0 अन्य राज्यो में फंसे 81 हजार 711 श्रमिको को पहुँचाई गई राहत
0 7 हजार 384 श्रमिकों के खाते में 24.31 लाख रूपए किया जमा
0 भूटान में फंसे छत्तीसगढ़ के श्रमिकों को दिलायी गई राहत
0 श्रमिक के निधन पर की गई त्वरित सहायता: तत्काल राहत राशि एवं क्षतिपूर्ति राशि प्रदान की गई
रायपुर। लॉकडाउन से प्रभावित छत्तीसगढ़ प्रदेश तथा देश के अन्य राज्यों में फंसे मजदूरों के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देशन में राज्य सरकार ने 18 अप्रैल तक संकटग्रस्त एक लाख 85 हजार से अधिक श्रमिकों के समस्यायों का त्वरित समाधान किया गया। छत्तीसगढ़ से बाहर अन्य राज्यो में फंसे 81 हजार 711 श्रमिको को राहत पहुंचायी गयी। अन्य राज्यों में फंसे श्रमिकों में से सात हजार 384 श्रमिकों के खाते में तत्कालिक व्यवस्था के लिए लगभग 24 लाख 31 हजार रूपए भी जमा करवाया गया है। छत्तीसगढ़ के श्रमिक 21 अन्य राज्यों एवं चार केन्द्र शासित प्रदेशों में संकट की स्थिति में होने के संबंध में जानकारी मिली है।
छत्तीसगढ़ शासन द्वारा रायगढ़ के श्रमिक रोहित सिंह के भूटान में फंसे होने की जानकारी मिलने पर स्थानीय प्रशासन एवं नियोजक से समन्वय कर उनके वेतन, रहने-खाने की व्यवस्था करायी गई है। इसी तरह उत्तरप्रदेश के प्रयागराज में मुंगेली जिले के मजदूर कमल साहू का मृत्यु हो जाने पर उनके परिवार को तत्काल राज्य शासन द्वारा सहायता राशि 1.05 लाख रुपये प्रदान की गई, वंही संबंधित नियोजक द्वारा भी क्षतिपूर्ति के रूप 2.20 लाख रुपये दिलवाई गई।
इसके अलावा इन श्रमिकों को तत्काल राहत पहुंचाने के लिए जिला बेमेतरा के 3553 श्रमिक, मुंगेली जिले के 3432 श्रमिक, कबीरधाम के 2724 श्रमिक, दुर्ग के 58 श्रमिक, रायगढ़ के 30 श्रमिक, सूरजपुर के 29 श्रमिक, गरियाबंद के पांच श्रमिक, कोरबा के दो श्रमिक और बलरामपुर के एक श्रमिक के खातें में इस तरह कुल सात हजार 384 श्रमिकों के खातों में 24 लाख 31 हजार रुपये जमा कराया गया है।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा देश के अन्य राज्यों में श्रमिकों की समस्याओं के त्वरित निराकरण के लिए अधिकारियों का दल गठित कर सतत् निगरानी की जा रही है। इसके लिए श्रम विभाग द्वारा राज्य स्तर पर हेल्पलाईन नम्बर 0771-2443809, 91098-49992, 75878-22800 सहित जिला स्तर पर भी हेल्पलाईन नम्बर स्थापित किए गए हैं। हेल्पलाईन नम्बर के माध्यम से प्राप्त श्रमिकों की समस्याओं को पंजीबद्ध कर तत्काल यथासंभव समाधान किया जा रहा है। मुख्यमंत्री के निर्देशन पर श्रम विभाग के सचिव सोनमणी बोरा के मार्गदर्शन में अन्य प्रदेशों के स्थानीय प्रशासन से सतत् समन्वय कर श्रमिकों की समस्याओं का यथाशीघ्र समाधान किया जा रहा है।
श्रम विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि लॉकडाउन के कारण उत्पन्न परिस्थितियों में संकटग्रस्त एवं जरूरतमंद श्रमिक जो अन्य राज्यो में फंसे हुए है। छत्तीसगढ़ के 27 जिलों के श्रमिक 21 अन्य राज्यों एवं चार केन्द्र शासित प्रदेशों में फंसे होने की जानकारी मिली है। सबसे ज्यादा श्रमिक जम्मू में 18 हजार 541, महाराष्ट्र में 13 हजार 525, उत्तरप्रदेश में 11 हजार 888, तेलंगाना में 11 हजार 626, गुजरात में 7 हजार 330 और कर्नाटक में 2 हजार 917 श्रमिकों के फंसे होने की जानकारी प्राप्त हुई है। इसी प्रकार मध्यप्रदेश में 2हजार 294, आंध्रप्रदेश में 2 हजार 140, दिल्ली में 1 हजार 533 और तमिलनाडू में 2 हजार 596 और हिमाचल प्रदेश में 1 हजार 601 श्रमिकों के फंसे होने की जानकारी हेल्पलाईन नम्बर सहित विभिन्न माध्यमों से मिली है।
अधिकारियों ने बताया कि लॉकडाउन के कारण उत्पन्न परिस्थितियों में संकटग्रस्त अथवा फंसे हुए श्रमिकों में छत्तीसगढ़ के मुंगेली से 7389, कबीरधाम से 6611, राजनांदगांव से 5365,जांजगीर-चांपा से 14,447, बलौदाबाजार से 20,424, बेमेतरा से 3553, रायगढ़ से 2254, बिलासपुर से 7366, सूरजपुर से 477, दुर्ग से 1187, गरियाबंद से 630, बीजापुर 2000, रायपुर से 1425 और महासमुंद जिले से 626 श्रमिक फंसे हुए है। जिनकी राज्य सरकार के नोडल अधिकारियों द्वारा अन्य राज्यों के प्रशासनिक अधिकारियों, कारखाना प्रबंधकों, नियोजकों और ठेकेदारों से समन्वय कर सतत् निगरानी की जा रही है तथा उनके खाने-पीने, रहने आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है।
रायपुर। राज्य आंदोलनकारी छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा के प्रदेश नेता अनिल दुबे, ,लालाराम वर्मा,अशोक ताम्रकार, चेतन देवांगन, महेंद्र कौशिक,ईश्वर साहू, गोवर्धन वर्मा,गिरधारी ठाकुर, चंद्रप्रकाश साहू केशरी जैन,परसराम ध्रुव, लुकेश्वर सेन, अशोक कश्यप ने कहा है कि कांग्रेस के घोषणा पत्र पर 2500/-रुपये प्रति क्विं. धान की खरीदी का वादा पूरा करने के लिए 1835/-रुपये से बची अंतर की राशि 665/-रुपये हिसाब से किसानों के खाते में देने का प्रावधान छत्तीसगढ़ सरकार ने 01 अप्रैल से देने की विधानसभा में घोषणा की थी।कोविड - 19 के कारण सत्ताधारी दल ने समर्थन मूल्य के अंतर की राशि आज दिनांक तक किसानों के खाते में नहीं पहुंचाया है और महामारी का नाम लेकर लगभग 01माह बीता दिया जा रहा है। किसान अधर में हैं। सत्ताधारी दल सुध नहीं ले रहा है।किसी भी कीमत में 01 पखवाड़े के अंदर भुगतान करने की मांग किसान मोर्चा ने सरकार से की है।
0 मल्टी एक्टिविटी सेंटर के रूप में विकसित हो रहे हैं गौठान
0 गौठान अब पशुधन संरक्षण-संवर्धन के साथ ही रोजगार के भी केंद्र
रायपुर। कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने देशव्यापी लॉक-डाउन के दौरान जब रोजगार की अधिकांश गतिविधियां ठप्प हैं, तब ऐसे समय में कांकेर जिले के स्वसहायता समूहों की महिलाओं ने गौठानों में सब्जियों की खेती कर 74 हजार 600 रूपए कमाए हैं। जिले के 17 गौठानों में 34 स्वसहायता समूह सब्जी उत्पादन कर रही हैं। लॉक-डाउन के दौर में ये महिलाएं अपने गांव के साथ ही आसपास के गांवों में भिण्डी, बरबट्टी, मिर्ची और कई प्रकार की भाजियों की आपूर्ति कर रही हैं। सब्जियों की बिक्री से नरहरपुर विकासखण्ड के ग्राम गुहान की जय मां लक्ष्मी स्वसहायता समूह को 12 हजार 400 रूपए और चारामा विकासखण्ड के मरकाटोला की ज्योति स्वसहायता समूह को नौ हजार 500 रूपए की आमदनी हुई है।
छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी योजना के अंतर्गत विकसित किए जा रहे गौठान पशुधन के संरक्षण-संवर्धन के साथ ही रोजगार का भी केंद्र बन रहे हैं। इन्हें स्थानीय ग्रामीणों के रोजगार के लिए मल्टी एक्टिविटी सेंटर के रूप में तैयार किया जा रहा है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत गठित स्वसहायता समूह की महिलाएं गौठानों और चारागाहों के लिए आरक्षित अतिरिक्त भूमि पर सब्जी उत्पादन के साथ ही मक्का उत्पादन, सीमेन्ट पोल निर्माण, मछली पालन और मशरूम उत्पादन कर कमाई कर रही हैं। इससे गांव में ही अनेक महिलाओं को स्थायी रोजगार मिल रहा है। गौठानों में कंपोस्ट खाद बनाने और फल-फूल व सब्जियों के उत्पादन के लिए बाड़ी विकास की भी गतिविधियां संचालित की जा रही हैं।
रायपुर। लॉकडाउन से प्रभावित छत्तीसगढ़ प्रदेश तथा देश के अन्य राज्यों में फंसे मजदूरों के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देशन में राज्य सरकार ने 18 अप्रैल तक संकटग्रस्त एक लाख 85 हजार से अधिक श्रमिकों के समस्यायों का त्वरित समाधान किया गया। छत्तीसगढ़ से बाहर अन्य राज्यो में फंसे 81 हजार 711 श्रमिको को राहत पहुंचायी गयी। अन्य राज्यों में फंसे श्रमिकों में से सात हजार 384 श्रमिकों के खाते में तत्कालिक व्यवस्था के लिए लगभग 24 लाख 31 हजार रूपए भी जमा करवाया गया है। छत्तीसगढ़ के श्रमिक 21 अन्य राज्यों एवं चार केन्द्र शासित प्रदेशों में संकट की स्थिति में होने के संबंध में जानकारी मिली है।
छत्तीसगढ़ शासन द्वारा रायगढ़ के श्रमिक रोहित सिंह के भूटान में फंसे होने की जानकारी मिलने पर स्थानीय प्रशासन एवं नियोजक से समन्वय कर उनके वेतन, रहने-खाने की व्यवस्था करायी गई है। इसी तरह उत्तरप्रदेश के प्रयागराज में मुंगेली जिले के मजदूर कमल साहू का मृत्यु हो जाने पर उनके परिवार को तत्काल राज्य शासन द्वारा सहायता राशि 1.05 लाख रुपये प्रदान की गई, वंही संबंधित नियोजक द्वारा भी क्षतिपूर्ति के रूप 2.20 लाख रुपये दिलवाई गई।
इसके अलावा इन श्रमिकों को तत्काल राहत पहुंचाने के लिए जिला बेमेतरा के 3553 श्रमिक, मुंगेली जिले के 3432 श्रमिक, कबीरधाम के 2724 श्रमिक, दुर्ग के 58 श्रमिक, रायगढ़ के 30 श्रमिक, सूरजपुर के 29 श्रमिक, गरियाबंद के पांच श्रमिक, कोरबा के दो श्रमिक और बलरामपुर के एक श्रमिक के खातें में इस तरह कुल सात हजार 384 श्रमिकों के खातों में 24 लाख 31 हजार रुपये जमा कराया गया है।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा देश के अन्य राज्यों में श्रमिकों की समस्याओं के त्वरित निराकरण के लिए अधिकारियों का दल गठित कर सतत् निगरानी की जा रही है। इसके लिए श्रम विभाग द्वारा राज्य स्तर पर हेल्पलाईन नम्बर 0771-2443809, 91098-49992, 75878-22800 सहित जिला स्तर पर भी हेल्पलाईन नम्बर स्थापित किए गए हैं। हेल्पलाईन नम्बर के माध्यम से प्राप्त श्रमिकों की समस्याओं को पंजीबद्ध कर तत्काल यथासंभव समाधान किया जा रहा है। मुख्यमंत्री के निर्देशन पर श्रम विभाग के सचिव सोनमणी बोरा के मार्गदर्शन में अन्य प्रदेशों के स्थानीय प्रशासन से सतत् समन्वय कर श्रमिकों की समस्याओं का यथाशीघ्र समाधान किया जा रहा है।
श्रम विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि लॉकडाउन के कारण उत्पन्न परिस्थितियों में संकटग्रस्त एवं जरूरतमंद श्रमिक जो अन्य राज्यो में फंसे हुए है। छत्तीसगढ़ के 27 जिलों के श्रमिक 21 अन्य राज्यों एवं चार केन्द्र शासित प्रदेशों में फंसे होने की जानकारी मिली है। सबसे ज्यादा श्रमिक जम्मू में 18 हजार 541, महाराष्ट्र में 13 हजार 525, उत्तरप्रदेश में 11 हजार 888, तेलंगाना में 11 हजार 626, गुजरात में 7 हजार 330 और कर्नाटक में 2 हजार 917 श्रमिकों के फंसे होने की जानकारी प्राप्त हुई है। इसी प्रकार मध्यप्रदेश में 2हजार 294, आंध्रप्रदेश में 2 हजार 140, दिल्ली में 1 हजार 533 और तमिलनाडू में 62 हजार 596 और हिमाचल प्रदेश में 1 हजार 601 श्रमिकों के फंसे होने की जानकारी हेल्पलाईन नम्बर सहित विभिन्न माध्यमों से मिली है।
अधिकारियों ने बताया कि लॉकडाउन के कारण उत्पन्न परिस्थितियों में संकटग्रस्त अथवा फंसे हुए श्रमिकों में छत्तीसगढ़ के मुंगेली से 7389, कबीरधाम से 6611, राजनांदगांव से 5365,जांजगीर-चांपा से 14,447, बलौदाबाजार से 20,424, बेमेतरा से 3553, रायगढ़ से 2254, बिलासपुर से 7366, सूरजपुर से 477, दुर्ग से 1187, गरियाबंद से 630, बीजापुर 2000, रायपुर से 1425 और महासमुंद जिले से 626 श्रमिक फंसे हुए है। जिनकी राज्य सरकार के नोडल अधिकारियों द्वारा अन्य राज्यों के प्रशासनिक अधिकारियों, कारखाना प्रबंधकों, नियोजकों और ठेकेदारों से समन्वय कर सतत् निगरानी की जा रही है तथा उनके खाने-पीने, रहने आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है।
0 मुख्यमंत्री ने संकट की इस घड़ी में स्वेच्छा से किये गये सहयोग के लिए सभी अधिकारियों और कर्मचारियों का व्यक्त किया आभार
रायपुर। छत्तीसगढ़ शासन के अधिकारी-कर्मचारियों ने कोरोना वायरस (कोविड-19) के नियंत्रण एवं रोकथाम तथा इससे प्रभावित लोगों की मदद के लिए स्वैच्छिक रूप से अब तक 28 करोड़ 67 लाख रूपये से अधिक की राशि मुख्यमंत्री सहायता कोष में जमा करायी है। इस राशि में प्रदेश के 2 लाख 32 हजार 508 शासकीय सेवकों द्वारा अंशदान दिया गया है।
गौरतलब है कि कोराना वायरस के संक्रमण की रोकथाम हेतु राज्य में लागू लॉक-डाउन के कारण सभी प्रकार की आर्थिक गतिविधियां बंद है। इससे राज्य को होने वाली आय में काफी कमी आई है। जबकि कोरोना जैसी महामारी से निपटने के लिए अधिक आर्थिक संसाधनों की आवश्यकता हो रही है। इस प्रदेशव्यापी संकट से निपटने के लिए प्रदेश के अधिकारी-कर्मचारी संघों ने स्वेच्छा से एक दिन का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में देने का ज्ञापन मुख्यमंत्री को सौंपा गया था।
इस संबंध में राज्य शासन के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा स्वेच्छा से वेतन कटवाने के लिए सुसंगत व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया। इसे देखते हुए वित्त विभाग द्वारा ई-पेरोल मॉड्यूल में स्वैच्छिक अंशदान का नया विकल्प जोडक़र आहरण एवं संवितरण अधिकारियों को तत्काल सूचित किया गया। इस प्रकार ई-पेरोल में दिए गये स्वैच्छिक अंशदान विकल्प से अब तक 28 करोड़ 67 लाख रूपये से अधिक की राशि एकत्र हो चुकी है। इस राशि में प्रदेश के 2 लाख 32 हजार 508 शासकीय सेवकों द्वारा अंशदान दिया गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसर अपर मुख्य सचिव वित्त द्वारा मुख्यमंत्री सहायता कोष में 18 अप्रैल 2020 को 28 करोड़ 67 लाख 67 हजार 348 रूपये की राशि अंतरित कर मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने संकट की इस घड़ी में स्वेच्छा से किये गये सहयोग के लिए सभी अधिकारियों और कर्मचारियों का आभार व्यक्त किया गया साथ ही सभी से यह अपेक्षा की गई है कि कोरोना के खिलाफ इस जंग में सभी का सतत् सहयोग मिलता रहेगा।
0 कोरबा में 100 बिस्तरों के अस्पताल स्थापित करने और उपकरणों में दिया योगदान
0 मुख्यमंत्री और उद्योग मंत्री ने की सराहना
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ के औद्योगिक संस्थानों द्वारा कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम के लिए चिकित्सकीय सामग्री उपलब्ध कराने और जरुरतमंद लोगों को राहत पहुंचाने में किए जा रहे सहयोग की सराहना की है।
कोरोना संक्रमण की रोकथाम और बचाव के लिए मेसर्स जिन्दल स्टील एण्ड पावर लिमिटेड रायगढ़ द्वारा 1000 पीपीई किट, मेसर्स भारत एल्युमिनियम कम्पनी लिमिटेड बाल्को द्वारा 1000 पीपीई किट एवं 500 एम.एल के 500 बाटल सेनेटाइजर तथा 5000 सर्जिकल मास्क उपलब्ध कराए गए हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उद्योग मंत्री कवासी लखमा ने इन औद्योगिक संस्थानों को इस सहायता के लिए धन्यवाद दिया है। उद्योग मंत्री कवासी लखमा ने इस सामग्री में से 300 पीपीई किट जिला बस्तर और 200 पीपीई किट जिला प्रशासन सुकमा को सौंपा है।
कोविड-19 से लडऩे की दिशा में बालको द्वारा प्रतिदिन लगभग 1000 जरूरतमंद नागरिकों को तैयार भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। जनप्रतिनिधियों की मदद से बालको क्षेत्र में जरूरतमंद परिवारों की पहचान की गई, 500 परिवारों तक 1 महीने का सूखा राशन उपलब्ध कराया गया। बालको टाउनशिप, संयंत्र परिसर, बालकोनगर के विभिन्न वार्डों, बालको अस्पताल, कोरबा और कटघोरा के शासकीय कार्यालयों में सैनिटाइजेशन किया गया है।
कोरबा के ईएसआईसी अस्पताल परिसर में प्रशासन के मार्गदर्शन में 100 बिस्तरों वाला अस्पताल स्थापित करने एवं विभिन्न उपकरणों की उपलब्धता में भी बाल्को ने योगदान दिया है। इसके अलावा समुदाय में 10000 मास्क वितरित किए गए हैं। ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (एम्स), रायपुर को उद्योग विभाग के समन्वयन में 1000 पीपीई किट, 5000 मास्क और 500 सैनिटाइजर उपलब्ध कराए गए हैं। कोरबा में दो कोरेंटाइन सेंटर एक होटल रेलक्सिन व होटल ग्रीन पार्क को बनाया गया है जिसमें कुल 62 रूम की व्यवस्था है। मुख्यमंत्री और उद्योग मंत्री ने कोविड-19 की रोकथाम के लिए प्रदेश के औद्योगिक संस्थानों की इस पहल की सराहना की है।