रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष तथा संसद सदस्य सुनील सोनी ने बुधवार को कोरोना संक्रमण की रोकथाम के प्रयासों का जायज़ा लिया। सोनी ने इस दौरान सभी नागरिकों से कोरोना से बचाव के लिए संयम व अनुशासनपूर्वक अपने घरों में रहकर कोरोना संक्रमण की प्रभावी रोकथाम में सहयोग करने की अपील की। प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष व सांसद सोनी लगातार कोरोना रोकथाम के प्रयासों पर नजऱ रखे हुए हैं और इस काम में लगे डॉक्टर्स, नर्सेस व पुलिस प्रशासन समेत सभी विभागों के सेवाभावी अधिकारियों व कर्मचारियों से संपर्क व संवाद कर ज़रूरी दिशा-निर्देश दे रहे हैं। इसी कड़ी में बुधवार को सांसद सोनी ने स्मार्ट सिटी क्षेत्र के पुराना बस स्टैंड स्थित मल्टीप्लेक्स पार्किंग पर पहुँचकर कोरोना रोकथाम सेंटर का निरीक्षण किया और सेवा-सुरक्षा के कार्यों में लगे अधिकारियों व कर्मचारियों के अलावा भोजन पैकेट्स तैयार कर रहे कार्यकर्ताओं चर्चा कर उनसे विस्तृत जानकारी ली। इस दौरान सोनी ने पुलिस के जवानों को फल और मास्क वितरित किये। सोनी ने इस दौरान भोजन पैकेट्स बनाने वाले कार्यकर्ताओ के साथ सेवा भी प्रदान की और सभी के अच्छे कार्यों के लिए धन्यवाद देकर उन सबको सेवा कार्य के लिए बधाई दी।
प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा ने जिला कलेक्टरों को जारी किए निर्देश
रायपुर। छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग के ऑनलाइन शिक्षा पोर्टल ’पढ़ई तुंहर दुआर’ के संबंध में प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा डॉ. आलोक शुक्ला ने सभी जिला कलेक्टरों को योजना की जानकारी देते हुए जिले के सभी शासकीय स्कूलों के शिक्षकों और बच्चों का पंजीयन अनिवार्य रूप से इस पोर्टल में कराने के निर्देश दिए है। कलेक्टरों से राज्य शासन की महत्वपूर्ण योजना में पूरा सहयोग करने और इसे बेहतर बनाने के लिए कोई सुझाव हो तो उसे भेजने कहा गया है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्कूली बच्चों को घर पर ही रहकर पढऩे के लिए देश के सबसे बड़े ऑनलाइन पोर्टल में से एक ’पढ़ई तुंहर दुआर’ का 7 अप्रैल को अपने निवास कार्यालय में शुभारंभ किया था। इस पोर्टल के जरिए लाखों छात्र बिना किसी शुल्क के ऑनलाइन पढ़ाई कर सकेंगे। लॉकडाउन के साथ ही आने वाले समय में बच्चों की निरंतर पढ़ाई में यह कार्यक्रम बहुत उपयोगी साबित होगा। इस ई-लर्निंग प्लेटफार्म में ऑनलाइन इंटरएक्टिव कक्षाओं के जरिए शिक्षक और बच्चे अपने-अपने घरों से ही वीडियों कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़ेंगे। यह छत्तीसगढ़ राज्य के छात्रों सहित हिन्दी भाषा राज्यों के लिए भी बहुत लाभदायक होगा। स्कूल शिक्षा विभाग की वेबसाइट सीजीस्कूलडॉटइन ;बहेबीववसण्पदद्ध पर कक्षा पहलीं से 10वीं तक विद्यार्थियों के लिए पढ़ाई के संसाधनों को इसमें उपलब्ध कराया गया है। आगे और इसका विस्तार किया जा रहा है, जिसके तहत शीघ्र ही कक्षा 11वीं और 12वीं के छात्र-छात्राओं को यह सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। कलेक्टरों को जारी पत्र में कहा गया है कि यह पोर्टल तभी पूरी तरह उपयोगी होगा जब सभी कक्षाओं के लिए पर्याप्त शिक्षण सामग्री इस पर उपलब्ध हो और सारे बच्चे इसमें अपना पंजीयन करा लें। जिला कलेक्टरों को इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई के लिए दिशा-निर्देश दिए गए है। कलेक्टरों से कहा गया है कि जिला शिक्षा अधिकारी और विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी अपने क्षेत्र के शिक्षकों को वाट्सएप समूहों के माध्यम से संदेश भेज सकते है। जिले के सभी शासकीय स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों का पंजीयन भी अनिवार्य रूप से पोर्टल पर कराया जाए। इसके लिए भी शिक्षकों वाट्सएप के माध्यम से संदेश भेजे जा सकते है। शिक्षक भी पालकों को वाट्सएप आदि के माध्यम से संदेश भेज सकते है। कलेक्टर इसके लिए अपने जिले के प्रचार माध्यमों जैसे- सोशल मीडिया, स्थानीय अखबार, स्थानीय टीवी चैनल आदि का उपयोग भी कर सकते है। शिक्षकों का पालकों के साथ वैसे भी सतत् संवाद रहता ही है। इन सभी संसाधनों को पूरा उपयोग करके अधिक से अधिक संख्या में विद्यार्थियों का पंजीयन कराया जाए। वीडियो, ऑडियो और अन्य प्रकार के कंटेंट विकसित करके पोर्टल पर अपलोड करने के लिए कक्षावार और विषयवार अच्छे और नवाचारी शिक्षकों का चयन कर लिया जाए और उन्हें अच्छे कंटेंट विकसित करके अपलोड करने के लिए प्रेरित करें। अपलोड की गई कंटेंट को वरिष्ठ शिक्षकों द्वारा देखा जाएगा और उनके द्वारा अनुमोदित होने के बाद ही कंटेंट बच्चों के लिए उपलब्ध होगा। इस प्रकार कंटेंट को अनुमोदित करने के लिए भी प्रत्येक जिले में हर कक्षा और हर विषय के लिए कम से कम एक वरिष्ठ शिक्षक की आवश्यकता होगी। इस संबंध में कलेक्टरों से कहा गया है कि ऐसे वरिष्ठ शिक्षकों का चयन करके उनके नामों और मोबाइल नम्बरों की जानकारी एक सप्ताह में संचालक समग्र शिक्षा को भिजवाएं। इसी प्रकार ऑनलाइन कक्षा लेने के इच्छुक शिक्षकों की सूची भी तैयार की जाए। जिसमें शिक्षकों का नाम, मोबाइल नंबर, उनके द्वारा किस कक्षा और विषय की ऑनलाइन कक्षाएं ली जाएंगी की जानकारी भी एक सप्ताह में संचालक समग्र शिक्षा को भिजवाएं। ऑनलाइन कक्षा लेने वाले शिक्षकों को एक कक्षा के लिए 500 रूपए मानदेय देने की व्यवस्था भी है। भुगतान के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश संचालक राज्य शैक्षणिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद द्वारा पृथक से जारी किया जाएगा। बच्चों के होमवर्क का मूल्यांकन करने के इच्छुक शिक्षकों की सूची उनके मोबाइल नंबरों के साथ बनाकर एक सप्ताह में संचालक समग्र शिक्षा को भिजवाएं। इसके लिए भी कुछ मानदेय निर्धारित किया जा रहा है। कलेक्टरों से कहा गया है कि जिले में इसके लिए एक अधिकारी को योजना का नोडल अधिकारी बनाएं और नोडल अधिकारी का नाम, संपर्क सूत्र की सूचना तत्काल संचालक समग्र शिक्षा को दें, जिससे प्रत्येक जिले में इस योजना की सतत् मॉनीटरिंग हो सकें।
पोर्टल पर पहले ही दिन एक लाख से अधिक पेज का व्यू
दो हजार से अधिक शिक्षक और एक हजार से अधिक विद्यार्थियों का पंजीयन
प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा डॉ. आलोक शुक्ला ने बताया कि ऑनलाइन शिक्षा पोर्टल ’पढ़ई तुंहर दुआर’ में आज पहले ही दिन एक लाख से अधिक पेज व्यू हो चुके है और दो हजार से अधिक शिक्षक तथा एक हजार से अधिक विद्यार्थियों का पंजीयन हो चुका है। पोर्टल पर पहले ही दिन दो से अधिक वीडिया भी अपलोड हो चुके है। पहले दिन की सफलता को देखते हुए जिला पोर्टल पूरा लाभ उठाएगा। शिक्षकों की सहायता से इस पोर्टल को और अधिक उपयोगी एवं प्रभावी बना सकेंगे। डॉ. शुक्ला ने बताया कि इस पोर्टल पर कलेक्टरों के लिए एक डैशबोर्ड बना रहे है। जिसके द्वारा कलेक्टर योजना की मॉनीटरिंग आसानी से कर पाएंगे। प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा डैशबोर्ड तैयार होते ही इसका लिंक भी कलेक्टरों के साथ शेयर करेंगे।
छत्तीसगढ़ में सिर्फ एक पॉजीटिव मरीज, इलाज जारी
रायपुर । भारत देश में कोरोना से संक्रमित लोगों एवं मौतों की संख्या लगातार बढ़ रही है। अब तक देश में कोरोना से 5194 लोग संक्रमित है, जबकि 149 लोगों की मौत हो गई है, वहीं छत्तीसगढ़ राज्य में कोरोना संक्रमित सिर्फ एक मरीज है, जिसके स्वास्थ्य में तेजी से सुधार जारी है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य कंट्रोल एन्ड कमांड सेंटर छत्तीसगढ़ द्वारा आज जारी बुलेटिन के अनुसार पूरे विश्व में अब तक कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या बढक़र 1279722 तक पहुंच गई है, वहीं इस महामारी से मृतकों की संख्या बढक़र 72616 हो गई है। इसी प्रकार भारत देश में 32 राज्य कोरोना से प्रभावित है। जिनमें अभी तक कुल 5194 लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके है तथा 149 लोगों की मौतें हो चुकी है। छत्तीसगढ़ राज्य की बात करें तो यहां स्थिति दो दिनों से यथावत बनी हुई है। प्रदेश में कोरोना से संक्रमित सिर्फ एक ही मरीज है, जिसका एम्स रायपुर में उपचार जारी है। अब तक यहां कोरोना वायरस से कुल 2979 संभावित लोगों की पहचान कर सैंपल जांच किया गया है, इनमें अभी तक 2795 के परिणाम निगेटिव प्राप्त हुए है तथा 174 की जांच जारी है।
रायपुर। छत्तीसगढ़ के लिए केन्द्रीय वित्त मंत्रालय ने अक्टूबर-नवम्बर-2019 के बकाया जीएसटी क्षतिपूर्ति की राशि 341 करोड़ 56 लाख 50 हजार रूपए जारी किए हैं। जीएसटी क्षतिपूर्ति के रूप में प्रदेश को दिसम्बर-2019 से मार्च-2020 के लिए एक हजार 554 करोड़ 43 लाख 50 हजार रूपए और मिलने हैं। वाणिज्यिक कर (जीएसटी) मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने भारत सरकार से यह राशि जल्द से जल्द जारी करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि जीएसटी क्षतिपूर्ति की पूरी राशि मिलने से प्रदेश को कोविड-19 से निपटने में जरूरी संसाधन जुटाने और लॉक-डाउन के दौरान लोगों को राहत पहुंचाने में मदद मिलेगी। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ को अक्टूबर-2019 से मार्च-2020 के लिए जीएसटी क्षतिपूर्ति के रूप में भारत सरकार से एक हजार 896 करोड़ रूपए मिलने थे। इनमें से 341 करोड़ 56 लाख 50 हजार रूपए 7 अप्रैल को जारी कर दिए गए हैं। जीएसटी क्षतिपूर्ति के तौर पर केन्द्रीय वित्त मंत्रालय से प्रदेश को अभी भी एक हजार 554 करोड़ 43 लाख 50 हजार रूपए मिलने बांकी है।
रायपुर । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के जिन परिवारों का राशनकार्ड नहीं बना है, उनका राशन कार्ड बनाने एवं जिन परिवारों के सदस्यों का नाम राशनकार्ड में नहीं जुड़ पाए हैं ऐसे छूटे हुए पात्र सदस्यों का नाम राशन कार्ड में जोडऩे के निर्देश दिए गए हैं। जिसके तहत खाद्य विभाग द्वारा कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए किए गए लॉकडाउन के दौरान भी नवीन राशन कार्ड बनाए जा रहे हैं और किन्हीं कारणों से छूटे हुए सदस्यों का नाम भी जोड़े जा रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश पर लॉकडाउन के दौरान सभी के लिए भोजन, रहवास और चिकित्सा सुविधा सहित सभी मूलभूत जरूरतों की चीजें मुहैय्या कराई जा रही है । खाद्य मंत्री श्री अमरजीत भगत खाद्यान्न आपूर्ति की निरंतर मानीटरिंग कर रहे हैं । खाद्य विभाग के अधिकारयों ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान राज्य में जिन लोगों के पास राशनकार्ड नहीं है, ऐसे लगभग 3 हजार 321 परिवारों को नवीन राशनकार्ड जारी किया गया है। इसी तरह इस दौरान लगभग 3 हजार 890 ऐसे नवीन सदस्यों के नाम राशनकार्ड में जोडे गए हैं, जिनके नाम पूर्व में किन्हीं कारणों से छूट गए थे। खाद्य विभाग द्वारा पात्र हितग्राहियों का राशनकार्ड बनाने व छूटे हुए पात्र सदस्यों के नाम जोडऩे की कार्यवाही निरंतर की जा रही है। राशनकार्ड के लिए पात्र हितग्राहियों द्वारा संबंधित नगरीय निकायों, ग्राम पंचायत में निर्धारित प्रारूप में आवेदन प्रस्तुत करने पर परीक्षण उपरांत पात्र पाए जाने पर नियमानुसार राशनकार्ड जारी किए जाते हैं। राज्य के ऐसे राशनकार्डधारी जो अपने शहर या गांव के स्थान पर वर्तमान में किसी अन्य जगह पर अस्थायी रूप से रूके हैं, उनके लिए उनके निवास के निकटतम उचित मूल्य दुकानों से राशन प्राप्त करने की व्यवस्था भी खाद्य विभाग द्वारा उपलब्ध कराई गई है।
राज्य में कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम व इसके बचाव के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रभावी कदम उठाए गए हैं। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा लॉकडाउन के दौरान राज्य में निवासरत राशनकार्डधारियों, प्रवासी श्रमिकों एवं बेघरबार व्यक्तियों के भोजन के लिए चावल की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु अनेक ठोस उपाय किए गए हैं। राज्य में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत वर्तमान में 65 लाख 38 लाख राशनकार्ड प्रचलित हैं। इनमें से 56 लाख 55 हजार अन्त्योदय, प्राथमिकता, एकल निराश्रित, अन्नपूर्णा एवं नि:षक्तजन राषनकार्डधारियों को 02 माह (अप्रैल एवं मई, 2020) का चावल नि:शुल्क वितरण किया जा रहा है। चावल के साथ 02 माह का शक्कर, नमक भी एकमुश्त वितरण किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त 8 लाख 81 लाख सामान्य (एपीएल) राशनकार्डधारियों को निर्धारित पात्रतानुसार 10 रूपए प्रति किलो की रियायती दर पर खाद्यान्न वितरण किया जा रहा है। राज्य में अब तक लगभग 40 लाख 40 हजार राशनकार्डधारियों को खाद्यान्न का वितरण किया जा चुका है। राशनकार्डधारियों के अतिरिक्त अन्य जरूरतमंदों को खाद्यान्न उपलब्ध कराने के उद्देश्य से खाद्य विभाग द्वारा राज्य की सभी ग्राम पंचायतों में 02-02 क्विंटल चावल का अतिरिक्त आबंटन जारी किया गया है। इसी तरह राज्य के नगरीय क्षेत्रों एवं इसके आस-पास संचालित राहत शिविरों, अस्थायी आश्रय स्थलों एवं क्वेरेनटाईन शिविरों में निवासरत प्रवासी श्रमिकों, बेघरबार व्यक्तियों व जरूरतमंदों के लिए कुल 239 क्विंटल चावल का आबंटन जिलों को प्रदाय किया गया है। जिला प्रशासन द्वारा भी जरूरतमंदों के लिए स्थानीय स्तर पर भोजन और राशन की व्यवस्था नियमित रूप से की जा रही है। लॉकडाउन के दौरान राज्य में जिला प्रशासन द्वारा अब तक कुल 04 लाख 99 हजार लोगों को भोजन उपलब्ध कराया गया है और लगभग 03 लाख 87 हजार लोगों को नि:शुल्क राशन प्रदान किया गया है। जिला प्रशासन के अलावा राज्य की स्वयं सेवी संस्थाओं द्वारा भी 04 लाख 15 हजार लोगों को भोजन एवं खाद्यान्न की व्यवस्था उपलब्ध कराई जा चुकी है। नोवल कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम एवं बचाव के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत कार्यरत सभी उचित मूल्य की दुकानों के सेनेटाईजेशन की व्यवस्था के लिए खाद्य विभाग द्वारा निर्देश दिए गए हैं। जिसके तहत उचित मूल्य दुकानों में खाद्यान्न वितरण के दौरान हितग्राहियों के मध्य कम से कम एक मीटर की दूरी बनाए रखकर एवं हितग्राहियों के हाथों को समुचित रूप से धुलाकर और सेनेटाईज कर राशन वितरण किया जा रहा है।