छत्तीसगढ़

सारंगढ़ में पाँच महिला समूह से 15 लाख  से अधिक की धोखाधड़ी
Posted Date : 07-May-2019 2:00:38 pm

सारंगढ़ में पाँच महिला समूह से 15 लाख से अधिक की धोखाधड़ी

माईक्रो फाइनेंस बैकिंग कंपनी का कारनामा
न्याय साक्षी/रायगढ़।  लगातार दिनों दिन बढ़ रहे अपराध को कम करने और अपराधियों पर शिकंजा कसने वाले पुलिस विभाग ही जब चुप्पी साध ले तो प्रार्थी पर गुजरने वाली या उत्पन्न होने वाली विषम परिस्थितियों का अंदाजा लगाया जा सकता है की प्रार्थीयों पर क्या बितेगी।
ताजा मामला सारंगढ़ थाना का है जहां सारंगढ़ नगर अंचल में पांच महिला समूहों सदस्यो के द्वारा पांच बैंक फ्यूजन माइक्रो फ़ायनेश-सारंगढ़, बंधन बैंक-सारंगढ़,स्पंदना बैंक-सारंगढ, संगम बैंक-सारंगढ, ईसाब बैंक-सारंगढ, सभी पांचों फ़ायनेंस प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी से समूह गठित कर के फ़ायनेस लेकर कि़स्त वाइस जमा करते थे जहा समूह बनाकर 10-10 की टीम गठित कर महिलाएं समूह संचालित कर रहे थे। और समूह के एक सदस्य जिसके ऊपर पूरे समूह के द्वारा आरोप लगाया गया है सफेद बाई वगैरह के ऊपर आरोप इन समूहों के द्वारा लगाया गया है कि हमारे ही समूह का सदस्य थे तो हम समूहों का बैठक सेंटर कार्यलय में जाते थे तो हमसे हमेशा उधारी रकम मंगा करते थे हमारे पास उधारी देने के लिए रकम नही कहने पर हमे कहा गया कि आप लोगो के नाम से उल्लेखित कम्पनी बैंक से रकम ऋण स्वरूप मैं निकलवा दे रही हु और वो रकम आप लोग मुझे दे देना हम आप लोगो की ऋण को नियमानुसार उक्त संस्थानों में नियमित रूप से मासिक जमा करते रहेंगे आप लोगों के ऊपर कभी कोई किस्म की वसूली या अन्य कोई प्रकार की कार्यवाही होगी उसके लिए हम जिम्मेदार रहेंगे इस तरह महिला समूह को धोखा दिया गया, और प्राइवेट कंपनी बैंक से ऋण निकलवा लिया गया और हमसे धोखा पूर्वक सारी राशि को उक्त अपराधीगणों के द्वारा अघोहस्ताक्षरकर्ताओ के नाम के सम्मुख राशि पूरा रकम आरोपियो के द्वारा ले लिया गया है। सभी समूह के महिलाओं से लगभग 15 लाख पचास हजार की रकम को धोखाधड़ी किया गया है जिसकी शिकायत हमारे द्वारा थाना सारंगढ में किया गया है। महिला समूहों का कहना है कि पुलिस प्रशासन इसकी जांच सही सिरे से नही कर रही है।

 

बैंकों की सुरक्षा भगवान भरोसे, न अलार्म का पता न ही सीसीटीवी का
Posted Date : 06-May-2019 1:18:47 pm

बैंकों की सुरक्षा भगवान भरोसे, न अलार्म का पता न ही सीसीटीवी का

० सुरक्षा के लिए दो वर्षों से पुलिस व बैंकर्स की मीटिंग ही नहीं
जगदलपुर, 06 मई । शहर में संचालित हो रहे बैंकों की सुरक्षा के लिए गत दो वर्ष से पुलिस व बैंकर्स की मुलाकात नहीं हुई है और न ही उनमें कोई बैठक हुई है। इससे समूचे शहर में संचालित हो रहे बैंकों की सुरक्षा पर प्रश्र चिन्ह खड़े हो गये हैं। स्थिति ऐसी है कि बैंकों का खतरे का अलार्म बजता है कि नहीं यह न तो बैंक के अधिकारियों को ही मालूम है और न ही पुलिस को। इसके अलावा बैंकों में लगे सीसीटीवी कैमरों का समय पर काम करने के लिए उनकी जांच भी नहीं हुई है। इस स्थिति में बैंकों की सुरक्षा गांव पर बनी हुई है। बैंक आने वाले उपभोक्ताओं को अपनी सतर्कता स्वयं रखनी पड़ रही है।
उल्लेखनीय है कि इस समय विभिन्न उपभोक्तओं ने अपनी आपबिती सुनाते हुए कहा कि बैंकों में आने के बाद उन्हें रकम निकालने और ले जाते समय असुरक्षा की भावना बनी रहती है, कभी भी कुछ हो सकता है। प्राय: सभी बैंकों में सुरक्षा की कमी है। सुरक्षा व्यवस्था को समयानुसार जागृत करने व उसके काम करने के लिए किसी के पास कोई समय नहीं है। जबकि आज बैंकों के माध्यम से ही कारोबार अधिक होता है। वर्ष 2014 में बैंकों के अधिकारियों व पुलिस अधिकारियों के मध्य हुये बैठक में ही सुरक्षा की समीक्षा की गई थी, लेकिन उसके बाद इस दिशा में क्या कार्य हुआ इसके संबंध में बैंक अधिकारियों ने रूचि नहीं ली। सुरक्षा व्यवस्था के अभाव में कभी भी कुछ भी हो सकता है। 
इस संबंध में सीएसपी हिमसागर सिदार ने बताया कि पुलिस के दल पेट्रोलिंग के समय प्रत्येक बैंकों की समय-समय पर चेकिंग करती हैं और सीसीटीवी कैमरों को भी ठीक करवाया गया है। इस संबंध में समीक्षा बैठक भी शीघ्र ही होगी।

नक्सली हिंसा से बचने पड़ोसी राज्यों में गये आदिवासी हुये भूमिहीन
Posted Date : 06-May-2019 1:17:53 pm

नक्सली हिंसा से बचने पड़ोसी राज्यों में गये आदिवासी हुये भूमिहीन

जगदलपुर, 06 मई । वर्ष 2004-05 में नक्सलियों की हिंसा उफान पर थी और इस हिंसा के विरूद्ध सलवाजुडूम का आंदोलन भी चल रहा था। इन परिस्थितियों में दक्षिण बस्तर क्षेत्र के भीतरी क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासी परिवारों को नक्सलियों के आक्रोश का शिकार होना पड़ रहा था। इससे बचने के लिए और अपनी तथा अपने परिवार के सुरक्षा के लिए करीब 5000 से अधिक ग्रामीणों ने आंध्र सहित तेलंगाना आदि राज्यों में जाकर शरण ली। 
आज ऐसे हजारों ग्रामीण वहां रह कर मजदूरी कर ही अपना जीवन यापन कर रहे हैं। अब ऐसे ग्रामीण परिवार अपने क्षेत्र में पुन: वापस लौटना चाहते हैं, लेकिन आज उनके पास जीवन-यापन के लिए भूमि नहीं है। ऐसे ग्रामीण परिवारों को स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता शुभ्रांशु चौधरी ने राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग को पत्र लिखकर इन ग्रामीणों को जंगल के अधिकार, कानून की धारा 3.1 के अंतर्गत उनके मूल कब्जे के जमीन के बदले अन्यत्र कहीं भूमि प्रदान करने की मांग की है। 
उल्लेखनीय है कि दक्षिण बस्तर के सुकमा जिले के मरईगुड़ा गांव के करीब 25 परिवारों ने पुन: वापिस आकर यहां अपनी व्यथा सुनाई। उन्होंने बताया कि उन्हें अब मरईगुड़ा में कोई काम नहीं मिल रहा है और 13 वर्षों के बाद उनके खेत भी पूरी तरह बंजर हो चुके हैं। इनके पास जीवन यापन के लिए शासन की तरफ से भी कोई मदद नहीं मिल रही है, ऐसी स्थिति में पुन: पड़ोसी राज्यों में जीवन यापन के लिए जाना पड़ेगा। 

स्कॉर्पियो और बाइक में टक्कर, एक बच्ची सहित दो की मौत
Posted Date : 06-May-2019 1:17:22 pm

स्कॉर्पियो और बाइक में टक्कर, एक बच्ची सहित दो की मौत

0 गुस्साएं ग्रामीणों ने किया चक्काजाम
जांजगीर चाम्पा , 06 मई ।  जिले के बिर्रा थाना अंतर्गत ग्राम तालदेवरी सेमरिया मोड़ के पास तेज गति से आ रही स्कॉर्पियो गाड़ी और बाइक में जोरदार टक्कर हो गई। इस सडक़ दुर्घटना में दो लोगों की मौत हो गई।

मृतकों में ग्राम लखाली निवासी महादेव 45 वर्ष तो दूसरा 6 वर्षीय परी बताया जा रहा हैं। जबकि दो अन्य घायलों को 108 के माध्यम से हॉस्पिटल ले गए है। घटना की सूचना मिलते पुलिस मौके पर पहुँच चुकी है। स्थानीय लोगों के अनुसार बाइक सवार लखाली से बोरसी शादी में शामिल होने जा रहे थे तो वही चाम्पा से भटगांव जा रही थी
सेमरिया मोड़ तालदेवरी के पास तेज गति से आ रही स्कॉर्पियो ने बाइक को सामने से जोरदार टक्कर मार दी। मौके पर पुलिस पहुंच चुकी हैं। तो वही घटना के बाद गुस्साएं ग्रामीणों ने चाम्पा बिर्रा मार्ग पर चक्काजाम कर दिया हैं।

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प्रेम प्रसंग के चलते युवक की हत्या, पांच आरोपी गिरफ्तार
Posted Date : 06-May-2019 1:15:22 pm

प्रेम प्रसंग के चलते युवक की हत्या, पांच आरोपी गिरफ्तार

कोरबा 6 मई । हरदीबाजार चौकी अंतर्गत नेवसा गांव के जंगल मे अधजली हालत में मिली एक युवक की लाश कल बरामद की गई थी।् मृतक के जेब से मिले कार्ड और कपड़ो के आधार पर उसकी पहचान माँगामार निवासी संजय ऑडिल के तौर पर की गई थी। पुलिस ने इस संबंध में अज्ञात लोगों के खिलाफ  हत्या का मामला दर्ज करते हुए शव को पीएम के लिए रवाना कर दिया था जिसके बाद शार्ट पीएम रिपोर्ट में हत्या की पुष्टि हुई।
कुसमुंडा पुलिस ने पूरे मामले की जानकारी अपने उच्चाधिकारियों को दी जिसके बाद हत्यारो की तलाश शुरू हुई। इसी दौरान उन्हें जानकारी मिली कि मृतक संजय का प्रेम प्रसंग इलाके के ही एक युवती से था। वह अक्सर प्रेमिका से मिलने उसके गांव आया करता था। प्रेम प्रसंग की जानकारी किसी और को नही थी, इसी दौरान कुछ समय पहले संजय फिर अपनी प्रेमिका से भेंट करने उसमे घर पहुंचा लेकिन इस बार उसे और उसकी प्रेमिका को प्रेमिका के ही भाई गोलू ने मिलते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। बहन के प्रेम-प्रसंग की भनक लगते ही भाई आग बबूला हो उठा। उसने अपने चार अन्य दोस्तो के साथ संजय को हमेशा के लिए बहन से दूर करने की योजना बनानी शुरू कर दी। बताया जा रहा है कि प्रेमिका के भाई गोलू ने इस पूरे साजिश को अंजाम देने के लिए अपने सभी साथियों के साथ प्लानिंग की। योजना के मुताबिक करीब पांच दिन पहले मुख्य आरोपी गोलू और चार ने संजय से बातचीत की और बातों ही बातो में उसे नेवसा के जंगल की ओर ले गए। उन्होंने वहां पहले संजय की गला दबाकर हत्या कर दी और लाश के साथ सबूत को मिटाने के लिए संजय के शव को आग के हवाले कर दिया।
सभी आरोपी इसके बाद इत्मीनान से अपने घर लौट गए लेकिन अंधे कत्ल को लेकर शुरू हुई यह कहानी मृतक के प्रेमिका के चौखट पर आकर खत्म हुई। पुलिस ने इस मामले में कुल पांच लोगों को हिरासत में लिया है बताया जा रहा है कि मुख्य साजिशकर्ता व हत्यारा गोलू ने अपना अपराध कबूल लिया है पुलिस अब सभी के खिलाफ  अलग अलग धाराओं में मामला दर्ज कर उन्हें न्यायालय में पेश करने में जुटी हुई है।

 कब्र से निकालकर लाश का कराया गया पोस्टमार्टम
Posted Date : 06-May-2019 1:13:34 pm

कब्र से निकालकर लाश का कराया गया पोस्टमार्टम

कोरबा 6 मई । दो भाईयों ने अपनी बहन के सामने ही उसका सुहाग उजाडक़र जीजा की लाश को दफना दिया गया। लाश को पहले घर के पीछे बाड़ी में और ग्रामीणों को संदेह होने पर घर से दूर जंगल में ले जाकर दफन कर दिया। शुक्रवार व शनिवार को आए आंधी-तूफान व बारिश के कारण कब्र से लाश का कुछ हिस्सा बाहर आ जाने से इस घटना का पता चलने पर पुलिस को सूचना दी गई। आज कार्यपालिक दंडाधिकारी की मौजूदगी में पुलिस ने शव को कब्र से बाहर निकलवाकर पोस्टमार्टम कराया। 
जानकारी के अनुसार पसान थाना के दर्रीपारा बस्ती निवासी राजकुमार व उसका छोटा भाई रवि की बहन फूलमती चौधरी का विवाह चार साल पहले 10 किलोमीटर दूर स्थित गांव सेन्हा निवासी अनिल कुमार (30) के साथ हुआ था। शादी के बाद से अनिल घर जमाई के रूप में ससुराल में ही रहता था। अक्सर अनिल कुमार व उसके दोनों साले के साथ विवाद होता था। एक माह पहले  दोनों के बीच विवाद हुआ और राजकुमार और रवि ने उसकी हत्या कर दी। इन्होंने पहले घर के पीछे बाड़ी में शव को गड्ढा कर दफना दिया। अनिल की मौत हो जाने की चर्चा गांव में होने से घबराए दोनों भाइयों ने शव को कब्र से निकालकर  घर से करीब 500 मीटर दूर जंगल में ले जाकर दफना दिया। इसके बाद मृतक की पत्नी अपने दोनों भाईयों के साथ घर पर ताला लगाकर फरार हो गई। इससे पहले मृतक का भाई दुर्गेश चौधरी अपने भाई की तलाश में उसके ससुराल पहुंचा था तब उसे गुमराह कर वहां से भाभी ने चलता कर दिया था। इस बीच दुर्गेश को भी इनकी हाव-भाव से शंका जरूर हुई थी किंतु कुछ कह नहीं सका था। इधर जब अनिल की लाश मिलने की जानकारी हुई तो उसने पुलिस को सूचना दी। इस आधार पर पुलिस ने आवश्यक कार्रवाई पूर्ण करने के बाद कार्यपालिक दंडाधिकारी के समक्ष शव को कब्र से निकलवाने का आवेदन दिया। आज कार्यपालिक दंडाधिकारी की मौजूदगी में शव को निकलवाकर पोस्टमार्टम करवाया गया। मामले में हत्या का जुर्म दर्ज कर विवेचना के साथ ही फरार पत्नी व उसके भाईयों की तलाश शुरू कर दी गई है।