पाया है।
धमतरी । राजस्व विभाग के ‘भुइयां‘ सॉफ्टवेयर में किसानों द्वारा लिए जाने वाले बैंक ऋण की ऑनलाइन एण्ट्री किए जाने के संबंध में आज सुबह जिले की सहकारी समितियों के प्रबंधकों एवं ऑपरेटरों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया। इसमें भुइयां सॉफ्टवेयर में बैंक मॉड्यूल के तहत् ऋण के एवज में धरोहर के तौर पर होल्ड किए जाने वाली जमीन का रकबा एवं खसरा नंबर दर्ज करने तथा अन्य तकनीकी जानकारियां जिला सूचना एवं विज्ञान अधिकारी उपेन्द्र चंदेल द्वारा दी गईं। इस दौरान बताया गया कि इस सॉफ्टवेयर में ऋण प्रकरणों की एंट्री होने से लोन मामलों के दोहराव से बचा जा सकेगा। साथ ही आवश्यक जानकारी सुलभ ढंग से संग्रहित करने में आसानी होगी। इस अवसर पर राजस्व एवं सहकारी बैंक के नोडल अधिकारी रविकांत शर्मा उपस्थित थे।
> निजी कम्पनी के दफ्तर में की आगजनी
> दर्जनों जवान गम्भीर, अस्पताल में भर्ती
रायपुर/गढ़चिरौली । छत्तीसगढ़ के सिमा से सटे महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में बुधवार को नक्सलियों ने सी 60 कमांडो फॉर्स को निशाना बनाकर बड़ा हमला कर दिया. इस हमले में 16 जवान शहीद हो गए. बताया जाता है कि नक्सलियों ने इस धमाके को आईडी से अंजाम दिया.
नक्सलियों ने सी 60 कमांडो फॉर्स को निशाना तब बनाया जब इनका काफिला यहाँ से गुजर रहा था. धमाका इतना जबरदस्त था कि गाडी के परखच्चे उड़ गए. आलाअधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर मोर्चा संभाल लिया है. करीब 10 से 12 जवान गंभीर रूप से घायल बताये जा रहे हैं. घायलों को पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है.
तीन दर्जन वाहनों को फूंका
गढ़चिरौली के कुरखेड़ा में नक्सलियों ने निजी ठेकेदारों के कम से कम तीन दर्जन वाहनों में आग लगा दी थी. यह घटना सुबह उस वक्त घटी जब राज्य का स्थापना दिवस ‘महाराष्ट्र दिवस’ मनाने की तैयारी की जा रही थी. इधर नक्सली पिछले साल 22 अप्रैल के दिन सुरक्षा बलों की तरफ से मारे गए अपने 40 साथियों की मौत की पहली बरसी मनाने के लिए एक सप्ताह से चल रहे विरोध प्रदर्शन के अंतिम चरण में थे।
जिन वाहनों को नक्सलियों ने अपना निशाना बनाया, उनमें से ज्यादातर अमर इंफास्ट्रक्चर लिमिटेड के थे, जो दादापुर गांव के पास एन एच 136 के पुरादा-येरकाड सेक्टर के लिए निर्माण कार्यो में लगे थे. घटनास्थल से भागने से पहले नक्सलियों ने पिछले साल अपने साथियों की हत्या की निंदा करते हुए पोस्टर और बैनर भी लगाए।
नक्सलियों ने जाने से पहले दो जेसीबी, 11 टिप्पर, डीजल और पेट्रोल टैंकर्स, रोलर्स, जेनरेटर वैन और दो स्थानीय कार्यालयों को भी आग के हवाले कर दिया।