न्याय साक्षी/रायगढ़। कलेक्टर भीम सिंह से आज रायगढ़ के तुर्कापारा निवासी दिव्यांग श्रीमती रूकमणी देवी अग्रवाल अपनी समस्या के चलते मिलने पहुंची। मुलाकात के दौरान कलेक्टर सिंह ने उन्हें विभागीय योजनाओं के तहत किसी प्रकार की सहायता मिलने के संबंध में जानकारी ली। श्रीमती अग्रवाल ने बताया कि वह 80 प्रतिशत अस्थि बाधित है और पूर्व में उन्हें मोटराईज्ड ट्रायसायकिल दी गई थी जो अब पूरी तरह जर्जर हो चुकी है। कलेक्टर सिंह ने इस पर समाज कल्याण विभाग के अधिकारी को बुलाकर उन्हें तत्काल नई मोटराईज्ड ट्रायसायकिल देने के निर्देश दिये। जिसके पश्चात विभाग ने तुरंत महिला को ट्रायसायकिल उपलब्ध करवाया। अपर कलेक्टर आर.ए.कुरूवंशी ने दिव्यांग महिला को बैटरी चलित ट्रायसायकिल सौंपी। महिला ने कलेक्टर भीम सिंह का इस सहयोग के लिये आभार जताते हुये साधुवाद दिया।
न्याय साक्षी/रायगढ़। पंचायत की सोच, विशेषज्ञों के मार्गदर्शन एवं वृक्षारोपण की आधुनिक तकनीक से दो सौ मनरेगा श्रमवीरों ने सवा दो साल तक लगातार बिना रुके और बिना थके जी-तोड़ मेहनत से जुर्डा गाँव की पाँच एकड़ बंजर जमीन को आज हरा-भरा बना दिया है। महज दो साल की अवधि में रोपे गए सभी पौधे आज कम से कम पंद्रह फीट के हरे-भरे पेड़ बन चुके हैं। पूरे क्षेत्र में फैली सघन हरियाली और उनके मध्य उड़ती रंग-बिरंगी तितलियाँ व विभिन्न प्रजाति के पक्षियों की आवाजों ने इसे परंपरागत वृक्षारोपण से अलग कर विशेष वृक्षारोपण का दर्जा दे रहे हैं। मानों कि जैसे यह कोई सघन वन हो। रायगढ़ जिले में जैव विविधता को लिये यह क्षेत्र, आज महात्मा गांधी ऑक्सीजोन के नाम से जाना जाता है। ग्राम पंचायत ने महात्मी गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना ;महात्मा गांधी नरेगाद्ध और जिला खनिज संस्थान न्यास (डी.एम.एफ.) की निधियों के तालमेल (अभिसरण)से गाँव की खाली जमीन पर महज दो साल पहले 44 छायादार और फलदार मिश्रित प्रजातियों के 72 हजार 500 पौधे लगाए थे। अब ये पौधे पेड़ बन चुके हैं और कुछ में फल भी आने लगे हैं। इस वृक्षारोपण ने खाली पड़ी और लगभग अतिक्रमण का शिकार हो चुकी जमीन को मुक्त कर हरियाली की चादर से ढंक दिया है। इस हरियाली से गाँव की आबो-हवा अब स्वच्छ होने के साथ-साथ आस-पास का पर्यावरण भी सुधर रहा है।
औद्योगिक शहर और रायगढ़ जिला मुख्यालय से महज सात किलोमीटर की दूरी पर स्थित जुर्डा गाँव दो साल पहले तक रायगढ़ विकासखण्ड के अन्य गाँवों की तरह एक सामान्य गाँव था, किन्तु आज यह पर्यावरण सुधार के क्षेत्र में मिसाल के तौर पर जाना जाता है। ग्राम पंचायत के तत्कालीन सरपंच और पर्यावरण-प्रेमी श्री जयंत किशोर प्रधान इस संबंध में बताते हैं कि शहर से नजदीक होने के कारण यहाँ औद्योगिक प्रदूषण और अतिक्रमण, दोनों बढऩे लगे थे। इसलिए जमीन को सुरक्षित रखने के लिए पंचायत ने यहाँ वृक्षारोपण का प्रस्ताव रखा था, जिस पर मई 2018 में जिला पंचायत से अभिसरण के तहत 42 लाख 36 हजार रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त हुई। ग्रामीणों को रोजगार देने और पर्यावरण सुधार के कारण यह कार्य पंचायत के लिए काफी अहम था। सो, तत्परता दिखाते हुए 11 जून 2018 को पंचायत ने सबसे पहले संपूर्ण क्षेत्र में वृक्षारोपण का ले-आउट देकर काम शुरु किया।
श्री प्रधान आगे बताते हैं कि पौधरोपण को सफल बनाने के लिए पूरे प्रक्षेत्र की भूमि पर 3 फीट गहराई से मिट्टी खोदकर, उसमें वर्मी कम्पोस्ट डालकर उसे उपजाऊ बनाया गया। फिर एक से डेढ़ फीट की दूरी पर एक-एक फीट गहराई और चौड़ाई के गड्ढे खोदे गए और उनमें सभी पौधों को गौ-मूत्र से उपचारित कर, जमीन से लगभग 3-4 इंच की ऊँचाई पर रखते हुए रोपा गया। प्लांटेशन के बाद मिट्टी को पत्तों और धान के पैरा से ढका गया। पौधों को रोपने का कार्य गाँव के लगभग दो सौ मनरेगा श्रमिकों ने अपनी व्यक्तिगत जिम्मेदारी के रुप में पूरा किया है। आज वे और उनके परिवार के सदस्य, इनका देखभाल करते हुए यहाँ आपको मिल जाएंगे। इन्हें महात्मा गांधी नरेगा से 2,453 मानव दिवस का सीधा रोजगार उपलब्ध कराते हुए, चार लाख 26 हजार रुपए का मजदूरी भुगतान किया गया। डी.एम.एफ. मद से प्राप्त हुई राशि से पौधों की सुरक्षा के लिए पोल और चेन लिंक्ड फेंसिग का कार्य कराया गया। दो बोरिंग और स्प्रिंकलर्स का नेटवर्क बनाते हुए पौधों की नियमित सिंचाई की व्यवस्था की गई। इस वृक्षारोपण की खास बात यह है कि इसमें जापान देश की पौधरोपण की मियावाकी तकनीक का उपयोग किया गया है।
ग्राम रोजगार सहायिका सुश्री सीमा राठिया कहती हैं कि यहाँ एक प्राकृतिक तालाब भी है, जिसका सौंदर्यीकरण और गहरीकरण पंचायत ने कराया था। इसमें इक_ा हुए पानी से उपवन के आस-पास की भूमि को नमी मिलती रहती है और भू-जल भी रिचार्ज होता है। भूमि को उद्यान का स्वरुप देने हेतु यहाँ बैठने के लिए बेंच भी लगाई गई हैं। इस उपवन में लगे पेड़ों की देखभाल और यहाँ स्थापित अधोसंरचना के रख-रखाव के लिए 2 व्यक्तियों को रखा गया है। आज की तिथि में यहाँ चेरी सहित अन्य पेड़ों में फल आने शुरु हो गए हैं। वहीं पीपल और नीम जैसे ऑक्सीजन देने वाले पेड़ों के कारण, 15 प्रतिशत वृद्धि के साथ वायु में ऑक्सीजन का स्तर 79 प्रतिशत से अधिक हो गया है। प्रदूषण से भी काफी राहत मिली है।
अब प्लांटेशन के आस-पास का भू-जल स्तर 75 से 80 फीट का हो गया है, जो कभी 100 फीट से नीचे चला गया था। बंजर भूमि की बदली इस तस्वीर ने जिले के साथ-साथ प्रदेश और पड़ोसी राज्यों को भी पर्यावरण संरक्षण को लेकर काफी प्रभावित किया है।
न्याय साक्षी/रायगढ़। नोवेल कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव एवं आमजन को सुरक्षित रखने के उद्देश्य छत्तीसगढ़ शासन, वाणिज्यिक कर (आबकारी)विभाग के आदेशानुसार कलेक्टर यशवंत कुमार ने संपूर्ण रायगढ़ जिला में 22 अप्रैल से 28 अप्रैल 2020 तक जिले के समस्त देशी मदिरा (सी.एस.-2 घघ),विदेशी मदिरा (एफ.एल.-1 घघ)दुकानें, भण्डारण भाण्डागार तथा समस्त रेस्टोरेन्ट एवं होटल बार को पूर्ण रूप से बंद रखे जाने हेतु शुष्क अवधि घोषित किया है। कलेक्टर ने उक्त दिवसों में मदिरा के विक्रय एवं परिवहन पर पूर्णत: प्रतिबंधित किया है और संबंधित अधिकारी को इस आदेश का कड़ाई से पालन करने हेतु निर्देशित किया है।
न्याय साक्षी/रायगढ़। कोविड-19 से निपटने के लिए लॉक डाउन और इस बीच बढ़ती गर्मी ग्रामीण इलाकों में पेयजल के बड़े स्त्रोत हैंडपंपों के लिए परेशानी का सबब बन सकते थे। किंतु लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा लगातार बिगड़े हैंडपम्पों को सुधारने तथा स्वच्छ पेयजल आपूर्ति के लिए पम्पों के क्लोरीनेशन का कार्य जोरों पर है।
गर्मी के मौसम में हैंडपंप बिगडऩे या सूखने की समस्या प्राय: देखी जाती है। लॉक डाउन में समस्या और गंभीर हो सकती है। ऐसे में ग्रामीण जन को पीने के पानी के लिए जद्दोजहद ना करना पड़े इसको दृष्टिगत रखते हुए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा पम्पों के सुधार कार्य हेतु विशेष अभियान चलाया जा रहा है। पी.एच.ई. विभाग के कार्यपालन अभियंता संजय सिंग से मिली जानकारी अनुसार लॉक डाउन के बीच लोगों को पीने का पानी मिलता रहे इसके लिए विभाग का पूरा अमला जुटा हुआ है। रायगढ़ जिले में पिछले 15 दिनों में 205 समस्याग्रस्त और बिगड़े पम्पों को सुधारा गया। साथ ही 14992 पम्पों में स्वच्छ पेयजल हेतु पानी की सफाई करने के लिए तरल क्लोरीन डाल कर क्लोरीनेशन का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। इसके अलावा जिले में वैकल्पिक व्यवस्था हेतु 2696 पावर पम्प भी चल रहे हैं।
पम्पों के सुधार कार्य में लगे कर्मचारी व मैकेनिक द्वारा मास्क लगाने के साथ सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों तथा अन्य सुरक्षात्मक उपायों का भी पालन किया जा रहा है।
न्याय साक्षी/रायगढ़। पुलिस चौकी जुटमिल अन्तर्गत फटहामुडा जाने वाले रास्ते पर राकेश अग्रवाल का गोदाम है, जिसमें पुराने सामान लोहा रखा हुआ है। दिनांक 21.04.2020 के दोपहर मुकेश सिदार गढउमरिया उपर पारा के रहने वाला गोदाम चोरी करने के लिए अंदर घुसा था जिसे आसपास के लोग पकड़ लिये और राकेश अग्रवाल को बताये। राकेश अग्रवाल द्वारा पुलिस चौकी की सूचना दिया गया। जुटमिल स्टाफ द्वारा आरोपी मुकेश सिदार पिता सिदार उम्र 21 वर्ष निवासी गढउमरिया उपरपारा चौकी जुटमिल को गिरफ्तार कर रिमांड पर भेजा गया है। आरोपी के विरूद्ध राकेश अग्रवाल की रिपोर्ट पर अप.क्र. 314/2020 धारा 457, 380, 511 भादंवि दर्ज किया गया है।
न्याय साक्षी/रायगढ़। जिले में आवश्यक सामानों की खरीदी बिक्री व अन्य जरूरत की वस्तुओं के सुधार कार्य के लिए सशर्त दोपहर 12.00 तक की अनुमति दी गई है परंतु कुछ व्यक्ति बेवजह अपनी दुपहिया/चार पहिया में घरों से बाहर निकल रहे हैं। ऐसे लोगों को जिले के कई थाना प्रभारियों द्वारा समझाइश दी गई है। वहीं यातायात पुलिस सहित शहर के थाना चौकी प्रभारियों द्वारा आज सुबह पूरे शहर में ऐसे वाहन चालकों पर मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कार्यवाही किया गया है। दोपहर तक ही पूरे जिले में 402 प्रकरण बनाए जा चुके थे जिसमें कुल 1,33,800 रुपए का समन शुल्क चालकों को थमाया गया है। प्रकरणों में 20 बाइक व 12 कार को जप्त किया गया है, जिन्हें थाना परिसर अंदर खड़ी किया गया है। ये सभी वाहन लाक डाउन के समाप्ति पर न्यायालय पेश किये जायेंगे ।
वहीं आज खरसिया टाउन में प्रशासन/ पुलिस की सयुंक्त टीम एक साथ पेट्रोलिंग कर सोसल डिस्टेंस पालन न करने व दुकान के सामने घेरा नही लगाने वाले 12 दुकानदारों पर चालानी कार्यवाही कराई गई, तथा मास्क नही पहनने वाले 30 लोग पर चालान हुए। खरसिया पुलिस द्वारा चौक चौराहे पर 6 लोगों पर एम.व्ही.एक्ट के तहत चालानी कार्यवाही की गई तथा अनावश्यक घूमने वालो को लाकडाउन का पालन करने की समझाईस दी गई है।