छत्तीसगढ़

हाथी के हमले से रिटायर्ड फौजी की मौत
Posted Date : 05-May-2019 12:59:58 pm

हाथी के हमले से रिटायर्ड फौजी की मौत

आक्रोशित ग्रामीणों ने किया चक्काजाम 
धरमजयगढ़ वन मंडल के छाल रेंज की घटना

रायगढ़।  रात के दौरान लघुशंका करने घर के आंगन में निकले ग्रामीण पर एक दंतैल ने हमला कर दिया। इससे ग्रामीण की मौके पर ही मौत हो गई। बताया जा रहा है कि ग्रामीण रिटायर्ड फौजी है। फिलहाल मामले में मृतक के परिजनों को तत्काल सहायता राशि देकर आगे के मुआवजा की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। 
इस संबंध में मिली जानकारी के मुताबिक धरमजयगढ़ वन मंडल के छाल रेंज के अंर्तगत ग्राम सिथरा में कुकरीखोल निवासी इसदौर लकड़ा पिता पैडरा लकड़ा रात करीब साढ़े तीन बजे लघुशंका करने के लिए अपने घर के आंगन में निकला। तभी जंगल से भटक कर उसके घर के आंगन में खड़ा दंतैल ने एकाएक ग्रामीण पर हमला कर दिया। तब इसदौर वहां से भागने का प्रयास किया, लेकिन उसके गिर जाने के कारण हाथी ने उसे कुचल कर मार दिया। घटना की जानकारी जब उसके परिजनों को लगी, तो उन्होंने तत्काल मामले की जानकारी वन अमला को दी। इसके बाद मौके पर रेंजर सहित उनकी टीम पहुंच गई और मृतक के परिजनों को तत्काल 25 हजार की सहायता राशि दिया। इसके अलावा आगे के मुआवजा के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी, लेकिन सुबह जब मामले की जानकारी ग्रामीणों को हुई, तो उन्होंने मुआवजा कम होने व गांव में लाईट, टार्च की व्यवस्था नहीं होने की बात कह कर चक्काजाम कर दिया। काफी देर तक ग्रामीणों ने हंगामा किया, लेकिन बाद में वन विभाग के अधिकारियों मौके पर जाकर उन्हें समझाईश दी। तब कहीं जाकर मामला शांत हुआ। फिलहाल आगे की कार्रवाई की जा रही है। 
11 हाथियों का दल कर रहा विचरण
विभागीय अधिकारियों ने बताया कि सिथरा गांव के करीब 11 हाथियों का दल विचरण कर रहा है और लगातार वे गांव के करीब आ रहे हैं। ऐसे में विभाग के अधिकारियों के द्वारा गांव में मुनादी करा दी गई है और अकेले जंगल में जाने से मना किया है। इसके अलावा हाथियों से छेड़छाड़ नहीं करने व किसी भी प्रकार की सूचना मिलने पर तत्काल विभाग के अधिकारियों को जानकारी देने की बात कही है।
क्या कहते हैं धरमजयगढ़ डीएफओ
इस संबंध में धरमजयगढ़ डीएफओ प्रणय मिश्रा ने बताया कि रात करीब साढ़े तीन बजे दंतैल ने ग्रामीण पर हमला कर दिया। इससे उसकी मौत हो गई। मृतक को तत्काल सहायता राशि दी गई है। फिलहाल आगे की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। चक्काजाम कुछ देर के लिए किया गया था। 

 

भरभरा कर गिरा स्कूल का सीलिंग प्लास्टर
Posted Date : 05-May-2019 12:59:35 pm

भरभरा कर गिरा स्कूल का सीलिंग प्लास्टर

बाल बाल बचे प्यून व हेडमास्टर  
रायगढ़।  रायगढ़ जिले के पुसौर ब्लॉक में अनुसूचित जन जातियों के छात्रों के लिए बनी माध्यमिक आश्रम शाला मचिदा का छत आज सुबह करीब  सवा 7 बजे जब प्रधान पाठक अपने कक्ष में बैठकर शासकीय काम निपटा रहे थे कि इसी दौरान छत की प्लास्टर भर भरा कर गिर गया। इससे वही बैठकर काम कर रहे हेडमास्टर बाल बाल बच गए और वही पर स्कूल का चपरासी भी खड़ा था वह भी बाल बाल बचा।इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार शनिवार की सुबह 7 बजे हेडमास्टर गुरुचरण गुप्त स्कूल चपरासी संकीर्तन राम धोबा के साथ कार्यालय में काम निपटा रहे थे किसी काम से संकीर्तन बाहर निकल कर आया इसी बीच छत का प्लास्टर भरभरा कर गिर गया हेडमास्टर के टेबल और वहां लगे प्लास्टिक की कुर्सी भी टूट गए हैं ।इस घटना की जानकारी सरपंच गुलाब प्रधान व शाला समिति के अध्यक्ष को दी गई तथा खंड शिक्षा अधिकारी विकास कुमार तिर्की को भी सूचित किया गया।
अनुसूचित जन जाति के छात्रों के लिए बनी यह आश्रम शाला पूरी तरह जर्जर हो चुकी है। इसके पहले भी दो बार  इस स्कूल की छत  भरभरा कर गिर चुकी है।  इस स्कूल का उद्घाटन 1994 में मध्यप्रदेश के तत्कालीन राज्यपाल मो शफी कुरैशी के द्वारा किया गया था।अब तो प्रधान पाठक ने नए सत्र में इस भवन में शाला नहीं लगाने के लिए खंड शिक्षा अधिकारी पुसौर को पत्र लिखकर घटना की सूचना भी दे दी है । ऐसा नही है कि इस जर्जर स्कूल भवन की जानकारी जिले के व विभाग के आला अधिकारियों को भी है। फिर भी जानकर भी अनजान बने हुए हैं।  

 

अनारक्षित टिकट के लिए युटीएस ऑन मोबाईल एप्प में नई तकनिकी क्युआर कोड की सुविधा
Posted Date : 04-May-2019 1:40:34 pm

अनारक्षित टिकट के लिए युटीएस ऑन मोबाईल एप्प में नई तकनिकी क्युआर कोड की सुविधा

रायपुर, 04 मई । यात्री सुविधा एवं पेपरलेस टिकटिंग को ध्यान में रखते हुए अनारक्षित टिकट के लिए सुविधा यू टी एस ऑन मोबाइल एप्प के माध्यम से दी जा रही है।
अब इस एप्प में एक नई तकनीकी सुविधा क्यू आर कोड (क्विक रिस्पांस कोड) के माध्यम से रायपुर मंडल के पांच स्टेशनों रायपुर, दुर्ग, भिलाई पावर हाउस, भाटापारा एवं तिल्दा नेवरा में टिकट बनाए जा सकते हैं। यह क्यूआर कोड (क्विक रिस्पांस कोड) स्टीकर के फॉर्म में बुकिंग, इंक्वायरी एवं स्टेशन परिसर में लगाए गए हैं। इनके माध्यम से स्टेशन परिसर में मोबाईल से टिकट बनाए जा सकते हैं। यह एप्प एंड्रॉयड और अब आईओएस मोबाइल फोन के लिए भी उपलब्ध है। अनारक्षित टिकट हेतु यूटीएस ऑन मोबाइल एप्प को बढ़ावा देने के लिए हेल्प बूथ/सहायता केंद्र के माध्यम से यात्रियों को नियमित रूप से जानकारी दी जा रही है। अप्रैल 2019 में मोबाइल ऐप के माध्यम से 1,07,338 यात्रियों ने यात्रा की, जो यात्री संख्या के मामले में अप्रैल माह के समस्त अनारक्षित वर्ग का 4.8 प्रतिषत है। इसी प्रकार राजस्व के मामले में यह अप्रैल माह में अनारक्षित टिकट से प्राप्त कुल राजस्व का 1.15 प्रतिशत है।
मंडल वाणिज्य प्रबंधक आदित्य गुप्ता के अनुसार इस वित्तीय वर्ष की दूसरी तिमाही तक अनारक्षित टिकट से प्राप्त होने वाले राजस्व का 5 प्रतिषत एवं यात्री संख्या का 10 प्रतिषत प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है।

अब बस्तर में होगी लीची की खेती, कम दाम पर दिए जाएंगे पौधे
Posted Date : 04-May-2019 1:39:56 pm

अब बस्तर में होगी लीची की खेती, कम दाम पर दिए जाएंगे पौधे

जगदलपुर, 04 मई । बस्तर के किसान अब अमरूद और पपीते के बाद आने वाले दिनों में मुजफ्फरपुर में होने वाली लीची की खेती करेंगे। खेती के लिए पौधे बस्तर में ही मिलेंगे वो भी कम दामों पर दिए जाएंगे। पांच साल के अंदर तैयार होने वाले इस पौधे की खेती को विकसित करने की योजना के तहत किसानों को लीची के पौधे शहर के डोंगाघाट की सरकारी नर्सरी से 40 रुपए प्रति नग के हिसाब से दिए जाएंगे। 
जानकारी के मुताबिक उद्यानिकी विभाग बीज उत्पादन व अन्य वेरायटी के पौधों को तैयार करने के बाद अब उन्हें कम दाम पर पौधे बेचकर बागवानी फसलों की तरफ किसानों को आकर्षित करने में लगा हुआ है। इसके लिए शहर से लगे डोंगाघाट नर्सरी में लीची के पौधे को तैयार करने की तैयारी शुरू कर दी गई है। 
अब तक इस नर्सरी से किसानों को आम के बारहमासी और दशहरी, कटहल, सीताफल, अमरूद, चीकू, पपीता, नारियल, काजू और फूलों में गुलाब के साथ क्रोटान, ड्रेसिना और अरेलिया, फुटबाल लिली के साथ ही अन्य फूलों की कई प्रजातियां उपलब्ध करवाई जा रही थी। उपसंचालक उद्यानिकी अजय सिंह कुशवाहा ने कहा कि बस्तर का मौसम लीची के लिए अच्छा है। किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए यह योजना बनाई है। जल्द ही पौधे तैयार कर किसानों को दिए जाएंगे । 
डोंगाघाट नर्सरी प्रभारी करन सोनकर ने बताया कि किसानों को कम दाम पर फल और फूलदार पौधे उपलब्ध करवाने के लिए विभाग पिछले कई सालों से कोशिश कर रहा था, जो अब जाकर सफल हुई है। किसान पारंपरिक फसलों के साथ ही फल और फूलदार पौधों की खेती कर आर्थिक रूप से सक्षम हो रहे हैं। विभाग ने यह योजना तैयार की है। उन्होंने बताया कि किसानों को दिए जाने वाले लीची के पौधे नर्सरी में मुजफ्फरपुर से लाकर लगाए गए 5 पेड़ों से ही तैयार किए जाएंगे। पहले चरण में 2000 पौधे तैयार किए जाएंगे। किसानों के साथ ही आम लोगों को दिए जाएंगे। 
 सरकारी नर्सरी से दिए जाने वाले इन पौधों से किसानों को हर साल किसान 5 से सात हजार रुपए कमा लेगा। नर्सरी प्रभारी ने बताया कि लीची की खेती के लिए जिले की आबोहवा यहां के मुताबिक है। इस खेती का फायदा किसानों को बड़े पैमाने पर मिलेगा। जानकारी के मुताबिक बस्तर जिले आने वाली लीची बिहार के मुजफ्फरपुर से आ रही है। बाहर से आने के चलते लीची 80-150 किलो के रेट पर बिकती है।

झीरम घाटी में नक्सली प्रभाव हुआ कमजोर
Posted Date : 04-May-2019 1:39:38 pm

झीरम घाटी में नक्सली प्रभाव हुआ कमजोर

जगदलपुर, 04 मई । बस्तर में पिछले वर्ष 2013 को कांग्रेस के शीर्ष नेताओं की नक्सलियों ने विस्फोट कर जो वारदात की थी उसके बाद उनकों नियंत्रण में लाने तथा झीरम घाटी में उनका प्रभाव कम करने के उद्देश्य से जो उपाय किये गये उससे आज झीरम घाटी में नक्सलियों का प्रभाव कमजोर हो चुका है और आज यहां के ग्रामीण नक्सलियों के विरूद्ध खड़े होकर अपने क्षेत्र व गांवों में विकास की मांग करते हुए खड़े हो रहे हैं। 
इस बात की जानकारी देते हुए बस्तर आईजी विवेकानंद सिन्हा ने कहा कि बस्तर की झीरम घाटी में नक्सलियों ने 25 मई 2013 को एक बड़ी हिंसक घटना को अंजाम दिया था। इसमें कांग्रेस के शीर्ष नेताओं सहित 31 लोगों की मौत हुई थी। अब इसी झीरम घाटी में वर्ष 2017 के बाद से नक्सली बैकफुट पर नजर आ रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि झीरम घाटी में हमला करने वाले बड़े नक्सली नेता तो मारे गए जबकि कई नक्सली पुलिस के डर से पलायन कर गए हैं या जान से हाथ धोने के डर से सरेंडर कर चुके हैं। बताया जा रहा है कि दो वर्षों में डीवीसीएम से लेकर एरिया कमेटी, प्लाटून कमांडर और अन्य कैडर के जहां बड़े नक्सली मारे गए हैं। साथ ही उनका नेतृत्व करने वाले नक्सली नेताओं की कमी होने के चलते नक्सली अब बैकफुट पर आ गए हैं।

संकट की घड़ी में छत्तीसगढ़ सरकार ओडिशा के लिए हर संभव मदद को तैयार : भूपेश बघेल
Posted Date : 04-May-2019 1:39:24 pm

संकट की घड़ी में छत्तीसगढ़ सरकार ओडिशा के लिए हर संभव मदद को तैयार : भूपेश बघेल

0-मुख्यमंत्री ने ओडिशा सीएम से फोन पर की चर्चा 
रायपुर, 04 मई । राज्य सरकार ने ओडिशा सरकार को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। राज्य सरकार ने भीषण तूफान से जिन परिवारों के जान-माल का नुकसान हुआ है, उनके प्रति सहानुभूति भी जताई है। 
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से दूरभाष पर चर्चा कर ओडिशा में आए चक्रवाती तूफान फेनी के संबंध में चर्चा की तथा वर्तमान स्थिति की जानकारी ली है। बताया जाता है कि मुख्यमंत्री बघेल ने ओडिशा में आए इस विनाशकारी तूफान के बाद छत्तीसगढ़ की ओर से हर संभव मदद करने की बात कही है। बघेल से इस तूफान से जिन परिवारों के जान-माल का नुकसान हुआ है, उनके प्रति राज्यवासियों की ओर से सहानुभूति जताई है। बघेल ने ओडिशा के सीएम पटनायक से कहा कि संकट की इस घड़ी में छत्तीसगढ़ सरकार और प्रदेशवासी ओडिशा के साथ खड़ा है और राज्य की ओर से हर संभव मदद को तैयार है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष निरंजन पटनायक से भी चर्चा की और वर्तमान परिस्थितियों की जानकारी ली।