0 राज्य में 137 नालों को पुनर्जीवित कर ढाई लाख हेक्टेयर भूमि को किया जा रहा उपचारित
0 वन क्षेत्रों में बड़े तालाबों के निर्माण को प्राथमिकता से शामिल करने के निर्देश
रायपुर, 11 अप्रैल । वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने आज राजधानी स्थित अपने निवास कार्यालय में वन विभाग के काम-काज की समीक्षा की। उन्होंने इस दौरान वन विभाग के अंतर्गत संचालित विभिन्न योजनाओं नरवा विकास कार्यक्रम, वृक्षारोपण तथा आवर्ती चराई योजना के संबंध में विस्तार से समीक्षा करते हुए अधिकारियों को अपेक्षित प्रगति लाने के लिए आवश्यक निर्देश दिए।
वन मंत्री अकबर ने नरवा विकास कार्यक्रम के तहत चिन्हांकित नालों के संरक्षण तथा संवर्धन कार्य के साथ-साथ वन क्षेत्रों में बड़े-बड़े तालाबों के निर्माण कार्य को भी अधिक से अधिक संख्या में शामिल करने के लिए निर्देशित किया। इसी तरह वन विभाग द्वारा आगामी बरसात के महीनों में वृक्षारोपण के लिए हर आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने आवर्ती चराई योजना में लंबित कार्यों को शीघ्र स्वीकृत कराने और स्वीकृत सभी कार्यों को शीघ्रता से प्रारंभ करने के लिए भी निर्देशित किया।
राज्य शासन की महत्वाकांक्षी योजना ‘नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी‘ के अंतर्गत नरवा विकास कार्यक्रम में वन विभाग द्वारा वर्ष 2019-20 में राज्य के 137 छोटे-बड़े नालों को लगभग 160 करोड़ रूपए की लागत राशि से पुनर्जीवित करने का कार्य जारी है। विभागीय अधिकारियों द्वारा आज यहां बताया गया कि इसके तहत नालों में 56 हजार 709 विभिन्न संरचनाओं के माध्यम से दो लाख 44 हजार 690 हेक्टेयर भूमि को उपचारित करने का लक्ष्य है। इन संरचनाओं में ब्रशवुड चेकडेम, लूज बोल्डर चेकडेम, स्टाप डेम, चेकडेम, तालाब तथा स्टाप डेम आदि कार्य का निर्माण किया जा रहा है। नरवा विकास कार्यक्रम के अंतर्गत वर्ष 2020-21 में छत्तीसगढ़ प्रतिकरात्मक वनरोपण निधि प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण (कैम्पा) के तहत वन क्षेत्रों में स्थित 308 छोटे-बड़ों नालों को 211 करोड़ रूपए की लागत राशि से पुनर्जीवित करने का कार्य प्रस्तावित है। इनमें एक हजार 142 स्टाप डेम, मिट्टी के बांध, एनीकट, चेक डेम तथा परकुलेशन टैंक आदि संरचनाओं के माध्यम से 3 लाख 70 हजार 193 हेक्टेयर भूमि को उपचारित करने का लक्ष्य निर्धारित है।
इसी तरह वन विभाग द्वारा चालू वर्ष 2020-21 में विभिन्न मद के अंतर्गत लगभग 7 करोड़ पौधों के रोपण का लक्ष्य रखा गया है। बैठक में जानकारी दी गई कि इसके लिए प्रदेश के सभी नर्सरी में पौध रोपण के अनुरूप पर्याप्त मात्रा में पौधे तैयार कर लिए गए हैं। बैठक में यह भी जानकारी दी गई कि वन प्रबंधन समितियों की सूक्ष्म प्रबंध योजना के तहत आवर्ती चराई योजना के अंतर्गत राज्य में 848 कार्य प्रस्तावित हैं। वर्तमान में इसमें से 590 कार्य स्वीकृत हो गए हैं और स्वीकृत 324 कार्यों का निर्माण प्रारंभ हो गया है। इस अवसर पर वन विभाग के प्रमुख सचिव मनोज पिंगुआ, सचिव जयसिंह म्हस्के, प्रधान मुख्य वन संरक्षक राकेश चतुर्वेदी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) अतुल कुमार शुक्ल, कैम्पा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी व्ही. निवास राव, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक अरूण पाण्डेय सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
0 गांव में लगाए ट्रेक कैमरा
गरियाबंद, 11 अप्रैल । छत्तीसगढ़ के गरियाबंद इलाके में तेंदुए के हमले में एक बच्चे की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि मासूम घर के बाहर खेल रहा था। इस दौरान तेंदुए ने झपट्टा मारकर उसे अपने कब्जे में ले लिया। वहीं उपचार के दौरान बच्चे की मौत हो गई।
जानकारी के अनुसार गरियाबंद जिले के कोचेंगा गांव का मामला है। बताया जा रहा है ?कि परिवार और गांववाले को जब इसकी जानकारी हुई तो तेंदुए से बच्चे को बचाने की कोशिश की गई। तेंदुए के छोडऩे के बाद मासूम को गंभीर हालात में अस्पताल में भर्ती कराया गया।
जहां डॉक्टर ने उपचार के बाद मौत की पुष्टि कर दी। बच्चे का नाम पूरब बताया जा रहा है। बता दें कि तेंदुए ने चार दिन पहले भी एक अन्य बालक पर हमला किया था। जिसके बाद से ग्रामीणों में दहशत का माहौल था। वहीं इसकी सूचना वन विभाग को भी दी गई थी। बावजूद इन घटनाओं को रोकने वन विभाग अलर्ट नहीं है। हालांकि वन विभाग ने मासूम की मौत पर परिजनों को 25 हजार की सहायता राशि देने की घोषणा की है।
तेंदुए के हमले से मासूम की मौत के बाद अब वन विभाग हरकत में आया है। तेंदुए को पकडऩे के लिए गांव में दो पिंजड़े लगाए हैं। वहीं तेंदुए पर नजर रखने के लिए कई स्थानों पर ट्रेक कैमरे भी लगाए गए हैं।
कोरबा, 11 अप्रैल । वनमंडल कटघोरा के केंदई रेंज में 32 हाथी घूम रहे हैं। 30 हाथी ग्राम परला व दो दंतैल हाथी ग्राम भुकभुकी में हैं।
दंतैल हाथियों ने गुरुवार रात ग्राम पंचायत खम्हारमुड़ा के भुकभुकी में जमकर उत्पात मचाया। यहां 6 मकानों को तो?कर चावल खा गए। ग्रामीणों ने परिवार समेत भागकर अपनी जान बचाई। अभी भी हाथी आसपास ही घूम रहे हैं। जिससे ग्रामीणों में डर बना है। केंदई परिक्षेत्र में हाथी सालभर घूमते रहते हैं। बारिश के दिनों में फसल को नुकसान पहुंचाते हैं। इस समय भोजन व पानी जंगल में ही मिल जाता है। गर्मी के समय हाथी गांव का रूख करते हैं। दो दंतैल हाथियों ने भुकभुकी में चावल खाने के लिए ही मकानों को तोड़ दिया। इसकी जानकारी होने पर जिला पंचायत सदस्य उर्मिला रायसिंह मरकाम ने जानकारी ली। मरकाम ने बताया कि 6 परिवार बेघर हो गए हैं। लॉकडाउन के बीच हाथी उत्पात बड़ी समस्या है। उन्होंने बताया कि वन अमला हाथियों की निगरानी तो कर रहा है लेकिन गांव में घुसने से नहीं रोक पा रहा है। डीएफ ओ समा फारूकी ने बताया कि अभी तक किसी तरह जानमाल नुकसान की जानकारी नहीं आई है। वन अमले को निगरानी करने कहा गया है।
0 सिंचाई परियोजना में सृजित होंगे 26.86 लाख मानव कार्य दिवस
0 लॉकडाउन के दौरान 19.87 लाख किसानों को 397.47 करोड़ रूपए भुगतान का प्रस्ताव
0 मनरेगा के माध्यम से 9,997 बाड़ी का विकास
रायपुर, 11 अप्रैल । राज्य शासन द्वारा छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री फसल बीमा के तहत खरीफ वर्ष 2019 में 3 लाख 93 हजार 763 किसानों को 533 करोड़ 9 लाख रूपए फसल बीमा का दावा भुगतान की राशि सीधे उनके बैंक खातों में जमा किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त दावा की राशि लगभग 101 करोड़ रूपए किसानों को भुगतान करने की कार्यवाही की जा रही है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत खरीफ वर्ष 2019 में 15 लाख 52 हजार किसानों का कुल 8,142.18 करोड़ रूपए का बीमा किया गया है। जिसके लिए 1139.75 करोड़ रूपए प्रीमियम राशि का भुगतान बीमा कम्पनी को किया गया है। जिसमें किसानों का अंशदान 162.84 करोड़ भी शामिल है।
राज्य में मौसम आधारित फसल बीमा योजना के तहत खरीफ वर्ष 2019 में 11 हजार 475 किसानों द्वारा उद्यानिकी फसल का बीमा कराया गया था। जिसमें से 7 हजार 668 किसानों को 12 करोड़ 38 लाख रूपए का दावा भुगतान किया जा चुका है एवं 2 हजार 593 किसानों को फसल बीमा दावा की राशि एक करोड़ 85 लाख रूपए की भुगतान की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। प्रदेश में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत वाटरशेड संबंधित कार्यों में लगभग 24 लाख 86 हजार मानव दिवस एवं लघुत्तम सिंचाई तालाब एवं चेकडेम निर्माण में 2 लाख मानव कार्य दिवस सृजित किए जाएंगे।
राज्य शासन द्वारा छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए लॉकडाउन के बाद 19 लाख 87 हजार किसानों को 397.47 करोड़ रूपए प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत भुगतान के लिए भारत सरकार को आनलाईन प्रस्ताव भेजा गया है। भारत सरकार द्वारा सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली के तहत भुगतान की कार्यवाही किस्तों में की जा रही है।
राज्य शासन के बीज निगम द्वारा बीज उत्पादक किसानों को 5 करोड़ रूपए का भुगतान किया जा रहा है। शेष राशि 20 करोड़ रूपए की भुगतान की कार्यवाही जारी है। राज्य में सुराजी गांव के बाड़ी विकास कार्यक्रम के तहत 2019-20 में मनरेगा के तहत 9 हजार 997 बाड़ी स्वीकृत किया गया है। राज्य पोषित बाड़ी विकाय योजना के तहत उद्यानिकी विभाग को वित्तीय वर्ष 2019-20 में 10 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है। जिसका उपयोग खरीफ 2020 में बाड़ी विकास के लिए किया जाएगा।
0 प्रशासन ने किया क़वारेंटिंन
भिलाई, 11 अप्रैल । महाराष्ट्र चंद्रपुर में फंसे 11 मजदूर शुक्रवार को खुर्सीपार भिलाई लौटे। लौटने के लिए उन्होंने नया तरकीब निकाला। सभी चना से लोड ट्रक में छुपकर आए। जब रात में घर पहुंचे और दरवाजा खटखटाया तब परिवार के लोगों ने घर में घुसने से पहले उन्हें नहलाया। इसके बाद घर के अंदर आने दिया। पड़ोसियों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने सभी को चिन्हित किया। मेडिकल टीम बुला कर उन्हें कुम्हारी में क्वारंटाइन किया गया।
सभी का सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया। खुर्सीपार टीआई सुरेन्द्र उके ने बताया कि गुरुवार रात करीब 11 बजे 11 मजदूर महाराष्ट्र से पहुंचे। जोन-3 निवासी ठेकेदार हैदर अली ने उनकी वापसी के लिए भिलाई से लाइनअप किया। हैदर ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि महाराष्ट्र चंद्रपुर जिला तडाती ग्रेस प्लांट स्पंज आयरन कंपनी में ठेकेदारी करता है। लॉक डाउन में सभी फंस गए थे। कंपनी ने निकाल दिया था। खाने पीने की परेशानी हो रही थी। इसलिए सभी मजदूरों को चना से भरे ट्रक में बैठाकर लाने का इंतजाम किया। खुर्सीपार से 9 मजदूर, पाटन-2 और भिलाई तीन से एक मजदूर शामिल हैं।